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Pickle खाना कई खतरनाक बीमारियों को न्योता हो सकता है, जानिए इसके नुकसान

Health: भारतीय खानपान में अचार (Pickle) का विशेष महत्व है। घर में बनने वालों अचारों के साथ ही बाजार में बिक रहे अचारों का भी टेस्ट बेहद लजीज होता है। आम, नींबू, मिर्च, लहसुन के अलावा कुछ सब्जियों के भी अचार (Pickle) बनाए जाते हैं। अचार की खुशबू और स्वाद लंबे समय तक जीभ पर बनी रहती है। हालांकि कई बार आपको अचार खाते हुए मां या कोई बड़ा ये कह देता है ज्यादा अचार खाना ठीक नहीं या रोज-रोज अचार खाने से नुकसान होता है। आइये जानते हैं अचार हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर डालता है और यह सेहत के लिए कितना नुकसानदेह है।

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ज्यादा Pickle खाने से नुकसान हो सकता है 

अचार में काफी मात्रा में सोडियम होता है जो हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए अच्छा नहीं है। बाजार में मिलने वाले अचार में तेल की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और उसमें प्रयोग किए जाने वाले मसाले भी अक्सर पके हुए नहीं होते, जिसके कारण कोलेस्ट्रॉल और अन्य समस्याएं हो सकती है। अचार बनाने और उसे सुरक्षित रखने के लिए जिन प्रिजेरवेटिव्‍स का प्रयोग होता है, वे शरीर के लिए हानिकरक होते हैं और एसिडिटी या शरीर में सूजन आदि के लिए जिम्मेदार होते हैं। अचार में बहुत ज्यादा तेल, नमक और सिरके का इस्‍तेमाल होता है. यह सेहत के लिए नुकसानदेय साबित हो सकता है।

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जहां एक तरफ अचार (Pickle) खाने के नुकसान हैं तो वहीं दूसरी तरफ अचार खाने के फायदे भी हैं.

अचार पाचन को आसान करता है लेकिन यह अच्छा तभी साबित होगा जब यह घर पर बना हुआ हो। अचार में विटामिन और मिनरल होते हैं। इसकी वजह अचार के डिब्‍बों को धूप में रखा जाना है। अचार में प्रयोग किए गए सिरके में उच्‍च मात्रा में एसिटिक एसिड होता है जो हीमोग्‍लोबिन लेवल को बढ़ाता है, डायबिटीज कंट्रोल करने में सहायक है। लगातार अचार खाने से मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य बेहतर होता है। यही नहीं अचार में विटामिन K भरपूर होता है। जो ब्लड क्लॉटिंग में मददगार है। यह चोट लगने पर उस घाव को भरने और खून के बहाव को रोकने में मददगार है।

Tractor Rally: कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से अलग हुए दो किसान संगठन

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New Delhi: राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान हुई हिंसा के एक दिन बाद, केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन (Farmers Protest) से दो किसान संगठन बुधवार को अलग हो गए. भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान जो कुछ भी हुआ उससे वह काफी दुखी हैं और उनकी यूनियन ने अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया है.

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भाकियू (भानु) से जुड़े किसान नोएडा-दिल्ली मार्ग की चिल्ला सीमा पर प्रदर्शन कर रहे थे. ‘ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-आर्डिनेशन कमेटी’ के वी एम सिंह ने कहा कि उनका संगठन मौजूदा आंदोलन से अलग हो रहा है क्योंकि वे ऐसे विरोध प्रदर्शन में आगे नहीं बढ़ सकते जिसमें कुछ की दिशा अलग है.

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किसानों की मांगों को रेखांकित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर मंगलवार को निकाली गयी ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान हिंसा के कारण अराजक दृश्य पैदा हो गए. बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लालकिला पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया जहां भारत का तिरंगा फहराया जाता है. ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली का आईटीओ (ITO) एक संघर्ष क्षेत्र की तरह दिख रहा था जहां गुस्साये प्रदर्शनकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त करते हुए नजर आए.

