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Indira Ekadashi 2024 का महत्व, पूजन और व्रत पारण का शुभ मुहूर्त

इंदिरा एकादशी हिंदू चंद्र माह भाद्रपद के शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू उपवास दिवस है।

Indira Ekadashi हिंदू चंद्र माह भाद्रपद के शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू व्रत दिवस है। इसे भाद्रपद एकादशी या परिवर्तिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

भगवान विष्णु के मुख्य विशेषताएँ और प्रतीक:

भगवान विष्णु हिंदू धर्म में ब्रह्मा (निर्माता) और शिव (विध्वंसक) के साथ तीन प्राथमिक देवताओं (त्रिदेवों) में से एक हैं। उन्हें अक्सर ब्रह्मांड का “संरक्षक” या “रक्षक” कहा जाता है।

चार भुजाएँ: मानव अस्तित्व के चार पहलुओं का प्रतिनिधित्व करती हैं: मन, बुद्धि, अहंकार और चेतना।

चक्र: विष्णु को अक्सर चक्र (डिस्कस) पकड़े हुए दर्शाया जाता है, जो उनकी दिव्य शक्ति और बुराई को नष्ट करने की क्षमता का प्रतीक है।

शंख: शंख सृष्टि की ध्वनि और ब्रह्मांड की बुद्धि का प्रतिनिधित्व करता है।

कमल: कमल का फूल पवित्रता, सुंदरता और बुद्धि का प्रतीक है।

गदा: गदा शक्ति, शक्ति और रक्षा करने की क्षमता का प्रतिनिधित्व करती है।
भगवान विष्णु हिंदू धर्म में ब्रह्मा (निर्माता) और शिव (विध्वंसक) के साथ तीन प्राथमिक देवताओं (त्रिदेवों) में से एक हैं। उन्हें अक्सर ब्रह्मांड का “संरक्षक” या “रक्षक” कहा जाता है।

Indira Ekadashi 2024 Know the importance, auspicious time of worship and fasting
Indira Ekadashi 2024: जाने महत्व, पूजन व व्रत पारण का शुभ मुहूर्त

भगवान विष्णु का महत्व

भगवान विष्णु को सभी प्राणियों का रक्षक और धर्म (धार्मिकता) का पालनकर्ता माना जाता है। उनकी करुणा, दया और ब्रह्मांड में संतुलन बहाल करने की क्षमता के लिए उनकी पूजा की जाती है। भक्त सुरक्षा, समृद्धि और आध्यात्मिक मुक्ति के लिए विष्णु का आशीर्वाद चाहते हैं।

विष्णु के अवतार:

भगवान विष्णु की सबसे विशिष्ट विशेषताओं में से एक यह है कि वे दुनिया को बुराई से बचाने और व्यवस्था को बहाल करने के लिए विभिन्न अवतार या अवतार लेने की क्षमता रखते हैं। कुछ सबसे प्रसिद्ध अवतारों में शामिल हैं:

राम: महाकाव्य रामायण के नायक, जिन्होंने अपनी पत्नी सीता को बचाने के लिए राक्षस राजा रावण से युद्ध किया।

कृष्ण: भगवद गीता के चंचल और शरारती भगवान, जिन्होंने धर्म और भक्ति के सिद्धांतों की शिक्षा दी।

वामन: बौना अवतार जिसने राक्षस राजा बलि को चुनौती दी और पृथ्वी को पुनः प्राप्त किया।

मत्स्य: मछली अवतार जिसने दुनिया को एक बड़ी बाढ़ से बचाया।

कूर्म: कछुआ अवतार जिसने अमरता का अमृत प्राप्त करने के लिए ब्रह्मांडीय महासागर को मंथन करने में मदद की।

Indira Ekadashi क्यों मनाई जाती है?

इंदिरा एकादशी, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू व्रत है। यह व्रत भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है और कई आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है।

Indira Ekadashi का महत्व

आध्यात्मिक शुद्धि: माना जाता है कि इंदिरा एकादशी का पालन करने से मन और आत्मा शुद्ध होती है, नकारात्मक कर्म दूर होते हैं और आध्यात्मिक विकास का मार्ग प्रशस्त होता है।

मोक्ष: ऐसा कहा जाता है कि इंदिरा एकादशी का पालन करने से व्यक्ति मोक्ष या जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति के करीब पहुँच सकता है।

भगवान विष्णु का आशीर्वाद: भक्त इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद और सुरक्षा चाहते हैं।

