उज्जैन (मध्य प्रदेश): मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित महाकालेश्वर मंदिर में ‘Sawan’ के दूसरे सोमवार के अवसर पर पूजा-अर्चना करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त उमड़े।
भक्त सुबह से ही मंदिर में बाबा महाकाल (भगवान शिव) का आशीर्वाद लेने के लिए कतार में खड़े हो गए और उन्होंने इस अवसर पर बाबा महाकाल की विशेष ‘भस्म आरती’ में भी भाग लिया।
‘Sawan’ के दूसरे सोमवार भारतीय क्रिकेटर उमेश यादव ने भी भस्म आरती में भाग लिया
भारतीय क्रिकेटर उमेश यादव ने भी भस्म आरती में भाग लिया और बाबा महाकाल की आरती के दर्शन करने के लिए नंदी हॉल में बैठे देखे गए।
‘भस्म आरती’ (राख से अर्पण) यहां की एक प्रसिद्ध रस्म है। यह सुबह लगभग 3:30 से 5:30 के बीच ‘ब्रह्म मुहूर्त’ के दौरान की जाती है।
मंदिर के पुजारी आशीष शर्मा के अनुसार भस्म आरती से पहले बाबा महाकाल का जल से पवित्र स्नान और पंचामृत महाभिषेक किया गया, जिसमें भगवान का दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से अभिषेक किया गया। इसके बाद बाबा महाकाल को भांग और चंदन से सजाया गया और फिर उन्हें वस्त्र पहनाए गए। इसके बाद ढोल-नगाड़ों और शंखनाद के बीच भस्म आरती की गई।
‘सावन’ हिंदू चंद्र कैलेंडर का पांचवां महीना है, और इसे सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है। इस अवधि के दौरान प्रत्येक सोमवार को उपवास और भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए अत्यधिक शुभ समय माना जाता है।
हिंदू पौराणिक कथाओं में सावन का एक विशेष स्थान है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस महीने में भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले विष को पी लिया था, जिससे ब्रह्मांड को इसके विषाक्त प्रभाव से बचाया गया था।
इस अवधि के दौरान भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए उपवास और प्रार्थना करते हैं। सावन की ठंडी बारिश शिव की करुणा और परोपकार का प्रतीक है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन माह भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को अपने कष्टों से तुरंत मुक्ति मिलती है। इस साल सावन 22 जुलाई, सोमवार से शुरू हुआ है और 19 अगस्त, सोमवार को समाप्त होगा।
इसके अलावा सावन माह में प्रत्येक सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी निकालने की परंपरा है। इसलिए आज शाम को बाबा महाकाल की सवारी भी निकाली जाएगी। मान्यता है कि जनता का हाल जानने के लिए बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते हैं। भक्त भी सवारी देखने के लिए सड़क किनारे घंटों इंतजार करते हैं और बाबा महाकाल के दर्शन कर खुद को धन्य मानते हैं।
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