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US Election 2020: अमेरिकी टीवी चैनलों ने बंद किया डोनाल्‍ड ट्रंप का लाइव भाषण “झूठ पर झूठ बोल रहे थे”

वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव में हार की ओर बढ़ते डोनाल्‍ड ट्रंप के एक के बाद एक ‘झूठ’ से आजिज आकर अमेरिका के कई टीवी चैनलों ने उनका लाइव भाषण बंद कर दिया। टीवी चैनलों ने कहा कि राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप गलत सूचनाएं फैला रहे हैं। इससे पहले ट्रंप ने चुनावी रात के बाद पहली बार दिए अपने 17 मिनट के भाषण के दौरान कई बार भड़काऊ बयान दिया था और तथ्‍यहीन दावे किए थे।एमएसएनबीसी के एंकर ब्रायन विलियम्‍स ने कहा, ‘ओके, हम यहां पर एक बार फिर से एक असामान्‍य स्थिति में हैं और न केवल अमेरिका के राष्‍ट्रपति को टोक रहे हैं बल्कि अमेरिका के राष्‍ट्रपति के बयानों को सही कर रहे हैं।’ टीवी चैनल ने थोड़ी ही देर बाद उनके लाइव प्रसारण को बंद कर दिया। यही नहीं अमेरिकी टीवी चैनल एनबीसी और एबीसी ने भी ट्रंप के भाषण के लाइव प्रसारण को बंद कर दिया।

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डोनाल्‍ड ट्रंप ने फिर से अपनी जीत के दावे को दोहराया

सीएनएन के जैक टेप्‍पर ने कहा, ‘अमेरिका के लिए कितनी दुखद रात है जब उन्‍हें अपने राष्‍ट्रपति से यह सुनने को मिल रहा है जो लोगों पर चुनाव पर कब्‍जा करने का झूठा आरोप लगा रहे हैं। इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने जीत के दावे को दोहराया है। साथ ही आशंका जताई है कि अवैध वोटों के जरिए इस चुनाव को ‘चुराने’ की कोशिश की जा रही है। ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘अगर आप लीगल वोट गिनें तो मैं आराम से जीत रहा हूं। लेकिन अगर आप अवैध (मेल इन बैलट्स) वोट गिनेंगे तो वे (डेमोक्रेट) इसके जरिए हमसे जीत छीनने की कोशिश कर सकते हैं। मैं कई बड़े राज्य ऐतिहासिक मार्जिन के साथ जीत चुका हूं।’

ट्रंप ने ओपिनियन पोल्स को फर्जी बताते हुए कहा, ‘ओपिनियन पोल्स करने वालों ने जानबूझकर पूरे देश में ब्लू वेव (डेमोक्रेट के पक्ष में) दिखाई। असल में ऐसी कोई वेव नहीं थी। पूरे देश में बड़ी रेड वेव (रिपब्लिकन के पक्ष में) है, इसका मीडिया को भी अंदाजा था मगर हमें इसका फायदा नहीं हुआ।’ मेल इन बैलट्स में गड़बड़ी की आशंका जाहिर करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘हैरानी की बात है कि मेल इन बैलट्स किस तरह एक पक्ष (डेमोक्रेट) की तरफ ही दिख रहे हैं। यह एक भ्रष्ट प्रैक्टिस है और लोगों को भी भ्रष्ट बनाती है, भले ही वे अंदर से ऐसे न हों।

तेजस्वी यादव के दस लाख युवाओं को नौकरी देने के वादे ने बेरोजगारी को चुनाव का एक बड़ा मुद्दा बना दिया।

