Nikita Murder: पुलिस ने की तीसरी गिरफ्तारी… हथियार मुहैया कराने वाला शख्स गिरफ्तार
लखनऊ: निकिता हत्याकांड (Nikita Murder Case) में पुलिस ने तीसरे आरोपी अजरू को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने नूह जिले से अजरू को गिरफ्तार किया है.
अजरू ने ही तौसीफ को हथियार मुहैया कराया था. फरीदाबाद के पुलिस पीआरओ सूबे सिंह ने कहा कि अपराध में प्रयुक्त देसी पिस्तौल को देने वाले शख्स अजरु को नूंह से गिरफ्तार किया गया है.
Noida: साइबर अपराध शाखा ने दो विदेशियों को गिरफ्तार किया
इसके साथ ही उस i20 कार को जब्त कर लिया गया है, जिससे अपराधी आए थे और निकिता तोमर (Nikita) को अगवा करने की नाकाम कोशिश की थी.
सारा अली खान ने वरुण धवन संग कराया फोटोशूट, पिंक आउटफिट में आईं नजर

सारा अली खान (Sara Ali Khan) की फोटो हुईं वायरल
नई दिल्ली:
बॉलीवुड एक्ट्रेस सारा अली खान (Sara Ali khan) इन दिनों काफी सुर्खियों में है. नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो द्वारा पूछताछ के बाद से ही सारा अली खान सोशल मीडिया पर बिल्कुल ही गायब हो गईं थीं. अब हाल ही में एक्ट्रेस ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट से कुछ तस्वीरें शेयर की हैं. इन तस्वीरों में सारा अली खान (Sara Ali Khan Photos) और वरुण धवन (Varun Dhawan) पोज देते नजर आ रहे हैं. फोटो में सारा ने पिंक कलर का आउटफिट पहना हुआ है, तो वहीं, वरुण धवन ब्लैक कलर के आउटफिट में नजर आ रहे हैं.
तस्वीरों को शेयर करते हुए सारा अली खान (Sara Ali Khan) ने कैप्शन में लिखा, “थिंक पिंक.” एक्ट्रेस की इन तस्वीरों को फैन्स खूब पसंद कर रहे हैं. तस्वीरों को अब तक 12 लाख से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं. एक्ट्रेस की इन तस्वीरों पर फैन्स भी खूब कमेंट कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
वहीं, सारा अली खान (Sara Ali Khan) की बात करें तो एक्ट्रेस ने काफी लंबे समय बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर की है. कुछ दिनों पहले सारा अली खान से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने सुशांत सिंह राजपूत निधन से जुड़े ड्रग्स मामले में पूछताछ की थी. इसके लिए एक्ट्रेस को गोवा से मुंबई लौटना पड़ा था. सारा अली खान (Sara Ali Khan Instagram) के वर्क फ्रंट की बात करें तो एक्ट्रेस जल्द ही ‘अतरंगी रे’ में नजर आने वाली हैं. इस फिल्म में उनके साथ अक्षय कुमार और धनुष मुख्य भूमिका में नजर आएंगे. इसके साथ ही वह ‘कुली नंबर वन’ में भी नजर आएंगी.
नवजात की लाश मिलने पर फ्लाइट से उतार महिलाओं के निजी अंगों की हुई थी जांच, कतर ने जताया खेद
दोहा:
Qatar : कतर की राजधानी दोहा के एयरपोर्ट पर बाथरूम में एक नवजात की लाश मिलने के बाद हड़कंप मच गया था, उसके बाद कतर से आस्ट्रेलिया जा रही कतर एयरवेज की फ्लाइट QR908 को रुकवाकर महिला यात्रियों की सघन जांच की गई थी. आरोप है कि महिलाओं को कपड़े उतारकर जांच कराने को मजबूर किया गया और उन्हें घंटों रोककर रखा गया. इसकी चहुंओर आलोचना होने के बाद अब कतर ने खेद जताया है. कतर ने बुधवार को कहा कि लावारिश नवजात शव की मां को ढूंढ़ने के लिए किए गए उपाय के तहत महिलाओं की निजता का उल्लंघन करने और उन्हें दर्दनाक परीक्षण से गुजरने एवं इस दौरान महिलाओं को हुई पीड़ा पर पछतावा है.
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बता दें कि पिछले दिनों हमदर्द इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कतर के अधिकारियों द्वारा महिलाओं को फ्लाइट से जबरन उतारकर उनके निजी अंगों की जांच कराई गई थी.
सरकारी वेबसाइट पर एक बयान जारी कर कहा गया है, उस जांच का उद्देश्य तात्कालिक रूप से भयानक अपराध के बाद अपराधियों को भागने से रोकना था, कतर सरकार इस कार्रवाई की वजह से यात्रियों के किसी भी पीड़ा, अवसाद अथवा उनके निजी अंगों की हुई जांच और उनके निजता के उल्लंघन के लिए खेद प्रकट करता है.
