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Paneer Paratha की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार

Paneer Paratha एक स्वादिष्ट और पौष्टिक भारतीय व्यंजन हैं, जिन्हें नाश्ते या मुख्य भोजन के रूप में खाया जाता है। यह Paneer Paratha, मसालों और गेहूं के आटे से बनाए जाते हैं, जो इसे सेहतमंद और स्वादिष्ट बनाते हैं। Paneer Paratha को दही, अचार, मक्खन या चटनी के साथ परोसा जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।

इस रेसिपी में हम आपको Paneer Paratha बनाने की आसान विधि बताएंगे और साथ ही इसके विभिन्न प्रकारों के बारे में भी जानकारी देंगे। चाहे आप साधारण Paneer Paratha बनाना चाहें या मसालेदार भरवां पराठा, यह लेख आपको हर तरह के पराठे बनाने में मदद करेगा।

पनीर के पराठे की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार

Best Recipe of Paneer Paratha and Its Various Types

Paneer Paratha तैयार किए जाते हैं। पनीर के पराठे न केवल स्वाद में लाजवाब होते हैं बल्कि यह पोषण से भी भरपूर होते हैं, जिससे यह नाश्ते, दोपहर के भोजन या रात के खाने के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन जाते हैं। इसे मक्खन, दही, अचार या चटनी के साथ परोसा जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है

Paneer Paratha को अलग-अलग तरीकों से बनाया जा सकता है। कुछ लोग इसमें मसालेदार मिश्रण पसंद करते हैं, जबकि कुछ इसे हल्का और कम मसालेदार बनाते हैं। इसके अलावा, पनीर पराठे को हेल्दी बनाने के लिए गेहूं के आटे की जगह मल्टीग्रेन आटे का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इस लेख में हम आपको पारंपरिक पनीर पराठे की रेसिपी के साथ-साथ इसके विभिन्न प्रकारों के बारे में भी जानकारी देंगे ताकि आप इसे अपने स्वाद के अनुसार बना सकें

पनीर के पराठे बनाने की सामग्री

Paneer Paratha बनाने के लिए हमें कुछ सामान्य सामग्रियों की जरूरत होती है, जो आमतौर पर हर भारतीय रसोई में उपलब्ध होती हैं।

आटे के लिए
गेहूं का आटा – 2 कप
नमक – 1/2 चम्मच
तेल या घी – 1 चम्मच
पानी – आवश्यकतानुसार

भरावन के लिए
पनीर – 1 कप (कद्दूकस किया हुआ)
हरी मिर्च – 1 (बारीक कटी हुई)
धनिया पत्ती – 2 चम्मच (बारीक कटी हुई)
अदरक – 1/2 चम्मच (कद्दूकस किया हुआ)
लाल मिर्च पाउडर – 1/2 चम्मच
धनिया पाउडर – 1/2 चम्मच
गरम मसाला – 1/4 चम्मच
चाट मसाला – 1/2 चम्मच
नमक – स्वादानुसार

पनीर के पराठे बनाने की विधि

सबसे पहले एक गहरे बर्तन में गेहूं का आटा लें। उसमें थोड़ा सा नमक और एक चम्मच तेल या घी डालें। अब धीरे-धीरे पानी मिलाते हुए नरम आटा गूंध लें। आटे को अच्छी तरह से गूंधने के बाद इसे 15-20 मिनट के लिए ढककर रख दें ताकि यह सेट हो जाए

अब पराठे के लिए भरावन तैयार करें। एक बर्तन में कद्दूकस किया हुआ पनीर लें और उसमें बारीक कटी हरी मिर्च, धनिया पत्ती, कद्दूकस किया हुआ अदरक, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, गरम मसाला, चाट मसाला और नमक डालकर अच्छी तरह मिलाएं। मिश्रण को अच्छे से मिलाकर अलग रख दें

Best Recipe of Paneer Paratha and Its Various Types

अब आटे की लोई लें और उसे बेलन से हल्का सा बेलें। फिर उसके बीच में एक चम्मच भरावन रखें और किनारों को जोड़ते हुए इसे बंद कर दें। अब इसे धीरे-धीरे बेलें ताकि भरावन समान रूप से फैल जाए और पराठा टूटे नहीं

तवा गरम करें और तैयार किए गए पराठे को तवे पर डालें। इसे मध्यम आंच पर दोनों तरफ से सेंकें। जब एक तरफ हल्की सुनहरी परत आ जाए तो इसे पलट दें और दूसरी तरफ भी सेकें। अब इस पर घी या मक्खन लगाएं और दोनों तरफ से अच्छी तरह सेंकें जब तक पराठा सुनहरा और कुरकुरा न हो जाए

तैयार पनीर पराठे को गर्मागर्म मक्खन, दही, अचार या चटनी के साथ परोसें और इसका आनंद लें

पनीर पराठे के विभिन्न प्रकार

Paneer Paratha को कई अलग-अलग तरीकों से बनाया जा सकता है। स्वाद और सेहत के हिसाब से इसमें कई तरह के बदलाव किए जा सकते हैं।

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  1. मसाला पनीर पराठा – इसमें भरावन में अधिक मसाले और प्याज-लहसुन मिलाया जाता है, जिससे यह और भी तीखा और स्वादिष्ट बनता है
  2. मेथी पनीर पराठा – पनीर के साथ ताजी मेथी के पत्ते मिलाए जाते हैं, जिससे यह और भी हेल्दी और स्वादिष्ट हो जाता है
  3. पालक पनीर पराठा – पनीर के साथ पालक को हल्का सा भूनकर मिलाया जाता है, जिससे पराठे में एक खास स्वाद आता है
  4. मलाई पनीर पराठा – इसमें भरावन में थोड़ा सा क्रीम या मलाई मिलाया जाता है, जिससे पराठे का स्वाद और भी रिच और क्रीमी हो जाता है
  5. पनीर चीज़ पराठा – इसमें भरावन में पनीर के साथ चीज़ भी मिलाया जाता है, जिससे यह बच्चों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन जाता है
  6. बिना तेल का पनीर पराठा – इसे हेल्दी बनाने के लिए बिना तेल या घी के तवे पर सेंका जाता है और इसे लो फैट दही के साथ परोसा जाता है
  7. तंदूरी पनीर पराठा – Paneer Paratha को तवे की बजाय तंदूर में सेंका जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी अनोखा बनता है

पनीर पराठे से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण टिप्स

पनीर का भरावन ताजा और नरम होना चाहिए ताकि यह पराठे में अच्छी तरह से भर सके
आटा नरम गूंधें ताकि बेलते समय पराठा फटे नहीं
पराठे को मध्यम आंच पर सेकें ताकि यह ठीक से पक जाए और जलने न पाए
अगर आप तीखा पसंद करते हैं तो भरावन में अधिक मसाले डाल सकते हैं
पराठे को घी या मक्खन के साथ सर्व करने से इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है
अगर आप हेल्दी पराठा बनाना चाहते हैं तो इसमें मल्टीग्रेन आटा इस्तेमाल कर सकते हैं

निष्कर्ष

Best Recipe of Paneer Paratha and Its Various Types

Paneer Paratha स्वाद और सेहत दोनों के लिए बेहतरीन विकल्प हैं। इसे बनाने में ज्यादा समय नहीं लगता और यह आसानी से तैयार हो सकता है। पनीर पराठे को अलग-अलग तरीकों से बनाया जा सकता है, जिससे हर बार एक नया स्वाद मिलता है। चाहे आप इसे नाश्ते में खाएं या लंच और डिनर में, यह हमेशा ही टेस्टी और संतोषजनक रहता है। अगर आप भी घर पर स्वादिष्ट पनीर पराठा बनाना चाहते हैं तो इस रेसिपी को जरूर आजमाएं और अपने परिवार को खिलाएं

पनीर के पराठे न केवल स्वाद में लाजवाब होते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं। पनीर प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। पनीर के पराठे बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को पसंद आते हैं और इन्हें झटपट बनाया जा सकता है

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Methi Aloo की बेहतरीन सब्जी रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार

Methi Aloo की सब्जी एक स्वादिष्ट और सेहतमंद व्यंजन है जो भारतीय रसोई में काफी लोकप्रिय है। मेथी के पत्तों की कड़वाहट और आलू की नरम बनावट इस सब्जी को एक बेहतरीन स्वाद देती है। यह सर्दियों में खासतौर पर बनाई जाती है क्योंकि ताजी हरी मेथी ठंड के मौसम में आसानी से उपलब्ध होती है। Methi Aloo दोनों ही पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। इस लेख में हम Methi Aloo की बेहतरीन सब्जी बनाने की विधि के साथ-साथ इसके विभिन्न प्रकारों की भी जानकारी देंगे।

मेथी आलू की सूखी सब्जी बनाने की विधि

Best Methi Aloo Curry Recipes and Its Different Varieties

Methi Aloo आवश्यक सामग्री

  • 250 ग्राम ताजी हरी मेथी
  • 2 मध्यम आकार के आलू
  • 2 टमाटर (वैकल्पिक)
  • 2 हरी मिर्च
  • 1 चम्मच अदरक-लहसुन पेस्ट
  • 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1 चम्मच धनिया पाउडर
  • 1/2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
  • 1/2 चम्मच जीरा
  • 2 बड़े चम्मच सरसों का तेल या रिफाइंड तेल
  • नमक स्वादानुसार

बनाने की विधि

Methi Aloo सबसे पहले मेथी के पत्तों को धोकर बारीक काट लें और आलू को छीलकर छोटे टुकड़ों में काट लें। एक कड़ाही में तेल गरम करें और उसमें जीरा डालें। जब जीरा चटकने लगे, तो उसमें हरी मिर्च और अदरक-लहसुन का पेस्ट डालकर भूनें। अब कटे हुए आलू डालें और हल्दी पाउडर मिलाएं।

इसे ढककर 5-7 मिनट तक धीमी आंच पर पकने दें ताकि आलू हल्के नरम हो जाएं। अब इसमें मेथी के पत्ते डालें और अच्छे से मिलाएं। धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और नमक डालें और धीमी आंच पर 10-12 मिनट तक पकाएं। अगर आप टमाटर डालना चाहते हैं तो इसे अंत में डालें और 2-3 मिनट तक पकने दें।

जब आलू पूरी तरह से पक जाएं और मेथी का पानी सूख जाए, तो गैस बंद कर दें। इसे गरमा-गरम पराठे, रोटी या दाल-चावल के साथ परोसें।

मेथी आलू की ग्रेवी वाली सब्जी बनाने की विधि

Best Methi Aloo Curry Recipes and Its Different Varieties

आवश्यक सामग्री

  • 250 ग्राम हरी मेथी
  • 2 मध्यम आकार के आलू
  • 2 टमाटर
  • 1 प्याज
  • 1 चम्मच अदरक-लहसुन पेस्ट
  • 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1 चम्मच गरम मसाला
  • 1/2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
  • 1 चम्मच धनिया पाउडर
  • 1/2 कप दही
  • 2 बड़े चम्मच तेल
  • 1/2 चम्मच जीरा
  • नमक स्वादानुसार

बनाने की विधि

Methi Aloo सबसे पहले मेथी के पत्तों को साफ करके धो लें और बारीक काट लें। आलू को छीलकर टुकड़ों में काट लें। एक कड़ाही में तेल गरम करें और उसमें जीरा डालें। जब जीरा चटकने लगे, तो उसमें बारीक कटा हुआ प्याज डालें और सुनहरा होने तक भूनें।

अब अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें और 2 मिनट तक भूनें। टमाटर डालें और धीमी आंच पर पकाएं जब तक वह नरम न हो जाए। अब हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और गरम मसाला डालकर अच्छे से मिलाएं।

अब इसमें आलू डालकर अच्छी तरह मसाले के साथ मिला लें। इसमें थोड़ा पानी डालें और ढककर 5-7 मिनट तक पकने दें। अब कटे हुए मेथी के पत्ते डालें और धीमी आंच पर 10 मिनट तक पकाएं।

अब इसमें दही डालें और अच्छे से मिलाएं। इसे 5 मिनट तक पकने दें ताकि ग्रेवी अच्छी तरह से तैयार हो जाए। जब आलू पूरी तरह से पक जाएं और ग्रेवी गाढ़ी हो जाए, तो गैस बंद कर दें। इसे चपाती, पराठा या चावल के साथ परोसें।

Vegetable Biryani: प्रकार, बनाने की विधि और संपूर्ण जानकारी

मेथी आलू की अन्य प्रकार की सब्जियां

  1. मेथी आलू मटर की सब्जी – इसमें मेथी और आलू के साथ हरी मटर डाली जाती है, जो स्वाद और पोषण बढ़ाती है।
  2. मेथी आलू टमाटर करी – इसमें टमाटर की ग्रेवी डालकर इसे और भी ज्यादा स्वादिष्ट बनाया जाता है।
  3. मेथी आलू रायता – इसमें तली हुई मेथी और आलू को दही में मिलाकर रायता बनाया जाता है।
  4. मेथी आलू पराठा – इसमें मेथी और आलू को मिलाकर पराठे बनाए जाते हैं, जो नाश्ते के लिए बेहतरीन होते हैं।
  5. मेथी आलू की कढ़ी – इसमें बेसन और दही की ग्रेवी में मेथी और आलू डालकर स्वादिष्ट कढ़ी बनाई जाती है।

