spot_img
Newsnowमंत्र-जापLohri 2025: परंपरा, उल्लास और प्रकृति के प्रति आभार का पर्व

Lohri 2025: परंपरा, उल्लास और प्रकृति के प्रति आभार का पर्व

लोहड़ी 2025 का पर्व हर परिवार के लिए विशेष होगा, जहां अग्नि के चारों ओर नाच-गान, तिल-गुड़ की मिठास और सामूहिक भोज से खुशियों का माहौल बनेगा।

Lohri उत्तर भारत का प्रमुख और हर्षोल्लास से भरा हुआ पर्व है, जिसे खासतौर पर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में धूमधाम से मनाया जाता है। Lohri त्योहार हर साल 13 जनवरी को फसल कटाई के अवसर पर मनाया जाता है। लोहड़ी को कृषि और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने के रूप में मनाया जाता है। 2025 में Lohri 13 जनवरी, सोमवार को मनाई जाएगी।

लोहड़ी का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व

Lohri 2025: A festival of tradition, gaiety and gratitude to nature

1. फसल कटाई का उत्सव

Lohri फसल कटाई के उत्सव को दर्शाता है। इसे रबी की फसल विशेष रूप से गेहूं की फसल के पकने की खुशी में मनाया जाता है।

  • यह समय किसान के लिए बेहद खास होता है, क्योंकि वह अपनी मेहनत का फल प्राप्त करता है।
  • किसान इस दिन अपनी फसलों के लिए प्रकृति, सूर्य देव और अग्नि का धन्यवाद करते हैं।

2. ऋतु परिवर्तन

Lohri शीत ऋतु के अंत और वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है।

  • मकर संक्रांति के ठीक एक दिन पहले लोहड़ी मनाई जाती है, जब सूर्य उत्तरायण होता है।
  • इस समय दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं।

3. सामाजिक और सांस्कृतिक एकता

Lohri सामाजिक मेलजोल, सामूहिक उत्सव और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतीक है।

  • यह पर्व सभी को एक साथ आने और खुशियां बांटने का अवसर प्रदान करता है।
  • इसमें नृत्य, गाना और सामूहिक भोज का आयोजन होता है।

लोहड़ी से जुड़ी पौराणिक कथाएं

1. दुल्ला भट्टी की कहानी

Lohri का पर्व दुल्ला भट्टी की कहानी से गहराई से जुड़ा हुआ है।

  • दुल्ला भट्टी पंजाब का एक वीर व्यक्ति था, जिसे गरीबों का रक्षक माना जाता है।
  • उसने गरीब लड़कियों को जालिमों से बचाया और उनकी शादियां करवाकर उनका सम्मान बढ़ाया।
  • इस कारण, Lohri के गीतों में दुल्ला भट्टी की वीरता की गाथा गाई जाती है।

2. सूर्य देव और अग्नि पूजा

Lohri 2025: A festival of tradition, gaiety and gratitude to nature

Lohri के दिन सूर्य देव और अग्नि देवता की पूजा की जाती है।

  • सूर्य देवता से फसल की समृद्धि और परिवार की खुशहाली की प्रार्थना की जाती है।
  • अग्नि को शुद्धता और जीवन का प्रतीक मानते हुए उसमें तिल, गुड़ और मूंगफली अर्पित की जाती है।

लोहड़ी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

Lohri का धार्मिक महत्व हिंदू और सिख परंपराओं से जुड़ा हुआ है।

  • हिंदू धर्म में इसे प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने और सूर्य देव की पूजा के रूप में देखा जाता है।
  • सिख धर्म में इसे कृषि और समुदाय के प्रति सम्मान के पर्व के रूप में मनाया जाता है।
  • इस दिन अग्नि के चारों ओर घूमकर परिवार की खुशहाली और समृद्धि की प्रार्थना की जाती है।

लोहड़ी पर्व की परंपराएं और रीति-रिवाज

1. लोहड़ी की रात

Lohri का मुख्य आयोजन रात को होता है। इस दौरान परिवार और समुदाय के लोग एक स्थान पर इकट्ठा होते हैं।

  • अग्नि प्रज्वलन:
    • Lohri की रात बड़े पैमाने पर लकड़ियों से अग्नि जलाई जाती है।
    • अग्नि के चारों ओर नृत्य और गान किया जाता है।
  • अग्नि को भोग:
    • तिल, गुड़, मूंगफली और मक्का अग्नि को अर्पित किए जाते हैं।
    • इसे समृद्धि और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।

