जलगांव (महाराष्ट्र): वरिष्ठ अधिवक्ता और भाजपा नेता उज्ज्वल निकम ने रविवार को Nagpur हिंसा की निंदा करते हुए इसे “शर्मनाक” बताया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
निकम ने कहा, “Nagpur हिंसा एक शर्मनाक मामला है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ तौर पर कहा है कि दंगाइयों को बख्शा नहीं जाएगा। क्षतिग्रस्त सार्वजनिक संपत्तियों के लिए दंगाइयों से मुआवजा वसूला जाएगा। मुझे लगता है कि पुलिस जांच चल रही है, लेकिन हमें यह भी सोचना चाहिए कि अचानक ऐसी स्थिति क्यों बनी और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
औरंगजेब के लिए किसी को भी सहानुभूति नहीं है, लेकिन अगर कोई इसका फायदा उठाकर सार्वजनिक संपत्ति को आग लगाता है, तो मुझे लगता है कि सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने यह बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है।”
Nagpur हिंसा में हुई नुकसान की भरपाई दंगाइयों से की जाएगी: Devendra Fadnavis
शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 17 मार्च को Nagpur में हुई हिंसक झड़पों के दौरान जो भी नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई दंगाइयों से की जाएगी।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, “जो भी नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई दंगाइयों से की जाएगी। अगर वे पैसे नहीं देते हैं, तो उनकी संपत्ति बेचकर वसूली की जाएगी। जहां भी जरूरत होगी, बुलडोजर का इस्तेमाल भी किया जाएगा।”
माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हामिद इंजीनियर को शुक्रवार देर रात नागपुर हिंसा मामले में गिरफ्तार किया गया। नागपुर के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) लोहित मतानी ने गिरफ्तारी की पुष्टि की।
नागपुर कोर्ट ने शुक्रवार को नागपुर हिंसा मामले के मुख्य आरोपी फहीम खान के पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार के दावों के बाद मेडिकल जांच का निर्देश दिया। उसकी मजिस्ट्रेट हिरासत रिमांड (एमसीआर) दर्ज की गई, और कोर्ट ने पुलिस हिरासत रिमांड (पीसीआर) का अधिकार सुरक्षित रखा।
नागपुर पुलिस आयुक्त रविंदर सिंघल ने बताया कि हिंसा के सिलसिले में 99 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। सिंघल ने संवाददाताओं से कहा, “अब तक 99 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
हम निष्पक्ष जांच कर रहे हैं।” 17 मार्च को नागपुर में झड़पें औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर भड़की थीं। तनाव तब और बढ़ गया जब यह अफवाह फैली कि आंदोलन के दौरान एक खास समुदाय की पवित्र पुस्तक जला दी गई है। हालांकि, अब स्थिति सामान्य हो गई है और कई इलाकों में लगाया गया कर्फ्यू हटा लिया गया है।
Shaheed Diwas भारत में स्मरण का एक महत्वपूर्ण दिन है, जो देश के स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का सम्मान करने के लिए समर्पित है, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। हर साल 23 मार्च को, राष्ट्र वीर शहीदों, विशेष रूप से भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को याद करता है, जिन्हें 1931 में इसी दिन ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार ने फांसी पर चढ़ा दिया था। उनका साहस, बलिदान और क्रांतिकारी विचार भारतीयों की पीढ़ियों को प्रेरित करते रहते हैं, जिससे शहीद दिवस राष्ट्रीय चिंतन का एक पवित्र अवसर बन जाता है।
Shaheed Diwas का महत्व तीन युवा स्वतंत्रता सेनानियों – भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर की दुखद लेकिन वीरतापूर्ण कहानी में निहित है – जिन्हें 23 मार्च, 1931 को ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जे.पी. सॉन्डर्स की हत्या में शामिल होने के कारण लाहौर में ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा फांसी पर लटका दिया गया था। यह कृत्य लाला लाजपत राय नामक एक प्रमुख नेता की मौत का प्रतिशोध था, जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान घातक रूप से घायल हो गए थे। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की फांसी ने पूरे भारत में आक्रोश फैला दिया, जिसने स्वतंत्रता संग्राम को और भी अधिक तीव्र कर दिया।
खास तौर पर भगत सिंह क्रांतिकारी जोश के प्रतीक बन गए। अपनी बुद्धिमत्ता, साहस और अडिग देशभक्ति के लिए जाने जाने वाले, वे भारत की आजादी की लड़ाई में सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक हैं। 23 साल की उम्र में उनकी फांसी ने एक ऐसी स्थायी विरासत छोड़ी जो भारत में राष्ट्रवाद की भावना को आकार देती रही है।
हर साल Shaheed Diwas को, भारत उनके बलिदान और देश की आजादी के लिए लड़ने वाले अनगिनत अन्य लोगों के योगदान को याद करता है। यह इन शहीदों द्वारा किए गए बलिदानों पर चिंतन करने और स्वतंत्रता, न्याय और समानता के मूल्यों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का दिन है, जिसके लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी।
भगत सिंह के क्रांतिकारी विचार: एक मार्गदर्शक प्रकाश
भगत सिंह के विचार और लेखन उनकी मृत्यु के बाद भी लाखों लोगों को प्रेरित करते रहे हैं। विचारों की शक्ति में उनका विश्वास और दमनकारी व्यवस्थाओं को चुनौती देने के उनके अडिग संकल्प ने उन्हें भारतीय स्वतंत्रता के संघर्ष में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बना दिया। यहाँ उनके कुछ क्रांतिकारी विचार दिए गए हैं जो भारत के लोगों के साथ गूंजते रहते हैं:
“बम और पिस्तौल क्रांति नहीं लाते। क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है” – यह कथन इस बात पर जोर देता है कि सच्ची क्रांति केवल हिंसा के बारे में नहीं है, बल्कि क्रांतिकारी सोच के माध्यम से पुराने विचारों को चुनौती देने और बदलने के बारे में है।
“मैं इस बात पर जोर देता हूं कि मैं महत्वाकांक्षा और आशा से भरा हुआ हूं और जीवन का पूरा आकर्षण हूं। लेकिन मैं जरूरत पड़ने पर सब कुछ त्याग सकता हूं, और यही असली बलिदान है।” – भगत सिंह देश की भलाई के लिए व्यक्तिगत इच्छाओं का त्याग करने में विश्वास करते थे।
“मैं एक इंसान हूं और जो कुछ भी मानव जाति को प्रभावित करता है, वह मुझे चिंतित करता है।”– यह विचार हर जगह लोगों के संघर्षों के लिए भगत सिंह की गहरी सहानुभूति और मानवाधिकारों के लिए लड़ने की उनकी प्रतिबद्धता को उजागर करता है।
“वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, लेकिन वे मेरी आत्मा को नहीं कुचल पाएंगे।” – मौत के सामने भगत सिंह की अवज्ञा क्रांतिकारी विचार की स्थायी शक्ति को प्रदर्शित करती है, जिसे चुप नहीं कराया जा सकता।
“अगर बहरों को सुनना है तो आवाज़ बहुत तेज़ होनी चाहिए।” – भगत सिंह समझते थे कि कभी-कभी बदलाव लाने के लिए ज़ोर से और ज़ोर से बोलना पड़ता है।
“राख का हर छोटा-सा कण मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं इतना पागल हूँ कि जेल में भी आज़ाद हूँ।” – यह भगत सिंह के दृढ़ संकल्प और प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अडिग रहने की भावना को दर्शाता है।
“कोई भी व्यक्ति जो प्रगति के लिए खड़ा है, उसे पुरानी आस्था के हर तत्व की आलोचना करनी होगी, उस पर अविश्वास करना होगा और उसे चुनौती देनी होगी।” – यह विचार समाज के विकास के लिए प्रगतिशील सोच और यथास्थिति को चुनौती देने के महत्व पर ज़ोर देता है।
“ज़िंदगी अपने आप में जी जाती है…दूसरों के कंधे सिर्फ़ अंतिम संस्कार के समय काम आते हैं।” – यहाँ भगत सिंह का कथन व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी और अपने आदर्शों की खोज की वकालत करता है, चाहे परिणाम कुछ भी हों।
Shaheed Diwas 2025
2025 में, Shaheed Diwas को नए सिरे से श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा, जिसमें भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के शक्तिशाली विचारों और बलिदानों को दर्शाया जाएगा। देश भर में विभिन्न स्मारक, शैक्षिक कार्यक्रम और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, जहाँ लोग इन शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। स्कूल, सरकारी संस्थान और स्थानीय संगठन युवा पीढ़ी को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों के बारे में शिक्षित करने के लिए चर्चाएँ, उनके प्रसिद्ध उद्धरणों का पाठ और सभाएँ आयोजित करेंगे।
Shaheed Diwas न केवल शहीदों को याद करने का दिन है, बल्कि देशभक्ति, न्याय और राष्ट्रीय एकता के मूल्यों पर चिंतन का भी समय है। जैसा कि देश इस महत्वपूर्ण दिन को मनाता है, यह एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि इन बहादुर व्यक्तियों के आदर्शों को राष्ट्र को प्रगति, समानता और उज्जवल भविष्य की ओर ले जाना जारी रखना चाहिए।
अंत में, Shaheed Diwas भारत के शहीदों के असाधारण साहस का सम्मान करने का समय है, जिनके क्रांतिकारी विचारों और कार्यों ने इतिहास की दिशा को आकार दिया है। 2025 में जब राष्ट्र इस दिन को मनाएगा, तो वह स्वतंत्रता, एकता और न्याय के उन आदर्शों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगा, जिन्हें हासिल करने के लिए भगत सिंह और उनके साथी क्रांतिकारियों ने इतनी बहादुरी से लड़ाई लड़ी थी। उनके बलिदानों को कभी नहीं भुलाया जाएगा और उनके क्रांतिकारी विचार आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।
बिहार के मुख्यमंत्री Nitish Kumar को लेकर राष्ट्रगान विवाद के बीच, जनता दल-यूनाइटेड सुप्रीमो को निशाना बनाते हुए एक पोस्टर पटना में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर लगा।
पोस्टर में लिखा है, “गैर-गंभीर मुख्यमंत्री, जन जन मन अधिनयन जय है, नहीं कुर्सी कुर्सी कुर्सी जय है।”
यह नीतीश कुमार का एक कथित वीडियो सामने आने के बाद आया है, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री Nitish Kumar पटना में एक समारोह के दौरान राष्ट्रगान बजने के दौरान बात करते और इशारे करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर Nitish Kumar का एक कार्यक्रम का वीडियो शेयर किया और लिखा, “माननीय मुख्यमंत्री जी, कम से कम राष्ट्रगान का अपमान तो न करें। आप हर दिन युवाओं, छात्रों, महिलाओं और बुजुर्गों का अपमान करते हैं। कभी महात्मा गांधी की शहादत दिवस पर ताली बजाकर उनकी शहादत का मजाक उड़ाते हैं, तो कभी राष्ट्रगान पर ताली बजाते हैं!”
उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार के सीएम Nitish Kumar “मानसिक या शारीरिक रूप से स्थिर नहीं हैं” और उनकी स्थिति को राज्य के लिए बहुत चिंता का विषय बताया।
“पीएस: मैं आपको याद दिला दूं कि आप एक बड़े राज्य के मुख्यमंत्री हैं। आप कुछ सेकंड के लिए भी मानसिक और शारीरिक रूप से स्थिर नहीं होते हैं और इस तरह की बेहोशी की हालत में आपका इस पद पर होना राज्य के लिए बहुत चिंता का विषय है। बिहार का इस तरह बार-बार अपमान न करें,” उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा।
आरजेडी नेताओं द्वारा शेयर किए गए कथित वीडियो में नीतीश कुमार एक अधिकारी के कंधे पर हाथ रखते हुए दिखाई दे रहे हैं, ऐसा लग रहा है कि वे उससे बातचीत कर रहे हैं। एक मौके पर उन्हें दर्शकों में से किसी की ओर हाथ जोड़कर नमस्कार करते हुए देखा गया।
इस घटना के बाद विपक्ष ने मुख्यमंत्री Nitish Kumar पर हमला बोला और उनकी समझदारी पर सवाल उठाते हुए उनसे माफ़ी मांगने की मांग की।
Tejashwi Yadav का वार, Nitish Kumar को बिहार से माफी मांगनी चाहिए
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राष्ट्रगान के दौरान कथित तौर पर बात करने और इशारे करने की निंदा की और इस घटना को “अपमानजनक” बताया। यादव ने शर्मिंदगी जताते हुए कहा, “एक ‘बिहारी’ होने के नाते मुझे शर्म आती है।”
मीडिया से बात करते हुए यादव ने कहा, “बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कल राष्ट्रगान का अपमान किया और एक ‘बिहारी’ होने के नाते मुझे शर्म आती है। मुख्यमंत्री राज्य के नेता हैं और कल की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। भारतीय राजनीति के इतिहास में यह पहली घटना है जब किसी मुख्यमंत्री ने राष्ट्रगान का अपमान किया है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार को देश की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए। बिहार के सीएम नीतीश कुमार को रिटायर हो जाना चाहिए।” राष्ट्रीय जनता दल की सांसद मीसा भारती ने उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सोचना चाहिए कि बिहार किसके हाथ में है।
“राष्ट्रगान के दौरान बिहार के सीएम नीतीश कुमार शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक नहीं दिखे। मैं पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पूछना चाहती हूं कि क्या आपको उनकी मानसिक स्थिति ठीक लगी… वह हर दिन महिलाओं, बच्चों का अपमान करते रहते हैं… पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सोचना चाहिए कि बिहार किसके हाथ में है।”
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता राबड़ी देवी ने कथित तौर पर राष्ट्रगान के दौरान बोलने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की और मांग की कि कुमार राज्य के दोनों सदनों में अपमान के लिए माफी मांगें।
एएनआई से बात करते हुए राबड़ी देवी ने कहा, “राष्ट्रगान का अपमान किया गया है। दुनिया देख रही है और उन्हें (नीतीश कुमार) दोनों सदनों में माफ़ी मांगनी चाहिए। उन्हें अपना इस्तीफ़ा दे देना चाहिए और अपने बेटे को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। क़ानूनी तौर पर इसके लिए तीन साल की सज़ा का प्रावधान है। इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन ये लोग इसे छिपा रहे हैं।”
शहीद दिवस: PM Modi ने रविवार को स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि दी, जिन्हें लाहौर षडयंत्र मामले में शामिल होने के कारण अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ा दिया था।
तीनों क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश शासन का विरोध करने के लिए हाथ मिलाया, जिसमें सिंह ने अप्रैल 1929 में केंद्रीय विधान सभा में बम फेंका था। बम का उद्देश्य किसी को मारना नहीं था, बल्कि उनके विरोध को उजागर करना था। उन्हें 1931 में इसी दिन फांसी दी गई थी। उनकी मृत्यु के समय तीनों की आयु 25 वर्ष से कम थी।
PM Modi ने शहीद दिवस पर श्रद्धांजलि दी
एक एक्स पोस्ट में, PM Modi ने कहा, “आज, हमारा देश भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के सर्वोच्च बलिदान को याद करता है। स्वतंत्रता और न्याय के लिए उनका निडर प्रयास हम सभी को प्रेरित करता है।”
शहीद दिवस, जिसे शहीद दिवस के रूप में भी जाना जाता है, भारत में हर साल 23 मार्च को देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और वीरता को याद करने के लिए मनाया जाता है। इन शानदार देशभक्तों में भगत सिंह का नाम भी शामिल है, जिनकी क्रांतिकारी भावना और स्वतंत्रता के लिए अटूट प्रतिबद्धता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहती है।
शहीद दिवस 2025: इतिहास
शहीद दिवस की जड़ें तीन उल्लेखनीय व्यक्तियों के बलिदान से जुड़ी हैं, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई: भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव। इन निडर क्रांतिकारियों को लाहौर षडयंत्र मामले में शामिल होने के लिए ब्रिटिश औपनिवेशिक अधिकारियों द्वारा 23 मार्च, 1931 को फांसी पर लटका दिया गया था।
भगत सिंह, जिन्हें ‘शहीद-ए-आज़म’ (राष्ट्र के शहीद) के रूप में जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक करिश्माई और प्रभावशाली व्यक्ति थे। उनकी क्रांतिकारी विचारधारा ने, उनके हमवतन राजगुरु और सुखदेव के साथ, अनगिनत अन्य लोगों को ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
बहुप्रतीक्षित अलौकिक थ्रिलर, Odela 2, जिसमें मुख्य भूमिका में शानदार अभिनेत्री तमन्ना भाटिया हैं, ने आखिरकार अपनी रिलीज़ की तारीख तय कर दी है। अशोक तेजा द्वारा निर्देशित यह फिल्म 17 अप्रैल, 2025 को दुनिया भर में बड़े पर्दे पर आएगी।
फिल्म के निर्माता संपत नंदी टीमवर्क्स ने अपने सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से इसकी घोषणा की। टीम ने लिखा, “जब अंधकार छा जाता है और उम्मीदें खत्म हो जाती हैं, तब ‘शिव शक्ति’ जाग उठती है। #ओडेला 2 17 अप्रैल को दुनिया भर में भव्य रिलीज़ होगी। बड़े पर्दे पर एक दिव्य थ्रिलर के लिए तैयार हो जाइए।
Odela 2 की कहानी और पात्र
‘Odela 2’ की कहानी एक दूरस्थ गांव की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राचीन परंपराएं प्रमुख हैं। गांव के सच्चे रक्षक, ओडेला मल्लन्ना स्वामी, अपनी भूमि को बुरी शक्तियों से बचाते हैं। तमन्ना भाटिया फिल्म में नागा साध्वी शिवशक्ति की भूमिका में नजर आएंगी, जो एक शक्तिशाली और रहस्यमयी किरदार है। उनके साथ हेबाह पटेल और वशिष्ठ एन. सिम्हा भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं।
फिल्म का टीज़र 22 फरवरी, 2025 को प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान लॉन्च किया गया था, जहां तमन्ना भाटिया ने स्वयं उपस्थित होकर इसे जारी किया। टीज़र में तमन्ना का नागा साध्वी के रूप में रौद्र रूप दर्शाया गया है, जो फिल्म के रहस्यमयी और रोमांचक तत्वों की झलक प्रदान करता है।
फिल्म के संगीतकार बी. अजनिश लोकनाथ हैं, जिन्होंने ‘कांतारा’ जैसी फिल्मों में अपने संगीत से पहचान बनाई है। सिनेमैटोग्राफी की जिम्मेदारी सौंदरराजन एस. ने संभाली है। ’ओडेला 2′ के टीज़र को दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, और फिल्म की रिलीज का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।