मेथी आलू के फायदे

  • मेथी आयरन से भरपूर होती है, जो खून की कमी को दूर करने में सहायक होती है।
  • यह पाचन में सुधार करती है और गैस व अपच की समस्या को कम करती है।
  • इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद होते हैं।
  • आलू ऊर्जा का अच्छा स्रोत होता है और शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है।
  • यह हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है।

निष्कर्ष

Best Methi Aloo Curry Recipes and Its Different Varieties

Methi Aloo की सब्जी एक बेहद स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक व्यंजन है, जिसे विभिन्न तरीकों से बनाया जा सकता है। सूखी सब्जी से लेकर ग्रेवी वाली सब्जी और पराठे तक, इसे कई तरह से पकाया जाता है। इस लेख में हमने Methi Aloo की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकारों की जानकारी दी है। आप अपनी पसंद के अनुसार कोई भी रेसिपी आजमा सकते हैं और अपने खाने का स्वाद बढ़ा सकते हैं।

Methi Aloo की बेहतरीन सब्जी बनाने की विधि और इसके विभिन्न प्रकारों की पूरी जानकारी दी गई है। Methi Aloo से बनी यह सब्जी स्वाद और पोषण से भरपूर होती है, जिसे विभिन्न तरीकों से तैयार किया जा सकता है। यहां आप सूखी Methi Aloo की सब्जी, ग्रेवी वाली मेथी आलू, मेथी आलू मटर, मेथी आलू पराठा और अन्य प्रकारों की रेसिपी जानेंगे। साथ ही, इस सब्जी के स्वास्थ्य लाभ और इसे पकाने के सही तरीकों की भी विस्तृत जानकारी दी गई है, जिससे आप अपने भोजन को और भी स्वादिष्ट और सेहतमंद बना सकते हैं।

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Urad Dal की बेहतरीन सब्जी रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार

Urad Dal की बेहतरीन सब्जी रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकारों की पूरी जानकारी दी गई है। Urad Dal प्रोटीन, आयरन और फाइबर से भरपूर होती है, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है। यहां आप Urad Dal की ग्रेवी वाली सब्जी, सूखी उड़द दाल, Urad Dal तड़का, दाल मखनी, उड़द दाल की कढ़ी, Urad Dal के पराठे और लड्डू जैसी स्वादिष्ट और पौष्टिक रेसिपीज के बारे में जानेंगे। साथ ही, Urad Dal के स्वास्थ्य लाभ और इसे पकाने के सही तरीकों की भी विस्तृत जानकारी दी गई है, जिससे आप अपने भोजन को और भी हेल्दी और स्वादिष्ट बना सकते हैं।

उड़द दाल की बेहतरीन सब्जी रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार

Best Urad Dal Curry Recipes and Its Different Varieties

Urad Dal भारतीय रसोई में बहुत ही लोकप्रिय और पौष्टिक दालों में से एक है। इसे अलग-अलग तरीकों से पकाया जाता है और कई प्रकार की स्वादिष्ट सब्जियां और दालें बनाई जाती हैं। उड़द दाल प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और आयरन से भरपूर होती है, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक फायदेमंद होती है। इस लेख में हम Urad Dal की बेहतरीन सब्जी बनाने की विधि और इसके विभिन्न प्रकारों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

उड़द दाल की ग्रेवी वाली सब्जी बनाने की रेसिपी

आवश्यक सामग्री

  • 1 कप धुली हुई उड़द दाल
  • 2 प्याज (बारीक कटे हुए)
  • 2 टमाटर (बारीक कटे हुए)
  • 1 चम्मच अदरक-लहसुन पेस्ट
  • 2 हरी मिर्च (बारीक कटी हुई)
  • 1 चम्मच धनिया पाउडर
  • 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1 चम्मच गरम मसाला
  • 1/2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
  • 1 चम्मच कसूरी मेथी
  • 2 बड़े चम्मच तेल
  • 1 चम्मच जीरा
  • 1/2 कप दही
  • नमक स्वादानुसार
  • हरा धनिया सजाने के लिए

बनाने की विधि

सबसे पहले Urad Dal को अच्छे से धोकर 15 मिनट के लिए पानी में भिगो दें। अब एक प्रेशर कुकर में तेल गरम करें और उसमें जीरा डालें। जब जीरा चटकने लगे, तो इसमें प्याज डालकर सुनहरा होने तक भूनें। अब अदरक-लहसुन पेस्ट और हरी मिर्च डालें और अच्छी तरह भूनें।

टमाटर डालकर 5 मिनट तक पकाएं जब तक वह मुलायम न हो जाए। अब हल्दी, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और कसूरी मेथी डालकर अच्छी तरह मिलाएं। इसमें दही डालें और मसाले को भूनें। अब इसमें भिगोई हुई उड़द दाल डालें और अच्छे से मिलाएं।

इसके बाद, इसमें दो कप पानी डालें और कुकर का ढक्कन बंद कर दें। इसे मध्यम आंच पर 3 से 4 सीटी आने तक पकाएं। जब प्रेशर निकल जाए, तो कुकर खोलें और दाल को चम्मच से हल्का मैश करें। इसमें गरम मसाला और हरा धनिया डालकर मिलाएं। इसे चपाती, पराठा या चावल के साथ परोसें।

उड़द दाल की विभिन्न प्रकार की सब्जियां

सूखी उड़द दाल

इस रेसिपी में उड़द दाल को कम पानी में पकाकर मसालों के साथ सूखा बनाया जाता है। यह पूरी या पराठे के साथ बहुत स्वादिष्ट लगती है।

उड़द दाल तड़का

इसमें उबली हुई उड़द दाल को घी में भुने हुए मसालों के साथ तड़का दिया जाता है। यह दाल चावल के साथ बेहतरीन लगती है।

Best Urad Dal Curry Recipes and Its Different Varieties

दाल मखनी

यह पंजाबी रेसिपी है, जिसमें उड़द दाल और राजमा को मिलाकर क्रीमी ग्रेवी में पकाया जाता है। इसे मक्खन और क्रीम डालकर और भी स्वादिष्ट बनाया जाता है।

उड़द दाल की कढ़ी

इसमें उड़द दाल के छोटे पकौड़े बनाकर दही की कढ़ी में पकाया जाता है। यह उत्तर भारत में बहुत पसंद की जाती है।

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उड़द दाल के लड्डू

यह एक पारंपरिक मीठा व्यंजन है, जिसमें भुनी हुई उड़द दाल के आटे से स्वादिष्ट लड्डू बनाए जाते हैं।

उड़द दाल के पराठे

इसमें उड़द दाल को मसालों के साथ भरकर पराठे बनाए जाते हैं, जो नाश्ते के लिए एक बढ़िया विकल्प होते हैं।

Vegetable Biryani: प्रकार, बनाने की विधि और संपूर्ण जानकारी

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उड़द दाल के फायदे

  • यह प्रोटीन से भरपूर होती है, जो मांसपेशियों के विकास में सहायक होती है।
  • हड्डियों को मजबूत करने में मदद करती है, क्योंकि इसमें कैल्शियम और आयरन होता है।
  • पाचन में सुधार करती है, क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है।
  • यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे यह मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद होती है।
  • यह दिल की सेहत के लिए अच्छी होती है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक होती है।

निष्कर्ष

उड़द दाल से बनी सब्जियां और व्यंजन स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। इसे कई तरह से बनाया जा सकता है और हर प्रकार की रेसिपी अपने अनोखे स्वाद और पोषण से भरपूर होती है। इस लेख में हमने उड़द दाल की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकारों की जानकारी दी है। आप अपनी पसंद के अनुसार कोई भी रेसिपी बना सकते हैं और अपने भोजन को स्वादिष्ट और हेल्दी बना सकते हैं।

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Soybean की बेहतरीन सब्जी रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार

Soybean की बेहतरीन सब्जी रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकारों के बारे में विस्तार से जानेंगे। Soybean प्रोटीन से भरपूर एक पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ है, जो शाकाहारियों के लिए एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है। इसमें हम आपको ग्रेवी वाली Soybean की सब्जी, सोयाबीन आलू करी, सोयाबीन मटर, Soybean पालक, सोयाबीन कीमा और Soybean पराठा जैसी कई स्वादिष्ट और पौष्टिक रेसिपीज की जानकारी देंगे। इसके साथ ही, Soybean खाने के स्वास्थ्य लाभ और इसे पकाने के सही तरीकों पर भी चर्चा करेंगे, जिससे आप अपने भोजन को और भी स्वादिष्ट और सेहतमंद बना सकें।

सोयाबीन की बेहतरीन सब्जी रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार

Best Soybean Curry Recipes and Its Different Varieties

Soybean प्रोटीन से भरपूर एक सुपरफूड है, जिसे कई तरह से तैयार किया जा सकता है। यह शाकाहारियों के लिए एक बेहतरीन प्रोटीन स्रोत है और इसे अलग-अलग तरीकों से स्वादिष्ट और पोषक बनाया जा सकता है। सोयाबीन से बनी सब्जियां स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती हैं और यह हड्डियों को मजबूत करने, मांसपेशियों के विकास और हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती हैं।

इस लेख में हम Soybean की बेहतरीन सब्जी बनाने की विधि और इसके विभिन्न प्रकारों के बारे में जानेंगे। साथ ही, सोयाबीन के पोषण संबंधी लाभ और इसे सही तरीके से पकाने के टिप्स भी साझा करेंगे।

सोयाबीन की ग्रेवी वाली सब्जी बनाने की रेसिपी

आवश्यक सामग्री

  • 1 कप सोयाबीन नगेट्स
  • 2 प्याज (बारीक कटे हुए)
  • 2 टमाटर (बारीक कटे हुए)
  • 1 चम्मच अदरक-लहसुन पेस्ट
  • 2 हरी मिर्च (बारीक कटी हुई)
  • 1 चम्मच धनिया पाउडर
  • 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1 चम्मच गरम मसाला
  • 1/2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
  • 1 चम्मच कसूरी मेथी
  • 2 बड़े चम्मच तेल
  • 1 चम्मच जीरा
  • 1/2 कप दही
  • नमक स्वादानुसार
  • हरा धनिया सजाने के लिए

बनाने की विधि

सबसे पहले सोयाबीन नगेट्स को गर्म पानी में 15 मिनट के लिए भिगो दें। जब वे नरम हो जाएं तो अतिरिक्त पानी निचोड़ लें। एक कढ़ाई में तेल गरम करें और उसमें जीरा डालें। जब जीरा चटकने लगे, तो इसमें प्याज डालकर सुनहरा भूनें। अब अदरक-लहसुन पेस्ट और हरी मिर्च डालें और भूनें।

टमाटर डालकर 5 मिनट तक पकाएं, जब तक वह मुलायम न हो जाए। अब हल्दी, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और कसूरी मेथी डालकर भूनें। इसमें दही डालें और अच्छी तरह मिलाएं। अब सोयाबीन डालें और 5-7 मिनट तक मसाले में पकाएं।

इसके बाद, इसमें एक कप पानी डालें और ढककर 10 मिनट तक पकने दें। जब ग्रेवी गाढ़ी हो जाए, तो गैस बंद कर दें और गरम मसाला और हरा धनिया डालकर सजाएं। इसे चपाती, पराठा या चावल के साथ परोसें।

सोयाबीन की विभिन्न प्रकार की सब्जियां

सोयाबीन आलू की सब्जी

इस रेसिपी में सोयाबीन नगेट्स और आलू को एक साथ पकाया जाता है, जिससे इसका स्वाद बढ़ जाता है। इसे टमाटर, प्याज और मसालों के साथ बनाया जाता है।

Best Soybean Curry Recipes and Its Different Varieties

सोयाबीन मटर करी

यह एक स्वादिष्ट और पौष्टिक करी है, जिसमें सोयाबीन और मटर को मसालेदार ग्रेवी में पकाया जाता है।

सोयाबीन पालक सब्जी

यह एक हेल्दी ऑप्शन है, जिसमें सोयाबीन को पालक की ग्रेवी में पकाया जाता है, जिससे यह आयरन और प्रोटीन का अच्छा स्रोत बन जाता है।

सोयाबीन पनीर करी

इस डिश में सोयाबीन और पनीर को मिलाकर एक टेस्टी ग्रेवी बनाई जाती है, जो खासकर डिनर पार्टियों के लिए उपयुक्त होती है।

Aloo Tamatar की बेस्ट सब्जी रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार

सोयाबीन कीमा

यह नॉन-वेज कीमा का शाकाहारी विकल्प है। इसमें सोयाबीन ग्रेन्यूल्स को प्याज, टमाटर और मसालों के साथ भूनकर बनाया जाता है।

सोयाबीन पराठा

सोयाबीन को पीसकर आटे में मिलाकर हेल्दी और स्वादिष्ट पराठा बनाया जाता है, जो नाश्ते के लिए बढ़िया विकल्प है।

Cabbage and Potato की बेस्ट सब्जी रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार

Best Soybean Curry Recipes and Its Different Varieties

सोयाबीन के फायदे

  • यह प्रोटीन से भरपूर होता है, जो मांसपेशियों के विकास में सहायक है।
  • हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है, क्योंकि इसमें कैल्शियम और आयरन होता है।
  • यह हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होता है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है।
  • मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि यह ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करता है।
  • पाचन में सुधार करता है, क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है।

