Hanuman Chalisa, हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक पाठ है जिसे तुलसीदास जी ने 16वीं सदी में अवधी भाषा में रचा था। इसे भगवान हनुमान की स्तुति और भक्ति में लिखा गया है। इस पाठ में 40 चौपाइयों (इसलिए इसे “चालीसा” कहा जाता है) के माध्यम से भगवान हनुमान के गुण, कृतित्व, शक्ति और भक्ति का वर्णन किया गया है। यह पाठ विशेष रूप से संकटमोचन हनुमान के आशीर्वाद के लिए पढ़ा जाता है।
Hanuman Chalisa का पाठ करने के विशेष लाभ बताए गए हैं। इसे नियमित 11 दिनों तक पढ़ने से भक्त की इच्छाएं पूरी होती हैं और हर प्रकार के संकट दूर होते हैं। आइए, इस प्रक्रिया और इसके लाभों को विस्तार से समझते हैं।
हनुमान चालीसा का महत्व
Hanuman Chalisa का पाठ भक्तों के लिए आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक रूप से फायदेमंद होता है। यह पाठ न केवल भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने का माध्यम है, बल्कि इसे नियमित रूप से पढ़ने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
आध्यात्मिक शुद्धि: Hanuman Chalisa के पाठ से आत्मा को शांति और शुद्धि मिलती है।
संकटों का निवारण: भगवान हनुमान को “संकटमोचन” कहा जाता है, और यह पाठ सभी प्रकार के कष्टों को दूर करता है।
भय का नाश: Hanuman Chalisa का पाठ करने से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं और व्यक्ति निडर बनता है।
सकारात्मक ऊर्जा: पाठ के दौरान उत्पन्न ध्वनि तरंगें मन और मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं।
सभी कार्यों में सफलता: हनुमान जी के आशीर्वाद से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं।
11 दिनों तक हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें?
Hanuman Chalisa का पाठ 11 दिनों तक नियमित करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
1. संकल्प लें
Hanuman Chalisa का पाठ शुरू करने से पहले, भगवान हनुमान के सामने संकल्प लें कि आप इसे 11 दिनों तक पूरी श्रद्धा के साथ करेंगे। यह संकल्प मानसिक दृढ़ता और प्रतिबद्धता सुनिश्चित करता है।
2. पूजा स्थल तैयार करें
साफ-सुथरा और शांत स्थान चुनें।
हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
दीपक जलाएं और अगरबत्ती अर्पित करें।
लाल रंग के फूल, चंदन और हनुमान जी को प्रिय मावे का प्रसाद चढ़ाएं।
3. शुद्धता का पालन करें
स्नान करके और स्वच्छ वस्त्र पहनकर पाठ करें।
पाठ के दौरान मन को एकाग्र रखें और शुद्धता बनाए रखें।
4. पाठ का समय निर्धारित करें
हर दिन एक निश्चित समय पर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
सुबह ब्रह्म मुहूर्त (4-6 बजे) सबसे अच्छा समय माना जाता है।
5. संख्या और पवित्रता
हर दिन Hanuman Chalisa को कम से कम 5 या 11 बार पढ़ें।
यदि समय हो, तो अधिक बार भी पाठ कर सकते हैं।
6. भक्ति भाव और ध्यान
पाठ के दौरान भगवान हनुमान के स्वरूप का ध्यान करें।
उनके गुणों और लीलाओं का स्मरण करें।
हनुमान चालीसा के लाभ
Hanuman Chalisa का पाठ नियमित रूप से करने से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। 11 दिनों तक इसके पाठ से कुछ विशिष्ट लाभ होते हैं:
1. मानसिक शांति और ध्यान केंद्रित करना
Hanuman Chalisa के शब्दों में एक अद्भुत शक्ति होती है, जो मन को शांत और एकाग्र करती है। यह मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद को दूर करता है।
2. भय और नकारात्मकता का नाश
हनुमान चालीसा में ऐसी दिव्य शक्ति है जो हर प्रकार के भय, बुरे सपने और नकारात्मक शक्तियों को नष्ट कर देती है।
3. रोगों से मुक्ति
11 दिनों तक हनुमान चालीसा का पाठ करने से रोगों और बीमारियों में राहत मिलती है। भगवान हनुमान की कृपा से शरीर स्वस्थ और मजबूत रहता है।
यह मंत्र हनुमान जी की कृपा को शीघ्र प्राप्त करने में सहायक होते हैं।
Hanuman Chalisa का 11 दिन का पाठ न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह आत्म-शक्ति और मानसिक शांति का भी माध्यम है। इसके नियमित अभ्यास से जीवन में सकारात्मकता, समृद्धि और संतोष का वास होता है।
Shiv Chalisa भगवान शिव की स्तुति और आराधना का एक प्रमुख स्तोत्र है, जिसे हिंदू धर्म में भक्तगण अत्यंत श्रद्धा और भक्ति से गाते और पढ़ते हैं। Shiv Chalisa में कुल 40 छंद होते हैं, जिसमें भगवान शिव की महिमा, शक्ति और कृपा का वर्णन किया गया है। यह चालीसा संस्कृत और अवधी भाषा का मिश्रण है, जिससे इसे आम लोग आसानी से समझ और गा सकते हैं।
Table of Contents
शिव चालीसा: महत्व, इतिहास और सम्पूर्ण व्याख्या
शिव चालीसा का महत्व
Shiv Chalisa का नियमित पाठ करने से भक्त को मानसिक शांति, आत्मबल, और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। यह चालीसा विशेष रूप से उन लोगों के लिए प्रभावी मानी जाती है जो जीवन में किसी कठिनाई या संकट से गुजर रहे होते हैं।
भक्त की इच्छाओं की पूर्ति: Shiv Chalisa का पाठ करने से भक्त की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। भगवान शिव को “आशुतोष” कहा गया है, जो जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं।
नकारात्मक ऊर्जा का नाश: Shiv Chalisa पढ़ने से नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरी शक्तियों का नाश होता है। यह व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मकता का वातावरण बनाता है।
धन और स्वास्थ्य: Shiv Chalisa का पाठ करने से जीवन में धन, स्वास्थ्य, और समृद्धि आती है।
मनोवांछित फल की प्राप्ति: भगवान शिव अपने भक्तों को उनकी इच्छाओं के अनुसार फल प्रदान करते हैं।
कष्टों से मुक्ति: Shiv Chalisa का पाठ करने से जीवन के सभी प्रकार के कष्ट और दुख दूर होते हैं।
शिव चालीसा का इतिहास
Shiv Chalisa की रचना संत तुलसीदास द्वारा की गई मानी जाती है। हालांकि, कुछ विद्वानों का मानना है कि यह चालीसा अन्य भक्त कवियों द्वारा रची गई हो सकती है। इसकी सटीक उत्पत्ति के बारे में कोई ठोस प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
तुलसीदास जी ने अपने समय में भगवान राम और शिव दोनों की महिमा का गुणगान किया। शिव चालीसा उनकी रचनाओं का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें शिव की शक्ति और उनके आशीर्वाद का विस्तार से वर्णन किया गया है।
शिव चालीसा का पाठ कब और कैसे करें?