भौतिक समृद्धि: ऐसा माना जाता है कि इंदिरा एकादशी का पालन करने से जीवन में भौतिक समृद्धि, सफलता और प्रचुरता आती है।

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Indira Ekadashi का शुभ मुहूर्त 

शनिवार, सितम्बर 28, 2024 को 29वाँ सितम्बर को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 06:15 AM से 08:38 AM पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – 04:47 PM

एकादशी तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 27, 2024 को 01:20 PM बजे

एकादशी तिथि समाप्त सितम्बर 28, 2024 को 02:49 PM बजे

Indira Ekadashi पूजा विधि

Indira Ekadashi हिंदू चंद्र माह भाद्रपद के शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू उपवास दिवस है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है। पूजा विधि के लिए यहाँ एक सामान्य मार्गदर्शिका दी गई है:

Indira Ekadashi 2024: जाने महत्व, पूजन व व्रत पारण का शुभ मुहूर्त

तैयारी:

स्वच्छता: अपने शरीर और आस-पास की जगह को साफ करें।
वेदी की स्थापना: भगवान विष्णु की छवि या मूर्ति के साथ पूजा वेदी बनाएँ।
अर्पण: फूल, फल, धूप और अन्य प्रसाद इकट्ठा करें।

आह्वान:

दीप और धूप जलाएँ। भगवान विष्णु का आह्वान करते हुए मंत्र या प्रार्थनाएँ करें और उनका आशीर्वाद लें।

उपवास:

सूर्योदय से सूर्यास्त तक कठोर उपवास रखें, सभी खाद्य और जल से परहेज़ करें।

पूजा अनुष्ठान:

1. भगवान विष्णु को फूल, फल और अन्य प्रसाद चढ़ाएँ।
2. विष्णु सहस्रनाम या अन्य प्रासंगिक प्रार्थनाएँ पढ़ें।
3. भगवान विष्णु की आरती करें।

उपवास तोड़ना:

1. अगली सुबह भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद उपवास तोड़ें।

2. सादा भोजन करें, जिसमें आमतौर पर फल, दूध या सात्विक (शुद्ध) भोजन शामिल हो।

अतिरिक्त सुझाव:

पूजा विधि पर विशिष्ट मार्गदर्शन के लिए पुजारी या धार्मिक मार्गदर्शक से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।आप पूजा के हिस्से के रूप में हवन (अग्नि समारोह) भी कर सकते हैं।
उपवास के दौरान आध्यात्मिक अभ्यास और ध्यान पर ध्यान केंद्रित करें।

Indira Ekadashi का पालन:

Indira Ekadashi का पालन सूर्योदय से सूर्यास्त तक कठोर उपवास करना होता है। इस अवधि के दौरान भक्त सभी खाद्य और जल से परहेज करते हैं, तथा मंत्रोच्चार, शास्त्रों का पाठ और ध्यान जैसे आध्यात्मिक अभ्यासों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

Indira Ekadashi 2024: जाने महत्व, पूजन व व्रत पारण का शुभ मुहूर्त

आम तौर पर भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद अगली सुबह व्रत तोड़ा जाता है। व्रत तोड़ने के बाद आम तौर पर फल, दूध या सात्विक (शुद्ध) भोजन से बना सादा भोजन किया जाता है।

Indira Ekadashi के लाभ:

आध्यात्मिक शुद्धि: व्रत मन और आत्मा को शुद्ध करने, नकारात्मक कर्मों को दूर करने और आध्यात्मिक विकास का मार्ग प्रशस्त करने के लिए कहा जाता है।

मोक्ष: ऐसा माना जाता है कि इंदिरा एकादशी का पालन करने से व्यक्ति मोक्ष के करीब पहुँच सकता है, या जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति पा सकता है।

भौतिक समृद्धि: ऐसा माना जाता है कि इंदिरा एकादशी का पालन करने से जीवन में भौतिक समृद्धि, सफलता और प्रचुरता आती है।

स्वास्थ्य लाभ: इस व्रत के स्वास्थ्य लाभ बताए जाते हैं, जिसमें पाचन में सुधार, विषहरण और वजन कम करना शामिल है।

निष्कर्ष

इंदिरा एकादशी हिंदू चंद्र माह भाद्रपद के शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू उपवास दिवस है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है और माना जाता है कि यह आध्यात्मिक शुद्धि, आशीर्वाद और भौतिक समृद्धि लाता है।

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