देहरादून (उत्तराखंड): Uttarakhand के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के एथलेटिक्स ग्राउंड में ‘फिट इंडिया रन’ में हिस्सा लिया।
फिट इंडिया रन’ का आयोजन Uttarakhand के नागरिकों के बीच सक्रिय जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए फिट इंडिया अभियान के तहत किया गया था।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धामी ने कहा कि फिट इंडिया स्वस्थ दिमाग और जीवंत आत्मा का आधार है और स्वस्थ भारत के लिए राष्ट्रीय मिशन है।
“मेरे लिए यहां आकर फिट इंडिया मूवमेंट कार्यक्रम को संबोधित करना वास्तव में गर्व की बात है। यह एक राष्ट्रीय मिशन है जो स्वस्थ और मजबूत भारत के हमारे सपनों को साकार करता है। फिट इंडिया का मतलब सिर्फ मजबूत शरीर नहीं है। यह स्वस्थ दिमाग और जीवंत आत्मा का आधार है,” धामी ने कहा।
Pushkar Singh Dhami ने समृद्ध Uttarakhand के लिए फिट नागरिकों की आवश्यकता पर जोर दिया
धामी ने कहा, “स्वस्थ उत्तराखंड ही समृद्ध Uttarakhand हो सकता है, जहां सभी आगे बढ़ें और देश की प्रगति में योगदान दें।” सीएम धामी ने अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने के अवसर पर सीएम कैंप कार्यालय परिसर गेट से शुरू हुई साइकिल रैली में भी भाग लिया। उन्होंने अन्य प्रतिभागियों के साथ पुश-अप भी किए।
इससे पहले धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सभी नागरिकों से स्वस्थ रहने के आह्वान को लागू करने के लिए उत्तराखंड कृतसंकल्प है।
उन्होंने कहा, “सरकार ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। स्वस्थ भारत को स्वस्थ उत्तराखंड बनाने के लिए जरूरी है कि सभी लोग संतुलित आहार पर ध्यान दें। मैं सभी से इस अभियान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपील करता हूं।” इस दौरान केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित ‘फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल’ अभियान में भाग लिया। इस दौरान यूपी के मंत्री गिरीश चंद्र यादव भी मौजूद रहे। मनसुख मंडाविया ने कहा कि ‘फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल’ अब पूरे देश में अभियान बन रहा है।
जबलपुर बस दुर्घटना: पुलिस ने बताया कि रविवार सुबह MP के जबलपुर जिले में नागपुर जा रही एक निजी बस के पलट जाने से कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और 25 से अधिक लोग घायल हो गए। एक अधिकारी ने पुष्टि की कि यह दुर्घटना बरगी पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में रमनपुर घाटी क्षेत्र में सुबह 4 बजे के आसपास हुई।
बस उत्तर प्रदेश के अयोध्या से महाराष्ट्र के नागपुर जा रही थी, तभी यह दुर्घटना हुई। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि ड्राइवर को गाड़ी चलाते समय नींद आ गई होगी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान हैदराबाद निवासी मालम्मा (45) और नागपुर निवासी शुभम मेश्राम (28) और अमोल खोड़े (42) के रूप में हुई है। घायलों को इलाज के लिए लखनादौन कस्बे और जबलपुर शहर के अस्पतालों में ले जाया गया।
Air India ने दिल्ली हवाई अड्डे पर लंबी दूरी (9 घंटे से अधिक) और अत्यधिक लंबी दूरी (16 घंटे या उससे अधिक) की उड़ानों के लिए लैंडिंग शुल्क में कम से कम 30 प्रतिशत की कटौती का सुझाव दिया है। यह प्रस्ताव 2024-29 नियंत्रण अवधि के लिए हवाई अड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण (AERA) को प्रस्तुत किया गया है। एयरलाइन का मानना है कि इस कदम से अंतरराष्ट्रीय से अंतरराष्ट्रीय (I2I) यातायात को बढ़ावा मिलेगा और दिल्ली हवाई अड्डे को एक प्रमुख वैश्विक विमानन केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहायता मिलेगी।
एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक कैम्पबेल विल्सन ने कहा कि बाजार की आर्थिक संरचना भारत को विमानन केंद्र बनाने के प्रयासों का समर्थन करनी चाहिए।
Air India ने लैंडिंग शुल्क कम करने की मांग की
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने भी इकनॉमी और बिजनेस श्रेणी के यात्रियों के लिए, साथ ही व्यस्त और गैर-व्यस्त घंटों के लिए अलग-अलग उपयोगकर्ता शुल्क का प्रस्ताव दिया है। एयर इंडिया का सुझाव है कि AERA इन प्रस्तावों पर विचार करते समय I2I यातायात को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन शामिल करे।
Air India वर्तमान में उत्तरी अमेरिका के लिए अत्यधिक लंबी दूरी की उड़ानों का संचालन करती है और इन शुल्कों में कटौती से उसकी परिचालन लागत में कमी और प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होने की संभावना है।
घर पर Wax बनाना न केवल सरल है बल्कि यह प्राकृतिक और कस्टमाइज़्ड उत्पाद बनाने का भी एक शानदार तरीका है। चाहे आप मोमबत्तियाँ, हेयर रिमूवल वैक्स, या DIY सीलिंग वैक्स बनाना चाहते हों, आप कुछ आसानी से उपलब्ध सामग्री का उपयोग करके इसे बना सकते हैं। यह गाइड आपको घर पर विभिन्न प्रकार की वैक्स बनाने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताएगा।
सामग्री की तालिका
घर पर बनने वाले Wax के प्रकार
हम स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया शुरू करने से पहले यह जान लें कि आप घर पर कौन-कौन से प्रकार की वैक्स बना सकते हैं:
कैंडल वैक्स – विभिन्न सुगंध और रंगों वाली मोमबत्तियाँ बनाने के लिए।
हेयर रिमूवल वैक्स – स्मूथ और प्रभावी हेयर रिमूवल के लिए।
सीलिंग वैक्स – लिफाफों, क्राफ्ट और दस्तावेज़ों को सजाने के लिए।
बीज़वैक्स रैप्स – प्लास्टिक रैप के प्राकृतिक विकल्प के रूप में।
लिप बाम और स्किन केयर Wax – होममेड कॉस्मेटिक्स के लिए।
अब हम प्रत्येक प्रकार की Wax को घर पर बनाने की प्रक्रिया को विस्तार से समझते हैं।
आम आदमी पार्टी (AAP) ने गुजरात में आगामी विसावदर विधानसभा उपचुनाव के लिए गोपाल इटालिया को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। यह चुनाव 7 मई को होने वाले उपचुनावों की श्रृंखला का हिस्सा है, जो राज्य में आम लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के साथ-साथ होगा। गुजरात में कुल पाँच खाली विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा, जिसमें खंभात, विजापुर, वाघोडिया, पोरबंदर और मनावदर की सीटें शामिल हैं।
गोपाल इटालिया की उम्मीदवारी ने काफी ध्यान आकर्षित किया है क्योंकि वह गुजरात में आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख लोगों में से एक हैं। इटालिया, जो पार्टी की गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं, खासकर राज्य में, इस क्षेत्र में आप के लिए एक प्रमुख चेहरा बनकर उभरे हैं। 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद, इटालिया शासन और भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दों पर मुखर रहे हैं। आप के भीतर उनके राजनीतिक उदय ने उन्हें गुजरात में पारंपरिक पार्टियों के प्रभुत्व के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बना दिया है।