समय: Shiv Chalisa का पाठ सुबह और शाम के समय करना शुभ माना जाता है।
स्नान और शुद्धता: पाठ से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
ध्यान: पाठ करते समय भगवान शिव का ध्यान करें और उनकी मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
विशेष दिन: सोमवार, महाशिवरात्रि, और श्रावण मास के दौरान इसका पाठ अत्यधिक फलदायक होता है।
भक्ति और एकाग्रता: पाठ के दौरान पूर्ण भक्ति और एकाग्रता बनाए रखें।
शिव चालीसा के मुख्य छंदों की व्याख्या
अब हम शिव चालीसा के प्रमुख छंदों की व्याख्या करेंगे:
॥ दोहा ॥ श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥
इस दोहे में भगवान शिव की स्तुति से पहले गणेश जी का आह्वान किया गया है, क्योंकि हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश वंदना की परंपरा है।
॥ चालीसा ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ इस छंद में भगवान शिव को दीन-दुखियों पर कृपा करने वाले और संतों की रक्षा करने वाले के रूप में वर्णित किया गया है।
भाल चंद्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥ भगवान शिव के सौंदर्य और उनके आभूषणों का वर्णन किया गया है। उनके माथे पर चंद्रमा, कानों में कुंडल, और गले में सांप उनके अद्वितीय स्वरूप को दर्शाते हैं।
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥ शिव के शरीर पर भस्म और मुण्डमाल उनके वैराग्य और तपस्वी स्वरूप को प्रकट करती है।
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मुनि मोहे॥ भगवान शिव के वस्त्र और उनकी छवि को देखकर नाग और ऋषि भी मोहित हो जाते हैं।
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥ यहां पार्वती जी की सुंदरता और भगवान शिव के साथ उनकी उपस्थिति का वर्णन है।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥ शिव के हाथ में त्रिशूल उनकी शक्ति और उनके शत्रुनाशक स्वरूप को प्रकट करता है।
नन्दि गणेश सोहैं तहं कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ शिव के वाहन नंदी और पुत्र गणेश को कमल के समान सुंदर और पवित्र बताया गया है।
शिव चालीसा का समापन और फलश्रुति
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥ इस पंक्ति में यह कहा गया है कि जो व्यक्ति शिव चालीसा का पाठ मन लगाकर करता है, उसे भगवान शिव का आशीर्वाद अवश्य मिलता है।
त्रिपुरारि नर अखिल दुःख हरहीं। भव भवनि भव भय सुखकरहीं॥ भगवान शिव त्रिपुरारी हैं, जो सभी दुखों का नाश करते हैं और अपने भक्तों को सुख प्रदान करते हैं।
संकट हरता: मान्यता है कि Shiv Chalisa का पाठ करने से बड़े से बड़ा संकट भी टल जाता है।
पारिवारिक सुख: परिवार में सुख-शांति बनाए रखने के लिए भी शिव चालीसा का पाठ लाभदायक है।
कर्ज से मुक्ति: आर्थिक समस्याओं और कर्ज से छुटकारा पाने के लिए भी इसका पाठ प्रभावी माना जाता है।
शिव की कृपा: शिव चालीसा पढ़ने से शिव की कृपा से व्यक्ति को अज्ञानता और मोह से मुक्ति मिलती है।
शिव चालीसा के धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ
Shiv Chalisa केवल एक पाठ नहीं है, बल्कि यह भक्त और भगवान के बीच का आध्यात्मिक संवाद है। इसके नियमित पाठ से व्यक्ति अपने भीतर एक नई ऊर्जा और शांति का अनुभव करता है। शिव चालीसा भगवान Shiv Chalisa की असीम शक्ति और उनकी दयालुता को समझने का एक साधन है।
॥दोहा॥ श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥
॥चालीसा॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल चंद्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मुनि मोहे॥ मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥ नन्दि गणेश सोहैं तहं कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥ देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुःख प्रभु आप निवारा॥ किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥ तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महं मारि गिरायउ॥ आप जलंधर असुर संहारा। सुवन मेनाके क्षण में मारा॥ ताहि समय जबहिं आप पधारे। त्रिपुरासुर संहारे॥
