सिंधुदुर्ग (Maharashtra): भारतीय नौसेना की ओर से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सिंधुदुर्ग में राजकोट किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को हुए दुर्भाग्यपूर्ण नुकसान की जांच के लिए Maharashtra सरकार के प्रतिनिधियों और तकनीकी विशेषज्ञों के साथ भारतीय नौसेना की अध्यक्षता में एक संयुक्त तकनीकी समिति का गठन किया जा रहा है। यह घटना क्षेत्र में असाधारण मौसम की स्थिति के कारण हुई है।
इस मूर्ति का अनावरण 4 दिसंबर, 2023 को नौसेना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में किया गया था। यह आयोजन पहली बार सिंधुदुर्ग में किया गया था। इसका उद्देश्य समुद्री रक्षा और सुरक्षा के प्रति मराठा नौसेना और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत और आधुनिक भारतीय नौसेना के साथ इसके ऐतिहासिक संबंधों का सम्मान करना था।
इस परियोजना की परिकल्पना और संचालन भारतीय नौसेना द्वारा किया गया था। राज्य सरकार ने इसके लिए धन भी उपलब्ध कराया था।
Maharashtra के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने से BJP सरकार पर उठाए गए सवाल
राज्य के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा सोमवार दोपहर गिर गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2023 में नौसेना दिवस पर शिवाजी की प्रतिमा का उद्घाटन किया था।
Maharashtra के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढह गई, जानें वजह
इस बीच, शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना को लेकर गुरुवार को पुणे में अजित पवार के नेतृत्व में NCP party के कार्यकर्ताओं ने मौन विरोध प्रदर्शन किया।
शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे समेत कई विपक्षी नेताओं ने इस घटना को लेकर भाजपा नीत महायुति सरकार पर सवाल उठाए।
उद्धव ठाकरे ने कहा, “दो दिन पहले लोगों ने देखा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा कैसे गिरी और लोग किस तरह के बयान दे रहे हैं। राज्य भवन समुद्र तट पर है, लेकिन राज्यपाल की टोपी भी कभी नहीं उड़ी और वे कहते हैं कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा तेज हवाओं के कारण गिरी, यह कैसे संभव है?”
Maharashtra के CM Eknath Shinde ने कहा था कि “प्रतिमा तेज हवाओं के कारण गिरी और क्षतिग्रस्त हुई।”
Maharashtra कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारें भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं जानतीं।
इससे पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राजकोट किले में मूर्ति गिरने की घटना के बाद बुधवार को महाराष्ट्र के लोगों से माफ़ी मांगी थी। उपमुख्यमंत्री ने इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों को कड़ी सज़ा देने का आश्वासन भी दिया था।
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