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बिहार में तीन चरणों में हो रहे विधानसभा चुनाव का शोर गुरुवार को समाप्त हो गया। अंतिम चरण के लिए 78 सीटों पर वोटिंग 7 नवंबर को होगी जबकि 10 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। 28 अक्तूबर को 71 सीट और 3 नवंबर को 94 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। इस बार बिहार विधानसभा का चुनावी प्रचार का यह सफर कई मायनों में अहम रहा। खासकर कोविड महामारी के बीच हो रहे चुनाव में कई नए प्रयोग और समीकरण देखने को मिले। तेजस्वी यादव के दस लाख युवाओं को नौकरी देने के वादे ने बेरोजगारी को चुनाव का एक बड़ा मुद्दा बना दिया। शुरुआत में तो एनडीए की तरफ से इस वादे का मजाक बनाने की कोशिश हुई लेकिन असर को भांपने के बाद लगभग सभी पार्टियां किसी न किसी रूप में युवाओं को रोजगार देना का वादा करती दिखीं। महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे तेजस्वी यादव को राजनीत का नौसखिया माना जा रहा था लेकिन उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए 250 से अधिक रैलियां कर एक रेकार्ड भी बनाया। कांग्रेस ने भी पूरी ताकत झोंकी और पार्टी के सीनियर नेता रणदीप सुरजेवाला के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक नेता तीन हफ्ते के दौरान राज्य में कैंप करते रहे। पार्टी को गठबंधन में 70 सीटें दी गईं। गठबंधन में लेफ्ट को जगह मिलने के बाद उसे भी खुद को राज्य में उभरने का एक मौका मिला है और खासकर माले का कॉडर इस बार जमीन पर सक्रिय दिखा। मध्य बिहार की कई सीटों पर माले का प्रभाव क्षेत्र रहा है। पहले दो चरणों की वोटिंग में कांटे की टक्कर के अनुमान के बाद तीसरे चरण के लिए सभी गठबंधनों ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया है। तीसरे चरण वाले मतदान का बड़ा हिस्सा मुस्लिम बहुल माना जाता है। तेजस्वी यादव इस इलाके में दो दिनों तक कैंप करते रहे तो कांग्रेस ने अपना हेडक्वार्टर भी पटना से उठाकर पूर्णिया कर दिया। महागठबंधन की सबसे अधिक कोशिश मुस्लिम-यादव वोट बैंक आगे बढ़ाने की रही है। इसी वजह से तेजस्वी यादव सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की बात करते रहे हैं। प्रचार में लालू प्रसाद का नाम भी कम लिया गया और वे पोस्टर से दूर रखे गए। कुल मिलाकर विपक्षी गठबंधन नीतीश के पंद्रह सालों की एंटी इनकंबेंसी और रोजगार के मुद्दे को ही केंद्र में रखकर चुनाव लड़ता रहा।

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एनडीए को बदलनी पड़ी रणनीति

जेडीयू और बीजेपी की अगुआई वाला एनडीए चुनाव में उतरा तो शुरू में उसकी जीत पर कोई संदेह नहीं था। मोदी और नीतीश की जोड़ी को अजेय माना जा रहा था। एनडीए को न तो एंटी इनकंबेंसी फैक्टर का असर दिखने का अंदाजा था और न ही तेजस्वी से परिपक्वता दिखाने की कोई आशंका थी लेकिन लेकिन चुनाव अभियान जैसे जैसे आगे बढ़ा, एनडीए को जमीनी हालात देखकर परेशानी का सामना करना पड़ा। एनडीए ने अपना प्रचार मूल रूप से केंद्र और राज्य सरकार के कामकाज पर ही केंद्रित किया। अभियान के दौरान एनडीए को अपनी चुनावी रणनीति भी बदलनी पड़ी। महागठबंधन के आक्रामक चुनाव अभियान को काउंटर करने के लिए आक्रामक तेवर अपनाने का फैसला हुआ। दूसरे चरण से ठीक पहले नरेंद्र मोदी की अगुआई में एनडीए ने जंगलराज की याद ताजा करते हुए तगड़ा हमला किया। फिर पूरा एनडीए विपक्ष पर हमलावर हुआ। एनडीए की मूल चिंता अपने वोट बैंक के बिखराव को रोकने की रही है। रणनीति बदलने के बाद एनडीए नेताओं को भरोसा है कि वे अपने वोट बैंक का बिखराव रोकने में कामयाब रहे हैं। जो संदेश वे वोटर तक पहुंचाना चाहते थे, उसमें भी वे कामयाब रहे हैं। नीतीश कुमार ने महिला वोटरों को अपने पक्ष में बनाए रखने में पूरी ताकत लगाई। दूसरे चरण में महिलाओं का पुरुष के मुकाबले पड़े 6 फीसदी से अधिक वोट को एनडीए ने अपने पक्ष में माना। साथ ही अंतिम चरण में मुस्लिम बहुल सीटों पर ध्रुवीकरण के कारण एनडीए का मानना है कि उसे लाभ होगा। इसके पीछे हालिया ट्रेंड भी है जिसमें ऐसी सीटों पर बीजेपी उम्मीद से बेहतर करती रही है। कुल मिलाकर एनडीए ने शुरू में लड़खड़ाने के बाद संभलने का संदेश दिया। एनडीए की तरफ से यह उम्मीद भी की जा रही थी कि महागठबंधन का कोई न कोई नेता हिट विकेट होकर उसे बढ़त बनाने का मौका दे देगा लेकिन इस बार महागठबंधन के नेताओं ने इस तरह के मौके एनडीए को दिए नहीं।