Lakha Sidhana का दिल्ली हिंसा में आया नाम, पंजाब के बड़े राजनेता से क्या है नाता

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New Delhi: दिल्ली में 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा के मामले में जिस लक्खा सिधाना (Lakha Sidhana) का नाम आ रहा है, वह पंजाब का रहने वाला है। सिधाना कभी अपराध की दुनिया में बड़ा नाम हुआ करता था। बाद में वह राजनीति में आया और फिर समाजसेवा के कामों में लग गया। पंजाब के बठिंडा का रहने वाला लक्खा (Lakha Sidhana) कबड्डी का खिलाड़ी भी रह चुका है। खेल से अपराध और फिर राजनीति में आने वाले लक्खा ने किसान आंदोलन (Farmers Protest) में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। अब दिल्ली हिंसा में भी सिधाना का नाम आ रहा है। 

Deep Sidhu: जानें कौन हैं दीप सिद्धू, किसान आंदोलन से कैसे जुड़े

लक्खा सिधाना (Lakha Sidhana) का असली नाम लखबीर सिंह है। पंजाब के बठिंडा का रहने वाला लक्खा सिधाना डबल एमए है और कभी कबड्डी का भी एक अच्छा खिलाड़ी हुआ करता था। लक्खा पर हत्या, हत्या के प्रयास और मारपीट के कई आरोप लगे हैं। 

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पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने पहले अपनी पार्टी पंजाब पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) बनाई थी। इसी पार्टी की तरफ से सिधाना ने रामपुरा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि इसमें उसकी जमानत जब्त हो गई थी। इस चुनाव के दौरान उस पर गांव भगता भाई में फायरिंग भी हुई थी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। इस घटना के बाद सिधाना ने तत्कालीन अकाली मंत्री सिकंदर सिंह मलूका पर गंभीर आरोप लगाए थे।

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सिधाना (Lakha Sidhana) पिछले कुछ साल से पंजाबी सत्कार कमेटी के साथ जुड़कर पंजाबी भाषा को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा था। इसके अलावा उक्त गैंगस्टर पंजाब के यूथ को बड़े स्तर पर अपने साथ जोड़ रहा था।

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कुछ समय पहले लक्खा (Lakha Sidhana) ने नेशनल हाईवे के साइन बोर्ड पर पंजाबी भाषा को तीसरे नंबर पर होने की वजह से उस पर कालिख पोत दी थी। सिधाना के पास दो महंगी लग्जरी गाड़ियां हैं। 25 जनवरी को सिधाना ने सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन (Farmers Protest) में स्टेज पर चढ़कर युवाओं को कहा था कि जैसे युवा चाहते है, वैसी ही परेड होगी।

Deep Sidhu: जानें कौन हैं दीप सिद्धू, किसान आंदोलन से कैसे जुड़े

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New Delhi: गणतंत्र दिवस (republic Day) पर किसान संगठनों की ओर से निकाली गई ट्रैक्‍टर रैली (Tractor Rally) ने मंगलवार को अचानक झड़प का रूप ले लिया था. इसमें 86 पुलिसकर्मी घायल हुए. करीब दो महीने से चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन (Farmers Protest) के अचानक यूं बेकाबू होने की वजह खोजी गई तो कुछ किसान नेताओं ने दीप सिद्धू (Deep Sidhu) का नाम लिया. किसान नेताओं ने कहा कि दीप सिद्धू ने किसानों को भड़काया. अभिनेत्री गुल पनाग (Gul Panag) ने भी ट्वीट करके दीप सिद्धू पर आरोप लगाए.  सोशल मीडिया पर दीप सिद्धू की पीएम मोदी (PM Modi) और अभिनेता से नेता बने सनी देओल (Sunny Deol) के साथ तस्वीरें भी जमकर शेयर हुईं. 

 Know who is Deep Sidhu, how he join farmers protest
 सोशल मीडिया पर दीप सिद्धू की पीएम मोदी (PM Modi) और अभिनेता से नेता बने सनी देओल (Sunny Deol) के साथ तस्वीरें भी जमकर शेयर हुईं.

जानें दीप सिद्धू कौन हैं और वे इस आंदोलन से कैसे जुड़ गए.

दीप सिद्धू (Deep Sidhu) का जन्म पंजाब के मुक्तसर में हुआ है. वह मॉडल और अभिनेता है. किंगफिशर मॉडल हंट समेत उन्होंने मॉडलिंग की कई प्रतियोगिताएं जीती हैं. एक्टिंग की दुनिया में उन्होंने फिल्म ‘रमता जोगी’ से कदम रखा. इस फिल्म को मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र के बैनर विजेता फिल्म्स में बनाया गया था. इसके साथ ही वह लीगल एडवाइजर भी हैं.  उन्होंने राजनीति में 2019 से कदम रखा और गुरदासपुर से बीजेपी के नेता सनी देओल के लिए प्रचार किया था. जब किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) शुरू हुआ और सिद्धू इस आंदोलन में हिस्सा लेते दिखाई दिए तो कई किसान संगठनों के नेताओं ने उन पर बीजेपी (BJP) का एजेंट होने का आरोप भी लगाया, जिसे सिद्धू ने सिरे से नकार दिया.

