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Deep Sidhu: जानें कौन हैं दीप सिद्धू, किसान आंदोलन से कैसे जुड़े

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New Delhi: गणतंत्र दिवस (republic Day) पर किसान संगठनों की ओर से निकाली गई ट्रैक्‍टर रैली (Tractor Rally) ने मंगलवार को अचानक झड़प का रूप ले लिया था. इसमें 86 पुलिसकर्मी घायल हुए. करीब दो महीने से चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन (Farmers Protest) के अचानक यूं बेकाबू होने की वजह खोजी गई तो कुछ किसान नेताओं ने दीप सिद्धू (Deep Sidhu) का नाम लिया. किसान नेताओं ने कहा कि दीप सिद्धू ने किसानों को भड़काया. अभिनेत्री गुल पनाग (Gul Panag) ने भी ट्वीट करके दीप सिद्धू पर आरोप लगाए.  सोशल मीडिया पर दीप सिद्धू की पीएम मोदी (PM Modi) और अभिनेता से नेता बने सनी देओल (Sunny Deol) के साथ तस्वीरें भी जमकर शेयर हुईं. 

 Know who is Deep Sidhu, how he join farmers protest
 सोशल मीडिया पर दीप सिद्धू की पीएम मोदी (PM Modi) और अभिनेता से नेता बने सनी देओल (Sunny Deol) के साथ तस्वीरें भी जमकर शेयर हुईं.

जानें दीप सिद्धू कौन हैं और वे इस आंदोलन से कैसे जुड़ गए.

दीप सिद्धू (Deep Sidhu) का जन्म पंजाब के मुक्तसर में हुआ है. वह मॉडल और अभिनेता है. किंगफिशर मॉडल हंट समेत उन्होंने मॉडलिंग की कई प्रतियोगिताएं जीती हैं. एक्टिंग की दुनिया में उन्होंने फिल्म ‘रमता जोगी’ से कदम रखा. इस फिल्म को मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र के बैनर विजेता फिल्म्स में बनाया गया था. इसके साथ ही वह लीगल एडवाइजर भी हैं.  उन्होंने राजनीति में 2019 से कदम रखा और गुरदासपुर से बीजेपी के नेता सनी देओल के लिए प्रचार किया था. जब किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) शुरू हुआ और सिद्धू इस आंदोलन में हिस्सा लेते दिखाई दिए तो कई किसान संगठनों के नेताओं ने उन पर बीजेपी (BJP) का एजेंट होने का आरोप भी लगाया, जिसे सिद्धू ने सिरे से नकार दिया.

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किसान आंदोलन से ऐसे जुड़े दीप सिद्धू

जैसे ही किसान आंदोलन (Farmers Protest) शुरू हुआ दीप सिद्धू सक्रिय हो गए. रास्तों को टोल फ्री करवाने और गांव-गांव जाकर किसानों को आंदोलन के लिए तैयार करने में सिद्धू (Deep Sidhu) ने भी अहम भूमिका निभाई.  कई बार उन्होंने कई ऐसे अलगाववादी बयान दिए थे, जिसे किसान संगठन बिल्कुल पसंद नहीं करते थे. वह किसान संगठन के नेताओं के खिलाफ भी बोलते थे  कई बार तो आंदोलन के दौरान किसान नेताओं ने उन्हें स्टेज पर भी नहीं चढ़ने दिया. इस सबके बावजूद युवा किसानों में इनकी लोकप्रियता काफी अधिक है. किसानों से जुड़े रहने के लिए वह खुद जमीन पर तो सक्रिय रहते ही हैं, साथ ही डिजिटल का भी पूरा सहयोग लेते हैं. वह अक्सर फेसबुक लाइव के जरिए भी किसानों को संबोधित करते हैं.

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किसानों को यूं भड़काने की बात सामने आई

किसान संगठनों की पुलिस से बातचीत चल रही थी और वह तय रूट से ही ट्रैक्टर परेड (Tractor Rally) निकालने वाले थे, लेकिन आरोप लगाया गया है कि एक रात पहले ही दीप सिद्धू (Deep Sidhu) और गैंगस्टर से नेता बने लक्खा सिधाना (Lakha Sidhana) कुछ किसानों से मिले और उन्हें भड़काया कि किसान संगठन सरकार से बातचीत कर रहे हैं, देखो कुछ नहीं निकला, दो महीने हो गए हैं. ये सरकार की बात मान लेते हैं. बातचीत से कुछ नहीं निकलने वाला, हम दिल्ली में घुसेंगे और लालकिले पर जाएंगे.  

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जब किसान बेरिकेट्स तोड़कर दिल्ली में घुसे ये भी मौजूद थे. लालकिले की प्राचीर से जब तिरंगे के बगल में ‘निशान साहिब’ का झंडा लगाया गया, तब सिद्धू (Deep Sidhu) उसी समूह में शामिल थे. पताका के साथ फेसबुक लाइव भी किया.  उन्होंने फेसबुक लाइव में ये भी कहा कि हमने विरोध जताने के लिए अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करते हुए सांकेतिक तौर पर निशान साहिब का झंडा फहराया है.

किसान संगठनों ने दीप सिद्धू को ठहराया जिम्मेदार

किसान संगठनों ने दीप सिद्धू (Deep Sidhu) को हिंसा और झड़प के लिए जिम्मेदार ठहाराया है. उनका कहना है कि दीप ने किसानों के कुछ समूहों को भड़काया और किसान आंदोलन (Farmers Protest) को धार्मिक आंदोलन बना दिया है. बता दें कि दिल्ली में हुई झड़प में 83 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और 22 केस दर्ज हुए हैं साथ ही सरकारी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा है.

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किसान मजदूर संघर्ष समिति के सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि हमने पहले ही ऐलान किया था कि हम आउटर रिंग रोड पर जाएंगे . संयुक्त किसान मोर्चे ने भी पहले यही ऐलान किया था . बाद में संयुक्त किसान मोर्चा पीछे हटा .हमने पुलिस के रोकने के बाद बैरीकेड तोड़े . हम तो पुलिस से कह रहे थे कि हम शांतिपूर्ण तरीक़े से आउटर रिंग रोड जाएंगे . लाल क़िले पर जाने के हम ज़िम्मेदार नहीं . लाल क़िले पर दीप सिद्धू (Deep Sidhu) गया . लाल किले पर जो हुआ उसका ज़िम्मेदार दीप सिद्धू है. 

