भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने आगामी Maha Kumbh 2025 को वैश्विक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलें शुरू की हैं। ये पहलें न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने के उद्देश्य से हैं, बल्कि देश में पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
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Maha Kumbh 2025 के प्रमुख पहलें:
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अंतरराष्ट्रीय प्रचार अभियान:
महाकुंभ 2025 को वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने के लिए डिजिटल और पारंपरिक माध्यमों का उपयोग किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मेलों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के जरिए इस आयोजन की जानकारी दी जा रही है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास:
प्रयागराज और इसके आसपास के क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं, जैसे:
बेहतर सड़क और रेल नेटवर्क।
आवासीय सुविधाओं में सुधार, विशेष रूप से पर्यटकों के लिए।
गंगा नदी के किनारे पर्यावरण-संवेदनशील परियोजनाएं।
स्मार्ट सिटी पहल के तहत तकनीकी विकास:
महाकुंभ स्थल पर स्मार्ट तकनीकों का उपयोग, जैसे कि:
भीड़ प्रबंधन के लिए AI आधारित समाधान।
लाइव लोकेशन ट्रैकिंग और आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता।
अंतरराष्ट्रीय पर्यटन पैकेज:
विदेशों से आने वाले पर्यटकों के लिए विशेष टूर पैकेज तैयार किए गए हैं, जिसमें:
महाकुंभ का अनुभव।
भारत की सांस्कृतिक धरोहर, जैसे वाराणसी, अयोध्या, और खजुराहो जैसे प्रमुख स्थलों का दौरा।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन:
महाकुंभ के दौरान वैश्विक स्तर पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए:
योग, ध्यान और भारतीय संगीत के विशेष सत्र।
भारतीय हस्तशिल्प और व्यंजनों की प्रदर्शनी।
Maha Kumbh 2025 महत्व:
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महाकुंभ 2025 को वैश्विक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने से न केवल भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह विदेशी मुद्रा अर्जित करने, स्थानीय रोजगार सृजन और भारतीय संस्कृति के वैश्विक प्रसार में भी मदद करेगा।
संभावित प्रभाव:
इस पहल से प्रयागराज और अन्य संबंधित क्षेत्रों में दीर्घकालिक विकास होगा और भारत की सॉफ्ट पावर को और अधिक मजबूती मिलेगी।
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