Kurma Dwadashi 2023: कूर्म द्वादशी भगवान विष्णु के कूर्म अवतार (कछुए) को समर्पित है। इस शुभ दिन पर एकादशी का व्रत तोड़ा जाता है। कुछ भक्त इस पवित्र दिन पर उपवास रखते हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार पौष मास के शुक्ल पक्ष की 12वीं तिथि को कूर्म द्वादशी मनाई जा रही है। यह 3 जनवरी, 2023 को पड़ेगा।
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Kurma Dwadashi 2023: तिथि और समय
द्वादशी तिथि प्रारंभ – 2 जनवरी 2023 – 07:33 PM
द्वादशी तिथि समाप्त – जनवरी 3, 2023 – रात 10:19 बजे तक
Kurma Dwadashi 2023: महत्व
कूर्म द्वादशी एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। हिंदुओं में इसका धार्मिक महत्व है। कूर्म एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ कछुआ होता है। कुर्मा द्वादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है और भक्त इस पवित्र दिन श्री हरि विष्णु की पूजा करते हैं।
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन के लिए कछुए का अवतार लिया था, जो भगवान विष्णु का दूसरा अवतार माना जाता है। कूर्म द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के कछुआ अवतार की पूजा करने का विधान है। प्रचलित मान्यता यह है कि इस व्रत को करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष के मार्ग में भी मदद मिलती है।
Kurma Dwadashi 2023: उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कूर्म द्वादशी के दिन लोग घर में कछुआ लाते हैं। माना जाता है कि घर या कार्यस्थल पर चांदी और अष्टधातु का कछुआ रखना बहुत शुभ होता है। पारदर्शी या सुनहरे रंग का कछुआ भी शुभ कहा गया है, यह सभी प्रकार की प्रगति की संभावना को बढ़ाता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है।
Kurma Dwadashi 2023: कर्मकांड
- लोग सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करते हैं।
- इस शुभ दिन पर लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।
- भक्त देवी लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की मूर्ति रखते हैं।
- भक्त देसी घी से मिट्टी का दीया जलाते हैं और फल और पंचामृत चढ़ाते हैं।
- इस दिन ‘विष्णु सहस्त्रनाम’ और ‘नारायण स्तोत्र’ का पाठ करते हैं।
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मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय..!!
अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम राम नारायणम जानकी वल्लभम..!!