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दीप सिद्धू (Deep Sidhu) को पुलिस ने क्यों नहीं रोका लाल किले पर . दीप सिद्धू सरकार का आदमी है . हम आउटर रिंग रोड से वापस आ गए थे . पुलिस का जांच में सहयोग करेंगे .मैं संयुक्त किसान मोर्चे से बात भी करूंगा . लाल किले पर जो हुआ उसका ज़िम्मेदार मैं नहीं हूं

Tractor Rally: हिंसा मामले में 6 किसान नेताओं के खिलाफ FIR

New Delhi: गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर किसानों की ओर से निकाली गई ट्रैक्‍टर रैली (Tractor Rally) के दौरान दिल्‍ली में हुई हिंसा के मामले में  किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) समेत छह किसान नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. नांगलोई थाने में जो FIR दर्ज है उसमें न सिर्फ डकैती की धारा लगाई गई है बल्कि उन 40 किसान नेताओं के नाम भी FIR में शामिल हैं जो सरकार के साथ वार्ता के लिए विज्ञान भवन जाते थे. इसी FIR में योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) का भी नाम है.

Tractor Rally: किसान नेता बोले- आंदोलन को खराब करने वाले लोग राजनीतिक दलों के हैं

जानकारी के अनुसार, पुलिस (Delhi Police) ने 50 से ज्यादा लोगों को इस मामले में गिरफ्तार भी कर लिया है. नांगलोई पुलिस ने FIR में डकैती की धारा इसलिए जोड़ी है क्योंकि कुछ उपद्रवी नांगलोई में पुलिस से आंसू गैस के करीब 150 गोले भी छीन ले गए थे. इसके अलावा भी अलग अलग FIR में कई किसान नेताओं के नाम हैं.

Tractor Rally: अमरिंदर सिंह ने किसानों से राजधानी खाली करने को कहा, हिंसा को अस्वीकार्य बताया

गौरतलब है कि किसान संगठनों की ओर से गणतंत्र दिवस पर निकाली गई ट्रैक्‍टर रैली (Tractor Rally) के दौरान लाल किला, नांगलोई सहित कई इलाकों में किसानों और पुलिस के बीच जोरदार झड़प हुई थी. किसानों ने बसों और पुलिस वाहन में तोड़फोड़ की. सरकारी वाहनों में भी उन्‍होंने तोड़फोड़ की, लाठियां चलाईं और पुलिस बल पर पथराव किया. हालात को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज, वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्‍तेमाल करना पड़ा था. हिंसा में बड़ी संख्‍या में पुलिसकर्मी घायल हुए थे.

Tractor Rally: अमरिंदर सिंह ने किसानों से राजधानी खाली करने को कहा, हिंसा को अस्वीकार्य बताया

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Chandigarh: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने नये कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान हुई हिंसा को मंगलवार को अस्वीकार्य बताया और किसानों से राष्ट्रीय राजधानी को खाली करने का आग्रह किया. सिंह ने कहा कि किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन से जो साख बनी थी उसे इस हिंसा से नुकसान होगा.

Tractor Rally: किसान नेता बोले- आंदोलन को खराब करने वाले लोग राजनीतिक दलों के हैं

सिंह ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘दिल्ली में चौंकाने वाली घटनाएं. कुछ तत्वों द्वारा की जा रही हिंसा अस्वीकार्य है. किसानों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन से जो साख बनी थी इससे उसे नुकसान पहुंचेगा. किसान नेताओं ने इन घटनाओं से खुद को अलग कर लिया है और ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) को निलंबित कर दिया है. मैं सभी वास्तविक किसानों से दिल्ली खाली करने और सीमाओं पर लौटने का आग्रह करता हूं.”

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लाठी-डंडे, राष्ट्रीय ध्वज एवं किसान यूनियनों के झंडे लिये हजारों किसान मंगलवार को गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टरों पर सवार हो बैरियरों को तोड़ते व पुलिस से भिड़ते हुए लालकिले की घेराबंदी के लिए विभिन्न सीमा बिंदुओें से राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल हुए. पंजाब के मुख्यमंत्री ने सोमवार को किसानों से यह सुनिश्चित करने की अपील की थी कि ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) शांतिपूर्ण रहे.

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तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) को निरस्त करने और अपनी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसान कई सप्ताह से दिल्ली के कई सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं. इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं.

Tractor Rally: किसान नेता बोले- आंदोलन को खराब करने वाले लोग राजनीतिक दलों के हैं

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New Delhi: किसानों ने ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान दिल्ली में जमकर हंगामा किया. कहा जा रहा है कि प्रदर्शनकारी किसान अपने नेताओं की बात भी नहीं सुन रहे हैं और बेकाबू हो गए हैं. हालांकि, किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का दावा है कि प्रदर्शन पर अब भी किसान नेताओं का नियंत्रण है. उन्होेंने कहा कि गड़बड़ी फैलाने की कोशिश करने वाली की पहचान है. राजनीतिक दलों के लोग हैं, जो आंदोलन (Farmers Protest) को खराब करने की कोशिश में जुटे हैं. 

ON Tractor Rally Farmer leader said people who spoil the movement belong to political parties

समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) ने जब राकेश टिकैत से पूछा कि आरोप लग रहे हैं कि प्रदर्शन किसान नेताओं के हाथ से निकल चुका है, तो उन्होंने कहा कि हम सब शांतिपूर्ण तरीके से जा रहे हैं. जो लोग अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, वे चिह्नित हैं. ये राजनीतिक पार्टियों के लोग हैं, जो आंदोलन को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.

Farmers Protest: महाराष्ट्र के किसान भी समर्थन में, बेंगलुरु में भी निकाली गई ट्रैक्टर रैली

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Mumbai: दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) का देश के दूसरे हिस्सों में भी असर देखने मिला. मुंबई के आज़ाद मैदान में किसान जहां पिछले 3 दिनों से कृषि कानूनों (Farm Laws) का विरोध कर रहे हैं, तो वहीं बेंगलुरु में भी बाइक और ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) निकाली गई. 

Farmers Protest: Farmers of Maharashtra also in support, tractor rally also taken out in Bengaluru
बेंगलुरु में भी निकाली गई ट्रैक्टर और बाइक रैली

गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर मुंबई के आज़ाद मैदान में किसानों ने कृषि कानून (Farm Laws) का विरोध किया. पिछले तीन दिनों से हज़ारों की संख्या में महाराष्ट्र के किसान मुंबई में मौजूद हैं. मंगलवार को किसानों ने यहीँ पर झंडा फहराकर अपना आंदोलन (Farmers Protest) खत्म किया. इस मौके पर महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर नाना पटोले भी मौजूद रहे, जिन्होंने यह ऐलान किया कि कृषि कानून (Farm Laws) को महाराष्ट्र में लागू नहीं किया जाएगा. तो वहीं किसान नेता अजित नवले ने कहा कि ज़रूरत पड़ने पर महाराष्ट्र के किसान दिल्ली जाएंगे.