प्रधान मंत्री, शेख खालिद बिन खलीफा बिन अब्दुलअजीज अल थानी ने बयान में कहा कि इस मामले की “व्यापक व पारदर्शी” जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि कतर “देश के माध्यम से गुजरने वाले सभी यात्रियों की सुरक्षा और सहजता को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध था.”
इस घटना के बाद आस्ट्रेलिया और कतर के बीच राजनयिक संबंधों में तल्खी आ गई थी. आस्ट्रेलिया ने इस कदम की तीखी आलोचना की थी और मिडिल ईस्ट के देश पर अपने देश के नागरिकों के साथ बुरा बर्ताव करने का आरोप लगाया था.
ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मारिज पायने ने संसद को बताया कि “कुल मिलाकर 10 विमान” की महिलाएं कतर के उस सर्च ऑपरेशन में शामिल थीं जिन्हें घोर परेशानी उटानी पड़ी और “अपमानजनक” बर्ताव का सामना करना पड़ा.
Covid 19: कोरोना वायरस से मस्तिष्क हो सकता है प्रभावित।
वाशिंगटन:
कोविड-19 मरीजों पर किए गए 80 से अधिक अध्ययनों में एक तिहाई के मस्तिष्क के अग्रिम हिस्से में कुछ जटिलताएं देखने को मिलीं. यह अध्ययन तंत्रिका तंत्र पर बीमारी के असर पर प्रकाश डाल सकता है. अध्ययन रिपोर्ट ‘सीजर: यूरोपियन जर्नल ऑफ एपिलेप्सी’ में प्रकाशित हुई है जो ईईजी के माध्यम से मस्तिष्क में असामान्यताओं का पता लगाने पर केंद्रित है.
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अमेरिका के बेयलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन में तंत्रिका तंत्र विज्ञान के सहायक प्रोफेसर जुल्फी हनीफ ने कहा, ‘‘हमें 600 से अधिक ऐसे मरीज मिले जो इस तरह प्रभावित हुए. जब हमने इसे छोटे समूहों में देखा तो हम इस बात को लेकर सुनिश्चित नहीं थे कि यह महज संयोग है या कुछ और, लेकिन अब हम पक्के तौर पर कह सकते हैं कि इसका कुछ संबंध है.”
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन में शामिल लोगों के मस्तिष्क के अग्रिम हिस्से में असामान्यताएं देखने को मिलीं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 मरीजों के ईईजी से कुछ संकेत ऐसा मिला कि मस्तिष्क को इस हद तक भी नुकसान पहुंच सकता है कि बीमारी से ठीक होने के बाद भी इसकी भरपाई नहीं हो सकती.
हनीफ ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि नाक के जरिए वायरस के प्रवेश करने की सबसे ज्यादा संभावना होती है, इसलिए मस्तिष्क के उस हिस्से के बीच संबंध प्रतीत होता है जो प्रवेश बिंदु के नजदीक है.”
उन्होंने कहा कि एक और बात यह देखने को मिली कि इस तरह प्रभावित हुए लोगों की औसतन आयु 61 वर्ष थी और इनमें एक तिहाई महिलाएं तथा दो तिहाई पुरुष थे. इससे पता चलता है कि कोरोना वायरस से संबंधित मस्तिष्क असामान्यता बुजुर्ग पुरुषों में आम हो सकती है. हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि इस संबंध में और अधिक अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है.
Source: (यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
केएल राहुल पर संजय मांजरेकर की बातों को इस वर्ल्ड चैंपियन खिलाड़ी ने कहा बकवास
केएल राहुल पर संजय मांजरेकर ने खड़े किये थे सवाल
केएल राहुल (KL Rahul) की ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए हुई टेस्ट टीम सेलेक्शन में वापसी पर संजय मांजरेकर ने खड़े किये थे सवाल
नई दिल्ली. टीम इंडिया की टेस्ट टीम में केएल राहुल की वापसी हुई तो कई फैंस ने बीसीसीआई सेलेक्शन कमेटी का इसका स्वागत किया. कई क्रिकेट एक्सपर्ट भी इसके पक्ष में खड़े दिखाई दिये लेकिन पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) को केएल राहुल (KL Rahul) का सेलेक्शन सही नहीं लगा और उन्होंने इसपर सवाल भी खड़े कर दिये. बीसीसीआई ने अपने ट्विटर हैंडल पर बीसीसीआई सेलेक्शन कमेटी की आलोचना करेत हुए कहा कि राहुल का टेस्ट टीम में वापसी होने का मतलब है कि आप रणजी ट्रॉफी क्रिकेटरों को हतोत्साहित कर रहे हैं और आईपीएल के आधार पर टेस्ट टीम का सेलेक्शन नहीं होना चाहिए. मांजरेकर की इस प्रतिक्रिया के बाद 1983 वर्ल्ड कप चैंपियन टीम के खिलाड़ी क्रिस श्रीकांत भड़क गए. उन्होंने संजय मांजरेकर की कड़ी आलोचना की है.
