उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर-राजनेता Mukhtar Ansari को हत्या के एक मामले में स्थानीय अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई है। पूर्व विधायक को कल इसी अदालत ने दोषी ठहराया था।
हालांकि उन्हें 25 सितंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी, लेकिन कई अन्य मामलों में आरोपों का सामना करने के कारण वह जेल में ही रहे।
2009 में पुलिस अधिकारी कपिलदेव सिंह की हत्या के मामले में 10 साल की सजा हुई। उसी साल मुख्तार अंसारी पर एक और पुलिसकर्मी मीर हसन की हत्या की कोशिश का आरोप लगा।
Mukhtar Ansari को उम्रकैद की सजा
जून में वाराणसी की एक अदालत ने हत्या के एक मामले में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
प्रवर्तन निदेशालय ने 15 अक्टूबर को मुख्तार अंसारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत 73.43 लाख रुपये से अधिक की जमीन, एक इमारत और बैंक जमा राशि कुर्क की थी।
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पांच बार के विधायक मुख्तार अंसारी पर 1991 में एक कांग्रेस नेता की हत्या का भी आरोप लगाया गया है, जब वह राजनीतिक प्रसिद्धि हासिल करना शुरू कर रहे थे। अगस्त 1991 में कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अजय राय के भाई अवधेश राय की अजय राय के घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
उस वक्त मुख्तार अंसारी विधायक नहीं थे। श्री राय ने मामले में गैंगस्टर-राजनेता और चार अन्य को आरोपी बनाया था।
मुख्तार अंसारी के खिलाफ देश भर में 15 से अधिक मामले लंबित हैं; उन पर कम से कम 61 आपराधिक मामले हैं।
पुलिस ने हत्याकांड की गहनता से जांच की। उन्होंने पूर्व विधायक को गिरफ्तार करने के लिए आगे बढ़ने से पहले गिरोह के नेताओं और पूर्व विधायक के बीच संबंधों को दर्शाने वाला एक चार्ट बनाया।