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बच्चों के लिए Health Check का महत्व

बच्चों के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच बेहद जरूरी हैं। ये जांचें बच्चों को स्वस्थ रखने और बीमारियों से बचाने में मदद करती हैं। इसलिए, माता-पिता को अपने बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए।

बच्चों के लिए नियमित Health Check बेहद महत्वपूर्ण हैं। ये जांचें न केवल बच्चों के शारीरिक विकास को ट्रैक करने में मदद करती हैं, बल्कि कई बीमारियों का समय से पता लगाकर उनका इलाज भी संभव बनाती हैं।

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नियमित Health Check के फायदे

Importance of Regular Health Check-Ups for Children
  • शारीरिक विकास का आकलन: बच्चों की लंबाई, वजन, सिर का घेरा आदि मापकर उनके शारीरिक विकास को ट्रैक किया जाता है। इससे यह पता चलता है कि बच्चा उम्र के अनुसार ठीक से बढ़ रहा है या नहीं।
  • विकास संबंधी मुद्दों का पता लगाना: यदि बच्चे में कोई विकास संबंधी समस्या है, जैसे कि मोटापा, कुपोषण, या विकासात्मक देरी, तो इसका जल्दी पता लगाया जा सकता है और उचित उपचार शुरू किया जा सकता है।
  • बीमारियों का शुरुआती पता लगाना: कई बीमारियां, जैसे कि एनीमिया, थायरॉइड समस्याएं, और दिल की बीमारियां, शुरुआती चरण में बिना किसी लक्षण के हो सकती हैं। नियमित स्वास्थ्य जांच से इन बीमारियों का समय से पता लगाया जा सकता है और इलाज शुरू किया जा सकता है।
  • टीकाकरण: बच्चों को नियमित रूप से टीके लगाए जाते हैं ताकि उन्हें बचपन की कई बीमारियों से बचाया जा सके।
  • स्वास्थ्य संबंधी सलाह: डॉक्टर बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में माता-पिता को आवश्यक सलाह देते हैं, जैसे कि स्वस्थ आहार, व्यायाम, और नींद की आदतें।

कब-कब करानी चाहिए Health Check

  • जन्म के तुरंत बाद: बच्चे के जन्म के तुरंत बाद शारीरिक परीक्षण किया जाता है।
  • पहले महीने में: बच्चे के पहले महीने में वजन और लंबाई मापी जाती है।
  • 2, 4, 6, 9, 12, 15, 18, 24 महीने की उम्र में: इन उम्रों पर बच्चे का पूरा स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।
  • बाद में नियमित अंतराल पर: 3 साल के बाद, बच्चे की स्वास्थ्य जांच हर साल करानी चाहिए।

स्वास्थ्य जांच में क्या होता है

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  • शारीरिक परीक्षण: बच्चे की लंबाई, वजन, सिर का घेरा, रक्तचाप, और नाड़ी मापी जाती है।
  • विकास का आकलन: बच्चे के विकास का आकलन किया जाता है, जैसे कि वह कितना चल सकता है, बोल सकता है, और खेल सकता है।
  • टीकाकरण: बच्चे को आवश्यक टीके लगाए जाते हैं।
  • रक्त परीक्षण: कुछ मामलों में, बच्चे का रक्त परीक्षण किया जाता है।
  • मूत्र परीक्षण: कुछ मामलों में, बच्चे का मूत्र परीक्षण किया जाता है।
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