मांजरेकर पर भड़के श्रीकांत
श्रीकांत ने संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) की बातों को बकवास करार दिया है और उन्होंने कहा कि मांजरेकर मुंबई के क्रिकेटरों से आगे नहीं सोच पाते. उन्होंने कहा, ‘संजय मांजरेकर की बात आप छोड़ दीजिये, उनके पास कोई और काम नहीं है. अपने यूट्यूब चैनल पर श्रीकांत ने कहा, ‘केएल राहुल के टेस्ट टीम में सेलेक्शन पर सवाल? संजय मांजरेकर किसी पर सवाल खड़े कर रहे हैं तो मुझे नहीं लगता मैं उनसे सहमत हूं. आप सिर्फ विवाद पैदा करने के लिए सवाल खड़े नहीं कर सकते. केएल राहुल ने हर फॉर्मेट में रन बनाए हैं, आप उनका टेस्ट रिकॉर्ड देख सकते हैं. संजय मांजरेकर जो कह रहे हैं वो बकवास है, मैं उसे नहीं मानता.’
केएल राहुल के चयन पर क्यों खड़े किये मांजरेकर ने सवाल
संजय मांजरेकर ने केएल राहुल के टेस्ट में खराब प्रदर्शन को आधार बनाते हुए उनके सेलेक्शन पर सवाल खड़े किये हैं. केएल राहुल ने 12 टेस्ट पारियों में कोई अर्धशतक नहीं लगाया. आखिरी 27 टेस्ट पारियों में उनका औसत महज 22.23 है. राहुल ने वेस्टइंडीज दौरे पर आखिरी टेस्ट खेला था जिसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया और वो घरेलू सीजन में टीम इंडिया से बाहर रहे. केएल राहुल अपनी पिछली पांच टेस्ट सीरीज में फ्लॉप रहे. साउथ अफ्रीका में उनका औसत 7.1 रहा. इंग्लैंड वो 29 की औसत से रन बना सके.वेस्टइंडीज के खिलाफ उनकी बल्लेबाजी औसत 18 रही. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में राहुल ने 10.7 की औसत से रन बनाए.
Jake Weatherald: 25 वर्षीय खिलाड़ी को हुआ डिप्रेशन, छोड़ा टूर्नामेंट

जेक वेदरेल्ड ने लिया क्रिकेट से ब्रेक
कौन हैं जेक वेदरल्ड?
बाएं हाथ के बल्लेबाज वेदरल्ड (Jake Weatherald) ने 46 फर्स्ट क्लास मैचों में 34.16 के औसत से 2972 रन बनाए हैं. उनके नाम 7 शतक हैं. यही नहीं वेदरल्ड ने 25 लिस्ट ए मैचों में 4 शतकों की मदद से 997 रन बनाए हैं. लिस्ट ए में उनका औसत 41 से ज्यादा का है. टी20 में भी वेदरल्ड ने शतक ठोका है. वो 48 मैचों में 26 से ज्यादा की औसत से 1235 रन बना चुके हैं.
वेदरल्ड ने क्यों छोड़ी शैफील्ड शील्ड?
फिलहाल ये खुलासा नहीं हो पाया है कि वेदरल्ड (Jake Weatherald) ने क्रिकेट में मानसिक दबाव के चलते ब्रेक लिया है या फिर इस खिलाड़ी ने निजी समस्याओं के चलते ये कदम उठाया है. स्पोर्ट्स साइंस और स्पोर्ट्स मेडिसिन के मैनेजर ने कहा, ‘हम वेदरल्ड के फैसले का सम्मान करते हैं, जिन्होंने टूर्नामेंट छोड़ने का मुश्किल और सही फैसला लिया है. हम उनके फैसले के साथ हैं और उनके साथ संपर्क में रहेंगे. जब भी वो चयन के लिए उपलब्ध रहेंगे, हम उनसे बात करेंगे.’ बता दें जेक वेदरल्ड की जगह विल बोसिस्तो को साउथ ऑस्ट्रेलिया ने अपनी टीम में शामिल किया है, वहीं तेज गेंदबाज डेनियल वॉरेल भी पिंडली की चोट से उबर चुके हैं और वो विक्टोरिया के खिलाफ 30 अक्टूबर को मैच खेल सकते हैं. बता दें जेक वेदरेल्ड से पहले ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल और विल पुकोवोस्की ने भी मानसिक दबाव के चलते क्रिकेट से ब्रेक लिया था.
Diwali : वास्तु के अनुसार करें दीवाली की पूजा तो माता लक्ष्मी व भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है.
14 नवंबर को है दीपों का त्यौहार यानि दीवाली. जिसे सुख, समृद्धि व खुशहाली का पर्व माना जाता है. इस दिन पूरे विधि विधान से विशेष तौर पर भगवान गणेश व माता लक्ष्मी का पूजा की जाती है. चूंकि मां लक्ष्मी ऐश्वर्य व वैभव की देवी हैं. इसीलिए इस दिन इनकी पूजा से भौतिक सुखों की प्राप्ति तो होती ही है साथ ही घर में भरपूर खुशियां आती हैं. वहीं दीवाली पूजन में अगर वास्तु निममों का भी खास ध्यान रखा जाए तो विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है.
