लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नगर निगम की टीम ने सोमवार को पूर्व मंत्री आजमखान की बहन निकहत अफलाक को आवंटित रिवर बैंक कॉलोनी के घर को सील कर दिया। यह बंगला वर्ष 2007 में मुलायम सरकार के दौरान नियमों को ताक पर रखकर आवंटित किया गया था। रामपुर के निवासी एक व्यक्ति की शिकायत पर नगर निगम ने जांच की और मकान खाली करने का नोटिस जारी किया था।
नगर आयुक्त डॉ. अर्चना द्विवेदी की मौजूदगी में नगर निगम की टीम सोमवार को रिवर बैंक कॉलोनी पहुंची। भवन संख्या ए2/1 के मुख्य गेट का ताला बंद था। लगभग आधे घंटे तक गेट खटखटाया गया। गेट नहीं खुला तो ताला तोड़ दिया गया। बंगले के अंदर कमरों के दरवाजों पर भी ताला लटक रहा था। नगर निगम ने सभी दरवाजों पर अपना भी एक ताला लगा दिया। बंगले के पीछे एक और गेट था जो खुला मिला। अंदाजा लगाया जा रहा है कि बंगले के अंदर मौजूद लोग पीछे के गेट से बाहर निकल गए होंगे। सीलिंग की कार्रवाई के दौरान वीडियोग्राफी भी कराई गई।
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उधर, आजम खान की बहन ने नोटिस को साक्ष्य विहीन बताते हुए कहा था कि वह मकान में लगातार रह रही हैं और बिजली का बिल और किराया भी जमा कर रही हैं। मगर इसके बाद नगर निगम ने शासनादेश का हवाला देते हुए कहा कि आजम खान की बहन लखनऊ की निवासी नहीं है। दूसरा यह कि नगर निगम कर्मचारी नहीं है। वहीं, नगर निगम ने नोटिस में कहा था कि आजम खान की बहन रामपुर में पढ़ाती हैं और वहीं पर रह रही हैं।
आसपास के लोगों ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि मकान में ताला लगा रहता है। उन्हें 15 अक्टूबर को नोटिस जारी कर 15 दिन में आवास खाली करने को कहा गया था। मगर जब आवास खाली नहीं हुआ तो सोमवार सुबह नगर निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर आवास को सील कर अपने कब्जे में ले लिया।
नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि 2007 में यह आवंटन नियमों के खिलाफ किया गया था और तब आजम खान की बहन रामपुर में शिक्षक के पद से रिटायर थी, लखनऊ की निवासी भी नहीं थी। इसलिए विधिक प्रक्रिया अपनाते हुए मकान को खाली करने का नोटिस दिया गया था। समयावधि बीतने के बाद नगर निगम की टीम ने सोमवार सुबह रिवर बैंक कॉलोनी आवास पर गई, अनाउंसमेंट कराया गया और मकान को सील कर दिया।