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नाना पटोले ने कहा, ‘कृषि कानूनों को महाराष्ट्र में लागू नहीं किया जाए, इसलिए एक कमीटी बनाई गई है, हम किसानों के साथ हैं.’ वहीं ऑल इंडिया किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी अजित नवले ने कहा, ‘1 फरवरी को संसद के घेराव करने की बात दिल्ली में चल रही है. अगर इसका निर्णय होता है, तो महाराष्ट्र के हज़ारों किसान भी इसमें शामिल होंगे, महाराष्ट्र पीछे नहीं रहेगा.’

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उधर खुद को किसान नेता कहने वाले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा किसानों को नाराज़ नही करना चाहते थे. ऐसे में बेंगलुरु में अधिकारियों ने उनकी मदद की. बीच का रास्ता निकाला गया. सीमित संख्या में ट्रैक्टर और बाइक रैली निकालने की इजाज़त दी गई. किसानों के साथ कुछ राजनीतिक पार्टियां और दलित संगठन भी साथ हो लिए. अंग्रेज़ों के ज़माने की जेल जिसे अब फ्रीडम पार्क के नाम से जाना जाता है, वहां रैली ख़त्म हुई.

मुंबई और बेंगलुरु में जहां रैली को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म कर दिया गया, तो वहीं किसानों का कहना है कि उनका आंदोलन (Farmers Protest) जारी रहेगा, क्योंकि किसानों ने अपनी मांगों को ज़रूर रखा है, लेकिन अबतक उन्हें कहीं भी राहत नहीं मिली है.

Farmers Protest: किसानों का ऐलान, अडानी और अंबानी के सभी उत्पादों का बहिष्कार करेंगे

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Mumbai: किसान महासभा के नेतृत्व में मुंबई के आजाद मैदान (Azad Maidan) में हो रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) में किसान नेता अशोक ढवले ने केंद्र सरकार (Modi Government) को जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अडानी (Adani) और अंबानी (Ambani) को फायदा पहुंचाने के लिए यह तीन काले कानून (Farm Laws) लेकर आई है। लेकिन देश का किसान ऐसा होने नहीं देगा। उन्होंने महाराष्ट्र (Maharashtra) और देश के सभी किसानों से यह अपील की है कि वे अंबानी और अडानी की कंपनियों द्वारा बनाए गए सभी उत्पादों का बहिष्कार करें। ताकि उन्हें किसान एकता का पता चल सके। और सरकार यह तीनों किसान विरोधी कानून रद्द करने पर मजबूर हो जाए।

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पुलिस (Mumbai police) के साथ मुंबई के मेट्रो सिनेमा (Metro Cinema) के पास एक घंटे से ज्यादा चली नोकझोंक के बाद किसान नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) को दिया जाने वाला ज्ञापन महाविकास अघाड़ी (Mahavikas Aghadi Government) नेताओं की मौजूदगी में फाड़ दिया है। किसान नेताओं का कहना है कि वह अब राज्यपाल से मिलने नहीं जाएंगे। सब कुछ जानते हुए भी कोश्यारी गोवा मजा करने चले गए हैं अब सीधे राष्ट्रपति (President) को ज्ञापन दिया जाएगा। 

किसानों ने लोहड़ी पर्व पर नये कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध जताया।

किसान नेता अशोक ढवले इतने गुस्से में थे कि उन्होंने कहा कि कोश्यारी तुम्हारी होशियारी नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने महाराष्ट्र के किसानों का अपमान किया है। जब उन्हें पता था कि महाराष्ट्र के दूर-दराज के इलाकों से किसान पैदल चलकर मुंबई आ रहे हैं और उन्होंने खुद मिलने के लिए समय दिया था। ऐसे में वे गोवा क्यों चले गए।

26 जनवरी को बड़े आंदोलन की तैयारी में किसान, पंजाब में हजारों वॉलंटियर जुड़े

किसानों के इस महा आंदोलन (Farmers Protest) में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) ने भी शिरकत की उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को ऐसा राज्यपाल कभी नहीं मिला है। जिसके पास कंगना से मिलने का वक्त है लेकिन किसानों से मिलने के लिए वक्त नहीं है। केंद्र सरकार ने यह कानून (Farm Laws) बनाकर डॉ. बाबा साहब आंबेडकर का भी अपमान किया है। संसद की प्रतिष्ठा का ख्याल ना रखते हुए इसे लाया गया है। अब किसानों का कहना है कि सरकार कानून वापस ले या ना ले लेकिन किसान इस सरकार और कानून दोनों को उखाड़ फेंकेगी। जिसकी शुरुआत हो चुकी है।

Farm Laws: किसान संगठनों का एलान- एक फरवरी को संसद तक निकालेंगे पैदल मार्च

New Delhi: तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन आज लगातार 61वें दिन जारी है. इस बीच किसान संगठन गणतंत्र दिवस के मौके पर कल ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) निकालेंगे. इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है.

Tractor Rally बड़ी चुनौती, मूवमेंट को सही तरीके से गाइड करेंगे, दिल्ली पुलिस

इसके बाद किसान संगठनों ने आगे की योजना के बारे में भी बताया है. किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि एक फरवरी को दिल्ली में अलग-अलग जगहों से हमलोग संसद तक पैदल मार्च करेंगे. बता दें कि एक फरवरी को ही केंद्र सरकार आम बजट पेश करेगी.

किसान नेता बोले, ‘सरकार का प्रस्ताव मंज़ूर नहीं कानून रद्द करने की मांग करेंगे

किसान संगठनों ने साफ-साफ कहा है कि जब तक केंद्र सरकार कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस नहीं लेगी हम आंदोलन (Farmers Protest) जारी रखेंगे. सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं ने कहा कि 26 जनवरी को सुबह 8 बजे परेड शुरू होगी जब तक आख़िरी ट्रैक्टर वापस नहीं आ जाता है तब तक परेड चलता रहेगा. भले इसमें दो दिन लग जाएं.

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नेताओं ने कहा कि ट्रैक्टर पर कोई लिमिट नहीं होगी. जितने ट्रैक्टर आए हैं सब परेड में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि आंदोलन (Farmers Protest) पूरे देश में फैल चुका है अब सरकार के पास कोई चारा नहीं बचा है. आंदोलन तब तक चलेगा जब तक कृषि क़ानून (Farm Laws) वापस नहीं होते.

NIA के जरिए हमें डराने-धमकाने की कोशिश हो रही है

वहीं सरकार का कहना है कि हम कानून में बदलाव के लिए तैयार हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि हम कानूनों में परिवर्तन तक करने को तैयार हैं. इसके मायने यह नहीं लगाने चाहिए कि कानून में कोई खराबी है. लेकिन अगर परिवर्तन से बात बन सकती है और गतिरोध टूट सकता है. एक अच्छा माहौल हो सकता है तो सरकार को इसमें कोई अहम या ईगो नहीं है.