(आगे छंदों को पढ़कर व्यक्ति शिव की पूर्ण कृपा प्राप्त करता है।)
निष्कर्ष
Shiv Chalisa भगवान शिव की शक्ति, वैभव, और करुणा का प्रतिबिंब है। इसका नियमित पाठ व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाता है। Shiv Chalisa केवल एक पाठ नहीं, बल्कि भक्तों के लिए भगवान शिव से जुड़ने का एक मार्ग है।इस लेख में Shiv Chalisa का इतिहास, महत्व, और इसके छंदों की विस्तृत व्याख्या की गई है। जानें कि Shiv Chalisa का पाठ कैसे किया जाए, इसके लाभ, और यह भक्तों के जीवन में किस प्रकार शांति, समृद्धि, और शक्ति प्रदान करता है। शिव भक्ति में डूबने के लिए यह सम्पूर्ण मार्गदर्शिका है।
इस सीज़न में पहली बार दिल्ली की Air Pollution “गंभीर +” तक गिरने के साथ, केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने रविवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण 4 के तहत दिल्ली-एनसीआर के लिए सख्त प्रदूषण नियंत्रण उपायों की घोषणा की, जो कि सोमवार सुबह 8 बजे से लागू होंगे।
सख्त प्रदूषण नियंत्रण उपाय लागू किए जाने के तुरंत बाद, दिल्ली सरकार ने कक्षा 10 और 12 के छात्रों को छोड़कर सभी के लिए व्यक्तिगत कक्षाएं निलंबित कर दीं।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय जीआरएपी IV के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कल सभी संबंधित विभागों के विभागाध्यक्षों के साथ बैठक करेंगे, उनके कार्यालय ने एक बयान में कहा।
प्रतिबंधों में ट्रक प्रवेश पर प्रतिबंध और सार्वजनिक परियोजनाओं पर निर्माण पर अस्थायी रोक शामिल है।
दिल्ली में Air Pollution का बढ़ता स्तर
दिल्ली का AQI आज शाम 4:00 बजे 441 (गंभीर) दर्ज किया गया और धीरे-धीरे इसमें और वृद्धि हो रही है और पहले से ही “गंभीर+” श्रेणी में पहुंच गया है, क्योंकि AQI शाम 5:00 बजे, 6:00 बजे 447, 452 और 457 दर्ज किया गया दिल्ली-एनसीआर वायु गुणवत्ता पर केंद्र के पैनल, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कहा।
दिल्ली-एनसीआर के लिए जीआरएपी को वायु गुणवत्ता के चार चरणों में विभाजित किया गया है:
वायु गुणवत्ता के लिए चरण 1 (201 से 300 तक AQI)-“खराब”
वायु गुणवत्ता के लिए चरण 2 (301 से 400 तक AQI)- “बहुत खराब”
वायु गुणवत्ता के लिए चरण 3 (401 से 450 तक AQI)-“गंभीर”
वायु गुणवत्ता के लिए चरण 4 (450 से ऊपर AQI)-“गंभीर प्लस”
आदेश के मुताबिक, आवश्यक वस्तुएं ले जाने वाले या स्वच्छ ईंधन का उपयोग करने वाले ट्रकों को छोड़कर किसी भी ट्रक को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहनों और सीएनजी और बीएस-VI डीजल वाहनों को छोड़कर, दिल्ली के बाहर पंजीकृत गैर-जरूरी हल्के वाणिज्यिक वाहनों पर भी प्रतिबंध रहेगा।
पैनल ने कहा, आवश्यक सेवाओं को छोड़कर, दिल्ली में पंजीकृत बीएस-IV या पुराने डीजल मध्यम और भारी माल वाहनों पर प्रतिबंध है। राजमार्गों, सड़कों, फ्लाईओवरों, बिजली लाइनों, पाइपलाइनों और अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण गतिविधियों को निलंबित कर दिया गया है।
इसने यह भी सिफारिश की कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कार्यालय 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करें, बाकी घर से काम करें। पैनल ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए घर से काम करने का विकल्प पेश किया जा सकता है।
इसमें कहा गया है कि राज्य सरकारें कॉलेजों को बंद करने, गैर-जरूरी व्यावसायिक गतिविधियों को सीमित करने और सम-विषम वाहन नियम लागू करने का निर्णय भी ले सकती हैं।
कथित तौर पर Rohit Sharma बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के शुरुआती मैच से चूकने वाले हैं। उनकी अनुपस्थिति में 22 नवंबर से शुरू होने वाले पर्थ टेस्ट के लिए उप-कप्तान जसप्रित बुमरा कप्तान की कमान संभालेंगे।