हालांकि, इटालिया के करियर में कई विवाद भी रहे हैं, जिन्होंने मीडिया का काफी ध्यान आकर्षित किया है। इनमें अभद्र भाषा के आरोप, AAP के भीतर आंतरिक तनाव और गुजरात के मुख्यमंत्री के कार्यालय में प्रवेश से इनकार जैसी नाटकीय घटनाएं शामिल हैं। इटालिया के भड़काऊ बयानों, जिन्हें अक्सर सांप्रदायिक माना जाता है, की आलोचना हुई है और उनके आक्रामक बयानबाजी ने कभी-कभी पार्टी के भीतर घर्षण पैदा किया है।
इसके अलावा, हिंदू प्रथाओं के बारे में उनकी टिप्पणियों ने हिंदू समुदाय के कुछ वर्गों से तीखी प्रतिक्रिया उत्पन्न की, हालांकि AAP ने उनका बचाव करते हुए कहा कि उनके शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया। इन विवादों ने इटालिया को लोगों की नज़रों में ला दिया है, और यह देखना बाकी है कि आने वाले विसावदर उपचुनाव में उनकी उम्मीदवारी पर इनका क्या असर होगा।
गुजरात उपचुनाव के बारे में
गुजरात में उपचुनाव कई मौजूदा विधायकों के इस्तीफों के बाद हो रहे हैं। इनमें मनावदर से अरविंद लडानी, खंभात से चिराग पटेल, विजापुर से सीजे चावड़ा और पोरबंदर से अर्जुन मोढवाडिया शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया है। इसके अलावा, वाघोडिया से निर्दलीय विधायक धर्मेंद्र सिंह वाघेला ने भी इस्तीफा दे दिया है। इन इस्तीफों के कारण पांच सीटें खाली हो गई हैं, जिसके कारण उपचुनाव की जरूरत पड़ रही है।
भारत के चुनाव आयोग ने 7 मई को उपचुनाव निर्धारित किया है, जो लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के साथ ही होगा। सात चरणों में होने वाले चुनावों का पूरा कार्यक्रम 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून को समाप्त होगा। जबकि गुजरात में चुनाव 7 मई को एक ही चरण में होंगे, विसावदर सीट अभी भी महत्वपूर्ण बनी हुई है, क्योंकि यह सीट जल्दी खाली हो गई है और कानूनी चुनौतियों का सामना कर रही है।
Summer का मौसम आ गया है, जो तेज धूप, अत्यधिक पसीना और डिहाइड्रेशन का खतरा लेकर आता है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, हमारा शरीर आवश्यक तरल पदार्थ खोता रहता है, जिससे हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी हो जाता है। इसी के साथ, हमारी डाइट भी हमारे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित कर सकती है, जिससे हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन क्या होगा अगर डिहाइड्रेशन और उच्च कोलेस्ट्रॉल दोनों से निपटने के लिए एक प्राकृतिक समाधान हो? इसका उत्तर कुछ सरल, प्राकृतिक और ताज़ा गर्मियों के खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में छिपा है, जो आपको स्वस्थ बनाए रखने के साथ-साथ Summer से भी बचाएंगे।
सामग्री की तालिका
Summer में हाइड्रेटेड रहने का महत्व
हाइड्रेशन हमारे शरीर के समग्र कार्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गर्मियों में अत्यधिक पसीना इलेक्ट्रोलाइट्स की हानि का कारण बनता है, जिससे थकान, चक्कर आना और सिरदर्द हो सकता है। डिहाइड्रेशन मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकता है, पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है और यहां तक कि मानसिक कार्यक्षमता को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए, हमारे शरीर को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है।
सबसे अच्छे प्राकृतिक हाइड्रेटिंग उपाय
नारियल पानी:
पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर, नारियल पानी सबसे अच्छा प्राकृतिक हाइड्रेटिंग ड्रिंक है। यह शरीर के तरल पदार्थों की पूर्ति करता है, रक्तचाप को संतुलित रखता है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है।
छाछ:
प्रोबायोटिक से भरपूर छाछ पाचन में सहायक होती है, डिहाइड्रेशन से बचाती है और वसा को प्रभावी रूप से तोड़कर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है।
नींबू पानी:
यह सरल लेकिन शक्तिशाली पेय विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट और खनिजों से भरपूर होता है, जो शरीर को डिटॉक्स करता है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है।
तरबूज का जूस:
90% पानी से भरपूर तरबूज शरीर को ठंडा और हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। इसमें सिट्रूलिन नामक तत्व पाया जाता है, जो धमनियों में कोलेस्ट्रॉल के जमाव को कम करता है।
हर्बल चाय:
पुदीना, हिबिस्कस और अदरक जैसी सामग्रियों से युक्त हर्बल चाय न केवल डिहाइड्रेशन से बचाती हैं बल्कि खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करके हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं।
Summer में डिहाइड्रेशन और कोलेस्ट्रॉल से बचाने वाले खाद्य पदार्थ
Summer के मौसम में सही भोजन का चयन हमारे शरीर को ठंडा रखने और स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आहार में ताजगी और हृदय के लिए अनुकूल खाद्य पदार्थों को शामिल करने से आप ऊर्जावान और स्वस्थ रह सकते हैं।
1. खीरा
खीरा 96% पानी से बना होता है, जिससे यह डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बन जाता है।
यह फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और पाचन को सुधारने में मदद करता है।
भारी भोजन करने से शरीर में अधिक Summer उत्पन्न होती है, जिससे डिहाइड्रेशन और असहजता हो सकती है।
ताजे सलाद, फल और हल्का सूप चुनें ताकि शरीर ठंडा रहे और कोलेस्ट्रॉल संतुलित रहे।
4. व्यायाम और आउटडोर गतिविधियों को अपनाएं
अत्यधिक Summer से बचने के लिए सुबह या शाम के समय व्यायाम करें।
तैराकी, योग और तेज़ चलना जैसे व्यायाम हृदय को स्वस्थ रखने और कोलेस्ट्रॉल को संतुलित करने में मदद करते हैं।
निष्कर्ष
गर्मियां चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं, लेकिन सही आहार और हाइड्रेशन रणनीतियों के साथ, आप न केवल Summer से बच सकते हैं बल्कि कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित रख सकते हैं। इन प्राकृतिक ग्रीष्मकालीन खाद्य पदार्थों और पेय को अपने दैनिक आहार में शामिल करें ताकि आप तरोताजा, हाइड्रेटेड और हृदय-स्वस्थ रह सकें। छोटे-छोटे जीवनशैली में बदलाव आपको समग्र रूप से स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, इसलिए समझदारी से चुनाव करें और ऊर्जावान Summer का आनंद लें!
Google Internship: क्या आप एक महत्वाकांक्षी छात्र हैं जो दुनिया की सबसे नवाचार-प्रेरित कंपनियों में से एक के साथ काम करने का अविश्वसनीय अवसर ढूंढ रहे हैं? तो अब आपकी तलाश खत्म हुई! Google Internship 2025 आ गई है, जो छात्रों को वास्तविक दुनिया का अनुभव प्राप्त करने, अत्याधुनिक परियोजनाओं पर काम करने और टेक उद्योग के सर्वश्रेष्ठ दिमागों से सीखने का एक अनमोल अवसर प्रदान कर रही है। आवेदन अब खुले हैं, और यह आपके लिए एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम का हिस्सा बनने का बेहतरीन मौका है। जानिए इस इंटर्नशिप प्रोग्राम के बारे में सभी जरूरी जानकारियां और कैसे आप आवेदन कर सकते हैं!
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Google Internship 2025 के लिए आवेदन क्यों करें?