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किसान आंदोलन से ऐसे जुड़े दीप सिद्धू

जैसे ही किसान आंदोलन (Farmers Protest) शुरू हुआ दीप सिद्धू सक्रिय हो गए. रास्तों को टोल फ्री करवाने और गांव-गांव जाकर किसानों को आंदोलन के लिए तैयार करने में सिद्धू (Deep Sidhu) ने भी अहम भूमिका निभाई.  कई बार उन्होंने कई ऐसे अलगाववादी बयान दिए थे, जिसे किसान संगठन बिल्कुल पसंद नहीं करते थे. वह किसान संगठन के नेताओं के खिलाफ भी बोलते थे  कई बार तो आंदोलन के दौरान किसान नेताओं ने उन्हें स्टेज पर भी नहीं चढ़ने दिया. इस सबके बावजूद युवा किसानों में इनकी लोकप्रियता काफी अधिक है. किसानों से जुड़े रहने के लिए वह खुद जमीन पर तो सक्रिय रहते ही हैं, साथ ही डिजिटल का भी पूरा सहयोग लेते हैं. वह अक्सर फेसबुक लाइव के जरिए भी किसानों को संबोधित करते हैं.

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किसानों को यूं भड़काने की बात सामने आई

किसान संगठनों की पुलिस से बातचीत चल रही थी और वह तय रूट से ही ट्रैक्टर परेड (Tractor Rally) निकालने वाले थे, लेकिन आरोप लगाया गया है कि एक रात पहले ही दीप सिद्धू (Deep Sidhu) और गैंगस्टर से नेता बने लक्खा सिधाना (Lakha Sidhana) कुछ किसानों से मिले और उन्हें भड़काया कि किसान संगठन सरकार से बातचीत कर रहे हैं, देखो कुछ नहीं निकला, दो महीने हो गए हैं. ये सरकार की बात मान लेते हैं. बातचीत से कुछ नहीं निकलने वाला, हम दिल्ली में घुसेंगे और लालकिले पर जाएंगे.  

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जब किसान बेरिकेट्स तोड़कर दिल्ली में घुसे ये भी मौजूद थे. लालकिले की प्राचीर से जब तिरंगे के बगल में ‘निशान साहिब’ का झंडा लगाया गया, तब सिद्धू (Deep Sidhu) उसी समूह में शामिल थे. पताका के साथ फेसबुक लाइव भी किया.  उन्होंने फेसबुक लाइव में ये भी कहा कि हमने विरोध जताने के लिए अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करते हुए सांकेतिक तौर पर निशान साहिब का झंडा फहराया है.

किसान संगठनों ने दीप सिद्धू को ठहराया जिम्मेदार

किसान संगठनों ने दीप सिद्धू (Deep Sidhu) को हिंसा और झड़प के लिए जिम्मेदार ठहाराया है. उनका कहना है कि दीप ने किसानों के कुछ समूहों को भड़काया और किसान आंदोलन (Farmers Protest) को धार्मिक आंदोलन बना दिया है. बता दें कि दिल्ली में हुई झड़प में 83 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और 22 केस दर्ज हुए हैं साथ ही सरकारी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा है.

Tractor Rally बड़ी चुनौती, मूवमेंट को सही तरीके से गाइड करेंगे, दिल्ली पुलिस

किसान मजदूर संघर्ष समिति के सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि हमने पहले ही ऐलान किया था कि हम आउटर रिंग रोड पर जाएंगे . संयुक्त किसान मोर्चे ने भी पहले यही ऐलान किया था . बाद में संयुक्त किसान मोर्चा पीछे हटा .हमने पुलिस के रोकने के बाद बैरीकेड तोड़े . हम तो पुलिस से कह रहे थे कि हम शांतिपूर्ण तरीक़े से आउटर रिंग रोड जाएंगे . लाल क़िले पर जाने के हम ज़िम्मेदार नहीं . लाल क़िले पर दीप सिद्धू (Deep Sidhu) गया . लाल किले पर जो हुआ उसका ज़िम्मेदार दीप सिद्धू है. 

