Diabetes एक जीवनशैली से जुड़ी बीमारी है जिसे केवल नियंत्रित किया जा सकता है। इस बीमारी में शुगर लेवल को संतुलित रखना बहुत जरूरी है। इसे कंट्रोल करने के लिए डाइट के साथ-साथ पैदल चलना भी चाहिए। शारीरिक व्यायाम रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि डायबिटीज के मरीज जितना हो सके पैदल चलने की कोशिश करें। आइए जानते हैं डायबिटीज में पैदल चलने के स्वास्थ्य लाभ और डायबिटीज के मरीजों को एक दिन में कितना चलना चाहिए।
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क्या चलने से रक्त शर्करा कम होती है?
विशेषज्ञों के मुताबिक, Diabetes के मरीजों को शारीरिक रूप से सक्रिय रहने की जरूरत है। लोग जितने अधिक सक्रिय होंगे, मधुमेह का खतरा उतना ही कम होगा। डायबिटीज के साथ आप जितना अधिक पैदल चलेंगे, शुगर लेवल उतनी ही तेजी से कम होगा। तेज गति से चलने से अग्न्याशय की कोशिकाएं तेजी से काम करती हैं। पैदल चलने से शुगर मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिससे पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है।
Diabetes में पैदल चलने के फायदे:
- रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है – पैदल चलने से कोशिकाएं अधिक इंसुलिन ग्रहण करती हैं, जिससे ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहता है।
- वजन घटाने में मदद करता है – अधिक वजन टाइप 2 डायबिटीज का प्रमुख कारण है। रोजाना 30-45 मिनट पैदल चलने से वजन कम करने में सहायता मिलती है।
- हृदय स्वास्थ्य में सुधार – डायबिटीज के मरीजों में हृदय रोग का खतरा अधिक होता है। पैदल चलने से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है।
- इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है – टहलने से शरीर की इंसुलिन को रिस्पॉन्ड करने की क्षमता बेहतर होती है, जिससे ब्लड शुगर कम होता है।
- तनाव और मूड में सुधार – मानसिक तनाव भी ब्लड शुगर को प्रभावित करता है। पैदल चलने से तनाव कम होता है और मूड बेहतर होता है।
- पाचन क्रिया में सुधार – भोजन के बाद टहलने से ग्लूकोज तेजी से पचता है और ब्लड शुगर का स्तर तेजी से नहीं बढ़ता।
डायबिटीज में कितना चलना चाहिए?
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अमेरिकन Diabetes एसोसिएशन के अनुसार, प्रतिदिन 10,000 कदम या 30 मिनट तक चलने से शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। अगर आपको एक बार में 30 मिनट तक चलने में परेशानी हो रही है तो पूरे दिन सुबह, दोपहर और शाम को टहलें। इस दौरान अपने आहार पर नियंत्रण रखें, विशेषकर कार्ब्स पर, जिन्हें पचाने के लिए बहुत अधिक चलने की आवश्यकता होती है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को सुबह या शाम समय निकालकर टहलने की कोशिश करनी चाहिए।