दीवाली के दिन करें वास्तुनुसार पूजा
उत्तर दिशा में पूजा – माना जाता है कि उत्तर दिशा धन की दिशा होती है. और मां लक्ष्मी जिनकी पूजा दीवाली के दिन होती है, धन की देवी मानी गई हैं इसीलिए दीवाली की पूजा उत्तर दिशा या फिर उत्तर-पूर्व दिशा में ही करनी चाहिए. इसके मुताबिक पूजा करने वाले का मुख घर की उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए.
हर बार बदले मूर्तियां – हर साल दीवाली पूजन में इस्तेमाल की जाने वाली लक्ष्मी व गणेश की मूर्तियां नई होनी चाहिए. पुरानी मूर्तियों को इस्तेमाल में नहीं लाना चाहिए. लेकिन अगर आपके पास चांदी की मूर्तियां हैं तो दोबारा उन्हें गंगाजल से साफ करके इस्तेमाल में लाया जा सकता है.
लाल रंग का इस्तेमाल – कहते हैं देवी को लाल रंग अति प्रिय होता है इसीलिए दीवाली की पूजा में लाल रंग की वस्तुओं का इस्तेमाल विशेष तौर से करना चाहिए. जैसे इस दिन पूजा के दौरान देवी को लाल रंग के कपड़े, लाल रंग के फूल, लाल श्रृंगार अर्पित करें. इससे मां को प्रसन्न किया जा सकता है.
रोली से बनाएं स्वास्तिक – पूजा घर में दोनों तरफ रोली से स्वास्तिक का निर्माण करना भी शुभ माना जाता है. कहते हैं स्वास्तिक भगवान गणेश का ही स्वरूप होता है. जो अत्यंत शुभ फल देने वाला माना गया है. इससे घर में मौजूद तमाम तरह की नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है.
पूजा में बजाए शंख – लक्ष्मी पूजन में शंख का बहुत ही महत्व होता है. और शंख की आवाज़ को अत्यंत शुभ माना गया है. इसीलिए दीवाली की पूजा में शंख ज़रुर बजाना चाहिए इससे देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. और मन व मस्तिष्क दोनों में सकारात्मक ऊर्जा आती है.
Dhanteras : धनतेरस के दिन बर्तन खरीदना क्यों शुभ माना जाता है? क्यों जलाते हैं हम दीया
दीवाली कोई एक दिन का त्यौहार नहीं हैं बल्कि ये पंचदिवसीय पर्व है जिसकी शुरुआत धनतेरस के साथ ही हो जाती है. पांच दिनों तक चलने वाले इस पर्व में सबसे पहले दिन मनाया जाता है धनतेरस. जो कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि को होता है. इस दिन भगवान धनवंतरि की विशेष तौर पर पूजा होती है. और लोग इस दिन सोने चांदी के अलावा बर्तनों की भी जमकर खरीददारी करते हैं. लेकिन आखिर ऐसा क्यों किया जाता है…क्यों इस दिन बर्तन खरीदना शुभता की निशानी मानी जाती है.
इसीलिए खरीदे जाते हैं बर्तन
समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास की त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरि प्रकट हुए थे. जब वो प्रकट हुए तो उनके हाथों में कलश मौजूद था. इसीलिए इस दिन विशेष तौर से बर्तन खरीदने की प्रथा है. इस दिन लोग स्टील, एलुमीनियम के नए बर्तन खरीदकर घर लाते हैं जिसे शुभता की निशानी माना जाता है.
13 गुना होती है वृद्धि
शास्त्रों में मान्यता है कि इस दिन खरीदे गए सामान से 13 गुना बढ़ोतरी होती है. यही कारण है कि लोग इस दिन जमकर खरीददारी करते हैं. सिर्फ बर्तन ही नहीं बल्कि धनतेरस के दिन चांदी खरीदना भी काफी शुभ फलदायी माना गया है. इसीलिए लोग इस दिन चांदी के सिक्के या फिर चांदी की लक्ष्मी – गणेश की मूर्तियां खरीदकर घर लाते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ चांदी ही खरीदी जा सकती है बल्कि सोना, तांबा, कांसा व पीतल कोई धातु की वस्तु इस दिन खरीदी जा सकती है. माना जाता है कि धनतेरस के दिन ये चीज़ें खरीदने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और इंसान की किस्मत पलट जाती है.