निष्कर्ष

सोयाबीन से बनी सब्जियां स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती हैं और इन्हें कई तरह से बनाया जा सकता है। यह न केवल स्वादिष्ट होती हैं बल्कि पोषण से भरपूर भी होती हैं। इस लेख में हमने सोयाबीन की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकारों की जानकारी दी है। आप अपनी पसंद के अनुसार कोई भी रेसिपी बना सकते हैं और अपने भोजन को स्वादिष्ट और हेल्दी बना सकते हैं।

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क्या आप गंभीर Back Pain से परेशान हैं? जानिए कारण और राहत के लिए प्रभावी उपाय

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Back Pain: हम सभी को कभी न कभी कमर दर्द की समस्या होती है। लेकिन अगर यह समस्या आपको लंबे समय से परेशान कर रही है तो आपको थोड़ा सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि मामला थोड़ा गंभीर हो सकता है। कमर दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह आपकी हड्डियों और नसों से जुड़ा होता है और यह गंभीर रूप ले सकता है। तो आइए विस्तार से जानते हैं कि कमर दर्द क्यों होता है।

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इन कारणों से होता है कमर दर्द

Are you suffering from severe back pain? Know the cause and effective remedies for relief

खिंचाव: कमर दर्द का एक आम कारण खिंचाव है। भारी वस्तुओं को खींचने से रीढ़ की हड्डी के आसपास की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। बार-बार खिंचाव मांसपेशियों में ऐंठन का एक जोखिम कारक है।

डिस्क की समस्या: रीढ़ की हड्डी आपस में जुड़ी हुई हड्डियों से बनी होती है जो एक दूसरे के ऊपर टिकी होती हैं। दो लगातार कशेरुकाओं के बीच एक डिस्क होती है जो कुशन की भूमिका निभाती है। कमर दर्द तब होता है जब इनमें से एक या एक से अधिक डिस्क हर्निया हो जाती हैं या फट जाती हैं। दर्द अक्सर तब होता है जब उभरी हुई डिस्क से कोई नस दब जाती है। ऐसी स्थिति को साइटिका के नाम से जाना जाता है।

स्कोलियोसिस: स्कोलियोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें रीढ़ की हड्डी असामान्य रूप से एक तरफ मुड़ जाती है। यह स्थिति मध्य आयु में हो सकती है और आमतौर पर दर्दनाक होती है।

Are you suffering from severe back pain? Know the cause and effective remedies for relief

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गठिया: ऑस्टियोआर्थराइटिस पीठ दर्द के प्रमुख कारणों में से एक है। यह स्थिति तब होती है जब पीठ के निचले हिस्से में जोड़ों की उपास्थि क्षतिग्रस्त हो जाती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस स्पाइनल स्टेनोसिस में भी बिगड़ सकता है, एक ऐसी स्थिति जिसमें रीढ़ की हड्डी के चारों ओर जगह कम हो जाती है।

ऑस्टियोपोरोसिस: ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियों के पतले होने के कारण, रीढ़ की हड्डी में कशेरुकाओं में छोटे फ्रैक्चर (जिसे संपीड़न फ्रैक्चर भी कहा जाता है) का जोखिम अधिक हो सकता है। ये फ्रैक्चर वास्तव में दर्दनाक हो सकते हैं।

Back Pain का इलाज कैसे करें?

Are you suffering from severe back pain? Know the cause and effective remedies for relief

पीठ दर्द एक ऐसी स्थिति है जो आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाती है। लेकिन अगर यह ठीक नहीं होता है, तो आप थेरेपी ले सकते हैं। पीठ दर्द को ठीक करने के लिए एक्यूपंक्चर या शियात्सू थेरेपी भी की जा सकती है। इसे फिंगर प्रेशर थेरेपी के रूप में भी जाना जाता है, शियात्सू में शरीर में ऊर्जा लाइनों के साथ उंगलियों, अंगूठे और कोहनी से दबाव डालना शामिल है। इसके अलावा एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ। रोज़मर्रा के कामों में सही तरीके से उठना और अचानक कोई काम करने से बचना भी Back Pain से बचने में मदद कर सकता है।

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Trump प्रशासन का कड़ा कदम: 5.3 लाख प्रवासियों की कानूनी स्थिति समाप्त

अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump ने अपने कार्यकाल के दौरान चार देशों के 5.3 लाख से अधिक प्रवासियों की कानूनी स्थिति रद्द करने का निर्णय लिया। यह फैसला मुख्य रूप से टेम्पररी प्रोटेक्टेड स्टेटस (TPS) और अन्य वीजा कार्यक्रमों के तहत अमेरिका में रह रहे प्रवासियों को प्रभावित करता है। ट्रम्प प्रशासन का तर्क था कि इन देशों में स्थितियाँ सामान्य हो चुकी हैं, और इन प्रवासियों को अब अपने मूल देशों में लौट जाना चाहिए।

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Trump का अप्रवासियों पर शिकंजा

Trump administration's tough step: Legal status of 5.3 lakh immigrants terminated

इस निर्णय से हजारों परिवारों और श्रमिकों को अमेरिका छोड़ने का खतरा उत्पन्न हो गया, जिससे मानवीय और कानूनी संकट की स्थिति बन गई। इसके अलावा, अमेरिकी अदालतों में कई मुकदमे दायर किए गए, जिनमें इस फैसले को चुनौती दी गई। हालांकि, बाद में जो बाइडेन प्रशासन ने कुछ राहत उपायों की घोषणा की, लेकिन यह मुद्दा अमेरिकी राजनीति में प्रवासियों के अधिकारों को लेकर एक प्रमुख बहस का विषय बना हुआ है।

अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने घोषणा की है कि आगामी एक महीने में क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेज़ुएला के हजारों लोगों को अमेरिका से निर्वासित किया जाएगा। यह फैसला पूर्व राष्ट्रपति Trump द्वारा ‘मानवीय पैरोल’ को समाप्त करने के आदेश के अनुरूप लिया गया है। यह नीति अक्टूबर 2022 के बाद अमेरिका आए लगभग 5,32,000 प्रवासियों को प्रभावित करेगी।

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‘मानवीय पैरोल’ व्यवस्था समाप्त

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‘मानवीय पैरोल’ एक कानूनी व्यवस्था थी, जिसके तहत युद्ध या राजनीतिक अस्थिरता के चलते प्रभावित देशों के लोगों को अमेरिका में अस्थायी रूप से प्रवेश करने की अनुमति दी जाती थी। लेकिन ट्रम्प प्रशासन ने अप्रवासन को नियंत्रित करने के लिए इस कार्यक्रम को समाप्त कर दिया, जिससे हजारों लोगों के भविष्य पर अनिश्चितता छा गई है। इस फैसले के बाद, प्रशासन ने वीज़ा अनुरोधों पर भी कार्रवाई रोक दी, जिससे शरणार्थियों और प्रवासियों के लिए अमेरिका में कानूनी रूप से रहने की संभावनाएँ सीमित हो गई हैं।

इस नीति को लेकर संघीय न्यायालयों में चुनौती दी जा चुकी है, और कई मानवाधिकार संगठनों तथा अप्रवासी समूहों ने ट्रम्प प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। दूसरी ओर, बाइडेन प्रशासन ने इस संकट को हल करने के लिए चार देशों के प्रत्येक से हर महीने 30,000 लोगों को काम करने की पात्रता के साथ अमेरिका आने की अनुमति दी थी और मेक्सिको को भी प्रवासियों को वापस लेने के लिए राज़ी किया था।

क्यूबा ने निर्वासन उड़ानों को स्वीकार किया


Trump administration's tough step: Legal status of 5.3 lakh immigrants terminated

हालांकि, क्यूबा ने सीमित संख्या में निर्वासन उड़ानों को स्वीकार किया है, जबकि वेनेज़ुएला और निकारागुआ ने किसी भी निर्वासित व्यक्ति को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। वहीं, हैती की अस्थिरता के कारण अमेरिकी निर्वासन प्रयासों में बाधाएँ उत्पन्न हो रही हैं। इस नीति का प्रभाव अमेरिका की अप्रवासन व्यवस्था और राजनीतिक माहौल पर गहरा असर डाल सकता है।

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Mumbai: महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम क्षेत्र में लगी भीषण आग

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Mumbai के महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) क्षेत्र में भीषण आग लगने की खबर सामने आई है। आग इतनी भयावह थी कि इससे पूरे इलाके में धुआं फैल गया, जिससे स्थानीय उद्योगों और निवासियों में दहशत का माहौल बन गया। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियाँ घटनास्थल पर आग बुझाने में जुटी हुई हैं, और दमकल कर्मी स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास कर रहे हैं।

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Mumbai के औद्योगिक क्षेत्र में भीषण आग

Mumbai: Massive fire breaks out in Maharashtra Industrial Development Corporation area

आग लगने का कारण अभी स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार यह किसी रासायनिक कारखाने या गोदाम में लगी हो सकती है। औद्योगिक क्षेत्र में ज्वलनशील पदार्थों की मौजूदगी के कारण आग तेजी से फैल गई। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर आसपास के इलाकों को खाली कराने और यातायात को डायवर्ट करने के निर्देश दिए हैं।

Mumbai: Massive fire breaks out in Maharashtra Industrial Development Corporation area

स्थानीय प्रशासन और दमकल विभाग राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं, और फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। मामले की विस्तृत जांच के बाद ही आग लगने के वास्तविक कारणों का खुलासा हो सकेगा।

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Delhi में 1 अप्रैल से पुराने वाहनों में ईंधन भराने पर प्रतिबंध

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Delhi सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों में ईंधन भराने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। यह कदम वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस नियम के क्रियान्वयन में ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे। ये कैमरे पेट्रोल पंपों और सड़कों पर लगाए जाएंगे, जो पुराने और प्रतिबंधित वाहनों की पहचान करेंगे और उनके ईंधन भरवाने पर रोक लगाएंगे। यदि कोई वाहन मालिक इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।

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ANPR कैमरे कैसे काम करेंगे? ये कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन कर सरकार के डेटाबेस से मिलान करेंगे, जिससे तुरंत यह पता लगाया जा सकेगा कि कोई वाहन प्रतिबंधित श्रेणी में आता है या नहीं। यह तकनीक ईंधन स्टेशनों पर नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने और प्रशासन को सख्ती से निगरानी रखने में मदद करेगी।

Delhi के ईंधन स्टेशनों पर तकनीक-सक्षम प्रवर्तन


Refuelling of old vehicles banned in Delhi from April 1

Delhi में लगभग 500 ईंधन पंपों के साथ, नई प्रणाली यह सुनिश्चित करेगी कि गैर-अनुपालन वाले वाहनों को चिह्नित किया जाए, जिससे परिचारक ईंधन भरने से मना कर दें। अधिकारियों के अनुसार, एएनपीआर कैमरे स्वचालित रूप से उन वाहनों का पता लगाएंगे और उनकी पहचान करेंगे जो राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के दिशा-निर्देशों के अनुसार डीजल के लिए 10 साल की सीमा और पेट्रोल के लिए 15 साल की सीमा पार कर चुके हैं।

सख्त उपाय और सरकारी नीति

Refuelling of old vehicles banned in Delhi from April 1

Delhi के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि प्रौद्योगिकी-संचालित प्रवर्तन अनुपालन को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा, “बिना वैध पीयूसी वाले वाहनों को चिह्नित किया जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी।” परिवहन विभाग ने सितंबर 2023 तक 59 लाख से अधिक वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया है।

सार्वजनिक स्थानों पर पार्क किए गए पुराने वाहनों को परिवहन विभाग द्वारा जब्त कर लिया जाएगा। दिल्ली सरकार अपनी वाहन स्क्रैपेज नीति के तहत पंजीकरण रद्द किए गए वाहनों को स्क्रैप करने के लिए प्रोत्साहन भी दे रही है।

जीवन समाप्ति वाले वाहनों के लिए दिशा-निर्देश

Refuelling of old vehicles banned in Delhi from April 1
  • मालिक इसे निजी परिसर में पार्क करता है
  • वाहन को आवश्यक अनुमोदन के साथ दूसरे राज्य में फिर से पंजीकृत किया जाता है
  • इन सख्त उपायों के साथ, दिल्ली सरकार का लक्ष्य वाहनों के उत्सर्जन को रोकना और राजधानी में वायु गुणवत्ता में सुधार करना है।

इस नए नियम से न केवल वायु प्रदूषण को कम करने में सहायता मिलेगी, बल्कि यह Delhi में इलेक्ट्रिक और हरित वाहनों को अपनाने की गति भी तेज करेगा। सरकार की यह पहल स्वच्छ पर्यावरण और स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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Karnataka Bandh: आज बेंगलुरु के स्कूल बंद? SSLC परीक्षा पर आधिकारिक अपडेट देखें

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Karnataka हाई अलर्ट पर है और पूरे राज्य में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, क्योंकि कन्नड़ समर्थक संगठनों ने 12 घंटे के बंद की घोषणा की है। कर्नाटक बंद के आह्वान के बीच, स्कूलों और कॉलेजों के लिए कोई आधिकारिक अवकाश घोषित नहीं किया गया है। हालांकि, कुछ निजी स्कूलों ने अवकाश घोषित किया है, छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे विवरण के लिए संबंधित स्कूल प्रशासन से संपर्क करें।

विशेष रूप से, कर्नाटक बोर्ड परीक्षाएँ और विभिन्न कक्षाओं के लिए वार्षिक परीक्षाएँ पूरे राज्य में चल रही हैं और परीक्षा तिथि के अनुसार स्कूल खुले हैं।

बंद के कारण Karnataka SSLC परीक्षा 2025 प्रभावित?