एक ही परिवार की चार महिलाओं से दरिंदगी (Rape), आरोपी के खिलाफ चार केस दर्ज

Rajasthan: राजस्थान के दौसा में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे हर कोई हैरान है। दरअसल, यहां एक ही परिवार की चार महिलाओं से दुष्कर्म (Rape) का मामला सामने आया है। इस घिनौनी वारदात को अंजाम देने का आरोप एक ही शख्स पर है। उसके खिलाफ महज तीन दिन में चार केस दर्ज हुए हैं। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

दो सगी बहनों से मकान मालिक ने किया Rape, पुलिस केस दर्ज करने में करती रही आनाकानी

जानकारी के मुताबिक, दौसा के सूर्य मंदिर के पीछे रहने वाली चार महिलाओं ने दुष्कर्म (Rape) होने की जानकारी दी है। ये चारों महिलाएं एक ही परिवार से ताल्लुक रखती हैं। इनमें तीन सगी बहनें और एक बेटी शामिल हैं।

नाबालिग लड़की का अपहरण कर Gangrape, दोनों आरोपी फरार

आरोप है कि ढाबा संचालक विष्णु गुर्जर ने उन्हें अपने जाल में फंसा लिया और चारों को अपनी हवस का शिकार बना लिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

Patna Murder: युवक की गला रेतकर हत्या, शव मुखिया के दफ्तर से बरामद।

Bihar: राजधानी पटना (Patna) में एक युवक का शव मुखिया के दफ्तर से मिला है. गोपालपुर थाना क्षेत्र के संपतचक बैरिया स्थित बैरिया पंचायत के मुखिया रामनाथ यादव के कार्यालय से युवक का शव बरामद होने से आसपास के इलाकों में सनसनी फैल गयी. स्थानीय लोगों द्वारा घटना की जानकारी पुलिस को दिए जाने के बाद पुलिस (Patna Police) मौके पर पहुंची और पूरे मामले की छानबीन में जुट गई है. मृतक की पहचान संपतचक बैरिया निवासी अनिल पंडित के 23 वर्षीय पुत्र रवि कांत कुमार के रूप में की गई है.

हथियारबंद अपराधियों ने घर में घुसकर की इंजीनियरिंग के छात्र की हत्या, कई महीनों से मिल रही थी धमकी।

रविकांत की गला रेतकर और ईट पत्थर से कुचलकर कर हत्या (Murder) की गई है. घटना से गुस्साए मृतक के परिजनों और स्थानीय लोगों ने सड़क पर उतर कर पटना-मसौढ़ी मार्ग को जाम कर दिया है. सड़क जाम हंगामे की सूचना मिलते ही विभिन्न थानों की पुलिस मौके पर पहुंचकर आक्रोशितो को समझाने बुझाने में जुटी है. स्थानीय पुलिस द्वारा पूरे मामले से एफएसएल (FSL) की टीम को अवगत कराए जाने के बाद एफएसएल की टीम मौके पर पहुंच कर पूरे मामले की छानबीन में जुटी है.

अवैध संबंध में शादीशुदा महिला की देवर ने गला काटकर हत्या कर दी

मृतक के परिजनों ने बैरिया पंचायत के मुखिया रामनाथ यादव और उसके सहयोगी सनी कुमार पर हत्या (Murder) किए जाने का आरोप लगाया है. घटना के बाद से आरोपी मुखिया और उसका सहयोगी फरार बताया जाता है. पुलिस ने इस मामले में मुखिया के एक अन्य सहयोगी विपिन कुमार को गिरफ्तार कर लिया है जिससे कड़ी पूछताछ चल रही है.

 पुजारी की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या, बदमाश लूट ले गये दानपात्र

बताया जाता है कि मृतक रविकांत कुमार पिछले एक वर्ष से रामनाथ मुखिया के यहां स्टाफ के रूप में काम कर रहा था. पिछले महीने मुखिया द्वारा उसे काम से हटा दिया गया था. घटना के संबंध में पूछे जाने पर मृतक की मां सुधा देवी और उसके भाई सनी कुमार ने मुखिया और उसके सहयोगी सनी कुमार पर हत्या (Murder) किए जाने का आरोप लगाते हुए पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है.

महिला ने 17वीं मंजिल से लगा दी छलांग, 3 साल के बेटे समेत मौत

परिजनों ने बताया कि मुखिया के सहयोगी सनी कुमार द्वारा रविकांत का मोबाइल छीन लिया गया था, जिसे वापस दिए जाने की बात कह कर उसे कल कार्यालय बुलाया गया था. देर रात रविकांत मुखिया के कार्यालय पहुंचा और उसके बाद वह वापस घर नहीं लौटा. सोमवार की सुबह कार्यालय से उसका शव बरामद किया गया. हत्या (Murder) का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है. 

मां को याद कर रो रही बच्ची की पिता ने ही गुस्से में गला दबाकर कर दी हत्या

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक रविकांत का मुखिया की बेटी के साथ प्रेम-प्रसंग चल रहा था, ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि प्रेम-प्रसंग को लेकर ही रविकांत की हत्या (Murder) की गई है.

मौके पर मौजूद संपतचक प्रखंड के अंचलाधिकारी मुकुल झा ने हत्या (Murder) की पुष्टि करते हुए पुलिस अधिकारियों द्वारा पूरे मामले की जांच किए जाने की बात दोहराई है. घटना को लेकर ग्रामीणों में खास आक्रोश व्याप्त है. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहन छानबीन में जुटी है.

Corona Vaccination: अफवाह फैलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी

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New Delhi: केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने को कहा है. केंद्र ने इस बाबत सभी राज्यों औऱ केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है. देश में 16 जनवरी से कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccination) कार्यक्रम चल रहा है, लेकिन यह लक्ष्य के अनुरूप अपेक्षित गति नहीं पकड़ पा रहा है. भारत में अब तक 16 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका (Corona Vaccination) लग चुका है.

भारत ने बांग्लादेश और नेपाल को भेजी Corona Vaccine की खेप

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पिछले हफ्ते राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को इस बाबत पत्र लिखा है. इसमें राज्यों को बताया गया है कि आपदा प्रबंधन कानून और आईपीसी की धाराओं के तहत ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा सकती है. गृह सचिव ने कहा है कि अफवाह और झूठी खबरों पर रोक के लिए ऐसे लोगों पर कार्रवाई जरूरी है. इसके साथ ही वास्तविक तथ्यों के आधार पर विश्वसनीय सूचनाओं के प्रसार की सलाह भी राज्यों को दी गई है. कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccination को लेकर अफवाह फैलाने वाले संगठनों औऱ किसी व्यक्ति पर कानूनी प्रावधानों के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है.