चिराग को लेकर सस्पेंस

इस चुनाव में सरप्राइज फैक्टर रहा चिराग पासवान का नीतीश कुमार के प्रति बागी तेवर। राज्य में एनडीए से अलग होने के बावजूद चिराग अपने को बीजेपी और नरेंद्र मोदी के साथ बताते रहे है लेकिन नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर रहे और उन्हें जेल तक भेजने की धमकी देते रहे। चिराग के इस नए अंदाज से राज्य में एनडीए वोटर के बीच उलझन साफ दिखी। चिराग पासवान की पार्टी के अधिकतर उम्मीदवार बीजेपी के पूर्व नेता थे जिससे हालात और पेचीदा हुए। भागलपुर में तो जेडीयू सांसद खुलकर इसे बीजेपी की साजिश बताते सुने गए। हालांकि बीजेपी लगातार चिराग से दूरी बनाए रही। एनडीए घटक दलों के बीच बिखराव का कितना असर चुनावी नतीजों पर पड़ेगा यह देखना रोचक होगा। चिराग की रैलियों में भी अच्छी भीड़ देखी गई। उपेंद्र कुशवाहा, मायावती और ओवौसी की पार्टी ने भी चुनाव के दौरान गठबंधन बनाकर समीकरण को प्रभावित किया। उत्तर प्रदेश से सटी सीटों पर मायावती के प्रभाव के कारण इस गठबंधन ने दोनों मजबूत राजनीतिक गठबंधन के लिए बेचैनी पैदा की है। उपेंद्र कुशवाहा ने भी अपने इलाकों में मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं। उधर सीमांचल में कम से कम 12 सीटों पर ओवैसी ने मजबूत मुस्लिम उम्मीदवार उतारे। इन सीटों पर 40 फीसदी से अधिक मुस्लिम वोटर हैं। इनकी रैलियों में भीड़ भी बहुत अधिक आई। पप्पू यादव का गठबंधन मधेपुरा,सहरसा जिले के कुछ सीटों पर अपना प्रभाव छोड़ने की कोशिश कर रहा है।

Happy Birthday Virat Kohli: विराट कोहली 32 साल के हुए

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नई दिल्ली. टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Happy Birthday Virat Kohli) आज 32 साल के हो गए हैं. 5 नवंबर, 1988 को जन्मे विराट कोहली आज दुनिया के बेस्ट क्रिकेटर्स में से एक हैं. क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में विराट कोहली की तूती बोलती है. विराट कोहली टेस्ट में 27 और वनडे में 43 शतक ठोक चुके हैं. मतलब इंटरनेशनल क्रिकेट में विराट कोहली ने 70 बार 100 के आंकड़े को पार किया है, जो कि अपने आप में ही अविश्वसनीय है. विराट कोहली ने वनडे में 11,867 रन बनाए हैं, वहीं टेस्ट में उनके बल्ले से 7240 रन निकले हैं. टी20 में विराट कोहली 76 पारियों में 2794 रन बना चुके हैं. विराट कोहली का तीनों ही फॉर्मेट में 50 से ज्यादा का औसत है. विराट कोहली जब भारत की अंडर 19 टीम के कप्तान थे, उस वक्त उनका नाम सुर्खियों में आया था. विराट कोहली की अगुवाई में टीम इंडिया चैंपियन बनी थी. हालांकि ये बात बहुत कम लोगों को पता है कि विराट कोहली की किस्मत आरजेडी के नेता और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव की कप्तानी में बदली थी.