Karnataka Bandh: Bengaluru schools closed today? Check official update on SSLC exams

कर्नाटक स्कूल परीक्षा और मूल्यांकन बोर्ड (KSEAB) द्वारा जारी कर्नाटक SSLC परीक्षा समय सारणी 2025 के अनुसार, आज, 22 मार्च को कोई SSLC परीक्षा निर्धारित नहीं है। समय सारणी में शनिवार को ‘कोई परीक्षा नहीं’ और रविवार को ‘छुट्टी’ बताई गई है। इसलिए, बंद के कारण कर्नाटक कक्षा 10वीं की परीक्षा देने वाले छात्रों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

क्या आज बेंगलुरु के स्कूल बंद रहेंगे?

बेंगलुरु के डिप्टी कमिश्नर जगदीश जी के अनुसार, बंद के बावजूद शनिवार को शहर के स्कूलों और कॉलेजों में कोई छुट्टी घोषित नहीं की गई है। हालांकि, परिवहन सेवाओं पर असर पड़ने के कारण कुछ स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया गया है।

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आज कर्नाटक बंद क्यों है?

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कन्नड़ समर्थक कई संगठनों के एक छत्र संगठन ‘कन्नड़ ओक्कुटा’ ने हाल ही में सीमावर्ती जिले बेलगावी में मराठी न बोलने पर सरकारी बस कंडक्टर पर कथित हमले के विरोध में 22 मार्च को कर्नाटक में राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है। कन्नड़ कार्यकर्ता और ‘कन्नड़ ओक्कुटा’ नेता वट्टल नागराज ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और विभिन्न संगठनों से बंद को समर्थन देने का आग्रह किया।

यह घटना पिछले महीने हुई थी, जब बस बेलगावी शहर से बालेकुंडरी जा रही थी। इसके बाद, महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच अंतर-राज्यीय बस सेवाओं को निलंबित कर दिया गया, जिससे दोनों राज्यों के बीच दशकों पुराना सीमा और भाषा विवाद बढ़ गया।

सरकार बंद का समर्थन नहीं करती

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Karnataka के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार बंद को प्रोत्साहित नहीं करेगी। शिवकुमार ने कहा, “इस समय इसकी (बंद की) जरूरत नहीं है। उन्हें (संगठनों को) इस बारे में सरकार से बात करनी चाहिए थी। इसका असर छात्रों पर पड़ेगा। हमने (सरकार ने) 22 मार्च को विश्व जल दिवस पर कावेरी आरती के साथ एक महीने तक चलने वाला जल संरक्षण अभियान शुरू करने की भी योजना बनाई है।”

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Lucknow गैंगरेप और हत्या के आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए

Lucknow के महिलाबाद इलाके में अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और गला घोंटकर हत्या के आरोपी ऑटोरिक्शा चालक को शुक्रवार को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया। आरोपी पर दिन में ही एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। आरोपी के पास से पीड़िता का मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है।

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पुलिस ने गुरुवार को बताया कि 32 वर्षीय महिला का कथित तौर पर अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और गला घोंटकर हत्या कर दी गई। अयोध्या की रहने वाली महिला वाराणसी में नौकरी के लिए इंटरव्यू देने के बाद चिनहट में अपने भाई के घर जा रही थी। पीड़िता के परिवार ने क्या कहा?

Lucknow गैंगरेप और हत्या के बारे में


Lucknow gangrape and murder accused killed in police encounter

उसके परिवार के मुताबिक, उसने बुधवार तड़के आलमबाग से ऑटोरिक्शा किराए पर लिया था, लेकिन चालक उसे मलीहाबाद ले गया। Lucknow पुलिस उपायुक्त (डीसीपी)-क्राइम कमलेश कुमार दीक्षित ने कहा, “महिला के भाई ने बुधवार सुबह करीब 4 बजे उसके लापता होने की सूचना दी थी। उसने अपने भाई के साथ अपनी लाइव लोकेशन शेयर की थी, जिसमें संदेह जताया था कि ऑटोरिक्शा चालक उसे गलत रास्ते पर ले जा रहा था।

“जब उसकी आखिरी लोकेशन मलीहाबाद के पास थी, तो उसके परिवार ने आपातकालीन सेवा नंबर 112 पर इसकी सूचना दी, जिसके बाद स्थानीय पुलिस स्टेशन ने टीमें बनाईं और महिला की तलाश शुरू की। वह मलीहाबाद में मोहम्मद नगर तालुकदारी के पास एक आम के बगीचे में बेहोशी की हालत में मिली,” डीसीपी ने कहा।


Lucknow gangrape and murder accused killed in police encounter

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महिला को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। Lucknow पुलिस ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, क्योंकि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि अपराध में कई लोग शामिल थे।

Basoda 2025: तिथि, इतिहास और महत्व

Basoda 2025: बासोड़ा एक पारंपरिक हिंदू पर्व है, जिसे विशेष रूप से उत्तर भारत के कुछ हिस्सों, खासकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है। इसे शीतला अष्टमी के रूप में भी जाना जाता है और यह होली के बाद आने वाली अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भक्त शीतला माता की पूजा करते हैं और घर में एक दिन पहले बना भोजन ग्रहण करते हैं, जिसे बासी खाना कहा जाता है। इस परंपरा के पीछे यह मान्यता है कि इस दिन ठंडा और बासी भोजन खाने से शीतला माता प्रसन्न होती हैं और बीमारियों से रक्षा करती हैं।

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बासोड़ा 2025: तिथि और समय

Basoda 2025: Date, History and Significance

अष्टमी तिथि शुरू – 22 मार्च, 2025 – 04:23 पूर्वाह्न
अष्टमी तिथि समाप्त – 23 मार्च, 2025 – 05:23 पूर्वाह्न

Basoda का महत्व

इस दिन महिलाएँ व्रत रखती हैं और शीतला माता के मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करती हैं। विशेष रूप से इस दिन घरों में चूल्हा नहीं जलाया जाता, और परिवारजन एक दिन पहले पकाए गए भोजन को ही ग्रहण करते हैं। यह पर्व संक्रामक रोगों से बचाव और स्वच्छता का संदेश भी देता है, क्योंकि यह शीतला माता की कृपा पाने और रोगों से रक्षा करने की परंपरा से जुड़ा हुआ है।

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समाज और संस्कृति पर प्रभाव

Basoda 2025: Date, History and Significance

Basoda केवल धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य जागरूकता से भी जुड़ा हुआ है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह त्योहार हमें भोजन को सही तरीके से संरक्षित करने और स्वच्छता का पालन करने की प्रेरणा देता है। साथ ही, यह सामुदायिक एकता को भी बढ़ावा देता है, क्योंकि इस दिन लोग अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों के साथ भोजन साझा करते हैं।

बासोड़ा 2025: इतिहास

Basoda या शीतला अष्टमी की उत्पत्ति हिंदू पौराणिक कथाओं और परंपराओं में गहराई से निहित है। शीतला नाम देवी शीतला को संदर्भित करता है, जिन्हें बीमारियों को ठीक करने के लिए जिम्मेदार देवी माना जाता है, विशेष रूप से चेचक, चेचक और बुखार जैसे संक्रमणों से संबंधित। अष्टमी शब्द पूर्णिमा के बाद के आठवें दिन को संदर्भित करता है, जिसे देवताओं की पूजा के लिए शुभ माना जाता है। त्योहार का इतिहास और पालन सदियों पुराना है, जिसका संदर्भ कई हिंदू ग्रंथों में मिलता है। विशेष रूप से, शीतला अष्टमी को होली उत्सव का विस्तार माना जाता है, जो गर्मी की तीव्र गर्मी से अधिक मध्यम, सुखद जलवायु में संक्रमण का प्रतीक है।

निष्कर्ष

Basoda 2025: Date, History and Significance

Basoda पर्व न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है, बल्कि यह पर्यावरण, स्वास्थ्य, और सामाजिक समरसता का संदेश भी देता है। 2025 में यह पर्व 23 मार्च को मनाया जाएगा, और इस दिन लोग परंपरा के अनुसार शीतला माता की पूजा कर स्वस्थ और खुशहाल जीवन की प्रार्थना करेंगे।

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बार-बार Acidity? अपनाएं ये आसान डाइट बदलाव!

Acidity: क्या आपको खाने के बाद सीने में जलन महसूस होती है? क्या पेट फूलना, अपच या मुंह में खट्टा स्वाद आपकी दिनचर्या को प्रभावित करता है? अगर हां, तो आप बार-बार एसिडिटी के अटैक का सामना कर रहे हैं।

एसिडिटी, जिसे एसिड रिफ्लक्स या हार्टबर्न भी कहा जाता है, एक आम समस्या है जिससे लाखों लोग प्रभावित होते हैं। हालांकि कभी-कभी Acidity होना सामान्य है, लेकिन अगर यह बार-बार हो रही है, तो यह असहज हो सकती है और गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) जैसी गंभीर स्थिति का कारण बन सकती है।

अच्छी खबर यह है कि कुछ सरल आहार परिवर्तनों को अपनाकर आप तुरंत राहत पा सकते हैं और भविष्य में एसिडिटी की समस्या से बच सकते हैं। इस लेख में हम आपको बेहतर आहार आदतों, Acidity कम करने वाले खाद्य पदार्थों और जीवनशैली में बदलाव के बारे में बताएंगे, जो आपकी पाचन क्रिया को स्वस्थ बनाएंगे।

Frequent Acidity Try these simple diet changes!

बार-बार एसिडिटी होने के कारण

एसिडिटी से राहत पाने से पहले यह समझना जरूरी है कि अत्यधिक एसिड उत्पादन या एसिड के भोजन नली (ईसोफेगस) में चले जाने से यह समस्या होती है। इसके कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

  • गलत खान-पान की आदतें – भोजन छोड़ना, जल्दी-जल्दी खाना या अधिक खाना पाचन तंत्र को प्रभावित करता है।
  • तेज मसालेदार और तले हुए खाद्य पदार्थ – ये पेट की परत को उत्तेजित कर एसिड बढ़ाते हैं।
  • कैफीन और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स – चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक्स एसिडिटी बढ़ाते हैं।
  • अल्कोहल और धूम्रपान – यह भोजन नली की मांसपेशियों को कमजोर कर एसिडिटी को बढ़ाते हैं।
  • तनाव और चिंता – यह पेट में एसिड उत्पादन को बढ़ाता है।
  • व्यायाम की कमी – सुस्त जीवनशैली से पाचन धीमा हो जाता है, जिससे एसिडिटी बढ़ती है।

अब जब हमें इसके कारणों का पता चल गया है, तो चलिए जानते हैं कि किन आहार परिवर्तनों से एसिडिटी से राहत पाई जा सकती है।

1. गुनगुने पानी से दिन की शुरुआत करें

सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीने से पाचन तंत्र साफ होता है और Acidity नियंत्रित रहती है। इसमें शहद या नींबू की कुछ बूंदें मिलाने से अतिरिक्त लाभ मिलता है।

2. छोटे-छोटे भोजन करें

तीन बड़े भोजन के बजाय दिनभर में 5-6 छोटे-छोटे भोजन करें। इससे पेट में अधिक एसिड बनने से बचा जा सकता है।

बेहतर भोजन योजना:

  • नाश्ता: ओट्स, केला या ब्राउन ब्रेड
  • मध्य सुबह का नाश्ता: ताजे फल, नट्स या दही
  • दोपहर का खाना: ब्राउन राइस, हरी सब्जियां और प्रोटीन (दाल, पनीर, चिकन, मछली)
  • शाम का नाश्ता: हर्बल चाय और बादाम
  • रात का खाना: हल्का भोजन जैसे सूप, उबली हुई सब्जियां और साबुत अनाज
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3. क्षारीय (Alkaline) खाद्य पदार्थ अपनाएं

कुछ खाद्य पदार्थ पेट में एसिड को न्यूट्रलाइज़ कर Acidity को कम करने में मदद करते हैं।

एसिडिटी में फायदेमंद खाद्य पदार्थ:

 केला – प्राकृतिक एंटासिड जो पेट को शांत करता है
  खीरा – हाइड्रेटिंग और Acidity कम करने में सहायक
  नारियल पानी – पेट को ठंडा रखता है
  तरबूज और खरबूजा – पेट में एसिड को न्यूट्रल करता है
  हरी सब्जियां (पालक, लेट्यूस, मेथी) – एसिडिटी से राहत देती हैं

इन खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने से Acidity काफी कम हो सकती है।

4. अम्लीय (Acidic) और हानिकारक खाद्य पदार्थों से बचें

कुछ खाद्य पदार्थ Acidity को बढ़ाते हैं और इन्हें टालना चाहिए

एसिडिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ:

