यह कहानी Nick Jonas की है, जो प्रियंका चोपड़ा के पति और एक ग्लोबल पॉप आइकन हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब Nick Jonas सिर्फ 13 साल के थे, तो उन्हें एक गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा था? यह बीमारी थी टाइप 1 डायबिटीज। इस बीमारी ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया, लेकिन उन्होंने इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। इसके बजाय, उन्होंने इसे एक मंच बनाया जहां वह दूसरों को प्रेरित करते हैं और जागरूकता फैलाते हैं। आइए जानते हैं कैसे Nick Jonas ने इस चुनौती का सामना किया और इसे अपनी ताकत में बदल दिया।
सामग्री की तालिका
एक जीवन बदलने वाली बीमारी का सामना
2005 में, जब Nick Jonas अपने भाईयों के साथ एक टूर पर थे, उन्हें कुछ अजीब लक्षण महसूस होने लगे। उन्हें ज्यादा प्यास लगती थी, बार-बार पेशाब जाना पड़ता था, और उनका वजन तेजी से घट रहा था। एक डॉक्टर के पास जाने पर पता चला कि उनके खून में शुगर का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ चुका था—900 mg/dL, जो सामान्य से नौ गुना ज्यादा था। वह डायबेटिक कोमा की स्थिति में थे।
डॉक्टरों ने उन्हें टाइप 1 डायबिटीज का निदान किया, जो एक गंभीर ऑटोइम्यून बीमारी है। इसके बारे में जानकर Nick Jonas का दिल टूट गया था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। Nick Jonas इस अनुभव को याद करते हुए कहते हैं, “मैं निराश हो गया था, डर भी लग रहा था… क्या इसका मतलब यह था कि मुझे अपनी संगीत यात्रा छोड़नी पड़ेगी?”
इस चुनौती को अपनाना
टाइप 1 डायबिटीज के साथ अपने जीवन को आगे बढ़ाने के लिए Nick Jonas ने पूरी तरह से अपनी जीवनशैली में बदलाव किया। उन्होंने नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करवाई, इंसुलिन थैरेपी शुरू की और अपनी डाइट पर ध्यान दिया। समय के साथ, उन्होंने इंसुलिन पंप का इस्तेमाल करना शुरू किया, जो उन्हें और अधिक लचीलापन और नियंत्रण प्रदान करता था। Nick Jonas ने कभी भी अपनी बीमारी को अपने सपनों के रास्ते में नहीं आने दिया। वह लगातार संगीत बनाते रहे, टूर करते रहे और अपने जीवन को पूरी तरह से जीते रहे।
अपने संघर्ष को तस्वीरों में साझा करना
2018 में, Nick Jonas ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने दो तस्वीरें डालीं। एक तस्वीर में वह बीमारी के बाद पतले और कमजोर दिख रहे थे, जबकि दूसरी तस्वीर में वह बिल्कुल स्वस्थ और खुशहाल दिख रहे थे। उन्होंने लिखा, “13 साल पहले आज ही के दिन मुझे टाइप 1 डायबिटीज का निदान हुआ था… दाईं तस्वीर में मैं अब खुश और स्वस्थ हूं।”
यह तस्वीरें न केवल शारीरिक परिवर्तन को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी दिखाती हैं कि एक मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत होने की कितनी आवश्यकता होती है, खासकर जब आप किसी दीर्घकालिक बीमारी से जूझ रहे होते हैं।
अधिकारिता और समर्थन: टाइप 1 से परे
Nick Jonas ने अपनी बीमारी से प्रेरित होकर 2015 में ‘Beyond Type 1’ नामक एक गैर-लाभकारी संगठन की स्थापना की। इस संगठन का उद्देश्य टाइप 1 डायबिटीज के बारे में जागरूकता बढ़ाना, शिक्षा देना और उन लोगों के लिए संसाधन प्रदान करना है, जो इस बीमारी से ग्रस्त हैं।
Nick Jonas की भागीदारी इस संगठन में केवल प्रचार तक सीमित नहीं है; वह व्यक्तिगत रूप से इसके कार्यक्रमों में शामिल होते हैं और दूसरों को अपनी कहानियां साझा करने के लिए प्रेरित करते हैं।
प्रियंका चोपड़ा: एक सहायक साथी
Nick Jonas के जीवन में एक और महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं—प्रियंका चोपड़ा। प्रियंका ने कई बार कहा है कि Nick Jonas की बीमारी के बावजूद वह अपनी सेहत का पूरी तरह से ध्यान रखते हैं। “वह बहुत अनुशासित हैं और अपनी डायबिटीज का इलाज बहुत अच्छे से करते हैं।” प्रियंका ने अपने पति के बारे में इस तरह के शब्दों में प्रशंसा व्यक्त की है।
प्रियंका और Nick Jonas का रिश्ता यह साबित करता है कि किसी भी बीमारी से जूझने में एक-दूसरे का समर्थन कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दोनों मिलकर स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने और दूसरों को प्रेरित करने का काम कर रहे हैं।
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अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा
Nick Jonas ने अपनी कहानी को खुलकर साझा किया, जो कई लोगों के लिए प्रेरणा बन गई। रेडियो डिज़नी म्यूज़िक अवार्ड्स में उन्हें ‘हीरो अवार्ड’ मिला, और उन्होंने वहां कहा, “यह वह समय था जब मैं अपनी बैंड के साथ संगीत बनाने की शुरुआत कर रहा था… और मुझे लगता था कि यह बीमारी मुझे रुकवाएगी।” Nick Jonas का संदेश साफ है: एक बीमारी आपके जीवन को परिभाषित नहीं करती, बल्कि आप उसके साथ कैसे सामना करते हैं, वह आपको परिभाषित करता है।
निष्कर्ष
Nick Jonas की यात्रा—जो 13 साल की उम्र में एक जीवन बदलने वाली बीमारी का सामना करने से लेकर आज एक ग्लोबल सुपरस्टार और अधिकारिता कार्यकर्ता बनने तक की है—वह न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि हमारी चुनौतियों को हमें अपनी ताकत में बदलना चाहिए। उनका जीवन यह साबित करता है कि दृढ़ संकल्प, समर्थन और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ हम किसी भी मुश्किल से पार पा सकते हैं।
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