घर की दक्षिण दिशा में जलाएं दीया
यूं तो दीवाली को दीपों का त्यौहार कहा जाता है लेकिन दीए जलाने की प्रथा धनतेरस से ही शुरु हो जाती है. इस दिन घर की दक्षिण दिशा में दीपक जलाने का खासा महत्व होता है. कहते हैं कि एक बार यमदेव से उनके दूतो ने प्रश्न किया था कि क्या अकाल मृत्यु से बचने का कोई उपाय है तब यमदेव ने बताया था कि जो मनुष्य धनतेरस के दिन दक्षिण दिशा में दीपक जलाकर रखेगा उसे अकाल मृत्यु का भय कभी नहीं होगा. यही कारण है कि आज भी धनतेरस के दिन लोग दक्षिण दिशा में दीया ज़रुर जलाते हैं. दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है इसीलिए इस दिन यम की पूजा का भी विधान है
In सीरीज के फोन के डिजाइन और विकास के लिए माइक्रोमैक्स ने MediaTek से मिलाया हाथ
माइक्रोमैक्स ‘In’ सीरीज के स्मार्टफोन को 3 नवंबर को लॉन्च होने जा रही है.
माइक्रोमैक्स (Micromax) ने बुधवार को कहा कि उसने अपने स्मार्टफोन ब्रांड ‘इन’ (In) के डिजाइन और विकास के लिए ताइवान की चिपसेट निर्माता मीडियाटेक (MediaTek) के साथ गठजोड़ किया है.
माइक्रोमैक्स ने इस महीने की शुरुआत में अपने नए सब-ब्रांड ‘इन’ की घोषणा की थी और बताया था कि इसके लिए कंपनी अगले 12-18 महीनों में आरएंडडी, मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग पर 500 करोड़ रुपये निवेश करेगी.
कंपनी के इस कदम को भारतीय बाजार में उसकी वापसी की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. उम्मीद है कि नए ब्रांड के तहत उसका पहला उत्पाद नवंबर के पहले सप्ताह में बाजार में आ जाएगा. कंपनी ने बुधवार को एक बयान में कहा कि माइक्रोमैक्स स्मार्टफोन समाधान के लिए मीडियाटेक के साथ गठजोड़ कर रही है
बेंगलुरु में है आर एंड डी केंद्र
माइक्रोमैक्स ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत उसका बेंगलुरु स्थिति आरएंडडी केंद्र नई ‘इन’ स्मार्टफोन श्रृंखला के लिए डिजाइन और विकास कार्य शुरू करेगा. माइक्रोमैक्स के सह-संस्थापक राहुल शर्मा ने कहा कि भारत में कंपनी की आरएंडडी इकाई नवीनतम तकनीक और मीडिया के अत्याधुनिक जी श्रृंखला वाले हेलियो चिप का इस्तेमाल करेगी. उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर विकास हमेशा से भारत की ताकत रहा है, और कंपनी सॉफ्टवेयर डिजाइन में उसी ताकत का फायदा उठाएगी.
3 नवंबर को भारत में होगी Micromax की वापसी
गौरतलब है कि माइक्रोमैक्स ने हाल ही में कहा था कि वह नए ब्रांड ‘In’ के तहत भारतीय स्मार्टफोन बाजार में वापसी करने जा रही है. कंपनी के सीईओ और को-फाउंडर राहुल शर्मा ने एक वीडियो जारी करते हुए मोबाइल मार्केट में वापसी की बात कही थी. कंपनी ‘In’ सीरीज के स्मार्टफोन को 3 नवंबर को लॉन्च होने जा रही है. इसे टीज करने के लिए कंपनी ने हाल ही में नया वीडियो जारी किया है. कंपनी के ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया गया है जिसमें आओ करें चीनी कम (Aao Karein Cheeni Kum) मैसेज है.
जानिए भारत में केवल कुछ राज्यों में ही क्यों है पब्लिक हेल्थ कानून
क्यों उठा यह सवाल?
कोर्ट के निर्देश पर केंद्र ने जो जवाब दिया, उसके मुताबिक आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गोवा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और असम राज्य ऐसे हैं, जहां लोक स्वास्थ्य को लेकर कानूनी फ्रेमवर्क है. हालांकि इनकी स्थिति पर चर्चा ज़रूर की जाना चाहिए क्योंकि मध्य प्रदेश में इस बारे में जो कानून है, वो 1949 का है यानी देश के संविधान के बनने से और मध्य प्रदेश की स्थापना से भी पहले का.
न्यूज़18 इलस्ट्रेशन
दूसरी तरफ, आंध्र प्रदेश में यह कानून 1939 से लागू हुआ था, जिसे समय समय पर संशोधित किया जाता रहा है. गोवा में पब्लिक हेल्थ एक्ट 1985 में बना था और उत्तर प्रदेश में तो इसी साल जब कोरोना वायरस महामारी के रूप में फैला, तभी स्वास्थ्य संबंधी कानूनी प्रक्रिया पूरी हुई.
अन्य राज्यों के हालात?
कर्नाटक, पंजाब, सिक्किम, ओडिशा, मणिपुर, झारखंड, मेघालय, महाराष्ट्र और दादर नागर हवेली व दमन दीव जल्द ही स्वास्थ्य संबंधी कानून लागू करने की तैयारी कर रहे हैं, ऐसा केंद्र सरकार के शपथ पत्र में दावा किया गया है. दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़, जम्मू व कश्मीर, उत्तराखंड, मिज़ोरम, नागलैंड, हरियाणा और अंडमान निकोबार द्वीप समूह जैसे राज्यों/यूटी का इस बारे में कोई प्लान नहीं है.