 साइट्रस फल (संतरा, नींबू, टमाटर) – अधिक अम्लीय होते हैं
मसालेदार और तले-भुने भोजन – एसिड रिफ्लक्स को बढ़ाते हैं
कैफीन (चाय, कॉफी, सोडा) – एसिड उत्पादन को बढ़ाता है
चॉकलेट और मीठे खाद्य पदार्थ – पेट के वाल्व को कमजोर करते हैं
प्रोसेस्ड और फास्ट फूड – पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं

इनकी जगह ताजे और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता दें।

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5. पर्याप्त पानी पिएं, लेकिन खाने के साथ नहीं

दिनभर में पर्याप्त पानी पीना पाचन में मदद करता है और एसिड को नियंत्रित रखता है। लेकिन, खाने के तुरंत पहले, बाद या बीच में ज्यादा पानी पीने से बचें, क्योंकि यह पाचन एंजाइमों को पतला कर सकता है।

बेहतर विकल्प:

नारियल पानी – पेट को ठंडा रखता है
हर्बल टी (अदरक, सौंफ, कैमोमाइल, मुलेठी चाय) – पाचन में सहायक
छाछ – प्रोबायोटिक्स से भरपूर, जो पेट को स्वस्थ रखते हैं

6. भोजन को अच्छी तरह चबाएं और धीरे-धीरे खाएं

पाचन की प्रक्रिया मुंह से ही शुरू होती है। भोजन को अच्छी तरह चबाने से पाचन आसान होता है और Acidity से बचाव होता है। जल्दी-जल्दी खाने से बचें और खाने के तुरंत बाद लेटने से भी परहेज करें।

7. घरेलू उपाय अपनाएं

अगर Acidity की समस्या हो जाए, तो ये घरेलू नुस्खे तुरंत राहत दे सकते हैं:

ठंडा दूध – पेट को ठंडक पहुंचाता है
सौंफ के बीज – भोजन के बाद चबाने से पाचन बेहतर होता है
एलोवेरा जूस – पेट की जलन को कम करता है
तुलसी के पत्ते – गैस और सूजन से राहत देते हैं
गुड़ – पाचन में मदद करता है और पेट को ठंडा रखता है

8. खाने के तुरंत बाद न लेटें

खाने के तुरंत बाद लेटने से पेट का एसिड भोजन नली में चला जाता है, जिससे हार्टबर्न होता है। इसलिए खाने के बाद कम से कम 2-3 घंटे तक सीधा बैठें और सोते समय सिर को ऊंचा रखें

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9. तनाव कम करें और पाचन को सुधारें

तनाव Acidity का एक बड़ा कारण है। इसे कम करने के लिए:
  मेडिटेशन और गहरी सांस लेने के अभ्यास करें
  नियमित शारीरिक गतिविधि (योग, वॉक) करें
  पर्याप्त नींद लें

10. एंटासिड के अधिक इस्तेमाल से बचें

एंटासिड से तुरंत राहत मिलती है, लेकिन इनका अधिक उपयोग पोषक तत्वों की कमी कर सकता है। बेहतर होगा कि आप प्राकृतिक तरीकों और आहार सुधार से एसिडिटी को नियंत्रित करें।

निष्कर्ष

एसिडिटी एक सामान्य लेकिन नियंत्रण योग्य समस्या है। सही आहार, हाइड्रेशन, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आप एसिडिटी से राहत पा सकते हैं और पाचन को मजबूत बना सकते हैं। आज ही इन उपायों को अपनाएं और Acidity से हमेशा के लिए छुटकारा पाएं!

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Raveena Tandon का साड़ी लुक, बेमिसाल खूबसूरती!

Raveena Tandon: जब फैशन की बात आती है, तो बॉलीवुड और दक्षिण भारतीय सिनेमा ने हमेशा ऐसे ट्रेंड सेट किए हैं जो लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं। भारतीय अभिनेत्रियों द्वारा अपनाई गई सबसे शाश्वत और सुंदर शैलियों में से एक साड़ी है। छह गज की यह पोशाक किसी भी महिला को शालीनता और सुंदरता की प्रतिमा में बदलने की शक्ति रखती है। हाल ही में, अभिनेत्रियाँ Raveena Tandon और कीर्ति सुरेश ने यह साबित कर दिया कि साड़ी उनकी खूबसूरती और आकर्षण को सहजता से बढ़ा सकती है। उनकी हालिया पारंपरिक साड़ी पहनावों ने फैशन प्रेमियों और प्रशंसकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

Raveena Tandon: गरिमा और शाही अंदाज की प्रतिमूर्ति

Raveena Tandon, जो अपने बेहतरीन फैशन सेंस और कालातीत सौंदर्य के लिए जानी जाती हैं, हाल ही में एक इवेंट में एक शानदार साड़ी पहनकर पहुंचीं, जिसने सबको चकित कर दिया। 90 के दशक से स्टाइल आइकन रही Raveena Tandon ने एक ऐसी भव्य साड़ी पहनी, जिसने उनकी शाही आभा को और बढ़ा दिया।

Raveena Tandon saree look, unmatched beauty!

Raveena Tandon की साड़ी का चुनाव

उन्होंने गहरे मैरून रंग की एक पारंपरिक बनारसी सिल्क साड़ी पहनी, जिस पर सुनहरे ज़री का बारीक काम था। भारी कढ़ाई और क्लासिक डिज़ाइन ने उनके लुक में एक सांस्कृतिक स्पर्श जोड़ा। यह साड़ी पूरी तरह से लिपटी हुई थी, जिससे उनका लुक बेहद आकर्षक और शाही लग रहा था।

साड़ी के साथ उन्होंने मैचिंग ब्लाउज पहना, जिसमें बारीक एम्ब्रॉयडरी थी। फुल-स्लीव ब्लाउज ने उनके पहनावे में एक रॉयल टच जोड़ा, जिससे उनकी खूबसूरती और भी निखर उठी।

आभूषण और स्टाइलिंग

आभूषण किसी भी साड़ी के सौंदर्य को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और Raveena Tandon ने इसे बखूबी निभाया। उन्होंने पारंपरिक गोल्ड ज्वेलरी पहनी, जिसमें एक भारी चोकर नेकलेस, स्टेटमेंट ईयररिंग्स और एक खूबसूरत मांगटीका शामिल था। उनकी ज्वेलरी ने उनकी साड़ी की भव्यता को और बढ़ा दिया।

उनका मेकअप क्लासिक रखा गया था – काजल से सजी गहरी आँखें, बोल्ड रेड लिपस्टिक और हल्का ब्लश, जिसने उनके ऊँचे गालों को उभारा। उनके बालों को हल्के कर्ल में खुला छोड़ा गया था, जिससे उनका लुक आधुनिकता और परंपरा का बेहतरीन मिश्रण लग रहा था।

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कीर्ति सुरेश: दक्षिण भारतीय सादगी की मिसाल

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता दक्षिण भारतीय अभिनेत्री कीर्ति सुरेश अपने अभिनय कौशल और पारंपरिक पोशाकों के प्रति प्रेम के लिए जानी जाती हैं। साड़ी हमेशा से उनके वार्डरोब का एक प्रमुख हिस्सा रही है, और वह इसे पूर्ण सहजता और शालीनता के साथ पहनती हैं। हाल ही में, उन्होंने एक हल्के गुलाबी रंग की साड़ी पहनी, जिसने उनकी सादगी और आकर्षण को और भी बढ़ा दिया।

कीर्ति की साड़ी का चुनाव

कीर्ति ने एक हल्की गुलाबी ऑर्गेन्जा साड़ी पहनी, जिस पर नाजुक फूलों की कढ़ाई थी। हल्के रंग और मुलायम कपड़े ने उनके लुक को स्वप्निल बना दिया। बॉर्डर और पल्लू पर की गई हाथ की बारीक कढ़ाई ने इस साड़ी को और भी खास बना दिया। भारी सिल्क साड़ियों की तुलना में, यह साड़ी अधिक आधुनिक लेकिन पारंपरिक भी दिख रही थी।

उनका ब्लाउज एक एलीगेंट बोट नेक और शीयर स्लीव्स के साथ डिज़ाइन किया गया था, जिसने उनके लुक में आधुनिकता और शालीनता जोड़ी। परंपरा और न्यूनतम शैली का यह बेहतरीन संतुलन उनके लुक को और भी आकर्षक बना रहा था।

परफेक्ट एक्सेसरीज़ के साथ लुक को पूरा करना

कीर्ति ने अपने आभूषणों को हल्का लेकिन प्रभावी रखा। उन्होंने अपने लुक को पर्ल ज्वेलरी के साथ पूरा किया, जिसमें एक स्टेटमेंट नेकलेस और नाजुक झुमके शामिल थे। मोतियों की चमक उनकी साड़ी के साथ खूबसूरती से मेल खा रही थी, जिससे उनका लुक और भी सुंदर दिख रहा था।

उनका मेकअप हल्का और नेचुरल रखा गया था – सॉफ्ट पिंक लिपस्टिक, परिभाषित भौहें और हल्का हाइलाइटर, जिसने उनके चेहरे की विशेषताओं को उभारा। उनके बालों को एक सलीकेदार बन में बांधा गया था, जिसे ताजे मोगरे के फूलों से सजाया गया था, जिससे उनका दक्षिण भारतीय आकर्षण और भी बढ़ गया।

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भारतीय फैशन में साड़ियों का शाश्वत आकर्षण

साड़ी भारतीय फैशन का एक अभिन्न हिस्सा रही है, जो परंपरा, संस्कृति और शालीनता का प्रतीक है। चाहे शादी हो, त्योहार हो या रेड-कार्पेट इवेंट, साड़ी किसी भी महिला को खूबसूरत दिखाने की शक्ति रखती है। Raveena Tandon और कीर्ति सुरेश द्वारा अपनाए गए साड़ी लुक्स इस बात को साबित करते हैं कि यह परिधान कभी भी फैशन से बाहर नहीं हो सकता।

Raveena Tandon ने जहां अपनी बनारसी सिल्क साड़ी से शाही और भव्य लुक अपनाया, वहीं कीर्ति ने हल्के रंग की ऑर्गेन्जा साड़ी से कोमल और स्त्रीत्वपूर्ण लुक पेश किया। ये दोनों ही अंदाज दिखाते हैं कि साड़ी को अलग-अलग अवसरों और व्यक्तित्वों के अनुसार ढाला जा सकता है।

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कैसे पाएं उनका यह स्टाइलिश लुक?

अगर आप Raveena Tandon और कीर्ति के साड़ी स्टाइल से प्रेरित हैं, तो यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं जिनकी मदद से आप भी इस तरह का लुक पा सकते हैं:

  1. सही कपड़े का चुनाव करें: Raveena Tandon की तरह सिल्क साड़ी खास मौकों के लिए परफेक्ट है, जबकि कीर्ति की ऑर्गेन्जा या जॉर्जेट साड़ी हल्के और खूबसूरत लुक के लिए बढ़िया विकल्प है।
  2. आभूषण ध्यान से चुनें: भारी गोल्ड ज्वेलरी सिल्क साड़ियों के साथ अच्छी लगती है, जबकि हल्के मोती या डायमंड ज्वेलरी हल्की साड़ियों के लिए बेहतरीन होती है।
  3. बालों की स्टाइलिंग: शाही लुक के लिए हल्की वेव्स या खुले बाल सही रहते हैं, जबकि बन और मोगरे के फूल पारंपरिक लुक को निखारते हैं।
  4. मेकअप का सही संतुलन: गहरे रंग की साड़ियों के साथ बोल्ड लिपस्टिक और काजल अच्छा लगता है, जबकि पेस्टल साड़ियों के साथ हल्का मेकअप ज्यादा आकर्षक लगता है।
  5. ड्रेपिंग स्टाइल पर ध्यान दें: साड़ी को अलग-अलग तरीकों से पहनने पर उसका लुक पूरी तरह बदल सकता है।

निष्कर्ष

Raveena Tandon और कीर्ति सुरेश ने एक बार फिर साबित कर दिया कि साड़ी भारतीय फैशन में हमेशा से ही शालीनता और खूबसूरती का प्रतीक रही है। उनका परिधान चयन और आत्मविश्वास से भरा अंदाज दर्शाता है कि साड़ी पहनना किसी भी अवसर को खास बना सकता है। चाहे आप भव्य सिल्क साड़ी पसंद करें या हल्की और नाजुक ऑर्गेन्जा साड़ी, यह परिधान हर महिला को आत्मविश्वास और सुंदरता का एहसास कराता है।

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Mannara Chopra ने गाया लता का गाना, हुईं ट्रोल!