गूगल का इंटर्नशिप प्रोग्राम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ इंटर्नशिप कार्यक्रमों में से एक माना जाता है। यहां कुछ कारण दिए गए हैं कि आपको इस इंटर्नशिप के लिए आवेदन क्यों करना चाहिए:
1. वास्तविक परियोजनाओं पर काम करने का अवसर
Google Internship: अन्य इंटर्नशिप के विपरीत, जहां इंटर्न्स को सामान्य कार्य दिए जाते हैं, गूगल यह सुनिश्चित करता है कि इंटर्न्स प्रभावशाली परियोजनाओं पर काम करें। आप ऐसे उत्पादों और सेवाओं में योगदान देंगे, जो दुनिया भर के लाखों उपयोगकर्ताओं को प्रभावित करते हैं।
2. उद्योग के सर्वश्रेष्ठ पेशेवरों से सीखने का मौका
गूगल एक गतिशील सीखने का माहौल प्रदान करता है, जहां इंटर्न्स को अनुभवी इंजीनियरों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ काम करने का अवसर मिलता है। यह ज्ञान और अनुभव प्राप्त करने का एक शानदार मौका है।
3. आकर्षक स्टाइपेंड और लाभ
गूगल के इंटर्न्स को प्रतिस्पर्धी स्टाइपेंड के साथ-साथ कई लाभ मिलते हैं, जैसे कि मुफ्त भोजन, परिवहन सहायता, विश्व स्तरीय सुविधाएं, और नेटवर्किंग के अवसर।
4. अत्याधुनिक तकनीकों के साथ काम करने का अवसर
कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग और साइबर सुरक्षा जैसी नवीनतम तकनीकों के साथ काम करने का यह एक शानदार अवसर है।
5. करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर
गूगल में इंटर्नशिप करने से आपका रेज़्यूमे और भी प्रभावशाली बन जाता है। चाहे आप गूगल में ही आगे बढ़ें या किसी अन्य प्रतिष्ठित कंपनी में जाएं, यह अनुभव आपको भीड़ से अलग बनाएगा।
इस इंटर्नशिप के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना होगा:
कंप्यूटर साइंस, इंजीनियरिंग, बिजनेस, डिजाइन, या डेटा साइंस जैसे किसी प्रासंगिक क्षेत्र में बैचलर, मास्टर, या पीएचडी प्रोग्राम में नामांकित होना चाहिए।
अच्छा अकादमिक रिकॉर्ड होना चाहिए।
समस्या-समाधान और विश्लेषणात्मक सोच में उत्कृष्टता होनी चाहिए।
प्रोग्रामिंग भाषाओं जैसे कि पायथन, जावा, या सी++ (तकनीकी भूमिकाओं के लिए) में दक्षता होनी चाहिए।
संचार और टीमवर्क कौशल मजबूत होने चाहिए।
निर्धारित अवधि के लिए पूर्णकालिक इंटर्नशिप करने के लिए सक्षम होना चाहिए।
इंटर्नशिप के प्रकार
गूगल विभिन्न क्षेत्रों में कई प्रकार की इंटर्नशिप प्रदान करता है। यहां कुछ प्रमुख विकल्प दिए गए हैं:
1. सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग इंटर्नशिप
यह सबसे लोकप्रिय इंटर्नशिप में से एक है, जिसमें छात्रों को सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, एल्गोरिदम, और बड़े पैमाने पर सिस्टम पर काम करने का मौका मिलता है। उम्मीदवारों के पास मजबूत कोडिंग कौशल और डेटा स्ट्रक्चर व एल्गोरिदम का ज्ञान होना चाहिए।
2. प्रोडक्ट मैनेजमेंट इंटर्नशिप
जो छात्र उत्पाद डिजाइन, विकास और रणनीति में रुचि रखते हैं, उनके लिए यह इंटर्नशिप एक बेहतरीन अवसर है। इसमें गूगल के नवीनतम उत्पादों और फीचर्स को मैनेज करने का अनुभव मिलता है।
3. UX/UI डिजाइन इंटर्नशिप
रचनात्मक दिमाग वाले छात्रों के लिए यह इंटर्नशिप उपयुक्त है। इसमें उपयोगकर्ता अनुभव और इंटरफेस डिजाइन में विशेषज्ञता वाले इंटर्न्स को इंजीनियरों और प्रोडक्ट मैनेजर्स के साथ मिलकर गूगल के उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने का मौका मिलता है।
4. डेटा साइंस इंटर्नशिप
यदि आपको डेटा का विश्लेषण करने और अंतर्दृष्टि निकालने में रुचि है, तो यह इंटर्नशिप आपके लिए आदर्श है। इसमें सांख्यिकीय मॉडल और मशीन लर्निंग तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
5. मार्केटिंग और बिजनेस इंटर्नशिप
जो छात्र बिजनेस स्ट्रेटेजी, डिजिटल मार्केटिंग और विज्ञापन में रुचि रखते हैं, वे इस भूमिका के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें मार्केटिंग कैंपेन विकसित करने, ट्रेंड्स का विश्लेषण करने और गूगल के ब्रांडिंग प्रयासों को बेहतर बनाने का अवसर मिलता है।
ऐसी इंटर्नशिप खोजें जो आपके कौशल, रुचि और योग्यता से मेल खाती हो। नौकरी विवरण को ध्यान से पढ़ें।
आवेदन सामग्री तैयार करें
आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
अपडेटेड रेज़्यूमे: अपने कौशल, परियोजनाएं, शिक्षा और अनुभव को हाइलाइट करें।
कवर लेटर: गूगल में इंटर्नशिप करने की आपकी रुचि और योगदान के बारे में लिखें।
पोर्टफोलियो (यदि लागू हो): डिजाइन और क्रिएटिव भूमिकाओं के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ कार्य संलग्न करें।
आवेदन जमा करें
आवेदन पत्र भरें, आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें और अंतिम तिथि से पहले आवेदन सबमिट करें।
साक्षात्कार प्रक्रिया की तैयारी करें
यदि आपका चयन होता है, तो आपको तकनीकी और व्यवहारिक मूल्यांकन सहित कई साक्षात्कार दौरों से गुजरना होगा।
निष्कर्ष
Google Internship 2025 छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने, शीर्ष पेशेवरों के साथ काम करने और अपने करियर को ऊंचाइयों तक ले जाने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। यदि आप भी इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाना चाहते हैं, तो जल्द ही आवेदन करें!
Protein एक अत्यंत महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो पाचन में मदद करता है, मांसपेशियों का निर्माण करता है और एंटीबॉडी बनाता है। आपके दैनिक आहार में प्रोटीन शामिल होना चाहिए ताकि ये सभी कार्य सुचारू रूप से हो सकें। हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, एक वयस्क को प्रति किलोग्राम शरीर के वजन के हिसाब से लगभग 0.8 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। साथ ही, प्रोटीन के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। यह एक लोकप्रिय धारणा है कि प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत पशु-आधारित आहार से आता है, यह सच नहीं है।
दालें पौधे-आधारित प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत हैं। वे भारतीय व्यंजनों में मुख्य हैं और आप उन्हें विभिन्न रूपों में शामिल कर सकते हैं, जैसे दाल, सांभर या यहाँ तक कि करी में भी। मूंग दाल, तूर दाल और मसूर दाल जैसी दालें प्रोटीन का सेवन बढ़ाने के लिए बेहतरीन विकल्प हैं।
पनीर (कॉटेज चीज़)
पनीर Protein का एक बेहतरीन स्रोत है और इसे कई तरह के व्यंजनों में शामिल किया जा सकता है, जैसे पनीर बटर मसाला जैसी करी से लेकर पनीर टिक्का जैसे स्नैक्स तक। पनीर कैसिइन और व्हे प्रोटीन दोनों से भरपूर होता है, जो इसे एक आदर्श प्रोटीन बनाता है।
क्विनोआ या बाजरा
क्विनोआ और बाजरा (जैसे रागी, फॉक्सटेल और बाजरा) चावल के बेहतरीन विकल्प हैं। ये साबुत अनाज पारंपरिक चावल की तुलना में प्रोटीन और फाइबर में अधिक होते हैं। आप बाजरे की खिचड़ी, क्विनोआ पुलाव बना सकते हैं या इन अनाजों का उपयोग सलाद और उपमा में कर सकते हैं।
भुने हुए छोले या मूंग दाल
भुने हुए छोले या मूंग दाल कुरकुरे स्नैक्स हैं जो प्रोटीन से भरपूर होते हैं। आप इन्हें घर पर आसानी से कुछ मसालों के साथ भूनकर इनका स्वाद बढ़ा सकते हैं। इनमें Protein और फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं।
प्रोटीन से भरपूर पराठे
आटे में पनीर, सोया या फलियाँ जैसी सामग्री मिलाकर पराठों को प्रोटीन से भरपूर बनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, आप मसली हुई दाल या पनीर की फिलिंग के साथ भरवां पराठे बना सकते हैं। प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने के लिए आप आटे में पालक या मेथी भी मिला सकते हैं।
नाश्ते या खाने के लिए अंडे
अंडे उच्च गुणवत्ता वाले Protein का एक अच्छा स्रोत हैं और इन्हें नाश्ते या खाने में आसानी से शामिल किया जा सकता है। आप तले हुए अंडे, सब्जियों के साथ ऑमलेट या उबले अंडे का भी आनंद ले सकते हैं। अंडे बहुमुखी होते हैं और इन्हें पराठों, सलाद या मुख्य भोजन के साथ साइड डिश के रूप में जोड़ा जा सकता है।
Kathi Roll एक लोकप्रिय स्ट्रीट फूड है, जो खासतौर पर कोलकाता में प्रसिद्ध है। Kathi Roll एक पराठे में मसालेदार भरावन को लपेटकर बनाया जाता है। भरावन में पनीर, चिकन, अंडा, सोया चंक्स या सब्जियां हो सकती हैं। इसे टमाटर सॉस, हरी चटनी और प्याज के साथ परोसा जाता है। इस लेख में हम आपको Kathi Roll की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकारों के बारे में विस्तार से बताएंगे। काठी रोल की और भी जानकारी चाहते हैं, तो हम इसके विभिन्न प्रकार, इसे बनाने की विस्तृत विधि और कुछ खास टिप्स भी जोड़ सकते हैं। क्या आप इसमें और विविधताएं या विशेष सामग्री जोड़ना चाहेंगे?
