Mumbai News: पिता के प्रयासों की बदौलत, एक भारतीय दंपति को ड्रग तस्करी के आरोप में कतर (Qatar) की एक अदालत द्वारा 10 साल की जेल की सजा सुनाए जाने के 20 महीने के बाद, अपने ऊपर लगे इल्ज़ाम से छुटकारा मिला, बुधवार को दम्पति अपने घर वापस आए।
दंपति को भारत में हनीमून पैकेज (Honymoon Package) के बहाने ड्रग तस्करों ने धोखा दिया था। जालसाजों ने दंपति का विश्वास हासिल करने के बाद उन्हें एक बैग दिया था जिसमें कंट्राबेंड (Drugs) था, उन्हें बताया गया था कि इसमें तंबाकू है।
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6 जुलाई, 2019 को मोहम्मद शारिक और उनकी पत्नी ओनिबा कौसर शकील अहमद को कतर (Qatar) की ड्रग प्रवर्तन एजेंसियों ने दोहा (Doha) के हमाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया। कतर (Qatar) अधिकारियों ने दंपति के सामान से 4.1 किलोग्राम हशीश बरामद किया।
अभियोजन एजेंसियों द्वारा मोहम्मद शारिक और ओनिबा कौसर शकील अहमद पर कतर की अदालत में मुकदमा चलाया गया था और कतर की सर्वोच्च न्यायपालिका परिषद ने दोनों को 10 साल जेल और व्यक्तिगत रूप से 300 हजारों रियाल के जुर्माने की सजा सुनाई थी।
ओनिबा कौसर के पिता शकील अहमद कुरैशी ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) सहित विभिन्न मंचों पर इस मामले को उठाया।
श्री कुरैशी ने दावा किया कि उनकी बेटी और दामाद को तबस्सुम रियाज़ कुरैशी (मोहम्मद शारिक कुरैशी की चाची) और उनकी सहयोगी निजाम कारा नामक एक महिला द्वारा धोखा दिया गया था। हनीमून पैकेज की आड़ में मोहम्मद शारिक कुरैशी और ओनिबा कुरैशी को कतर भेजा गया। तबस्सुम और निज़ाम कारा द्वारा दिए गए अपने सामान के बैग में कंट्राबेंड (Drugs) छुपा हुआ था।
शकील अहमद कुरैशी ने शिकायत के साथ संबंधित दस्तावेज और एक कॉम्पैक्ट डिस्क मुहम्मद शारिक कुरैशी और तबस्सुम के बीच ऑडियो रिकॉर्डिंग प्रदान की थी। शकील अहमद कुरैशी द्वारा लगाए गए आरोपों में मादक पदार्थ विरोधी विभाग द्वारा एक विस्तृत जांच शुरू की गई थी। जाँच में, अधिकारियों ने पाया कि निजाम कारा द्वारा एक संगठित ड्रग तस्करी सिंडिकेट चलाया जा रहा था, जिसमें तबस्सुम और अन्य शामिल थे।
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मादक पदार्थ ब्यूरो द्वारा इन ड्रग सिंडिकेट सदस्यों के खिलाफ कड़ी निगरानी रखी गई थी। पिछले साल 26 फरवरी को, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने चंडीगढ़ में इस सिंडिकेट के 1.474 किलोग्राम चरस की एक खेप को पकड़ा और वेद राम, महेश्वर, शाहनवाज़ गुलाम चोरतवाला और शबाना नामक चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।
जांच के बाद, नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा इस बात की सत्यापना की गई थी कि दंपति को उनके पास से बरामद बैग में कंट्राबेंड (Drugs) के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
तदनुसार, मादक पदार्थों के विभाग ने कतर में संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय करने और वर्तमान मामले में उनकी निर्दोषता के संबंध में विदेश मंत्रालय से संपर्क किया।
प्रासंगिक दस्तावेजों, वॉयस क्लिपिंग और साक्ष्य कतर के भारतीय दूतावास के साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से साझा किए गए थे और कतर अधिकारियों के साथ इस मामले को लेकर वार्तालाप की गई।
कतर में भारतीय अधिकारियों ने कतर अधिकारियों के साथ साक्ष्य साझा किए थे और 29 मार्च को कतर की स्थानीय अपील अदालत ने मोहम्मद शारिक और ओनिबा कौसर शकील अहमद को बरी करने का आदेश दिया।