हालांकि, नागालैंड और हरियाणा कह चुके हैं कि वो केंद्र सरकार के एक्ट को ही राज्य में लागू करने जा रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार का शपथ पत्र इस विषय पर बाकी राज्यों की स्थिति साफ नहीं करता.
क्या कारण हैं?
सिर्फ छह राज्यों में हेल्थ लॉ होने के पीछे बड़ा कारण तो यही है कि स्वास्थ्य राज्य के अधिकार क्षेत्र का विषय है इसलिए उसे ही एक व्यवस्था बनानी होती है. इसमें केंद्र को खास दखल नहीं होता. इसके बावजूद केंद्र सरकार ने 1955 और 1987 में दो बार कोशिश की थी कि सभी राज्य अपने स्तर पर एक आदर्श पब्लिक हेल्थ एक्ट का कॉंसेप्ट तैयार करें.
लेकिन, केंद्र के ये दोनों ही प्रयास नाकाम साबित हुए. इस बारे में राज्य सरकारों के रुचि न लेने के चलते साल 2009 में केंद्र ने ही नेशनल हेल्थ बिल के तहत एक मानक व्यवस्था देने का रवैया अपनाया.
अंतत: यह समझना चाहिए कि स्वास्थ्य समानता और न्याय की दिशा में हेल्थकेयर सेवाओं से जुड़े कानूनी प्रावधान होना ज़रूरी है. इस विषय पर द प्रिंट की रिपोर्ट में यह भी साफ कहा गया है कि कई फैसलों में सुप्रीम कोर्ट साफ कह चुका है कि संविधान के आर्टिकल 21 के तहत हेल्थकेयर मूलभूत अधिकार है.
कोविड 19 को लेकर चर्चा में स्वास्थ्य कानूनों के मुद्दे पर याचिका दायर करने वाले सचिन जैन के हवाले से लिखा गया है कि केंद्र ने यह तो बताया कि महामारी के लिए उसने डिसास्टर मैनेजमेंट एक्ट, 2005 के प्रावधानों का सहारा लिया, लेकिन कोर्ट को यह नहीं बताया गया कि किस तरह. बहरहाल, कोर्ट की कार्यवाही और पूरे देश की स्थितियों के बाद यह साफ हो जाता है कि राज्यों में हेल्थ लॉ की कमी कितनी खली है और इसे अनदेखा किया जाना कितना महंगा पड़ा.
Facebook: मैसेंजर का क्रॉस मैसेजिंग फीचर भारत में लॉन्च ।
बदल गए Messenger और Instagram में चैट का तरीका
इंस्टाग्राम डायरेक्ट मैसेज और फेसबुक मैसेंजर के मर्ज होने के बाद अब एक ही प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर मौजूद लोगों से कनेक्ट किया जा सकता है. कंपनी ने पिछले महीने इसे लॉन्च किया था. अब भारतीय यूज़र्स को भी इसका अपडेट मिल रहा है.
इन्स्टाग्राम से मैसेंजर कॉन्टैक्ट्स को मैसेज भेजने के लिए एंड्रॉइड और iOS यूजर्स को सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर और ऐप्पल स्टोर पर जाकर इंस्टाग्राम का लेटेस्ट ऐप डाउनलोड या अपडेट करना होगा. ठीक इस तरह मैसेंजर से इंस्टाग्राम कॉन्टैक्ट्स को मैसेज भेजने के लिए भी यूजर्स को लेटेस्ट मैसेंजर ऐप डाउनलोड या अपडेट करना होगा. इंस्टाग्राम अपडेट के बाद मैसेंजर प्लेटफॉर्म के अधिकांश फीचर्स और UI एक जैसे होंगे. प्लेटफॉर्म के डायरेक्ट मैसेज पर नई विशेषताओं में चैटबॉक्स का रंग बदलना, इमोजी के साथ रिएक्शन, सेल्फी स्टिकर बनाना आदि शामिल है.
अगर शुरुआती सेटअप में यूजर फेसबुक के साथ प्रोफाइल सिंक करना चाहे, तो मैसेंजर उसका इंस्टाग्राम नाम और प्रोफाइल फोटो लेगा. दोनों प्लेटफॉर्म पर यूजरनेम एक जैसा रहेगा. इंस्टाग्राम से फेसबुक मैसेंजर पर चैट के लिए यूजर को उस व्यक्ति का नाम सर्च करना होगा. इससे यूजर्स को यह जानने में मदद मिलेगी कि यह कॉन्टैक्ट मैसेंजर से है या इंस्टाग्राम से. हालांकि फ़िलहाल एंड टू एंड एनक्रिप्शन के बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं है क्योंकि इंस्टाग्राम पर यह सुविधा अभी नहीं है. इसके अलावा अपडेट से नए ऐप में पुरानी चैट नहीं आती है.