Corona Vaccination: पहले दिन 1.65 लाख लोगों को लगाया गया कोरोना का टीका

गौरतलब है कि कोरोना वैक्सीनेशन के बाद कुछ लोगों की मौत को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें चलाई जा रही हैं. जबकि इन मौतों का टीकाकरण से कोई संबंध नहीं पाया गया है. इन अफवाहों में लोगों से वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) न कराने और इससे जानलेवा खतरे जैसी बातें हैं. केंद्र सरकार की एजेंसियां ऐसी अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह लोगों को दे चुकी हैं. कई जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम भी टीकाकरण को प्रोत्साहन के लिए चलाए जा रहे हैं.

China फिर से बढ़ा रहा लद्दाख में सैनिकों की तैनाती: रिपोर्ट

करीब चार महीने पहले वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर और सैनिकों की तैनाती के अपने प्रस्ताव का चीन (China) ने ही उल्लंघन किया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में अपनी स्थिति मजबूत की है और चुपके से अपने सैनिकों की संख्या भी बढ़ा दी है। चीन (China) ने प्रस्ताव दिया था कि दोनों देश अब अपने सैनिक नहीं बढ़ाएंगे।

China again increasing deployment of troops in Ladakh
(File Photo)

चीन चोरी-छिपे अपनी सेना बढ़ा रहा है 

सितंबर में दोनों पक्षों की ओर से बयान जारी किया गया था जिसे सकारात्मक कदम माना जा रहा था। इस दौरान दोनों ने ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाने का वादा किया था जिससे स्थिति और जटिल हो जाए। सेना के सूत्रों के मुताबिक चार महीने बाद चीन(China) ने इसका उल्लंघन किया है। इंडिया टुडे ने दावा किया है कि चीन चोरी-छिपे लद्दाख के देपसांग में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है और दौलत बेग ओल्डी के पास नई जगहों पर तैनाती कर रहा है। 

राजस्थान जैसलमेर- पीएम मोदी ने चीन और पाकिस्तान को दिया कड़ा संदेश

भारत ने लौटाए थे दो चीनी सैनिक

चीन (China) की हरकतों को देखते हुए भारत भी पहले से अपनी मजबूती के लिए कदम उठाने को मजूबर है। अभी सीमा के दोनों तरफ करीब 50-50 हजार सैनिक तैनात हैं और ये कोशिश की जा रही है कि कोई अनहोनी ना हो। भारत ने हाल ही में दो चीनी सैनिकों को सीमा के पार पहुंचाया है, जो रास्ता भटक कर सीमा लांघ गए थे। मई में तनाव शुरू होने के बाद चीनी सेना एलएसी (LAC) से करीब 8 किलोमीटर अंदर तक आ गई थी और पूर्वी लद्दाख में कई जगह तंबू लगा लिए थे। 

Corona Virus: बढ़ते मामलों के चलते चीन के कई प्रांतों में पाबंदी बढ़ाई गई।

भारतीय सैनिकों ने चीन को चौंकाया था

भारत की ओर से विरोध के बावजूद चीनी सेना (China Army) पीछे नहीं हटी और दोनों ही देशों की सेनाओं ने अतिरिक्त सैन्य बल सीमा पर तैनात कर दिया। साथ ही टैंक, आर्टिलरी और हवाई हमला करने की भी पूरी तैयारी सीमा पर होने लगी। पिछले साल अगस्त में भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना को चौंका दिया था, जब पैंगोंग त्सो के दक्षिणी किनारे पर कब्जा कर लिया था। भारतीय सैनिक गुरुंग हिल, मगर हिल, मुखपरी, रेचिन ला और रेजैंग ला में भी अपना दबदबा कायम करने में सफल रहे।

PNB बैंक के ग्राहक 1 अप्रैल तक नया IFSC कोड और चेकबुक लें वर्ना पैसों के लेनदेन में होगी परेशानी

1 अप्रैल से देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक या पीएनबी (PNB) बैंक कुछ नियमों में बदलाव करने जा रहा है. जानकारी के मुताबिक पीएनबी (PNB) एक अप्रैल से अपने ग्राहकों के पुराने आईएफएफसी और एमआईसीआर कोड (IFSC/MICR Code) को बदल रहा है. इसका मतलब यह है कि 31 मार्च के बाद से ये कोड काम करना बंद कर देंगे. ऐसे में पीएनबी (PNB) ग्राहकों को यदि पैसा ट्रांसफर करना है तो उसके लिए बैंक से नया कोड लेना होगा.

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सोशल मीडिया के जरिए बैंक ने दी जानकारी

इस बात की जानकारी पीएनबी बैंक ने अपने ग्राहकों को सोशल मीडिया के जरिए दी है. बैंक (PNB) ने कहा है कि ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की पुरानी चेकबुक और IFSC/MICR Code सिर्फ 31 मार्च तक ही काम करेंगे. इसके बाद ग्राहकों को बैंक से नया कोड और चेकबुक इश्यू करवाना होगा. ग्राहक ज्यादा जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 18001802222/ 18001032222 पर फोन कर सकते हैं.

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इसके साथ ही 1 फरवरी से पीएनबी (PNB) ग्राहक गैर ईएमवी एटीएम मशीनों से पैसे नहीं निकाल पाएंगे. दरअसल बढ़ते धोखाधड़ी के मामलों को देखते हुए पीएनबी (PNB) बैंक द्वारा ये कदम उठाया गया है. नॉन ईएमवी एटीएम या गैर ईएमवी एटीएम वे होते हैं जिनमें एटीएम (ATM) या डेबिट कार्ड (Debit Card) का यूज लेनदेन के समय किया जाता है. इसमें बस शुरुआत में एक कार्ड को एक बार स्वैप किया जाता है. इन मशीनों में कार्ड को मैग्नेटिक पट्टी के जरिए पढ़ा जाता है. वहीं ईएमवी (EMV) मशीन में कार्ड कुछ सेकेंड के लिए अंदर चला जाता है.

