Newsnowप्रौद्योगिकी Mobile apps चुरा रहे डेटा, जानें बचने के तरीके!

 Mobile apps चुरा रहे डेटा, जानें बचने के तरीके!

लेकिन आज भी आप अपना डेटा कंट्रोल कर सकते हैं – जागरूकता और सही कदमों से।

Mobile apps: आपने कभी कोई सिंपल-सा मोबाइल ऐप डाउनलोड किया होगा – जैसे कोई फ्लैशलाइट, फोटो एडिटर या शॉपिंग से जुड़ा कोई ऐप। कुछ दिन इस्तेमाल किया, फिर सोचा काम का नहीं है, और अनइंस्टॉल कर दिया। अब बात खत्म हो गई, है ना? आपको लग सकता है कि जब ऐप डिलीट हो गया तो अब वो कुछ नहीं कर सकता, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। कई Mobile apps ऐसे होते हैं जो आपके डिवाइस से हटाए जाने के बाद भी आपका डेटा चुपचाप इकट्ठा करते रहते हैं।

सामग्री की तालिका

यह डिजिटल दुनिया की एक खतरनाक हकीकत है – जहां डेटा सबसे कीमती चीज बन चुका है और मोबाइल Mobile apps आपके सबसे बड़े जासूस बन चुके हैं। अगर आप ये सोचते हैं कि किसी ऐप को डिलीट करके आप उससे बच गए, तो आपको सच जानने की जरूरत है।

 Mobile apps are stealing data, know how to avoid it!

डेटा की चुपचाप चोरी: Mobile apps कैसे करते हैं पीछा

अधिकतर Mobile apps आपसे “परमिशन” मांगते हैं – कुछ जरूरी होती हैं, जैसे गूगल मैप्स को आपके लोकेशन की ज़रूरत होती है। लेकिन कई बार एक सिंपल सा कैलकुलेटर ऐप भी कैमरा और माइक्रोफोन की अनुमति मांगता है। क्यों?

क्योंकि एक बार आपने परमिशन दी, फिर शुरू हो जाता है आपका डेटा इकट्ठा करने का सिलसिला। जैसे:

  • आपका लोकेशन इतिहास
  • आपके कॉन्टैक्ट्स
  • आपके मैसेज
  • आपके डिवाइस की जानकारी
  • ब्राउज़िंग हैबिट्स
  • और कभी-कभी आपकी आवाज तक

अब अगर आपने ऐप को अनइंस्टॉल भी कर दिया, तो भी आपके डेटा का क्या? वो ऐप तो पहले ही सारा डेटा अपने सर्वर पर अपलोड कर चुका होता है।

यानि ऐप हटाने से आप नहीं बचते – आपका डेटा तब भी कंपनी के पास रहता है।

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कुछ चौंकाने वाले केस: जब Mobile apps ने किया डेटा का गलत इस्तेमाल

1. फेसबुक – साये की तरह पीछा करने वाला ऐप

फेसबुक को लंबे समय से डेटा गोपनीयता के उल्लंघन के लिए आलोचना झेलनी पड़ी है। यहां तक कि जब यूज़र फेसबुक को डिलीट कर देते थे, तब भी उनके “शैडो प्रोफाइल” बने रहते थे – यानी ऐसे यूज़र्स का भी डेटा इकट्ठा किया जाता था जो फेसबुक पर नहीं हैं।

2. टिकटॉक – क्लिपबोर्ड चुराने वाला ऐप

 Mobile apps are stealing data, know how to avoid it!

टिकटॉक को आईफोन में यूज़र्स का क्लिपबोर्ड डेटा पढ़ते हुए पकड़ा गया था। यहां तक कि अगर आपने ऐप को बंद या डिलीट भी कर दिया, तब भी आपका यूज़र ID और बिहेवियरल डेटा उनके सर्वर से लिंक रहता है।

3. मौसम Mobile apps – जो हर समय लोकेशन ट्रैक करते हैं

एक पॉपुलर वेदर ऐप को इस बात के लिए पकड़ा गया कि वह यूज़र्स की लोकेशन चुपचाप ट्रैक कर रहा था और विज्ञापनदाताओं को बेच रहा था। अनइंस्टॉल करने के बाद भी, यूज़र्स को ऐसे ऐड्स मिलते रहे जो उनके लोकेशन पर आधारित थे।

ऐप्स ऐसा क्यों करते हैं? जवाब है – आपका डेटा ही पैसा है

आज की दुनिया में डेटा सबसे कीमती चीज बन चुका है। कंपनियां आपके:

  • लोकेशन
  • सर्च हिस्ट्री
  • शॉपिंग पैटर्न
  • सोशल नेटवर्क्स
  • और व्यवहार के हर छोटे पहलू से पैसा कमा सकती हैं।

आपका डिजिटल प्रोफाइल कुछ पैसों से लेकर कई डॉलर्स तक में बिक सकता है – और अगर उनके पास लाखों यूज़र्स हैं, तो सोचिए कितनी कमाई होती होगी।

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सबसे बड़ा धोखा – आपने खुद ही इजाजत दी होती है

जब आप कोई ऐप डाउनलोड करते हैं और उसका “Terms & Conditions” या “Privacy Policy” बिना पढ़े स्वीकार कर लेते हैं, तो असल में आप:

  • अपने डेटा को स्टोर करने,
  • दूसरों से शेयर करने,
  • और अनइंस्टॉल के बाद भी उसे रखने की अनुमति दे रहे होते हैं।

यानि आपने जाने-अनजाने में खुद ही अपना पीछा करने की छूट दे दी होती है।

सिर्फ ऐप डिलीट करने से कुछ नहीं होता – ये उपाय करें

अब सवाल ये है कि जब ऐप अनइंस्टॉल करना काफी नहीं, तो फिर बचाव कैसे करें?