जानिए कैसे हुआ था विराट कोहली का सेलेक्शन

टीम इंडिया के पूर्व सेलेक्टर और बल्लेबाज दिलीप वेंगसरकर ने विराट कोहली को पहली बार टीम इंडिया में मौका दिया था लेकिन मुंबई का ये दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली को अंडर 19 के पहले से ही जानता था और उनकी नजर दिल्ली के इस खिलाड़ी पर थी. दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) ने एक वेबसाइट को दिए खास इंटरव्यू में विराट कोहली के सेलेक्शन की कहानी बताई थी. वेंगसरकर ने खुलासा किया था, ‘साल 2000 में बीसीसीआई ने एक टैलेंट ढूंढने वाली समिति बनाई थी, मैं उसका हेड था. मेरे साथ बृजेश पटेल भी थे. मैं देशभर में अंडर-14, अंडर-16 और अंडर-19 के मैच देखता था. विराट कोहली को मैंने पहली बार अंडर-16 मैच में मुंबई के खिलाफ देखा था.

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विराट कोहली, लालू यादव के बेटे तेजस्वी (Tejashwi Yadav)  की कप्तानी में खेल रहे थे. विराट कोहली ने वहां जबर्दस्त बल्लेबाजी की.’

विराट कोहली पर दिलीप वेंगसरकर ने आगे कहा, ‘इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में इमर्जिंग ट्रॉफी होनी थी, जिसमें मैंने विराट कोहली को चुना था. मैंने विराट कोहली को वहां देखा और ग्रेग चैपल मेरे साथ बैठे थे. कीवी टीम के खिलाफ विराट ने ओपनिंग की और उन्होंने लक्ष्य का पीछा करते हुए नाबाद 123 रन ठोके. शतक के बाद भी वो आउट नहीं हुए और उन्होंने मैच खत्म किया. वहां मुझे लगा कि ये खिलाड़ी टीम इंडिया के लिए तैयार है. वो मानसिक तौर पर परिपक्व थे. इसलिए हमने उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका दिया.’ वो दिन है और आज का दिन है. आज विराट कोहली मौजूदा दौर के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माने जाते हैं.

दिल्ली : जीबी रोड के कोठा नंबर 58 की 3 मंजिलें आग की चपेट में।

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नई दिल्ली:

पुरानी दिल्ली के जीबी रोड इलाके में कोठा नंबर 58 पर भीषणा आग लगने की खबर से हड़कंप मच गया. आग ने बिल्डिंग की तीन मंजिलों को अपनी चपेट में ले लिया. इस दौरान कई सेक्स वर्कर्स और लोग जान बचाकर भागे. कई लोगों को तो पुलिस ने बाहर निकाला. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक दमकल कर्मी के घायल होने की भी खबर है.

फायर ब्रिगेड की 10 गाड़ियां मौके पर आग बुझाने के काम में जुटी हैं. शुरुआती जानकारी के मुताबिक पुलिस और दमकल कर्मियों को उम्मीद कि अंदर कोई फंसा नहीं है और सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है. आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चला है.

इस बीच दिल्ली पुलिस ने भी ट्वीट कर लोगों से नया बाजार की तरफ से ना आने को कहा है. ये सड़क लाहौरी गेट से अजमेरी गेट को जोड़ती है. इसलिए इस पूरे रास्ते को दोनों तरफ से बंद कर दिया गया है.

पूनम पांडे को गोवा पुलिस ने लिया ह‍िरासत में, इधर मिलिंद सोमन की नेटिजेंस ने लगाई क्लास

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पूनम पांडे के खिलाफ हाल ही में गोवा में अश्लिलता फैलाने पर एफआईआर दर्ज की गई थी (फोटो साभारः Instagram @milindrunning/@ipoonampandey)
नई दिल्ली. एक्ट्रेस पूनम पांडे (Poonam Pandey) पर हाल ही में अपनी गोवा ट्रिप के दौरान अश्लील वीडियो शूट कराने का आरोप लगा था, जिसके चलते पूनम पांडे के खिलाफ गोआ फॉरवर्ड पार्टी की महिला विंग ने उनके खिलाफ एफआई दर्ज कराई थी. इसके साथ ही कैनाकोना पुलिस स्टेशन में एक अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. आरोप था कि ये अज्ञात पूनम पांडे की अश्लील वीडियो शूट कर रहा था, जिसके बाद पुलिस स्टेशन में इसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पूनम को गोवा पुलिस ने आज (गुरुवार) हिरासत में भी ले लिया है और पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी भी संभव है. साथ ही दक्षिण गोवा जिले के कैनाकोना शहर के कई नागरिकों द्वारा शूटिंग के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाने के बाद दो पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया है, लेकिन अब ट्विटर पर नेटिजेंस पूनम पांडे के सपोर्ट में ट्वीट कर रहे हैं.