48 घंटे में दूसरा ATM उखाड़ ले गए बदमाश, 12.70 लाख थे मौजूद

Alwar-Rajasthan: राजस्थान के अलवर (Alwar) जिले में बदमाशों के हौंसले दिन-ब-दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। लिहाजा यहां लूट के मामले लगातार इजाफा हो रहा है। अभी 24 घंटे ही नहीं बीते कि अब एक और एटीएम (ATM) लूट की वारदात सामने आई है। अब जिले के नीमराणा थाना क्षेत्र के मोहलड़िया गांव में निजी कंपनी का स्टेट एटीएम (ATM) को देर रात बदमाश उखाड़ कर ले गए ।

एटीएम में 12 लाख 70 हजार रुपये की नकदी मौजूद थी। एटीएम को उखाड़ कर ले जाने की वारदात पास में दुकान में लगे सीसिटीवी (CCTV) कैमरे में कैद हो गई, जिसमें स्कार्पियो गाड़ी से एटीएम (ATM) को उखाड़ने के बाद 4-5 बदमाश एटीएम को स्कॉर्पियो गाड़ी में रखकर ले जाते हुए दिखाई दे रहे है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार और गाड़ी तथा चोरों की तलाश शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि घटना के समय एटीएम (ATM) में कोई गार्ड मौजूद नहीं था। 

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मिली जानकारी के अनुसार प्राइवेट कंपनी स्टेट एटीएम को देर रात उखाड़ कर ले जाने की सूचना के बाद डीएसपी नीमराणा महावीर सिंह शेखावत ओर थानाधिकारी गौरव प्रधान पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने घटना का जायजा लिया। निजी कंपनी के कर्मचारी परमजीत ने बताया कि एटीएम (ATM) में 12 लाख 70 हजार रुपये का कैश मौजूद था । पुलिस अब कर्मचारियों से पूछताछ कर सभी पहलूओं पर छानबीन कर रही है। 

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अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत मौजपुर गांव से बदमाश दो दिन पहले एटीएम (ATM) उखाड़ ले गए थे। 3 माह पूर्व नीमराणा में ही घटना स्थल के कुछ दूरी पर बदमाश पीएनबी का एटीएम उखाड़ ले गए थे , जिसमें 10 लाख रुपये थे। इन घटनाओं में पुलिस को अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। नीमराना थाना अधिकारी गौरव प्रधान ने बताया कि रात 12:00 बजे के करीब स्कॉर्पियो गाड़ी के द्वारा बेल्ट के जरिए एटीएम (ATM) को उखाड़ कर ले गए हैं। फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच में जुटी हुई है। 

Tractor Rally बड़ी चुनौती, मूवमेंट को सही तरीके से गाइड करेंगे, दिल्ली पुलिस

New Delhi: किसान (Farmer) गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर दिल्ली (Delhi) में आ सकते हैं लेकिन गणतंत्र दिवस परेड को डिस्टर्ब नहीं होने देंगे. रैली पूरी शांतिपूर्ण होगी. ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) को डिस्टर्ब करने के भी इनपुट मिले हैं. किसान रैली को डिस्टर्ब करने के लिए 308 पाकिस्तान से ट्विटर हैंडल मिले हैं. दिल्ली पुलिस ने आज यह बात कही है. दिल्ली पुलिस के इंटेलिजेंस के स्पेशल सीपी दीपेंद्र पाठक ने कहा कि पुलिस ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के मूवमेंट को सही तरीके से गाइड करेगी. यह पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. तमाम जरूरी इंतजाम में सब लगे हैं. मेडिकल या कोई हादसा हो जाए तो उससे निपटने के इंतजाम हो रहे हैं. गौरतलब है कि कृषि कानूनों (Farm Laws) का विरोध कर रहे किसान 26 जनवरी को दिल्ली एनसीआर में ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) निकालने वाले हैं. किसानों के इस कदम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसमें पुलिस खुद फैसला ले कि उसे क्या करना है.  

Supreme Court: प्रस्तावित Tractor Rally पुलिस का मामला, केंद्र ने वापस ली याचिका

सीपी दीपेंद्र पाठक ने कहा कि दो महीने से किसानों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है. किसानों की तरफ से कहा जा रहा था कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) निकालना चाह रहे हैं. पांच से छह बार उनसे बात की. गणतंत्र दिवस पर जिस तरह सुरक्षा होती है, उनसे कहा कि ये राष्ट्रीय गौरव का विषय है, कोई दिक्कत ना आए. उन्होंने कहा कि किसानों से अच्छा संवाद बना पाए. हमने उनसे सब बिन्दुओं पर चर्चा की, उनसे सहमत हुए. 

किसान बोले, हर हाल में दिल्ली की आउटर रिंग रोड पर Tractor Rally निकालेंगे

उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) की बात आती है तो सुरक्षा की चिंता भी बढ़ जाती है. गणतंत्र की व्यवस्था फुल प्रूफ हो. किसानों की इच्छा का आदर करते हैं. वे दिल्ली में कुछ किलोमीटर तक अंदर आएं और फिर बाहर चले जाएं. टिकरी बॉर्डर से 63 से 64, सिंघु बॉर्डर 62, गाजीपुर बॉर्डर से 46 किलोमीटर होगी. रैली पूरी शांतिपूर्ण होगी. ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) को डिस्टर्ब करने के भी इनपुट  मिले हैं. किसान रैली को डिस्टर्ब करने के लिए 308 पाकिस्तान से ट्विटर हैंडल मिले हैं.

दिल्ली पुलिस ने किसानों की रिपब्लिक डे Tractor Rally को दी हरी झंडी

पाठक ने कहा कि ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) को सफल कराएंगे. इसमें अलग-अलग राज्य के एरिया भी आते हैं. हरियाणा और यूपी की पुलिस के साथ बैठक हुई. रैली खास समय में होगी. रूल और निर्देश का पालन करें. नियम और क़ानून का पालन करें.  ट्रैक्टर के मूवमेंट को सही तरीके से गाइड करेंगे. यह पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. तमाम जरूरी इंतजाम में सब लगे हैं. मेडिकल या कोई हादसा हो जाए तो उससे निपटने के इंतजाम हो रहे हैं. 

टिकैत ने दी सरकार को धमकी, Tractor Rally निकालेंगे, किसमें हिम्मत है जो हमें रोके

सीपी पाठक ने कहा कि रूट को इस तरह से तय किया है कि उसमें सुरक्षा दी जा सके. ट्रैक्टर का नंबर अभी तक तय नहीं है. रैली (Tractor Rally) गणतंत्र दिवस (Republic Day) का प्रोग्राम खत्म होने के बाद शुरू होगी, करीब 11.30 बजे के बाद. किसान ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के बाद वापस जाएंगे. मुझे उन पर विश्वास है. जहां से आएंगे वहीं चले जाएंगे. उन्हें पूरी तरह से सुरक्षा दी जाएगी. खतरा है कि पाक के आतंकी गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं, कुछ ग्रुप यह कर सकते हैं. हमारी सब पर नजर है. उसी के मुताबिक इंतजाम कर रहे हैं. दिल्ली के अंदर 100 किलोमीटर का रूट होगा. किसानों के साथ मिलकर फाइनल फैसला होगा.

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दिल्ली में गणतंत्र दिवस (Republic Day) समारोह पिछली बार की तरह ही होगा. समारोह सुबह 9.45 शुरू होगा और करीब 11.35 बजे तक चलेगा. तिरंगा ठीक 10 बजे फहराया जाएगा. राजपथ पर पूरी परेड करीब 90-92 मिनट तक चलेगी.