Mannara Chopra: सोशल मीडिया एक दोधारी तलवार की तरह है। यह जहां सितारों को अपनी प्रतिभा दिखाने और प्रशंसकों से जुड़ने का अवसर देता है, वहीं उन्हें कड़ी आलोचना और ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ता है। हाल ही में, प्रियंका चोपड़ा की बहन Mannara Chopra को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा जब उन्होंने लता मंगेशकर के एक प्रसिद्ध गीत को गाया।

Mannara Chopra का सुरीला श्रद्धांजलि प्रयास

Mannara Chopra, जो बॉलीवुड और साउथ इंडस्ट्री में अपने अभिनय के लिए जानी जाती हैं, ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो साझा किया जिसमें उन्होंने लता मंगेशकर के एक प्रसिद्ध गीत को गाया। यह वीडियो उनकी तरफ से भारत रत्न लता मंगेशकर के प्रति एक श्रद्धांजलि थी।

वीडियो में, मनारा ने पूरे आत्मविश्वास के साथ गाना गाया और इसे भावनात्मक रूप से प्रस्तुत किया। हालांकि, कुछ प्रशंसकों ने उनकी इस पहल की सराहना की, लेकिन कई लोगों ने उनके गायन कौशल की आलोचना की।

ट्रोलिंग का शिकार हुईं Mannara Chopra

जैसे ही यह वीडियो ऑनलाइन आया, ट्रोल्स ने उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया। कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने उनकी गायकी की आलोचना की और कहा कि वे इस गीत के साथ न्याय नहीं कर पाईं। कुछ ने उनके गायन की तुलना शौकिया कराओके से की, तो कुछ ने कहा कि बिना उचित प्रशिक्षण के ऐसे प्रतिष्ठित गीतों को नहीं गाना चाहिए।

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कई ट्रोल्स ने तो संगीत विशेषज्ञों को टैग करके उनकी राय भी मांगी, जिससे नकारात्मक टिप्पणियों की बाढ़ आ गई।

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प्रशंसकों और फिल्म इंडस्ट्री से मिला समर्थन

हालांकि, नकारात्मकता के बीच, कई प्रशंसकों और इंडस्ट्री के लोगों ने मनारा का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि हर कलाकार को अपनी अभिव्यक्ति का अधिकार है और उनकी प्रतिभा को हतोत्साहित करने के बजाय प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

इसके अलावा, कई लोगों ने ऑनलाइन ट्रोलिंग की विषाक्तता की ओर भी ध्यान दिलाया और कहा कि इस तरह की नकारात्मकता कलाकारों की भावनाओं पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।

लता मंगेशकर की विरासत और उनके गीत गाने का दबाव

लता मंगेशकर भारतीय संगीत जगत की एक महान गायिका थीं, और उनके गानों को किसी धरोहर से कम नहीं माना जाता। उनके गीतों को गाने से पहले कलाकारों पर भारी दबाव होता है, क्योंकि प्रशंसकों की अपेक्षाएं बहुत अधिक होती हैं।

Mannara Chopra का मामला इस ओर इशारा करता है कि क्या कलाकारों को अपने आदर्शों को श्रद्धांजलि देने का प्रयास नहीं करना चाहिए? यह एक विचारणीय विषय है।

क्या कलाकारों को अपनी अभिव्यक्ति से डरना चाहिए?

यह घटना इस सवाल को उठाती है कि क्या सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग के डर से कलाकारों को अपनी अभिव्यक्ति से पीछे हट जाना चाहिए? यदि हर प्रयास को आलोचना और उपहास का सामना करना पड़ेगा, तो यह उभरते कलाकारों के लिए हतोत्साहित करने वाला होगा।

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Mannara Chopra की प्रतिक्रिया

इस विवाद पर Mannara Chopra ने बड़ी शालीनता से प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने समर्थकों का धन्यवाद किया और कहा कि हर किसी को अपनी राय रखने का अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि गायन उनका शौक है और वह इसे जारी रखेंगी।

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने आत्मविश्वास और धैर्य का संदेश साझा किया और अपने प्रशंसकों को प्रोत्साहित किया कि वे कलाकारों का समर्थन करें।

सोशल मीडिया आलोचना का व्यापक प्रभाव

यह घटना दर्शाती है कि सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग किस तरह से कलाकारों पर प्रभाव डाल सकती है। हालांकि, यह एक तथ्य है कि ऑनलाइन आलोचना और ट्रोलिंग से बचा नहीं जा सकता, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

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निष्कर्ष: आत्मविश्वास और दृढ़ता की सीख

Mannara Chopra की यह घटना उन सभी कलाकारों के लिए एक प्रेरणा है जो आलोचना से डरते हैं। कला की दुनिया में नकारात्मक टिप्पणियां हमेशा रहेंगी, लेकिन कलाकारों को आत्मविश्वास बनाए रखना चाहिए।

ट्रोलिंग से घबराने के बजाय, कलाकारों को अपनी प्रतिभा पर विश्वास रखना चाहिए और अपने प्रयास जारी रखने चाहिए। कला की सुंदरता उसकी विविधता में है, और हर कलाकार को अपनी अभिव्यक्ति का अधिकार है।

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Chaap की बेस्ट सब्जी रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार

Chaap की बेहतरीन और स्वादिष्ट रेसिपी के बारे में जानेंगे। साथ ही, यह भी समझेंगे कि चाप को कितने अलग-अलग तरीकों से बनाया जा सकता है, जैसे मसाला Chaap, मलाई चाप, तंदूरी चाप, ग्रेवी वाली चाप, अफगानी Chaap और स्टफ्ड चाप। इसके अलावा, Chaap के पोषण मूल्य, इसे स्वादिष्ट बनाने के टिप्स और सही तरीके से पकाने की जानकारी भी दी जाएगी, जिससे आप घर पर आसानी से एकदम रेस्टोरेंट जैसी टेस्टी Chaap बना सकें।

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Best Chaap Sabzi Recipe and Its Variations

Chaap एक स्वादिष्ट और प्रोटीन से भरपूर व्यंजन है, जो मुख्य रूप से सोया से बनाया जाता है। यह खासतौर पर उत्तर भारत में काफी लोकप्रिय है और इसका स्वाद मांसाहारी व्यंजनों जैसा होता है, इसलिए यह शाकाहारी लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। चाप को अलग-अलग तरीकों से बनाया जा सकता है, जैसे मलाई Chaap, मसाला चाप, तंदूरी चाप, ग्रेवी वाली चाप, अफगानी चाप और स्टफ्ड चाप।

इस लेख में हम चाप की सबसे बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकारों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

मसाला चाप बनाने की पारंपरिक रेसिपी

आवश्यक सामग्री:

  • 250 ग्राम सोया चाप
  • 2 बड़े चम्मच दही
  • 1 बड़ा चम्मच अदरक-लहसुन पेस्ट
  • 2 बड़े चम्मच तेल
  • 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
  • 1 चम्मच धनिया पाउडर
  • 1/2 चम्मच गरम मसाला
  • 1 चम्मच कसूरी मेथी
  • 2 टमाटर (बारीक कटे हुए)
  • 1 प्याज (बारीक कटा हुआ)
  • 1/2 चम्मच जीरा
  • 1 तेज पत्ता
  • 2 हरी मिर्च (बारीक कटी हुई)
  • नमक स्वादानुसार
  • 2 बड़े चम्मच धनिया पत्ती (गार्निश के लिए)

मसाला चाप बनाने की विधि:

1. चाप को उबालें और फ्राई करें:

  • सबसे पहले चाप को पानी में 5-7 मिनट तक उबालें, ताकि वह नरम हो जाए।
  • इसे ठंडा होने दें और फिर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
  • अब एक पैन में थोड़ा सा तेल गरम करें और उसमें चाप के टुकड़े हल्का सुनहरा भून लें।

2. मसाला तैयार करें:

  • एक कढ़ाई में तेल गरम करें और उसमें जीरा, तेज पत्ता, अदरक-लहसुन पेस्ट डालकर भूनें।
  • अब बारीक कटे प्याज डालें और सुनहरा भूरा होने तक भूनें।
  • टमाटर, हरी मिर्च डालें और 5-7 मिनट तक पकाएं, जब तक टमाटर अच्छे से गल न जाएं।

3. मसालों का मिश्रण:

  • हल्दी, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और नमक डालकर अच्छे से मिलाएं।
  • जब मसाले तेल छोड़ने लगें, तब इसमें दही डालें और धीमी आंच पर 3-4 मिनट तक पकाएं।

4. चाप को मिलाएं और पकाएं:

  • अब इसमें तली हुई चाप डालें और अच्छे से मिलाएं।
  • इसे 10 मिनट तक धीमी आंच पर ढककर पकाएं, ताकि चाप मसालों को अच्छे से सोख ले।
  • गरम मसाला और कसूरी मेथी डालकर 2 मिनट और पकाएं।

5. परोसने के लिए तैयार:

  • मसाला चाप को धनिया पत्ती से गार्निश करें और गरमा-गरम पराठा, नान, या रोटी के साथ परोसें।

चाप के विभिन्न प्रकार

1. मलाई चाप (Malai Chaap)

यह एक क्रीमी और मलाईदार चाप रेसिपी होती है, जिसे खासतौर पर मलाई और काजू पेस्ट के साथ तैयार किया जाता है।

Best Chaap Sabzi Recipe and Its Variations

बनाने की विधि:

  • तली हुई चाप को काजू पेस्ट, ताजी क्रीम, दही और मसालों में डालकर पकाएं।
  • इसे हल्का मीठा और मलाईदार स्वाद देने के लिए थोड़ा सा दूध भी डाला जा सकता है।

2. तंदूरी चाप (Tandoori Chaap)

तंदूरी चाप एक बेहतरीन स्नैक रेसिपी है, जिसे तंदूर या ओवन में ग्रिल किया जाता है।

बनाने की विधि:

  • चाप को दही, अदरक-लहसुन पेस्ट, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर और थोड़ा सा नींबू का रस डालकर 1-2 घंटे के लिए मैरीनेट करें।
  • फिर इसे तंदूर, ओवन या तवे पर सेंक लें।
  • ऊपर से मक्खन लगाकर परोसें।

3. ग्रेवी वाली चाप (Gravy Chaap)

अगर आप ग्रेवी वाली चाप बनाना चाहते हैं, तो इसे मलाईदार और मसालेदार ग्रेवी में पकाएं।

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बनाने की विधि:

  • प्याज, टमाटर, काजू और मलाई डालकर ग्रेवी तैयार करें।
  • इसमें तली हुई चाप डालकर धीमी आंच पर पकाएं।
  • इसे बटर नान या रोटी के साथ खाया जा सकता है।

4. अफगानी चाप (Afghani Chaap)

अफगानी चाप एक मलाईदार और हल्के मसालों वाली रेसिपी है, जो खासतौर पर सफेद ग्रेवी में बनाई जाती है।

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बनाने की विधि:

  • काजू और मलाई की ग्रेवी तैयार करें।
  • इसमें तली हुई चाप डालें और धीमी आंच पर पकाएं।
  • ऊपर से मक्खन और हरा धनिया डालकर परोसें।

5. स्टफ्ड चाप (Stuffed Chaap)

यह एक अनोखी और स्वादिष्ट चाप रेसिपी है, जिसमें चाप के अंदर स्टफिंग की जाती है।

बनाने की विधि:

  • चाप को हल्का काटकर उसमें पनीर, मसाले और क्रीम की स्टफिंग भरें।
  • इसे फ्राई करें और फिर ग्रेवी में डालकर पकाएं।

चाप खाने के फायदे

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  1. प्रोटीन से भरपूर: सोया चाप में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है, जो शरीर के लिए फायदेमंद होता है।
  2. हड्डियों के लिए अच्छा: इसमें कैल्शियम और फास्फोरस होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
  3. वजन घटाने में मददगार: चाप में फाइबर होता है, जिससे भूख कम लगती है और वजन कंट्रोल में रहता है।
  4. दिल की सेहत के लिए अच्छा: इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है, जिससे यह हार्ट हेल्दी फूड बनता है।
  5. मांसाहार का बढ़िया विकल्प: चाप का स्वाद मांसाहारी व्यंजनों जैसा होता है, इसलिए शाकाहारी लोग इसे पसंद करते हैं।

चाप एक स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर व्यंजन है, जिसे अलग-अलग तरीकों से बनाया जा सकता है। इस लेख में हमने मसाला चाप की पारंपरिक रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकारों की जानकारी दी है। आप अपनी पसंद के अनुसार कोई भी रेसिपी ट्राई कर सकते हैं और अपने खाने का स्वाद बढ़ा सकते हैं।

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Chana Dal की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार

Chana Dal की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकारों के बारे में विस्तार से जानेंगे। Chana Dal प्रोटीन, फाइबर और आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होती है, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है। यहां आपको पारंपरिक चना दाल तड़का, पंजाबी चना दाल, बिहारी चना दाल, Chana Dal की सब्जी, चना दाल पराठा, Chana Dal हलवा और Chana Dalकचौड़ी जैसी विभिन्न रेसिपी की जानकारी मिलेगी। साथ ही, चना दाल के स्वास्थ्य लाभ और इसे सही तरीके से पकाने के टिप्स भी साझा किए जाएंगे।

चना दाल की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार

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चना दाल भारतीय भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे विभाजित बंगाल चने (स्प्लिट चना) से बनाया जाता है और यह प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिजों से भरपूर होती है। चना दाल से कई प्रकार की स्वादिष्ट और पोषक व्यंजन बनाए जा सकते हैं, जैसे कि चना दाल तड़का, पंजाबी चना दाल, बिहारी स्टाइल चना दाल, बेसन-चना दाल की सब्जी, चना दाल पराठा, चना दाल की कचौड़ी और चना दाल हलवा आदि।

इस लेख में हम चना दाल की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकारों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