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काठी रोल की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार
Kathi Roll भारतीय स्ट्रीट फूड का एक बेहद लोकप्रिय व्यंजन है, जिसे पराठे में स्टफिंग भरकर रोल के रूप में तैयार किया जाता है। Kathi Roll विभिन्न प्रकार की सब्जियों, पनीर, सोया चंक्स, चिकन और अंडे के साथ बनाया जाता है। Kathi Rollका स्वाद तीखा, चटपटा और मसालेदार होता है, जिसे बच्चे और बड़े सभी पसंद करते हैं। इस लेख में हम आपको काठी रोल की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकारों की जानकारी देंगे।
एक बड़े बर्तन में गेहूं का आटा, मैदा, नमक और तेल डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
थोड़ा-थोड़ा पानी मिलाकर नरम आटा गूंध लें और 15 मिनट के लिए ढककर रख दें।
आटे से लोई लेकर पतला पराठा बेलें और गरम तवे पर हल्का तेल लगाकर दोनों तरफ से सेकें।
सभी पराठे तैयार कर लें और एक प्लेट में रख दें।
2. स्टफिंग तैयार करें
एक पैन में तेल गरम करें और उसमें अदरक-लहसुन पेस्ट डालकर भूनें।
अब कटा हुआ प्याज, शिमला मिर्च और टमाटर डालकर 2-3 मिनट तक भूनें।
इसमें लाल मिर्च पाउडर, हल्दी, गरम मसाला, चाट मसाला और नमक डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
अब इसमें पनीर या आलू डालकर 2-3 मिनट तक भूनें और फिर गैस बंद कर दें।
धनिया पत्ती डालकर मिश्रण को ठंडा होने दें।
3. काठी रोल बनाना
तैयार पराठे को तवे पर हल्का गरम करें।
इसके ऊपर हरी चटनी और मीठी चटनी फैलाएं।
अब तैयार स्टफिंग को पराठे के बीच में रखें।
कटे हुए प्याज के स्लाइस और नींबू का रस डालें।
पराठे को धीरे-धीरे रोल करें और हल्के तेल में तवे पर सेक लें।
तैयार काठी रोल को टिशू पेपर या बटर पेपर में लपेटें और गरमागरम परोसें।
काठी रोल के विभिन्न प्रकार
पनीर काठी रोल – Kathi Roll मसालेदार पनीर की स्टफिंग होती है।
आलू काठी रोल – इसमें मसले हुए आलू और मसालों का मिश्रण होता है।
सोया चंक्स काठी रोल – इसमें सोया ग्रेन्यूल्स और सब्जियां डाली जाती हैं।
चिकन काठी रोल – Kathi Roll ग्रिल्ड चिकन के टुकड़े डाले जाते हैं।
अंडा काठी रोल – इसमें पराठे के ऊपर अंडा लगाया जाता है और फिर स्टफिंग भरी जाती है।
मिक्स वेज काठी रोल – इसमें कई तरह की सब्जियों की स्टफिंग होती है।
चीज़ काठी रोल – Kathi Roll स्टफिंग के ऊपर चीज़ डाली जाती है, जिससे इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।
शेजवान काठी रोल – इसमें शेजवान सॉस मिलाकर तीखा स्वाद दिया जाता है।
निष्कर्ष
Kathi Roll एक आसान और झटपट बनने वाला स्ट्रीट फूड है, जिसे आप घर पर आसानी से बना सकते हैं। यह पौष्टिक और स्वादिष्ट होने के साथ-साथ बेहद लाजवाब लगता है। इसे आप अपनी पसंद के अनुसार अलग-अलग फ्लेवर में बना सकते हैं और हरी चटनी व टमाटर सॉस के साथ परोस सकते हैं।
Malai Kofta एक स्वादिष्ट और शाही भारतीय व्यंजन है, जिसे विशेष रूप से खास मौकों, त्योहारों और पार्टी में बनाया जाता है। Malai Kofta(पनीर और आलू के मिश्रण से बने छोटे बॉल्स) और मलाईदार ग्रेवी का एक बेहतरीन संयोजन होता है। इस व्यंजन को नान, पराठा या चावल के साथ परोसा जाता है। इस लेख में हम आपको मलाई कोफ्ता बनाने की पारंपरिक विधि, इसके विभिन्न प्रकार, और इसे परोसने के बेहतरीन तरीकों की विस्तृत जानकारी देंगे। साथ ही, इसे स्वादिष्ट और परफेक्ट बनाने के लिए कुछ खास टिप्स भी साझा किए जाएंगे।
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मलाई कोफ्ता की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार
Malai Kofta भारतीय व्यंजनों में एक बेहद लोकप्रिय और स्वादिष्ट व्यंजन है, जिसे खासतौर पर शादी, त्योहार और किसी खास मौके पर बनाया जाता है। Malai Kofta एक रिच और क्रीमी ग्रेवी वाली सब्जी होती है, जिसमें तले हुए आलू और पनीर के कोफ्ते डालकर परोसे जाते हैं। यह व्यंजन उत्तर भारत में विशेष रूप से पसंद किया जाता है और इसे रोटी, नान या चावल के साथ खाया जाता है। Malai Kofta की खासियत इसकी ग्रेवी और मुलायम कोफ्ते होते हैं, जो मुंह में रखते ही घुल जाते हैं। इस लेख में हम Malai Kofta बनाने की पारंपरिक विधि के साथ-साथ इसके विभिन्न प्रकारों की भी जानकारी देंगे।
मलाई कोफ्ता बनाने की विधि
आवश्यक सामग्री
कोफ्ते बनाने के लिए
2 कप कद्दूकस किया हुआ पनीर
2 उबले हुए आलू
1/2 कप मक्के का आटा या ब्रेड क्रम्ब्स
2 बड़े चम्मच काजू और किशमिश (कटे हुए)
1/2 चम्मच गरम मसाला
1/2 चम्मच नमक
1/2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
1/4 चम्मच हल्दी पाउडर
1 बड़ा चम्मच हरा धनिया (बारीक कटा हुआ)
तेल (तलने के लिए)
ग्रेवी के लिए
2 मध्यम आकार के टमाटर
1 बड़ा प्याज
2 हरी मिर्च
2 बड़े चम्मच काजू
1/2 कप ताजी क्रीम
1 कप दूध
1 चम्मच अदरक-लहसुन पेस्ट
1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
1 चम्मच धनिया पाउडर
1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
1/2 चम्मच गरम मसाला
1/2 चम्मच कसूरी मेथी
2 बड़े चम्मच घी या मक्खन
नमक स्वादानुसार
मलाई कोफ्ता बनाने की विधि
कोफ्ते बनाने की विधि
सबसे पहले उबले हुए आलू को छीलकर अच्छे से मैश कर लें। इसमें कद्दूकस किया हुआ पनीर डालें और अच्छी तरह मिलाएं। अब इसमें मक्के का आटा या ब्रेड क्रम्ब्स डालें, जिससे कोफ्ते बंधे रहें और टूटे नहीं। अब इसमें नमक, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, गरम मसाला और बारीक कटा हुआ धनिया डालकर अच्छे से मिक्स करें।
अब इस मिश्रण से छोटे-छोटे गोले बनाएं और हर गोले के अंदर काजू और किशमिश भर दें। अब इन कोफ्तों को गर्म तेल में सुनहरा होने तक तल लें और अतिरिक्त तेल निकालने के लिए टिशू पेपर पर रख दें।
ग्रेवी बनाने की विधि
एक पैन में घी या मक्खन गरम करें और उसमें बारीक कटे हुए प्याज डालकर हल्का भूनें। अब इसमें अदरक-लहसुन पेस्ट डालें और कुछ देर भूनें। अब टमाटर, हरी मिर्च और काजू का पेस्ट डालें और इसे धीमी आंच पर पकने दें। जब मसाला तेल छोड़ने लगे, तो इसमें हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और नमक डालें।
अब इसमें दूध डालकर अच्छी तरह मिलाएं और ग्रेवी को धीमी आंच पर 5-7 मिनट तक पकाएं। इसके बाद इसमें ताजी क्रीम डालें और अच्छे से मिलाएं। अब गरम मसाला और कसूरी मेथी डालकर 2 मिनट और पकाएं।
कोफ्तों को ग्रेवी में डालना
जब ग्रेवी तैयार हो जाए, तो गैस बंद कर दें और तले हुए कोफ्तों को ग्रेवी में डालें। इसे ज्यादा देर तक नहीं पकाना चाहिए, वरना कोफ्ते टूट सकते हैं। इसे धनिया पत्तों और क्रीम से गार्निश करें और गरमागरम पराठा, नान या चावल के साथ परोसें।
शाही मलाई कोफ्ता – Malai Kofta को खासतौर पर काजू, बादाम और किशमिश से भरकर तैयार किया जाता है और ग्रेवी में ज्यादा मलाई और मेवे डाले जाते हैं।
मखमली मलाई कोफ्ता – इसमें कोफ्तों को और भी मुलायम बनाने के लिए कॉर्नफ्लोर और मलाई मिलाई जाती है और ग्रेवी को ज्यादा क्रीमी रखा जाता है।
तंदूरी मलाई कोफ्ता – इसमें कोफ्तों को पहले तंदूर में या तवे पर ग्रिल किया जाता है और फिर ग्रेवी में डाला जाता है, जिससे इसका स्मोकी स्वाद आता है।
हरी मलाई कोफ्ता – इसमें पालक और हरी सब्जियों को मिलाकर कोफ्ते बनाए जाते हैं और ग्रेवी में पालक का पेस्ट मिलाया जाता है, जिससे यह हेल्दी और स्वादिष्ट बनती है।
बेसन मलाई कोफ्ता – इसमें कोफ्तों को बेसन और मसालों से तैयार किया जाता है और फिर मलाईदार ग्रेवी में पकाया जाता है।
मलाई चना कोफ्ता – इसमें कोफ्तों को चने की दाल और पनीर से बनाया जाता है, जिससे यह प्रोटीन से भरपूर बनती है।
मलाई कोफ्ता के फायदे
पनीर और आलू से भरपूर होने के कारण यह प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है।
इसमें काजू और मलाई होने के कारण यह एनर्जी बूस्टर का काम करता है।
यह एक शाही डिश है, जो किसी भी खास मौके पर खाने का आनंद देती है।
हरी मलाई कोफ्ता बनाने से यह अधिक पौष्टिक और फाइबर युक्त हो जाता है।