नेताजी के समारोह में पीएम की मौजूदगी में Mamata Banerjee ने कहा बुलाने के बाद अपमान मत कीजिए।

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Kolkata: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) शनिवार को कोलकाता के विक्टोरियल मेमोरियल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Neta JI Subhash Chandra Bose) की 125वीं जयंती पर उनके सम्मान में आयोजित समारोह में बिफर पड़ीं. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का संबोधन शुरू होते ही किसी ने जय श्री राम का नारा लगाया तो उसके बाद मुख्यमंत्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी. ममता के साथ जब यह चौंकाने वाला व्यवहार हुआ तब पीएम नरेंद्र मोदी भी मंच पर मौजूद थे.  दोनों नेता बेहद कम ही मंच साझा करते हैं.

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ममता (Mamata Banerjee) ने कहा, मुझे यहां बुलाने के बाद मेरा अपमान मत कीजिए, यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है. अगर आप किसी को सरकारी कार्यक्रम में न्योता देते हैं तो उसकी बेइज्जती नहीं करनी चाहिए. नाराज और व्य़थित नजर आ रहीं ममता (Mamata Banerjee) ने अपना भाषण बीच में ही खत्म करते हुए यह तीखी प्रतिक्रिया दी.

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मुख्यमंत्री (Mamata Banerjee) ने कहा, “मुझे लगता है कि सरकार के प्रोग्राम का कोई डिग्निटी होना चाहिए. ये गर्वमेंट का प्रोग्राम है कोई पॉलिटिकल पार्टी का प्रोग्राम नहीं है. ये सभी पॉलिटिकल पार्टी और पब्लिक का प्रोग्राम है. मैं आभारी हूं प्रधानमंत्री जी का, कल्चरल मिनिस्ट्री का कि कोलकाता में यह प्रोग्राम बनाया. लेकिन किसी को निमंत्रित करके उसको बेज्जत करना ये आपको शोभा नहीं देता. मैं कुछ नहीं कहने जा रही हूं. जय हिंद, जय बांग्ला.”

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समारोह में साफ देखा गया कि जब ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) बोलने के लिए उठ खड़ी हुईं तो भीड़ ने नारेबाजी की, आयोजक उन्हें बार-बार शांत रहने के लिए कहते रहे. जब ममता के बोलने की बारी आई तो नारेबाजी करने वाली भीड़ पर उनका गुस्सा फूटा. उन्होंने लोगों को सरकारी कार्यक्रम की मर्यादा रखने की नसीहत दी. ममता (Mamata Banerjee) ने इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को नेताजी (Neta JI Subhash Chandra Bose) के कार्यक्रम में शामिल होने पर धन्यवाद दिया और मंच से चली गईं. हालांकि इस पूरे घटनाक्रम से प्रभावित हुए बिना पीएम मोदी (PM Modi) ने अपने संबोधन की शुरुआत में मुख्यमंत्री को बहन ममता कहकर बुलाया.

दिल्ली पुलिस ने किसानों की रिपब्लिक डे Tractor Rally को दी हरी झंडी

New Delhi: किसानों (Farmers) की आज दिल्ली और एनसीआर की पुलिस (Police) के साथ मीटिंग हुई. इस बैठक में पुलिस ने गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर किसानों के ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) निकालने की बात मान ली. किसान नेता दर्शन पाल (Darshan Pal) ने कहा कि अब हम दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालेंगे. पुलिस अब हमें नहीं रोकेगी. उन्होंने कहा कि हम अलग-अलग पांच रूटों से अपनी परेड निकालेंगे. परेड शांतिपूर्वक होगी.

किसान बोले, हर हाल में दिल्ली की आउटर रिंग रोड पर Tractor Rally निकालेंगे

किसान नेताओं की पुलिस के साथ हुई बैठक के बाद किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि ट्रैक्टर रैली करीब 100 किलोमीटर चलेगी. परेड में जितना समय लगेगा, वो हमें दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह परेड ऐतिहासक होगी जिसे दुनिया देखेगी. कल परेड के पूरे रूट और समय के बारे में जानकारी देंगे.

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दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने पर किसान अड़े हुए थे लेकिन दिल्ली पुलिस उन्हें रैली निकालने से रोकने की कोशिश कर रही थी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में भी किसान आंदोलन (Farmers Protest) के मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि इस पर फैसला पुलिस को लेना होगा.

Supreme Court: प्रस्तावित Tractor Rally पुलिस का मामला, केंद्र ने वापस ली याचिका

दिल्ली एनसीआर (Delhi- NCR) में निकलने वाली ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) में शामिल होने के लिए कई राज्यों के किसान दिल्ली आ रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता जोगेंद्र तालु ने शनिवार को दावा किया कि 24 जनवरी को भिवानी जिले से पांच हजार ट्रैक्टर दिल्ली में प्रस्तावित किसानों की ट्रैक्टर रैली में शामिल होने के लिए रवाना होंगे. 

26 जनवरी की Tractor Rally के लिए पंजाब में रिहर्सल में जुटे हजारों किसान

किसान नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि करीब दो महीने से अन्नदाता ठंड के मौसम में अपने हकों के लिए बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं लेकिन सरकार अपना तानाशाही रवैया छोड़ने को तैयार नहीं है. तालु ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार सरकारी व सावर्जनिक क्षेत्र को बर्बाद करने के बाद अब खेती व खाद्य सुरक्षा को उजाडऩे के लिए तीन कृषि कानून (Farm Laws) को लेकर आई है.

Farmers Protest With Tractor March: बातचीत से पहले किसानों का शक्ति प्रदर्शन

भारतीय किसान यूनियन के नेता ने कहा कि हजारों किसान करीब दो महीने से दिल्ली के चारों ओर डेरा डाले बैठे हैं, लेकिन सरकार उनके साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा देश-विदेश के चंद उद्योगपतियों के मुनाफों के लिए ऐसा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कि ये तीनों कृषि कानून (Farm Laws) किसान विरोधी हैं.

RBI ने NBFC पर कड़े नियमन और सख्त निगरानी लागू करने की सिफारिश की

New Delhi: आरबीआई (RBI) ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों यानी NBFC के बेहतर रेगुलेशन  का प्लान बनाया है. पिछले एक-दो साल से गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में गड़बड़ियों के बाद आरबीआई के लिए यह चिंता का विषय बन गया है. आरबीआई (RBI) ने अपने एक डिस्कशन पेपर में नियमन के ढांचे और तरीके का जिक्र किया है.

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आरबीआई (RBI) के डिस्कशन पेपर के मुताबिक एनबीएफसी (NBFC) के लिए नियमन और निगरानी के लिए चार स्तरीय रणनीति बनाने की जरूरत है. इसमें एनबीएफसी को उनके पूंजी आधार पर चार वर्गो में विभाजित करने, इनके पूंजी आधार में भारी वृद्धि करने और सामान्य बैंकों की तरह ही NPA के नियम लागू करने की बात है. 

