14 अप्रैल 2025 को बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता Manish Sisodia ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने शिक्षा को कमजोर करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं, जो बाबासाहेब अंबेडकर के विचारों और उनकी शिक्षा से संबंधित दृष्टिकोण से पूरी तरह विपरीत हैं।
यह भी पढ़ें: Delhi में छात्र वीजा की आड़ में ड्रग तस्करी: एक करोड़ की हेरोइन जब्त
मुख्य आरोप:

Manish Sisodia का कहना था कि अंबेडकर ने शिक्षा को सामाजिक समानता और न्याय का साधन माना था, जबकि भाजपा सरकार ने सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता को लगातार गिराया है। इसके साथ ही, निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने की छूट देकर उन्होंने शिक्षा को एक आर्थिक बोझ बना दिया है, जिससे गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार अपने बच्चों को स्कूल भेजने से मजबूर हो रहे हैं।
बाबासाहेब अंबेडकर का शिक्षा पर दृष्टिकोण:
बाबासाहेब अंबेडकर ने हमेशा यह कहा था कि शिक्षा ही एकमात्र रास्ता है जिसके द्वारा समाज में समानता और सामाजिक न्याय स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने विशेष रूप से शिक्षा के अधिकार को मजबूत करने पर जोर दिया और इसे भारत के संविधान में शामिल किया। अंबेडकर के अनुसार, शिक्षा समाज की सबसे बड़ी शक्ति है, जो किसी भी व्यक्ति को उसकी सामाजिक स्थिति से बाहर निकाल सकती है।
भाजपा सरकार पर आरोप:

Manish Sisodia ने कहा कि भा.ज.पा. सरकार ने सत्ता में आते ही सरकारी स्कूलों को ध्यान से देखा ही नहीं, बल्कि उन्हें धीरे-धीरे नष्ट करने की कोशिश की है। इसके विपरीत, उन्होंने निजी स्कूलों को अपनी फीस बढ़ाने का अधिकार दिया, जिससे शिक्षा की सुलभता कम हो रही है। इससे उन बच्चों के लिए शिक्षा पाना मुश्किल हो रहा है, जो गरीब परिवारों से आते हैं।
यह भी पढ़ें: Assam Rifles ने मणिपुर में 3.5 करोड़ रुपये की हेरोइन जब्त की
Manish Sisodia का चिंतन:
सिसोदिया ने आरोप लगाया कि यह कदम केवल शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है और समाज के सबसे कमजोर वर्ग के बच्चों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। उनके अनुसार, यह स्थिति बाबासाहेब अंबेडकर की शिक्षा और समानता के आदर्शों से पूरी तरह से हटा हुआ है।
अन्य ख़बरों के लिए यहाँ क्लिक करें