बिना कपड़ों के नजर आए थे मिलिंद सोमन

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वहीं, बॉलीवुड एक्टर मिलिंद सोमन (Milind Soman) हाल ही में अपने 55वें जन्मदिन पर बिना कपड़ों के समंदर किनारे दौड़ लगाते नजर आए थे. उनकी इस तस्वीरों को देख कइयों ने उनकी फिटनेस की जमकर तारीफ की थी, लेकिन अब ट्विटर पर नेटिजेंस सवाल उठाने लगे हैं.

दरअसल, लोगों का मानना है कि हाल ही में गोवा में पूनम पांडे और मिलिंद सोमन दोनों ने अपने-अपने कपड़े उतारे, पूनम पांडे ने थोड़े उतारे, लेकिन सोमन ने पूरे. अब पूनम पांडे अश्लीलता फैलाने के लिए कानूनी मुसीबत में हैं और 55 साल की उम्र में सोमन के फिट शरीर की सराहना की जा रही है. लोगों का मानना है कि ऐसा लगता है हम अपनी नग्न महिलाओं की तुलना में अपने नग्न पुरुषों के प्रति दयालु हैं.

बॉलीवुड: ड्रग्स विवाद के बाद मीडिया से बचती दिखीं दीपिका पादुकोण

दीपिका पादुकोण (Photo Credit- Viral Bhayani)

दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें हमेशा मीडिया के सामने हंसते हुए पोज देने वाली एक्ट्रेस मीडिया को इग्नोर करते दिखाई दे रही हैं.

मुंबई. बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) बीते दिनों ड्रग्स (Drugs) विवाद को लेकर जबदस्त सुर्खियों में आई थीं. मीडिया रिपोर्ट्स में उनका एक चैट भी वायरल हुआ था, जिसमें ड्रग्स के बारे में बात हो रही थी. जिसके बाद एनसीबी ने पूछताछ के लिए भी बुलाया था. इस मामले पर दीपिका पादुकोण ने अपनी ओर से कोई बयान जारी नहीं किया था. वहीं हाल ही में जब दीपिका पादुकोण मीडिया को नजर आईं तो उनसे बात करने के लिए पैपराजी आवाज लगाते दिखाई दिए. लेकिन दीपिका पादुकोण मीडिया से बचती दिखीं. इस वाकये का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिस पर कमेंट करते हुए फैंस दीपिका की स्माइल के बारे में सवाल करते दिखाई दे रहे हैं.

विरल भयानी ने इंस्टाग्राम एकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया गया है. जिसमें दीपिका पादुकोण अपनी गाड़ी में बैठती दिखाई दे रही हैं. वहीं दीपिको को देखते ही पैपराजी उन्हें पुकारने लगते हैं. लेकिन हमेशा मीडिया के सामने आकर हंसते हुए पोज देने वाली दीपिका पैपराजी की आवाज इग्नोर करती नजर आईं. वहीं दीपिका का ये वीडियो सोशल मीडिया पर ताबड़तोड़ वायरल हो गया. हर कोई दीपिका की वो स्माइल देखने के लिए बेताब नजर आया.

दीपिका पादुकोण का ये वीडियो देखकर एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि वो पहले मीडिया के सामने हंसते हुए पोज देती थीं. उनकी वो स्माइल कहां गई?

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लोगों ने किए ऐसे कमेंट

इसके कई लोगों ने कहा है कि दीपिका एक इंसान हैं और उन्हें इस तरह परेशान ना किया जाए. वहीं लोगों ने दीपिका से जुड़ी ड्रग्स कॉन्ट्रोवर्सी को याद करते हुए नाराजगी भी जाहिर की है.

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