ईएसपीएन क्रिकइन्फो की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्टार भारतीय बल्लेबाज अपने दूसरे बच्चे के जन्म के कारण पांच मैचों की श्रृंखला के पहले टेस्ट के लिए ऑस्ट्रेलिया नहीं जाएंगे। रोहित शर्मा 6 दिसंबर से एडिलेड में शुरू होने वाले दूसरे मैच के लिए टीम से जुड़ेंगे।
Rohit Sharma और उनकी पत्नी रितिका सजदेह ने 15 नवंबर को अपने दूसरे बच्चे को जन्म दिया। रोहित ने कथित तौर पर बीसीसीआई और टीम प्रबंधन को श्रृंखला के शुरुआती मैच के लिए अपनी संभावित अनुपलब्धता के बारे में सूचित किया था और पांच मैचों की श्रृंखला के लिए भारतीय टीम के साथ यात्रा नहीं की थी।
KL Rahul को मौका मिलने की संभावना
शनिवार को युवा खिलाड़ी के अंगूठे में फ्रैक्चर होने के बाद भारतीय टीम पहले टेस्ट के लिए शुबमन गिल की फिटनेस पर पहले से ही पसीना बहा रही थी और अब रोहित की अनुपस्थिति ने और अधिक चिंता बढ़ा दी है। पर्थ मैच के लिए गिल के ठीक होने की संभावना नहीं है और उनकी जगह केएल राहुल को मौका मिलने की संभावना है।
अनकैप्ड अभिमन्यु ईश्वरन शुरुआती गेम में यशस्वी जयसवाल के साथ ओपनिंग कर सकते हैं। इस साल घरेलू क्रिकेट में सनसनीखेज प्रदर्शन के बाद, ईश्वरन को हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के भारत ए दौरे पर प्रभाव छोड़ने के लिए संघर्ष करना पड़ा, लेकिन Rohit Sharma और शुबमन के टीम से बाहर होने के कारण, बंगाल के बल्लेबाज को 22 नवंबर को अपने लंबे समय से प्रतीक्षित टेस्ट डेब्यू का मौका मिलेगा।
इस बीच, बल्लेबाजी ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी और बैकअप विकेटकीपर ध्रुव जुरेल भी पहले टेस्ट के लिए बल्लेबाजी विकल्प पेश कर सकते हैं। इससे पहले रविवार को, भारत ए बल्लेबाज देवदत्त पडिक्कल को भी ऑस्ट्रेलिया में रुकने के लिए कहा गया था क्योंकि भारत के पास सभी महत्वपूर्ण श्रृंखला के लिए बल्लेबाजी के विकल्प कम थे।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के इस्तीफे के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी के रूप में जाने जाने वाले, गहलोत के इस्तीफे से पार्टी के भीतर अशांति फैल गई है, कई लोग इसे एक बड़े झटके के रूप में देख रहे हैं। इस घटनाक्रम के बाद AAP ने गहलोत के इस्तीफे को राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा रचित एक “साजिश” करार दिया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक आश्चर्यजनक कदम में, केजरीवाल ने घोषणा की कि भाजपा नेता अनिल झा AAP में शामिल हो गए हैं। पार्टी में झा का स्वागत करते हुए, Arvind Kejriwal ने इस अवसर का उपयोग भाजपा की आलोचना करने के लिए किया, उन्होंने कहा, “भाजपा नेता केवल खोखले वादे करते हैं। वे सोचते हैं कि लोग मूर्ख हैं, लेकिन जनता उनकी रणनीति से पूरी तरह वाकिफ है।
कैलाश गहलोत के इस्तीफे पर Arvind Kejriwal ने कहा
गहलोत के इस्तीफे पर, केजरीवाल ने आरोप लगाया कि उन्हें महीनों से “परेशान” किया जा रहा था, उन्होंने भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। आप नेता ने यह भी दावा किया कि भाजपा चुनाव के लिए ऐसी रणनीति पर भरोसा कर रही है, जबकि आप शासन और विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
Arvind Kejriwal ने आगे कहा कि दिल्ली में दो सरकारें हैं- एक राज्य की और एक केंद्र की। उन्होंने कहा कि दोनों के पास दिल्ली से संबंधित शक्तियां और संसाधन हैं। “विशेष रूप से केंद्र के पास अपार अधिकार हैं। पिछले दस वर्षों में, दिल्ली सरकार ने पूर्वांचल समुदाय के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। क्या भाजपा इस समुदाय के लिए किए गए एक भी योगदान को बता सकती है?” केजरीवाल ने पूछा।
केजरीवाल ने आगे बीजेपी की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘आपने पूर्वांचल समुदाय के लिए कोई काम क्यों नहीं किया? उत्तर स्पष्ट है—आपमें इच्छाशक्ति की कमी थी। हमने वादे पूरे किए, और इसीलिए हम पूछते हैं – पूर्वांचल समुदाय को आपको वोट क्यों देना चाहिए?”