अगर क्रॉस मैसेजिंग फीचर के लिए यूजर जाना चाहते हैं, तो इन्स्टाग्राम के दाएं तरफ सबसे ऊपर की तरफ इन्स्टाग्राम में मैसेंजर ऐप का आइकन आ जाएगा. यह भी ध्यान देने वाली बात है कि यूजर्स ‘Not Now’ ऑप्शन से दोनों मैसेजिंग ऐप को मर्ज करने से बच सकते हैं. फेसबुक ने इस अपडेट के बारे में एक महीने पहले बताया था.
Health: एचआईवी एड्स होने पर घबराएं नहीं, ऐसे रखें मरीज का ख्याल
अगर सही समय पर एचआईवी संक्रमण (HIV Infection) का पता न चले और उचित इलाज नहीं किया जाए, तो व्यक्ति में एड्स (AIDS) का खतरा बढ़ जाता है. एड्स, एचआईवी का आखिरी चरण है और इस चरण में व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली इतनी कमजोर हो जाती है कि उन्हें कोई भी संक्रमण आसानी से हो जाता है. myUpchar के अनुसार एचआईवी एक वायरल संक्रमण है, जो ह्यूमन इम्युनोडिफिशिएंसी वायरस की वजह से होता है. एचआईवी के शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे हो सकते हैं, जो कि कुछ समय में अपने आप ठीक हो जाते हैं. इसलिए ज्यादातर लोगों को पता नहीं चलता है कि वे एचआईवी संक्रमित हैं और वायरस शरीर में बढ़ता जाता है.
वायरस के आखिरी चरण में व्यक्ति को धुंधला दिखना, वजन कम होना, सूखी खांसी और सांस फूलने जैसी परेशानी होती है. ये इंफेक्शन व्यक्ति के शरीर में तरल पदार्थों जैसे खून, वीर्य, ब्रेस्ट मिल्क इत्यादि के संपर्क में आने से फैलता है. एचआईवी का सबसे आम कारण बिना कंडोम के सेक्स करना है. इससे संक्रमित होने पर व्यक्ति को कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
अच्छी नींद और व्यायाम
एचआईवी पीड़ित लोग कमजोर होते हैं और उनका वजन भी कम हो जाता है. ऐसे में उनके लिए रोजाना व्यायाम करना जरूरी है, ताकि मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत हो सकें. उन्हें ऐसा व्यायाम करना चाहिए, जिससे उन्हें शारीरिक तनाव न होने पाए. इसके अलावा दिन में कम ये कम 8 घंटे की नींद जरूरी है, क्योंकि ज्यादा आराम से शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है.
मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य
एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है, क्योंकि ज्यादा चिंता और तनाव स्थिति को खराब कर सकती हैं. कई लोगों में एचआईवी का निदान होने के बाद उन्हें मानसिक तौर पर सदमा लग सकता है, ऐसे में मरीज का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. भावनात्मक रूप से भी उन्हें स्वस्थ रहने के लिए दोस्तों और परिवार वालों से बात करते रहना चाहिए. अकेलापन होने से वे डिप्रेशन यानी अवसाद का शिकार हो सकते हैं.
खानपान का रखें ध्यान
ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जो आपको स्वस्थ रखने में मदद करें. दिन में दो या तीन बार खाने की बजाए, थोड़ी-थोड़ी देर में लेकिन कम मात्रा में खाएं.
साफ-सफाई का ध्यान रखें
एचआईवी पीड़ितों में रोग प्रतिरोध क्षमता कमजोर हो जाती है, यही वजह है कि उनमें संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है. ऐसे में स्वच्छता बनाए रखें. बार-बार हाथ धोएं और बीमार लोगों से दूरी बनाएं.
नियमित जांच जरूरी
एचआईवी का निदान होने के बाद डॉक्टर के पास नियमित रूप से चेकअप कराने जाएं. कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें, क्योंकि अपने आप किसी दवा के सेवन से साइड इफेक्ट का खतरा हो सकता है.
नशे से रहें दूर
एचआईवी पीड़ित की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, ऐसे में किसी तरह का नशा उनके लिए खतरनाक हो सकता है. शराब या ड्रग्स लेने से उपचार में बाधा आ सकती है और व्यक्ति को चक्कर आने व बेहोशी की समस्या हो सकती है. इसके अलावा सिगरेट पीने वाले लोगों दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बना रहता है.
सेफ सेक्स
एचआईवी व्यक्ति सेक्स नहीं कर सकते, यह धारणा गलत पूरी तरह से गलत है. ऐसे लोगों को सेक्स करते समय कंडोम का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. इससे आपके साथी को संक्रमण का खतरा नहीं होगा. एचआईवी का निदान होने पर यौन संचारित रोगों के लिए अपनी जांच जरूर कराएं.
Source myUpchar.com
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UK: भारतीय मूल के व्यक्ति को हत्या (Murder) के एक मुकदमे में दोषी ठहराया गया
UK: ब्रिटेन में भारतीय मूल के गुरजीत सिंह लाल नाम के एक व्यक्ति को हत्या (Murder) के एक मुकदमे में दोषी ठहराया गया है और उसे 14 दिसंबर को सजा सुनाई जाएगी. थूकने से रोकने पर लाल ने ब्रिटेन के रग्बी प्लेयर को चाकू घोंपकर मार डाला.