मलाई कोफ्ता को परोसने के बेहतरीन तरीके
इसे बटर नान, लच्छा पराठा या तंदूरी रोटी के साथ परोसा जा सकता है।
इसे जीरा राइस या वेज पुलाव के साथ भी खाया जा सकता है।
इसे धनिया पत्तों और क्रीम से गार्निश करके परोसें ताकि इसका स्वाद और भी बेहतर लगे।
इसे काजू और किशमिश से गार्निश करने से यह और भी शानदार लगता है।
मलाई कोफ्ता बनाने में ध्यान देने योग्य बातें
Malai Kofta बनाने के लिए मिश्रण में ब्रेड क्रम्ब्स या मक्के का आटा मिलाएं, जिससे वे टूटें नहीं।
कोफ्तों को ज्यादा देर तक ग्रेवी में न पकाएं, वरना वे टूट सकते हैं।
ग्रेवी को अधिक मलाईदार बनाने के लिए इसमें काजू पेस्ट, दूध और ताजी क्रीम का सही मात्रा में उपयोग करें।
स्वाद बढ़ाने के लिए कसूरी मेथी और मक्खन का इस्तेमाल करें।
निष्कर्ष
Malai Kofta एक बेहद स्वादिष्ट और मलाईदार डिश है, जिसे किसी भी खास मौके पर बनाया जा सकता है। इसमें कोफ्तों को मसालेदार और क्रीमी ग्रेवी में पकाया जाता है, जिससे यह स्वाद में बेहद लाजवाब बन जाती है। इसे विभिन्न तरीकों से बनाया जा सकता है, जैसे कि शाही मलाई कोफ्ता, हरी Malai Kofta, तंदूरी Malai Kofta आदि। अगर आप कुछ नया और स्वादिष्ट बनाना चाहते हैं, तो Malai Kofta जरूर ट्राई करें।
Malai Chaap बनाने की बेहतरीन रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकारों की विस्तृत जानकारी दी गई है। Malai Chaap एक स्वादिष्ट और क्रीमी ग्रेवी वाली डिश है, जिसे खासतौर पर उत्तर भारत में बहुत पसंद किया जाता है। इसमें सोया चाप को मलाईदार मसालों और ग्रेवी में पकाया जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी शानदार हो जाता है। यहां आपको मलाई चाप बनाने की विधि, आवश्यक सामग्री, परोसने के तरीके, इससे मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ और इसके अन्य प्रकारों जैसे तंदूरी Malai Chaap, मलाई चाप टिक्का, मसाला Malai Chaap आदि की पूरी जानकारी मिलेगी।
सामग्री की तालिका
मलाई चाप की रेसिपी और इसके विभिन्न प्रकार
Malai Chaap एक स्वादिष्ट और क्रीमी ग्रेवी वाली डिश है, जिसे विशेष रूप से उत्तर भारत में बहुत पसंद किया जाता है। Malai Chaap डिश वेजिटेरियन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, खासकर उन लोगों के लिए जो पनीर या नॉन-वेज ग्रेवी का स्वाद लेना चाहते हैं। Malai Chaap का स्वाद इतना लाजवाब होता है कि इसे किसी भी पार्टी या खास मौके पर बनाया जा सकता है। इसमें चाप को मलाईदार और मसालेदार ग्रेवी में पकाया जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी शानदार हो जाता है। इस लेख में हम Malai Chaap बनाने की बेहतरीन विधि के साथ-साथ इसके अन्य प्रकारों की भी जानकारी देंगे।
मलाई चाप बनाने की विधि
आवश्यक सामग्री
250 ग्राम सोया चाप
1/2 कप ताजा क्रीम (मलाई)
1 कप दही
2 बड़े चम्मच काजू का पेस्ट
1/2 कप दूध
2 मध्यम आकार के प्याज
1 बड़ा चम्मच अदरक-लहसुन पेस्ट
2 हरी मिर्च (बारीक कटी हुई)
1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
1 चम्मच गरम मसाला
1/2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
1/2 चम्मच धनिया पाउडर
1/2 चम्मच जीरा
2 बड़े चम्मच तेल या घी
1 बड़ा चम्मच मक्खन
1/2 चम्मच कसूरी मेथी
नमक स्वादानुसार
बनाने की विधि
सबसे पहले सोया चाप को हल्का उबाल लें ताकि वह नरम हो जाए। इसके बाद चाप को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और इसे हल्के से तवे पर घी या तेल में फ्राई करें जब तक कि यह सुनहरे भूरे रंग का न हो जाए। अब इसे अलग रखें।
एक पैन में तेल गरम करें और उसमें जीरा डालें। जब जीरा चटकने लगे, तो इसमें बारीक कटे हुए प्याज डालें और हल्का सुनहरा होने तक भूनें। अब इसमें अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें और कुछ देर भूनें। इसके बाद इसमें काजू का पेस्ट डालें और इसे धीमी आंच पर पकने दें।
अब इसमें दही डालें और अच्छे से मिलाएं। हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और गरम मसाला डालें और 5 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं। इसमें दूध और ताजी मलाई डालें और इसे तब तक पकने दें जब तक कि ग्रेवी गाढ़ी न हो जाए।
अब इसमें तले हुए सोया चाप के टुकड़े डालें और इसे 10 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं ताकि चाप मसालों का पूरा स्वाद सोख ले। अंत में इसमें कसूरी मेथी और मक्खन डालें और अच्छे से मिला लें। आपकी मलाई चाप तैयार है, इसे धनिया पत्तों से गार्निश करें और गर्मागर्म पराठा, नान या चावल के साथ परोसें।
मलाई चाप के अन्य प्रकार
तंदूरी मलाई चाप – इसमें सोया चाप को दही, मलाई और मसालों में मैरीनेट करके तंदूर में या तवे पर ग्रिल किया जाता है, जिससे इसका स्मोकी स्वाद आता है।
मलाई चाप टिक्का – इसमें चाप को मलाई, दही और हल्के मसालों में मैरीनेट करके सीखों पर ग्रिल किया जाता है।
मलाई चाप रोल – इसमें मलाई चाप को पराठे या रोटी में लपेटकर रोल बनाया जाता है, जो एक बेहतरीन स्ट्रीट फूड विकल्प होता है।
मलाई मखनी चाप – इसमें चाप को बटर और क्रीम से बनी रिच ग्रेवी में पकाया जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी बेहतरीन हो जाता है।
मसाला मलाई चाप – इसमें मलाई चाप को मसालेदार ग्रेवी में पकाया जाता है ताकि यह थोड़ा तीखा स्वाद दे।
काजू मलाई चाप – इसमें चाप को काजू और क्रीम से बनी ग्रेवी में पकाया जाता है, जिससे यह अधिक मलाईदार और स्वादिष्ट बनता है।
इसे बटर नान, लच्छा पराठा या तंदूरी रोटी के साथ परोसा जा सकता है।
इसे जीरा राइस या वेज पुलाव के साथ भी खाया जा सकता है।
इसे धनिया पत्तों और क्रीम से गार्निश करके परोसें ताकि इसका स्वाद और भी बेहतर लगे।
इसे स्टार्टर्स के रूप में भी सर्व किया जा सकता है, खासकर तंदूरी मलाई चाप टिक्का को हरी चटनी के साथ परोसें।
मलाई चाप बनाने में ध्यान देने योग्य बातें
सोया चाप को हल्का उबालने से उसकी बनावट नरम हो जाती है और वह ग्रेवी को अच्छी तरह सोख पाती है।
तंदूरी या ग्रिल्ड मलाई चाप बनाने के लिए चाप को दही और मलाई में अच्छे से मैरीनेट करें और कम से कम 2 घंटे के लिए छोड़ दें ताकि स्वाद अच्छी तरह आ जाए।
ग्रेवी को अधिक मलाईदार बनाने के लिए इसमें काजू पेस्ट, दूध और ताजी क्रीम का सही मात्रा में उपयोग करें।
स्वाद बढ़ाने के लिए कसूरी मेथी और मक्खन का इस्तेमाल करें।
निष्कर्ष
Malai Chaap एक बेहद स्वादिष्ट और मलाईदार डिश है, जिसे आप किसी भी खास मौके पर बना सकते हैं। इसमें चाप को मसालेदार और क्रीमी ग्रेवी में पकाया जाता है, जिससे यह स्वाद में बेहद लाजवाब बन जाती है। Malai Chaap विभिन्न तरीकों से बनाया जा सकता है, जैसे कि तंदूरी मलाई चाप, मसाला मलाई चाप, मलाई मखनी चाप, और मलाई चाप टिक्का। यह प्रोटीन से भरपूर होने के कारण सेहत के लिए भी अच्छा होता है और शाकाहारियों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। अगर आप कुछ नया और स्वादिष्ट बनाना चाहते हैं, तो Malai Chaapजरूर ट्राई करें।
Sambhal पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई के निर्देशन में गुन्नौर कोतवाली पुलिस ने महज 24 घंटे के भीतर लूट की वारदात का सफल अनावरण कर लिया। इस ऑपरेशन में छह लुटेरों को गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से लूट का सामान और अवैध हथियार बरामद किए गए हैं। पुलिस की इस तेज़ कार्रवाई से अपराधियों में हड़कंप मच गया है और आम जनता में सुरक्षा को लेकर विश्वास मजबूत हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार, लुटेरों ने बीते दिनों गुन्नौर क्षेत्र में एक बड़ी लूट को अंजाम दिया था। वारदात के तुरंत बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए विशेष टीमों का गठन किया और अपराधियों की तलाश शुरू कर दी। तकनीकी जांच, सीसीटीवी फुटेज और मुखबिरों की सूचना के आधार पर पुलिस ने संदिग्धों की पहचान की और घेराबंदी कर सभी छह लुटेरों को धर-दबोचा।
क्या-क्या बरामद हुआ?