दिल्ली पुलिस ने किसानों की रिपब्लिक डे Tractor Rally को दी हरी झंडी

दीप सिद्धू (Deep Sidhu) को पुलिस ने क्यों नहीं रोका लाल किले पर . दीप सिद्धू सरकार का आदमी है . हम आउटर रिंग रोड से वापस आ गए थे . पुलिस का जांच में सहयोग करेंगे .मैं संयुक्त किसान मोर्चे से बात भी करूंगा . लाल किले पर जो हुआ उसका ज़िम्मेदार मैं नहीं हूं

Tractor Rally: हिंसा मामले में 6 किसान नेताओं के खिलाफ FIR

New Delhi: गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर किसानों की ओर से निकाली गई ट्रैक्‍टर रैली (Tractor Rally) के दौरान दिल्‍ली में हुई हिंसा के मामले में  किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) समेत छह किसान नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. नांगलोई थाने में जो FIR दर्ज है उसमें न सिर्फ डकैती की धारा लगाई गई है बल्कि उन 40 किसान नेताओं के नाम भी FIR में शामिल हैं जो सरकार के साथ वार्ता के लिए विज्ञान भवन जाते थे. इसी FIR में योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) का भी नाम है.

Tractor Rally: किसान नेता बोले- आंदोलन को खराब करने वाले लोग राजनीतिक दलों के हैं

जानकारी के अनुसार, पुलिस (Delhi Police) ने 50 से ज्यादा लोगों को इस मामले में गिरफ्तार भी कर लिया है. नांगलोई पुलिस ने FIR में डकैती की धारा इसलिए जोड़ी है क्योंकि कुछ उपद्रवी नांगलोई में पुलिस से आंसू गैस के करीब 150 गोले भी छीन ले गए थे. इसके अलावा भी अलग अलग FIR में कई किसान नेताओं के नाम हैं.

Tractor Rally: अमरिंदर सिंह ने किसानों से राजधानी खाली करने को कहा, हिंसा को अस्वीकार्य बताया

गौरतलब है कि किसान संगठनों की ओर से गणतंत्र दिवस पर निकाली गई ट्रैक्‍टर रैली (Tractor Rally) के दौरान लाल किला, नांगलोई सहित कई इलाकों में किसानों और पुलिस के बीच जोरदार झड़प हुई थी. किसानों ने बसों और पुलिस वाहन में तोड़फोड़ की. सरकारी वाहनों में भी उन्‍होंने तोड़फोड़ की, लाठियां चलाईं और पुलिस बल पर पथराव किया. हालात को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज, वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्‍तेमाल करना पड़ा था. हिंसा में बड़ी संख्‍या में पुलिसकर्मी घायल हुए थे.

Kangana Ranaut: किसानों को ‘आतंकवादी’ कहा, इसलिए मेरे 6 ब्रांड कॉन्टेक्ट रद्द हुए

New Delhi: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) अपने ट्वीट को लेकर अकसर सुर्खियों में रहती हैं. कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर विरोध कर रहे किसानों पर भी कंगना रनौत ने कई बार अपने विचार रखे थे.

एक्ट्रेस लगातार किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) का विरोध कर रही हैं. वहीं, दूसरी ओर गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021) के मौके पर किसानों (Farmer’s Rally) ने रैली निकाली. इस दौरान उन्होंने लाल किले पर अपना झंडा भी फहराया. हालांकि, रैली के दौरान कई जगहों पर पुलिस और किसानों के बीच हाथापाई हो गई. जिसमें कई लोग जख्मी हो गए हैं.

Kangana Ranaut ने ट्वीट कर किसानों की ट्रैक्टर रैली पर निकाला गुस्सा

वहीं, लाल किले (Lal Quila) पर किसानों द्वारा अपना झंडा फहराए जाने को लेकर एक्ट्रेस कंगना रनौत ने जमकर निशाना साधा है. उन्होंने हाल ही में एक ट्वीट किया है. जिसमें लिखा, “मेरे साथ 6 ब्रांड ने कॉन्ट्रेक्ट कैंसिल कर दिए, कुछ को मैंने पहले से ही साइन कर रखा था, लेकिन कुछ ने वह बंद कर दिया. मुझे कहा गया कि मैंने किसानों को आतंकवादी कहा था इसलिए वह अब मुझे अपना ब्रांड अम्बेसडर नहीं रख सकते.”

Kangana Ranaut के ट्विटर अकाउंट को किया गया अस्थायी रूप से बंद

कंगना रनौत ने आगे कहा, “आज मैं यह कहना चाहूंगी कि जो भी भारतीय इन दंगों कासपोर्ट कर रहे हैं, वह भी आतंकवादी हैं, एंटी-नेशनल ब्रांड समेत.” कंगना रनौत के इस ट्वीट पर लोग खूब कमेंट कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.