लंदन. ब्रिटेन में भारतीय मूल के गुरजीत सिंह लाल (Gurjeet Singh Lal) नाम के एक व्यक्ति को हत्या के एक मुकदमे में दोषी (Murderer) ठहराया गया है और उसे 14 दिसंबर को सजा सुनाई जाएगी.
पिछले साल 24 अगस्त को गुरजीत सिंह लाल नाम के इस शख़्स की साउथ हॉल की सड़क पर थूकने के कारण 69 साल के पूर्व रग्बी खिलाड़ी (Rugby Player) और बिल्डर एलन आयजिचे से पहले बहस हुई उसके बाद लाल ने एलन को चाकू घोंप दिया.
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लंदन (UK) पुलिस स्कॉटलैंड यार्ड ने इस घटना की बाबत कहा कि उस दिन एलन आयजिचे शाम 6 बजे से पहले एक पब में गया था और लगभग 6.30 बजे वहां से निकलकर सेंट मैरी एवेन्यू साउथ पर अपने घर की तरफ जा रहा था जब उसका सामना गुरजीत सिंह लाल से हुआ.
वहां उसने लाल को थूकते देखा जिस पर उसकी लाल से बहस हो गई. इसके बाद जैसे ही एलन वहां से जाने को मुड़ने लगा तभी लाल ने दुबारा जमीन पर थूक दिया, इसके बाद दोनों के बीच फिर से नोंक झोंक होने लगी. तभी अचानक लाल ने एक चाकू निकाला और एलन पर ताबड़तोड़ उस पर चाकू से हमला कर दिया.
हमले के कुछ घंटों बाद हो गई एलन की मौत
इस हमले के बाद एलन उठा और उसने डगमगाते हुए गली पारकर अपने एक पड़ोसी की घंटी बजाई. उसने पड़ोसी से मदद की गुहार की. थोड़ी ही देर में पुलिस और पैरामेडिक्स ने एम्बुलेंस में अस्पताल ले जाने से पहले ही उसे प्राथमिक उपचार देने की कोशिश की. अस्पताल ले जाते हुए उसकी मृत्यु हो गई और रात 8 बजे उसे मृत घोषित कर दिया गया.
लाल और एलन के बीच हुई मारपीट में लाल भी घायल हो गया था और उसके जख्मों से रिस रहे खून के निशानों से पुलिस ने उसके घर पर छापा मारकर उसे गिरफ्तार किया. पुलिस की जांच में लाल ने बयान दिया कि वह आत्मरक्षा में काम कर रहा था और उसने अपने आप को बचाने के लिए चाक़ू मारा. पुलिस के पूछे जाने पर लाल उस समय अपने पास चाक़ू होने की कोई ठोस वजह नहीं बता पाया और उसे एलन पर इस्तेमाल करने का भी कोई कारण नहीं दे पाया.
Delhi Manish Sisodia: अगले आदेश तक सभी स्कूल रहेंगे बंदः
Delhi के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली में अगले आदेश तक सभी स्कूल बंद रहेंगे। इस तरह से दिल्ली के सभी स्कूल अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। यह आदेश दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते लिया गया है।
सिसोदिया ने एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अभिभावक भी स्कूलों को दोबारा खोलने के पक्ष में नहीं हैं। दिल्ली सरकार ने पहले 31 अक्टूबर तक स्कूलों के बंद रहने की घोषणा की थी।
सिसोदिया ने कहा, हम लगातार अभिभावकों की राय लेते रहे हैं और वे इस बात को लेकर चिंतित हैं कि स्कूलों को दोबारा खोलना सुरक्षित होगा या नहीं। यह सुरक्षित नहीं है। जहां भी स्कूल दोबारा खोले गए, वहां बच्चों में कोविड-19 के मामले बढ़े ही हैं। इसलिए हमने राष्ट्रीय राजधानी में अभी स्कूलों को ना खोलने का फैसला किया है। वे अगले आदेश तक बंद रहेंगे।
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देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देशों के बाद से देशभर में 16 मार्च से विश्वविद्यालय और स्कूल बंद हैं। देशभर में 24 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया था।
देश में अलग-अलग ‘अनलॉक’ चरणों में कई प्रतिबंधों में ढील दी गई, लेकिन शिक्षण संस्थान बंद रहे। ‘अनलॉक-5’ के दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य स्कूलों को दोबारा खोलने के संबंण में निर्णय ले सकते हैं। कई राज्यों में स्कूलों को दोबारा खोलने की प्रक्रिया शुरू भी हो गई है। दिल्ली सरकार ने पहले स्कूलों को नौंवी से 12वीं तक के छात्रों को 21 सितम्बर से स्वैच्छिक आधार पर बुलाने की अनुमति दी थी।
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