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से लूट का माल, नकदी, मोबाइल फोन और अवैध शस्त्र बरामद किए गए हैं। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि गिरोह का नेटवर्क कितना बड़ा है और क्या इससे जुड़े अन्य अपराधी भी सक्रिय हैं।
एसपी ने की टीम की सराहना
Sambhal पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने इस सफल ऑपरेशन के लिए गुन्नौर कोतवाली पुलिस की सराहना की और कहा कि अपराधियों के खिलाफ इसी तरह सख्ती जारी रहेगी। उन्होंने जनता से भी अपील की कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें, ताकि कानून व्यवस्था को और मजबूत बनाया जा सके।
जनता में खुशी, पुलिस की जमकर हो रही तारीफ
पुलिस की इस कार्रवाई से सम्भल जिले के लोगों ने राहत की सांस ली है। अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय निवासियों ने पुलिस की जमकर तारीफ की और उम्मीद जताई कि आगे भी इसी तरह की कार्रवाई होती रहेगी, जिससे अपराध पर लगाम लगाई जा सके।
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के मंत्री Pravesh Verma ने त्रिनगर विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर सफाई व्यवस्था और अन्य बुनियादी सुविधाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना। इस दौरान उन्होंने बताया कि यह इलाका उनके बचपन की यादों से जुड़ा हुआ है, लेकिन लोगों की यह शिकायत कि पिछले 10 वर्षों में कोई विकास कार्य नहीं हुआ, उन्हें निराश कर रही है।
Pravesh Verma ने सीवर सफाई के लिए विशेष निर्देश दिए
मंत्री Pravesh Verma ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि क्षेत्र की सीवर लाइनों की सफाई के लिए पर्याप्त मशीनों का उपयोग किया जाए ताकि मानसून से पहले जलभराव की समस्या से निपटा जा सके। उन्होंने कहा, “हम हर विधानसभा क्षेत्र में एक सफाई मशीन मुहैया करा रहे हैं, ताकि लोगों को किसी तरह की असुविधा न हो।”
लापरवाह अधिकारी पर कार्रवाई
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने एक अधिकारी को संदिग्ध हालत में पाया, जिसे लेकर उन्होंने तत्काल तबादले का आदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार को अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना पसंद नहीं है, लेकिन अगर वे अपने कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वहन नहीं करेंगे, तो कार्रवाई अनिवार्य होगी।
स्थानीय लोगों को विकास का भरोसा
इस दौरे के बाद क्षेत्र के निवासियों को उम्मीद है कि अब सफाई, सीवर व्यवस्था और बुनियादी सुविधाओं में सुधार होगा। मंत्री प्रवेश वर्मा ने अधिकारियों को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि वे अपने काम में कोई लापरवाही न बरतें, अन्यथा सख्त कदम उठाए जाएंगे।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के खुल्दाबाद क्षेत्र में स्थित मुगल बादशाह Aurangzeb के मकबरे को हटाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। यह याचिका केतन तिरोडकर नामक व्यक्ति द्वारा दायर की गई है, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को मकबरे को राष्ट्रीय स्मारकों की सूची से हटाने और इसे ध्वस्त करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
Aurangzeb की कब्र ASI द्वारा संरक्षित स्मारक है और वक्फ संपत्ति के अंतर्गत आती है, जिससे इसे हटाना कानूनी दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत संरक्षित स्मारक को नुकसान पहुंचाना, हटाना या ध्वस्त करना अवैध है। हालांकि, सरकार के पास यह अधिकार है कि यदि कोई संरक्षित स्मारक अपना राष्ट्रीय महत्व खो देता है, तो उसे सूची से हटाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए कानूनी प्रक्रियाओं का पालन आवश्यक है।
हिंदू संगठनों ने की Aurangzeb की कब्र हटाने की मांग
इस बीच, कुछ हिंदू संगठनों ने Aurangzeb की कब्र को हटाने की मांग की है, जिससे सुरक्षा के मद्देनजर वहां पुलिस बल तैनात किया गया है। यह मामला कानूनी और सामाजिक दोनों दृष्टिकोण से संवेदनशील है, इसलिए आगे की कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं
कब्रों को हटाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसलों के अनुसार, संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मृतकों को भी गरिमापूर्ण व्यवहार का अधिकार प्राप्त है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में, जनहित को ध्यान में रखते हुए, न्यायपालिका ने कब्रों को हटाने की अनुमति दी है, लेकिन इसके लिए सख्त कानूनी प्रक्रियाओं का पालन आवश्यक होता है।
इस प्रकार, औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए दायर जनहित याचिका पर अदालत का निर्णय और संबंधित कानूनी प्रक्रियाएं महत्वपूर्ण होंगी।
नागपुर हिंसा के बारे में
17 मार्च 2025 को नागपुर के कपिलवन और नंदनगढ़ क्षेत्रों में हिंसा भड़क उठी, जिसका संबंध Aurangzeb की कब्र को हटाने की मांग से जोड़ा जा रहा है। इस हिंसा में 500 से अधिक लोगों की भीड़ ने पुलिस पर हमला किया, जिसमें महिला पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया।
पुलिस जांच में फहीम शमीम खान को इस हिंसा का मास्टरमाइंड बताया गया है, जिसने लोगों को उकसाकर भीड़ जुटाई थी। अब तक 84 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें विश्व हिंदू परिषद (VHP) के 8 कार्यकर्ता भी शामिल हैं। 17 आरोपियों को 22 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है।
Earth पर जीवन की शुरुआत एक रहस्यमय और वैज्ञानिक रूप से आकर्षक विषय है। वैज्ञानिकों के अनुसार, जीवन की उत्पत्ति लगभग 3.5 से 4 अरब साल पहले हुई थी। इसके पीछे कई सिद्धांत हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख ये हैं:
ओपेरिन और हाल्डेन ने यह सिद्धांत दिया, जिसमें कहा गया कि पृथ्वी के शुरुआती Earth में मीथेन (CH₄), अमोनिया (NH₃), हाइड्रोजन (H₂) और जलवाष्प (H₂O) जैसी गैसें मौजूद थीं।
बिजली (आकाशीय बिजली) और ज्वालामुखीय गतिविधियों ने इन तत्वों को जैविक अणुओं में बदल दिया।
बाद में, ये अणु समुद्रों में इकट्ठे हुए और “आदिम सूप” बनाए, जिससे पहला सरल जीवन विकसित हुआ।
मिलर-उरे प्रयोग (1953) ने इस सिद्धांत का समर्थन किया, जिसमें पाया गया कि बिजली के झटकों से अमीनो एसिड का निर्माण संभव है।
हाइड्रोथर्मल वेंट सिद्धांत
समुद्र की गहराई में मौजूद गर्म पानी के झरने से खनिज और गैसें निकलीं।
यहाँ मौजूद गर्मी और रासायनिक ऊर्जा से जैविक अणु विकसित हुए और पहला जीवन पनपा।
यह सिद्धांत समझाता है कि कैसे जीवाणु और सूक्ष्मजीव अत्यधिक गर्म परिस्थितियों में भी जीवित रह सकते हैं।
पैनस्पर्मिया सिद्धांत
इस सिद्धांत के अनुसार, जीवन की उत्पत्ति Earth पर नहीं बल्कि अंतरिक्ष से आई।
उल्कापिंडों और धूमकेतुओं के जरिए सूक्ष्मजीव और जैविक अणु पृथ्वी पर आए।
मंगल ग्रह और अन्य ग्रहों से जीवन के बीज Earth पर आ सकते हैं।
स्वयं-संगठन और आरएनए वर्ल्ड
वैज्ञानिकों का मानना है कि आरएनए (RNA) पहले विकसित हुआ और यह स्वयं को कॉपी कर सकता था।
बाद में, डीएनए और प्रोटीन बने, जिससे जटिल जीवन विकसित हुआ।
निष्कर्ष
वैज्ञानिक प्रमाणों के अनुसार, जीवन की उत्पत्ति रासायनिक प्रतिक्रियाओं से हुई और समय के साथ यह विकसित होकर जीवाणुओं, पौधों, और जंतुओं तक पहुँचा। हालांकि, यह प्रक्रिया अब भी शोध का विषय बनी हुई है!