1. सिर्फ ऐप नहीं, अकाउंट भी डिलीट करें

अगर ऐप में लॉगिन किया था, तो ऐप डिलीट करने से पहले उसमें जाकर अकाउंट डिलीट करें। कई Mobile apps में ये विकल्प छिपा होता है – सेटिंग्स में जाकर “Delete Account” या “Deactivate Account” ढूंढें।

अगर ऐप GDPR या CCPA जैसे नियमों का पालन करता है, तो आप “Data Deletion Request” भी भेज सकते हैं।

2. अनावश्यक परमिशन को रद्द करें

फोन की सेटिंग्स में जाकर जांचें कि कौन-कौन से Mobile apps को क्या-क्या एक्सेस मिला हुआ है। और जो परमिशन अब ज़रूरी नहीं, उन्हें तुरंत रद्द करें।

  • Android: Settings > Privacy > Permission Manager
  • iPhone: Settings > Privacy & Security

3. कैश और ऐप डेटा साफ करें

कई बार ऐप डिलीट करने के बाद भी उसका कैश डेटा या बैकअप डिवाइस में बचा रहता है। उसे मैन्युअली क्लियर करें।

  • Android में: Settings > Storage > Cached Data
  • iPhone में: ऐप को दोबारा इंस्टॉल करके फिर डिलीट करें या क्लीनअप Mobile apps का उपयोग करें जैसे Files by Google

4. प्राइवेसी फ्रेंडली Mobile apps का इस्तेमाल करें

कुछ Mobile apps हैं जो आपकी प्राइवेसी की इज्जत करते हैं, जैसे:

  • Signal (WhatsApp की जगह)
  • DuckDuckGo (Google की जगह)
  • Brave Browser (Chrome की जगह)
  • ProtonMail (Gmail की जगह)

ये Mobile apps आपका डेटा ट्रैक नहीं करते और एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का उपयोग करते हैं।

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5. ऐप एक्टिविटी मॉनिटर करें

कुछ Mobile apps ऐसे होते हैं जो पृष्ठभूमि में चुपचाप डेटा लेते रहते हैं। उन्हें पकड़ने के लिए ऐसे टूल्स का इस्तेमाल करें:

  • Exodus Privacy
  • Bouncer
  • App Ops (रूटेड डिवाइसेज़ के लिए)

6. गूगल और ऐपल से भी अपनी जानकारी हटाएं

  • Google की एक्टिविटी हटाने के लिए: myactivity.google.com
  • Apple में: Settings > Apple ID > iCloud > Manage Storage

यहां से Mobile apps के बैकअप और क्लाउड स्टोरेज को मैनेज करें। अनावश्यक सिंक और लोकेशन ट्रैकिंग को बंद करें।

आपके अधिकार क्या कहते हैं?

अब कई देशों में डेटा सुरक्षा के लिए सख्त कानून लागू हो चुके हैं:

  • GDPR (यूरोप): यूज़र्स को डेटा देखने, डिलीट करने और कंट्रोल करने का अधिकार देता है।
  • CCPA (कैलिफोर्निया): कंपनियों को यह बताना ज़रूरी है कि वे यूज़र्स का डेटा कैसे इस्तेमाल कर रही हैं।
  • भारत का नया डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बिल: जल्द ही भारत में भी मजबूत डेटा कानून लागू हो सकते हैं।

भविष्य और भी खतरनाक है

AI और मशीन लर्निंग की मदद से अब Mobile apps और भी स्मार्ट हो चुके हैं। ये अब सिर्फ आपकी जानकारी नहीं लेते, बल्कि आपका व्यवहार भी समझने लगे हैं:

  • आप कब उदास हैं
  • कब ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं
  • किन दोस्तों से सबसे ज़्यादा बात करते हैं
  • यहां तक कि आप कितनी देर किसी स्क्रीन पर रुकते हैं

और अब स्मार्ट फ्रिज, वॉच, टीवी – हर चीज़ डेटा इकट्ठा करने लगी है।

निष्कर्ष: खुद को डिजिटल गुलाम बनने से बचाएं

कहा जाता है – “अगर आप किसी चीज़ के लिए पैसे नहीं दे रहे हैं, तो शायद आप खुद वो प्रोडक्ट हैं।”

ज्यादातर फ्री Mobile apps आपकी प्राइवेसी की कीमत पर चलती हैं। और सच्चाई ये है कि कुछ पेड Mobile apps भी यही करते हैं।

लेकिन आज भी आप अपना डेटा कंट्रोल कर सकते हैं – जागरूकता और सही कदमों से।

संक्षेप में – अभी क्या करें

  • पुराने Mobile apps को डिलीट करें
  • परमिशन की समीक्षा करें
  • ऐप से अकाउंट और डेटा डिलीट करें
  • प्राइवेसी-फ्रेंडली Mobile apps पर स्विच करें
  • ऐप एक्टिविटी की निगरानी करें
  • गूगल और ऐपल से पुराना डेटा हटाएं

डिजिटल दुनिया में भरोसा स्वाभाविक नहीं – अब उसे साबित करना पड़ता है।

अपने डेटा का मालिक खुद बनें – और आज ही इसकी सुरक्षा की शुरुआत करें।

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