चना दाल तड़का बनाने की पारंपरिक रेसिपी

आवश्यक सामग्री:

दाल पकाने के लिए:

  • 1 कप चना दाल
  • 3 कप पानी
  • ½ चम्मच हल्दी पाउडर
  • नमक स्वादानुसार

तड़का के लिए:

  • 2 बड़े चम्मच घी या तेल
  • 1 चम्मच जीरा
  • 1 प्याज (बारीक कटा हुआ)
  • 2 टमाटर (बारीक कटे हुए)
  • 1 चम्मच अदरक-लहसुन पेस्ट
  • 2 हरी मिर्च (बारीक कटी हुई)
  • ½ चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1 चम्मच धनिया पाउडर
  • ½ चम्मच लाल मिर्च पाउडर
  • 1 चम्मच गरम मसाला
  • 1 चम्मच कसूरी मेथी
  • 2 बड़े चम्मच धनिया पत्ती (गार्निश के लिए)
  • 1 चम्मच नींबू का रस (वैकल्पिक)

चना दाल बनाने की विधि:

1. दाल पकाएं:

  • चना दाल को अच्छे से धो लें और कुकर में डालें।
  • इसमें हल्दी और नमक डालें और 3 कप पानी डालकर 4-5 सीटी आने तक पकाएं।
  • जब कुकर का प्रेशर निकल जाए, तो दाल को हल्का मैश कर लें।

2. तड़का तैयार करें:

  • एक पैन में घी गरम करें और उसमें जीरा, अदरक-लहसुन पेस्ट और हरी मिर्च डालकर भूनें
  • अब प्याज डालें और सुनहरा होने तक भूनें।
  • टमाटर डालें और 5 मिनट तक पकाएं, जब तक वे नरम न हो जाएं।
  • अब इसमें हल्दी, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और कसूरी मेथी डालकर भूनें।

3. दाल में तड़का डालें:

  • अब पकी हुई दाल को तड़के में डालें और अच्छे से मिलाएं।
  • इसे 5-7 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं ताकि सारे मसाले अच्छे से घुल जाएं।
  • गरम मसाला और धनिया पत्ती डालकर गैस बंद कर दें।

4. परोसने के लिए तैयार:

  • नींबू का रस डालकर गरमागरम रोटी, पराठा या चावल के साथ परोसें
Best Chana Dal Recipes and Its Variations

चना दाल के विभिन्न प्रकार

1. पंजाबी चना दाल (Punjabi Chana Dal)

यह एक गाढ़ी और मसालेदार दाल होती है, जिसे ज्यादा मक्खन और मलाई डालकर बनाया जाता है।

बनाने की विधि:

  • दाल को पका लें और उसमें बटर, फ्रेश क्रीम और थोड़ी सी मलाई डालकर धीमी आंच पर पकाएं।
  • ऊपर से तड़का लगाएं और कटी हुई हरी धनिया डालें।

2. बिहारी स्टाइल चना दाल (Bihari Chana Dal)

बिहार में चना दाल को एक खास तरीके से बनाया जाता है।

बनाने की विधि:

  • सरसों के तेल में पंचफोरन (5 मसालों का मिश्रण) डालें।
  • पकी हुई दाल में तड़का लगाएं और अमचूर पाउडर और हींग डालें
  • इसे चावल के साथ परोसें।

3. चना दाल की सब्जी (Chana Dal Sabji)

यह एक सूखी सब्जी होती है जिसे आलू और बेसन के साथ बनाया जाता है।

बनाने की विधि:

  • चना दाल को अधपका करें और फिर हल्के मसालों के साथ पकाएं।
  • इसमें कटे हुए आलू डालकर अच्छी तरह भूनें।
  • इसे पूरी या पराठे के साथ परोसें

4. चना दाल की कचौड़ी (Chana Dal Kachori)

यह एक क्रिस्पी और स्वादिष्ट नाश्ता होता है।

बनाने की विधि:

  • चना दाल को हल्का दरदरा पीस लें।
  • इसमें मसाले और हींग डालकर स्टफिंग तैयार करें।
  • इसे आटे में भरकर डीप फ्राई करें और गरमा गरम परोसें।

5. चना दाल पराठा (Chana Dal Paratha)

यह एक हेल्दी और टेस्टी पराठा होता है।

बनाने की विधि:

  • चना दाल को अच्छे से पकाकर पीस लें।
  • इसे आटे में मिलाएं और पराठे की तरह बेलकर सेंक लें।
  • इसे दही और अचार के साथ परोसें।

6. चना दाल हलवा (Chana Dal Halwa)

यह एक मीठा और स्वादिष्ट हलवा होता है, जिसे खास मौकों पर बनाया जाता है।

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बनाने की विधि:

  • चना दाल को घी में भूनें और दूध डालकर पकाएं।
  • इसमें चीनी, इलायची पाउडर और काजू डालें और अच्छे से पकाएं।
  • गरमा गरम हलवा परोसें।

चना दाल के फायदे

Best Chana Dal Recipes and Its Variations
  1. प्रोटीन से भरपूर: यह शाकाहारी लोगों के लिए एक बेहतरीन प्रोटीन स्रोत है।
  2. पाचन के लिए फायदेमंद: इसमें उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन को सही रखता है।
  3. दिल के लिए अच्छा: इसमें कोलेस्ट्रॉल नहीं होता, जिससे यह दिल के लिए हेल्दी होती है।
  4. मधुमेह के लिए लाभदायक: इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करती है।
  5. वजन घटाने में सहायक: यह कैलोरी में कम होती है और पेट को लंबे समय तक भरा रखती है।

निष्कर्ष

चना दाल एक स्वादिष्ट और सेहतमंद व्यंजन है, जिसे अलग-अलग तरीकों से बनाया जा सकता है। इस लेख में हमने चना दाल की पारंपरिक रेसिपी, इसके विभिन्न प्रकारों और इसके पोषण संबंधी लाभों की जानकारी दी है। आप अपनी पसंद के अनुसार कोई भी रेसिपी ट्राई कर सकते हैं और अपने खाने का स्वाद बढ़ा सकते हैं।

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दिल्ली AAP को मिला नया अध्यक्ष, मनीष सिसोदिया पंजाब इकाई के प्रभारी

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आम आदमी पार्टी (AAP) ने छह राज्यों में बड़ा संगठनात्मक फेरबदल किया है, जिसमें वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया गया है। शुक्रवार को आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक के दौरान इस फैसले को अंतिम रूप दिया गया।

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नई नियुक्तियों के अनुसार, आप के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) और राज्यसभा सांसद डॉ. संदीप पाठक को छत्तीसगढ़ का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, गोपाल राय गुजरात की देखरेख करेंगे और पंकज गुप्ता को गोवा का प्रभारी बनाया गया है। इन राज्यों में नए सह-प्रभारी भी नियुक्त किए गए हैं। सौरभ भारद्वाज को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि मेहराज मलिक को जम्मू-कश्मीर का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

डॉ. संदीप पाठक ने कहा, “पीएसी की बैठक में पार्टी के विस्तार और संगठनात्मक ढांचे समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। चार राज्यों के लिए प्रभारी और दो राज्यों के लिए नए अध्यक्षों की नियुक्ति को मंजूरी दी गई।” पंजाब के बारे में पाठक ने पुष्टि की कि मनीष सिसोदिया प्रभारी होंगे, जबकि सत्येंद्र जैन सह-प्रभारी होंगे। गुजरात में गोपाल राय प्रभारी होंगे, जबकि दुर्गेश पाठक सह-प्रभारी होंगे। गोवा में पंकज गुप्ता प्रभारी होंगे, जबकि अंकुश नारंग, आभाष चंदेला और दीपक सिंगला सह-प्रभारी होंगे। आम आदमी पार्टी (AAP) ने ऐसे समय में बदलाव किए हैं, जब वह दिल्ली चुनाव में हार के घाव को सहला रही है।

AAP के मनीष सिसोदिया पंजाब इकाई के प्रभारी बने

Delhi AAP gets new president, Manish Sisodia in-charge of Punjab unit

अपनी नई भूमिका के लिए आभार व्यक्त करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा, “मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि अरविंद केजरीवाल ने मुझे पंजाब के प्रभारी के रूप में काम करने की जिम्मेदारी सौंपी है। पिछले तीन वर्षों में, पंजाब के लोगों ने भगवंत मान के नेतृत्व में परिवर्तनकारी शासन देखा है, जिसकी पिछली सरकारें कल्पना भी नहीं कर सकती थीं।”

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उन्होंने पंजाब में AAP सरकार द्वारा की गई प्रमुख पहलों पर प्रकाश डाला, जिसमें रोजगार सृजन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में सुधार और कृषि क्षेत्र में सुधार शामिल हैं। उन्होंने कहा, “पिछले तीन वर्षों में किए गए कार्य पंजाब के इतिहास में बेमिसाल हैं।”

सिसोदिया ने पंजाब के लिए अपने विजन पर जोर देते हुए कहा, “मेरा लक्ष्य पंजाब के हर व्यक्ति को ‘बदलता पंजाब’ का प्रभाव महसूस कराना है। राज्य अब रोजगार, शिक्षा, प्रगति और विकास के बारे में बात करेगा, जिसमें नशाखोरी, अपराध या बेरोजगारी के लिए कोई जगह नहीं होगी।” सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सिसोदिया ने दोहराया, “मैं अरविंद केजरीवाल और पार्टी नेतृत्व को पंजाब का प्रभारी नियुक्त करने के लिए दिल से आभार व्यक्त करता हूं।

Delhi AAP gets new president, Manish Sisodia in-charge of Punjab unit

पिछले तीन सालों में किए गए काम के नतीजे अब दिखाई दे रहे हैं और हम एक आत्मविश्वास से भरा, बदलता पंजाब देख रहे हैं। इस बदलाव को तेज करने का समय आ गया है।” पंजाब – बड़ी चुनौती दिल्ली हारने के बाद, AAP पंजाब को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। पंजाब प्रभारी के रूप में सिसोदिया की पदोन्नति से संकेत मिलता है कि पार्टी 2027 के चुनावों के लिए रणनीति बना रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही सिसोदिया पंजाब में सक्रिय हैं। पंजाब के लुधियाना पश्चिम उपचुनाव के नजदीक आने पर सिसोदिया ने आप की जीत पर विश्वास जताया और कहा कि सरकार का ध्यान जन कल्याण पर रहेगा।

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Palak Ka Saag: बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार

Palak Ka Saag की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकारों के बारे में विस्तार से जानेंगे। Palak Ka Saag पोषक तत्वों से भरपूर एक हरी सब्जी है, जो आयरन, विटामिन A, C, K और फाइबर का अच्छा स्रोत है। यहां आप पारंपरिक पंजाबी Palak Ka Saag, सरसों-पालक का साग, आलू पालक, पालक पनीर, पालक मटर, पालक दाल, पालक पराठा और पालक शोरबा जैसी स्वादिष्ट और सेहतमंद रेसिपीज की जानकारी पाएंगे। साथ ही, Palak Ka Saag खाने के स्वास्थ्य लाभ और इसे सही तरीके से पकाने के टिप्स भी साझा किए जाएंगे।

पालक का साग: बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार

Palak Ka Saag: A Delicious Recipe

Palak Ka Saag भारतीय व्यंजनों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह लौह तत्व (Iron), विटामिन A, C और K, कैल्शियम और फाइबर से भरपूर होता है, जिससे यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। Palak Ka Saag को अलग-अलग प्रकार से बनाया जाता है, जैसे कि पारंपरिक पंजाबी पालक साग, सरसों-पालक का साग, आलू पालक, पनीर पालक, पालक मटर, पालक दाल, पालक पराठा, पालक का शोरबा आदि।

इस लेख में हम Palak Ka Saag की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकारों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

1. पंजाबी स्टाइल पालक का साग बनाने की रेसिपी

आवश्यक सामग्री:

साग के लिए:

  • 500 ग्राम पालक (अच्छी तरह धोकर कटे हुए)
  • 2 टमाटर (बारीक कटे हुए)
  • 1 प्याज (बारीक कटा हुआ)
  • 4-5 लहसुन की कलियां (कटी हुई)
  • 1 चम्मच अदरक-लहसुन पेस्ट
  • 2 हरी मिर्च (बारीक कटी हुई)
  • 1 चम्मच जीरा
  • ½ चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1 चम्मच धनिया पाउडर
  • ½ चम्मच लाल मिर्च पाउडर
  • 1 चम्मच गरम मसाला
  • 1 चम्मच कसूरी मेथी
  • 2 बड़े चम्मच घी या मक्खन
  • नमक स्वादानुसार

पालक का साग बनाने की विधि:

1. पालक को उबालें:

  • सबसे पहले Palak Ka Saag के पत्तों को अच्छे से धो लें।
  • एक बड़े बर्तन में पानी उबालें और उसमें पालक के पत्ते डालें।
  • 2-3 मिनट तक उबालें, फिर ठंडे पानी में डालकर ठंडा करें।
  • अब पालक को मिक्सर में दरदरा पीस लें।

2. तड़का तैयार करें:

  • एक कढ़ाई में घी गरम करें और उसमें जीरा, अदरक-लहसुन पेस्ट और हरी मिर्च डालकर भूनें।
  • अब प्याज डालें और सुनहरा होने तक भूनें।
  • टमाटर डालें और 5 मिनट तक पकाएं, जब तक वे नरम न हो जाएं।
  • अब इसमें हल्दी, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और कसूरी मेथी डालकर भूनें।

3. पालक मिलाएं:

  • अब पीसा हुआ पालक डालें और 5-7 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं।
  • इसमें नमक और गरम मसाला डालें और अच्छी तरह मिलाएं।

4. परोसने के लिए तैयार:

  • Palak Ka Saag मक्खन या घी डालकर रोटी, पराठा या मक्के की रोटी के साथ परोसें।

पालक के सा के विभिन्न प्रका

1. सरसों और पालक का साग (Sarson Palak Saag)

सरसों और पालक का साग एक पारंपरिक पंजाबी व्यंजन है।

Palak Ka Saag: A Delicious Recipe

बनाने की विधि:

  • सरसों के पत्तों और पालक को बराबर मात्रा में लें।
  • इन्हें उबालकर मिक्सर में पीस लें।
  • ऊपर बताए गए तड़के के अनुसार तैयार करें।
  • इसे मक्के की रोटी और मक्खन के साथ परोसें।

2. आलू पालक (Aloo Palak)

यह एक सूखी सब्जी होती है जो जल्दी बन जाती है।

बनाने की विधि:

  • आलू को छीलकर टुकड़ों में काट लें और हल्का फ्राई करें।
  • पालक को हल्का उबालकर दरदरा पीस लें।
  • एक पैन में तेल गरम करें, जीरा डालें और फिर आलू डालें।
  • अब हल्दी, धनिया पाउडर, मिर्च पाउडर डालकर भूनें।
  • पालक डालें और अच्छे से मिलाएं।

3. पालक पनीर (Palak Paneer)

यह एक प्रसिद्ध पंजाबी व्यंजन है।

बनाने की विधि:

  • पालक को उबालकर मिक्सर में पीस लें।
  • एक पैन में घी गरम करें और उसमें जीरा, अदरक-लहसुन पेस्ट डालकर भूनें।
  • टमाटर-प्याज का मसाला तैयार करें और उसमें पालक डालें।
  • पनीर के टुकड़े डालें और धीमी आंच पर पकाएं।
  • ऊपर से ताजा क्रीम डालकर परोसें।

4. पालक मटर (Palak Matar)

यह एक हल्की और पौष्टिक सब्जी होती है।

बनाने की विधि:

  • पालक को हल्का उबालकर दरदरा पीस लें।
  • मटर को अलग से उबाल लें।
  • एक पैन में जीरा, अदरक-लहसुन पेस्ट, प्याज, टमाटर और मसाले डालकर भूनें।
  • पालक और मटर डालें और 5 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं।

5. पालक दाल (Palak Dal)

यह एक प्रोटीन और आयरन से भरपूर व्यंजन है।

बनाने की विधि:

  • मूंग या तूर दाल को कुकर में पकाएं।
  • पालक को उबालकर पीस लें।
  • तैयार दाल में पालक डालें और ऊपर से तड़का लगाएं।
  • इसे चावल के साथ परोसें।

6. पालक का शोरबा (Palak Soup)

यह एक हेल्दी और स्वादिष्ट सूप है।

Matar Mushroom की बेस्ट सब्जी रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार

बनाने की विधि:

  • पालक को उबालकर पीस लें।
  • एक पैन में मक्खन गरम करें, उसमें लहसुन डालें।
  • अब पालक की प्यूरी डालें और हल्का उबालें।
  • नमक, काली मिर्च और क्रीम डालकर गरमा गरम परोसें।

पालक के साग के फायद

Palak Ka Saag: A Delicious Recipe
  1. आयरन से भरपूर: यह खून की कमी (एनीमिया) को दूर करता है।
  2. हड्डियों के लिए अच्छा: इसमें कैल्शियम होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
  3. दिल के लिए फायदेमंद: यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है।
  4. पाचन में सुधार: इसमें फाइबर की अधिकता होती है, जो पाचन को सही रखता है।
  5. मधुमेह के लिए लाभकारी: यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

निष्कर्ष

पालक का साग सेहत के लिए बेहद लाभकारी होता है और इसे कई तरीकों से बनाया जा सकता है। इस लेख में हमने पारंपरिक पालक साग रेसिपी, इसके विभिन्न प्रकारों और स्वास्थ्य लाभों की जानकारी दी है। आप अपनी पसंद के अनुसार कोई भी रेसिपी आजमा सकते हैं और अपने भोजन को स्वादिष्ट और पोषक बना सकते हैं।

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RBI के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 654.271 बिलियन डॉलर हुआ

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RBI ने शुक्रवार को बताया कि 14 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 305 मिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 654.271 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में, कुल भंडार 15.267 बिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 653.966 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था और दो साल में सबसे तेज साप्ताहिक वृद्धि दर्ज की गई थी।

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विदेशी मुद्रा भंडार में यह उछाल आंशिक रूप से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किए गए 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर के विदेशी मुद्रा विनिमय के कारण है।

रुपये में उतार-चढ़ाव को कम करने में मदद करने के लिए आरबीआई द्वारा विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के साथ-साथ पुनर्मूल्यांकन के कारण हाल ही में भंडार में गिरावट का रुख रहा है। सितंबर 2024 में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 704.885 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।

RBI का बयान

According to RBI, India's foreign exchange reserves increased to $654.271 billion

शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 14 मार्च को समाप्त सप्ताह के लिए, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, जो भंडार का एक प्रमुख घटक है, 96 मिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 557.186 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गईं।

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डॉलर के संदर्भ में व्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी इकाइयों की वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है।

RBI ने कहा कि सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार 66 मिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 74.391 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। शीर्ष बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 51 मिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 18.262 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गए।

According to RBI, India's foreign exchange reserves increased to $654.271 billion

शीर्ष बैंक के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में आईएमएफ के साथ भारत की आरक्षित स्थिति भी 283 मिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 4.431 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई।

Malka Dal की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार

इस लेख में हम Malka Dal (मसूर दाल) की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकारों के बारे में जानेंगे। Malka Dal प्रोटीन, फाइबर और आयरन से भरपूर होती है और सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है। यहां आप सीखेंगे कि पारंपरिक Malka Dal तड़का, पंजाबी स्टाइल Malka Dal, बंगाली मसूर दाल, क्रीमी मसूर दाल, मसूर दाल खिचड़ी और मसूर दाल शोरबा जैसी कई स्वादिष्ट और पौष्टिक रेसिपी कैसे बनाई जाती हैं। साथ ही, हम Malka Dal के स्वास्थ्य लाभ और इसे सही तरीके से पकाने के टिप्स भी साझा करेंगे।

मसूर की दाल (मलका दाल) की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार

Best Malka Dal Recipe

Malka Dal जिसे आमतौर पर मसूर की दाल कहा जाता है, भारतीय रसोई में एक बहुत ही लोकप्रिय और पौष्टिक दाल है। यह लाल या नारंगी रंग की होती है और आसानी से पक जाती है। इस दाल में प्रोटीन, फाइबर, आयरन और अन्य आवश्यक पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। इसे विभिन्न तरीकों से बनाया जा सकता है, जैसे कि तड़का दाल, दाल फ्राई, क्रीमी मसूर दाल, पंजाबी स्टाइल दाल, बंगाली मसूर दाल, और कई अन्य स्वादिष्ट रूपों में।

इस लेख में हम Malka Dal की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकारों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

मलका दाल तड़का बनाने की पारंपरिक रेसिपी

आवश्यक सामग्री:

दाल पकाने के लिए:

  • 1 कप Malka Dal (मसूर दाल)
  • 3 कप पानी
  • ½ चम्मच हल्दी पाउडर
  • नमक स्वादानुसार

तड़का के लिए:

  • 2 बड़े चम्मच घी या तेल
  • 1 चम्मच जीरा
  • 1 प्याज (बारीक कटा हुआ)
  • 2 टमाटर (बारीक कटे हुए)
  • 1 चम्मच अदरक-लहसुन पेस्ट
  • 2 हरी मिर्च (बारीक कटी हुई)
  • ½ चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1 चम्मच धनिया पाउडर
  • ½ चम्मच लाल मिर्च पाउडर
  • 1 चम्मच गरम मसाला
  • 1 चम्मच कसूरी मेथी
  • 2 बड़े चम्मच धनिया पत्ती (गार्निश के लिए)
  • 1 चम्मच नींबू का रस (वैकल्पिक)

मलका दाल बनाने की विधि:

1. दाल पकाएं:

  • मलका दाल को अच्छे से धो लें और कुकर में डालें।
  • इसमें हल्दी और नमक डालें और 3 कप पानी डालकर 3-4 सीटी आने तक पकाएं।
  • जब कुकर का प्रेशर निकल जाए, तो दाल को अच्छी तरह से फेंट लें, ताकि वह स्मूद हो जाए।

2. तड़का तैयार करें:

  • एक पैन में घी गरम करें और उसमें जीरा, अदरक-लहसुन पेस्ट और हरी मिर्च डालकर भूनें।
  • अब प्याज डालें और सुनहरा होने तक भूनें।
  • टमाटर डालें और 5 मिनट तक पकाएं, जब तक वे नरम न हो जाएं।
  • अब इसमें हल्दी, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और कसूरी मेथी डालकर भूनें।

3. दाल में तड़का डालें:

  • अब पकी हुई दाल को तड़के में डालें और अच्छे से मिलाएं।
  • इसे 5-7 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं ताकि सारे मसाले अच्छे से घुल जाएं।
  • गरम मसाला और धनिया पत्ती डालकर गैस बंद कर दें।

4. परोसने के लिए तैयार:

  • नींबू का रस डालकर गरमागरम रोटी, पराठा या चावल के साथ परोसें

मलका दाल के विभिन्न प्रकार

1. पंजाबी मलका दाल (Punjabi Malka Dal)

Best Malka Dal Recipe

यह एक गाढ़ी और मलाईदार दाल होती है, जिसे ज्यादा मक्खन और मलाई डालकर बनाया जाता है।

बनाने की विधि:

  • दाल को पका लें और उसमें बटर, फ्रेश क्रीम और थोड़ी सी मलाई डालकर धीमी आंच पर पकाएं।
  • ऊपर से तड़का लगाएं और कटी हुई हरी धनिया डालें।

2. बंगाली मसूर दाल (Bengali Masoor Dal)

यह बंगाल में खाई जाने वाली एक साधारण और स्वादिष्ट दाल है।

बनाने की विधि:

  • सरसों के तेल में पंचफोरन (5 मसालों का मिश्रण) डालें।
  • पकी हुई दाल में तड़का लगाएं और हल्का सा गुड़ या चीनी डालें
  • इसे चावल के साथ परोसें।

3. क्रीमी मसूर दाल (Creamy Masoor Dal)

यह एक रेस्टोरेंट स्टाइल दाल होती है, जिसे बहुत क्रीमी और स्वादिष्ट बनाया जाता है।

बनाने की विधि:

  • दाल को दूध और क्रीम के साथ पकाएं।
  • ऊपर से मक्खन और तली हुई प्याज डालें।
  • इसे नान या रोटी के साथ परोसें।

4. मसूर दाल खिचड़ी (Masoor Dal Khichdi)

यह एक स्वस्थ और हल्की डिश होती है, जो बीमार लोगों के लिए भी अच्छी होती है।

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बनाने की विधि:

  • चावल और मसूर दाल को एक साथ पकाएं।
  • इसमें हल्का सा घी और तड़का लगाएं।
  • इसे पापड़ और अचार के साथ परोसें।

5. मसूर दाल शोरबा (Masoor Dal Soup)

यह एक हेल्दी और लाइट रेसिपी होती है, जिसे डाइट फूड के रूप में भी खाया जाता है।

बनाने की विधि:

  • दाल को अच्छे से पकाकर मिक्सी में पीस लें
  • इसमें काली मिर्च, नींबू और धनिया डालें और गरमागरम सूप की तरह परोसें।

मलका दाल के फायदे

Best Malka Dal Recipe
  1. प्रोटीन से भरपूर: यह शाकाहारी लोगों के लिए एक बेहतरीन प्रोटीन स्रोत है।
  2. पाचन के लिए फायदेमंद: इसमें उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन को सही रखता है।
  3. दिल के लिए अच्छा: इसमें कोलेस्ट्रॉल नहीं होता, जिससे यह दिल के लिए हेल्दी होती है।
  4. त्वचा के लिए फायदेमंद: इसमें मौजूद आयरन और एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को स्वस्थ रखते हैं।
  5. वजन घटाने में सहायक: यह कैलोरी में कम होती है और पेट को लंबे समय तक भरा रखती है।

निष्कर्ष

मलका दाल एक स्वादिष्ट और सेहतमंद व्यंजन है, जिसे अलग-अलग तरीकों से बनाया जा सकता है। इस लेख में हमने मलका दाल की पारंपरिक रेसिपी, इसके विभिन्न प्रकारों और इसके पोषण संबंधी लाभों की जानकारी दी है। आप अपनी पसंद के अनुसार कोई भी रेसिपी ट्राई कर सकते हैं और अपने खाने का स्वाद बढ़ा सकते हैं।

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