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ये स्तर होंगे- बेस लेयर, मिडिल लेयर, अपर लेयर और टॉप लेयर. टॉप लेयर वाली एनबीएफसी (NBFC) का पूंजी आधार 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है. कहा गया है कि बेहद बड़ी एनबीएफसी (NBFC) को देश की पूंजी व्यवस्था के लिए काफी अहम है. लिहाजा इनके लिए ज्यादा सख्त मानक तय करने करने होंगे.

एनबीएफसी कंपनियों की गडबड़ियां भी आ रही हैं सामने

सभी एनबीएफसी (NBFC) के लिए एनपीए (NPA) के नियम बैंकों की तरह करने की सिफारिश की गई है. यानी अगर कोई ग्राहक 90 दिनों तक कर्ज नहीं चुकाता है तो उसके खाते को एनपीए (NPA) घोषित करना होगा. आइएलएंडएफएस के ध्वस्त होने और उसके बाद कुछ दूसरी बड़ी एनबीएफसी (NBFC) के नाकाम रहने के बाद इनके नियमन को लेकर सवाल उठ रहे थे. इस पर आरबीआई (RBI) ने एक समिति गठित की थी, जिसके सुझावों को अब सार्वजनिक किया गया है. पिछले पांच साल के दौरान होम फाइनेंस कंपनी समेत तमाम एनबीएफसी कंपनियों की बैलेंस शीट दोगुना बढ़ कर 20.72 लाख करोड़ रुपये बढ़ कर 49.22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है.

Reliance Home Finance का तिमाही घाटा 340 करोड़ रुपये पर पहुंचा

New Delhi: अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस होम फाइनेंस (Reliance Home Finance) का दिसंबर तिमाही का शुद्ध घाटा 339.55 करोड़ पर पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में इसने 73.52 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया था। 

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का लाभ 11 गुना बढ़ा

कंपनी द्वारा शुक्रवार को बाजार को दी गयी जानकारी के अनुसार आलोच्य तिमाही में उसकी कुल आय गिरकर 174.66 करोड़ रुपये रही। एक साल पहले इसी दौरान आय 442.03 करोड़ रुपये थी। इसी दौरान खर्च एक साल पहले के 549.03 करोड़ रुपये की तुलना में 688.97 करोड़ रुपये रहा। 

WhatsApp शॉपिंग बटन भारत में लाइव, यूजर्स कर सकेंगे खरीदारी

कंपनी के ऋणदाताओं ने अंतर-करदाता समझौते (ICA) को तीन माह के लिए और बढ़ा दिया था। कंपनी दिवाला संहिता के तहत निपटान प्रक्रिया में है। इसके लिए छह कंपनियों की बोलियां प्राप्त हुई हैं।

Republic Day: परेड में टिकट या पास से ही मिलेगी इंट्री, 15 वर्ष से कम को इजाजत नहीं

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New Delhi: गणतंत्र दिवस (Republic Day) समारोह से पहले दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने परामर्श जारी किया है, जिसमें कहा है कि राजपथ (Raj Path) पर लोगों को परेड देखने की इजाजत तभी मिलेगी जब उनके पास आमंत्रण-पत्र या टिकट होगा. इस व्यवस्था का सख्ती से पालन किया जाएगा. इसमें पुलिस ने यह भी कहा कि कार्यक्रम में 15 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों को शामिल होने की इजाजत नहीं होगी.

26 जनवरी को बड़े आंदोलन की तैयारी में किसान, पंजाब में हजारों वॉलंटियर जुड़े

दिल्ली पुलिस की ओर से ट्वीट किया गया, ‘‘इस वर्ष, गणतंत्र दिवस (Republic Day) परेड देखने के लिये प्रवेश आमंत्रण पत्र अथवा टिकट से ही मिलेगा और इस व्यवस्था का सख्ती से पालन किया जाएगा. जिनके पास आमंत्रण पत्र/टिकट नहीं है उन्हें सलाह दी जाती है कि वे घर पर ही सीधा प्रसारण देखें. 15 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों को राजपथ पर परेड देखने के लिए आने की इजाजत नहीं है.” पुलिस ने कहा कि इस वर्ष कार्यक्रम में निर्बाध प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

किसानों की चेतावनी- मांगें नहीं मानी तो 26 जनवरी को निकालेंगे ‘किसान गणतंत्र परेड’

गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में जमीन से लेकर आसमान तक अभूतपूर्व सुरक्षा बंदोबस्त किया गया है. यहां हजारों सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं तथा शहर के व्यस्त बाजार एवं इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है. किसान संगठनों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के मद्देनजर सीमावर्ती इलाकों में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.

राजपथ पर गणतंत्र दिवस (Republic Day) समारोह के लिये लगाई जाने वाली कुर्सियों को भी सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए लगाया जाएगा. इस बार परेड देखने वालों की संख्या में भी कटौती करते हुई इसे 25 हजार तक सीमित किया गया है जबकि पिछली बार यहां करीब सवा लाख लोगों के लिये व्यवस्था थी.

Petrol-Diesel Prices: पेट्रोल-डीजल इस हफ्ते में चौथी बार हुआ महंगा

New Delhi: देश में पेट्रोल और डीजल के दाम (Petrol-Diesel Prices) शनिवार को अपने नए सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गए. पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने इस सप्ताह चौथी बार वाहन ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी की है. पेट्रोलियम विपणन कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार, शनिवार को पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) दोनों के दाम 25-25 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं. इससे दिल्ली में पेट्रोल 85.70 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 92.28 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है. राष्ट्रीय राजधानी में डीजल 75.88 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 82.66 रुपये प्रति लीटर हो गया है. 

दिल्‍ली में Petrol की कीमतें 85 रुपये के पार, Diesel भी रिकॉर्ड ऊंचाई के नजदीक

वाहन ईंधन कीमतों में लगातार दूसरे दिन वृद्धि की गई है. इस सप्ताह चार बार में वाहन ईंधन के दाम एक रुपये प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं. स्थानीय बिक्री कर या मूल्यवर्धित कर (VAT) की वजह से विभिन्न राज्यों में वाहन ईंधन कीमतों में अंतर होता है. इस समय देश में वाहन ईंधन के दाम अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर हैं. 

दिसंबर में Diesel की बिक्री गिरी, ट्रांसपोर्ट और कृषि सेक्टर में धीमी रफ्तार के संकेत

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इससे पहले इसी सप्ताह वाहन ईंधन (Petrol-Diesel) कीमतों में बढ़ोतरी के लिए सऊदी अरब द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती को जिम्मेदार ठहराया था. हालांकि, उन्होंने वाहन ईंधन पर करों में कटौती को लेकर कुछ नहीं कहा था.