2. खास व्यंजन

Lohri के अवसर पर पारंपरिक व्यंजनों का विशेष महत्व होता है।

Lohri 2025: A festival of tradition, gaiety and gratitude to nature
  • सरसों का साग और मक्के की रोटी:
    यह Lohri का पारंपरिक भोजन है, जो पंजाब के हर घर में तैयार किया जाता है।
  • तिल-गुड़ के लड्डू:
    तिल और गुड़ से बनी मिठाइयां इस पर्व की खास पहचान हैं।
  • गजक और रेवड़ी:
    गजक और रेवड़ी इस पर्व के दौरान बांटी जाती हैं।

3. पारंपरिक गीत और नृत्य

  • Lohri के अवसर पर लोग भांगड़ा और गिद्धा नृत्य करते हैं।
  • पारंपरिक पंजाबी गीत गाए जाते हैं, जिनमें दुल्ला भट्टी की वीरता का वर्णन होता है।

4. दान और सांझा भोज

  • Lohri के दिन जरूरतमंदों को दान देना शुभ माना जाता है।
  • सामूहिक भोज का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी लोग मिलकर भोजन करते हैं।

लोहड़ी का महत्व नवविवाहित जोड़ों और नवजात बच्चों के लिए

“Lohri 2025: फसल, सूर्य और परंपरा का उत्सव”

Lohri का पर्व खासतौर पर उन परिवारों के लिए महत्वपूर्ण होता है, जहां हाल ही में शादी हुई हो या बच्चे का जन्म हुआ हो।

  1. नवविवाहित जोड़ों के लिए:
    • नवविवाहित दंपत्ति को लोहड़ी के दौरान विशेष रूप से आशीर्वाद दिया जाता है।
    • परिवार और समुदाय उनके सुखद भविष्य की कामना करते हैं।
  2. नवजात बच्चों के लिए:
    • जिन परिवारों में बच्चे का जन्म हुआ होता है, वहां लोहड़ी बड़े उत्साह से मनाई जाती है।
    • यह बच्चे के उज्ज्वल भविष्य और स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना का समय होता है।

लोहड़ी का आधुनिक महत्व

आज के समय में लोहड़ी केवल पारंपरिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह लोगों को एकजुट करने और खुशियां बांटने का अवसर भी बन गया है।

  1. पर्यावरण संरक्षण:
    Lohri के दौरान लकड़ियां जलाने की परंपरा है, लेकिन आज इसे पर्यावरण के प्रति जागरूकता के साथ मनाया जा रहा है।
  2. सांस्कृतिक आदान-प्रदान:
    विभिन्न समुदाय इस त्योहार को मनाकर अपनी संस्कृति और परंपराओं को साझा करते हैं।
  3. परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना:
    यह त्योहार परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने और आपसी प्रेम को बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है।

लोहड़ी 2025: उत्सव का संदेश

Lohri 2025: A festival of tradition, gaiety and gratitude to nature

लोहड़ी न केवल खुशी और समृद्धि का प्रतीक है, बल्कि यह प्रकृति, कृषि और सामूहिकता के प्रति आभार प्रकट करने का भी अवसर है।

  • यह त्योहार हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने और अपनी परंपराओं को संजोने का संदेश देता है।
  • लोहड़ी हमें पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक सौहार्द और प्रेम का महत्व सिखाती है।

निष्कर्ष

लोहड़ी 2025 का पर्व हर परिवार के लिए विशेष होगा, जहां अग्नि के चारों ओर नाच-गान, तिल-गुड़ की मिठास और सामूहिक भोज से खुशियों का माहौल बनेगा। यह पर्व हमें अपनी संस्कृति को सम्मान देने और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। आइए, इस लोहड़ी पर प्रकृति और सामाजिक समरसता के संदेश को फैलाएं और इसे हर्षोल्लास के साथ मनाएं।

लोहड़ी 2025 का पर्व 13 जनवरी को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। यह उत्तर भारत का प्रमुख त्योहार है, जो फसल कटाई, ऋतु परिवर्तन और सूर्य देव की उपासना के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन अग्नि जलाकर तिल, गुड़, मूंगफली और मक्का अर्पित किए जाते हैं। लोग भांगड़ा-गिद्धा नृत्य करते हैं और पारंपरिक गीत गाकर दुल्ला भट्टी की गाथा का गुणगान करते हैं। लोहड़ी नवविवाहित जोड़ों और नवजात शिशुओं के लिए विशेष महत्व रखती है। यह पर्व न केवल हमारी परंपराओं और संस्कृति का उत्सव है, बल्कि सामूहिकता, प्रकृति और समृद्धि के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर भी है।

अन्य ख़बरों के लिए यहाँ क्लिक करें

spot_img

संबंधित लेख