Canada के 2025 के संघीय चुनावों में मार्क कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी ने चौथी बार सरकार बनाने का जनादेश प्राप्त किया है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला है या उन्हें अल्पमत सरकार बनानी होगी। कनाडाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (CBC) के अनुसार, लिबरल्स ने 343 सदस्यीय हाउस ऑफ कॉमन्स में 159 सीटें जीती हैं, जबकि कंजरवेटिव्स को 142 सीटें मिली हैं ।
यह जीत लिबरल्स के लिए एक उल्लेखनीय वापसी है, जो पिछले साल तक चुनावी सर्वेक्षणों में पिछड़ रहे थे। पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद, मार्च 2025 में मार्क कार्नी ने पार्टी की कमान संभाली और चुनाव की घोषणा की। कार्नी, जो पहले बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर रह चुके हैं, ने आर्थिक मुद्दों और अमेरिका के साथ संबंधों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अभियान चलाया।
चुनाव अभियान के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा Canada पर लगाए गए व्यापार प्रतिबंधों और “कनाडा को 51वां अमेरिकी राज्य बनाने” जैसी टिप्पणियों ने कनाडा में राष्ट्रवाद की भावना को प्रबल किया, जिससे लिबरल पार्टी को समर्थन मिला ।
Canada चुनाव: NDP नेता जगमीत सिंह की हार
विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी के नेता पियरे पोइलिएवर ने हार स्वीकार की है, जबकि न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के नेता जगमीत सिंह ने अपनी सीट हारने के बाद इस्तीफा दे दिया है । मार्क कार्नी अब अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताओं और घरेलू आर्थिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल और कर सुधार शामिल हैं।
Edinburgh Castle, स्कॉटलैंड की राजधानी एडिनबर्ग में स्थित एक ऐतिहासिक किला है, जो देश के सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है। Edinburgh Castle न केवल स्कॉटलैंड के इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि यह वास्तुकला, संस्कृति और ब्रिटिश राजवंश से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह भी रहा है। एडिनबर्ग कासल की भव्यता और इसकी ऐतिहासिक अहमियत इसे एक अद्वितीय आकर्षण बनाती है।
Edinburgh Castle एक पहाड़ी पर स्थित है, जिसे “कैसल रॉक” कहा जाता है, और यह एडिनबर्ग शहर के ऊपर से दिखाई देता है। कासल का इतिहास सैकड़ों वर्षों पुराना है और इसकी नींव प्राचीन काल में रखी गई थी। Edinburgh Castle कई साम्राज्यों, शाही परिवारों और युद्धों का गवाह रहा है। यहां पर एक शाही महल, चर्च, और अन्य महत्वपूर्ण संरचनाएं स्थित हैं जो स्कॉटलैंड की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करती हैं।
सामग्री की तालिका
एडिनबर्ग कासल: इतिहास, वास्तुकला और महत्व
Edinburgh Castle में कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संग्रहालय भी हैं, जिनमें शाही गहनों का संग्रह, पुराने युद्धों के हथियार, और स्कॉटलैंड की संस्कृति से संबंधित महत्वपूर्ण वस्तुएं शामिल हैं। कासल के भीतर स्थित चर्च और किले के प्राचीन कक्षों में स्कॉटलैंड के शाही इतिहास की झलक मिलती है। इस कासल का आकर्षण न केवल इसके ऐतिहासिक महत्व में है, बल्कि यहां से मिलने वाले दृश्य भी अविस्मरणीय हैं। कासल से एडिनबर्ग शहर और आस-पास के क्षेत्रों का दृश्य बेहद सुंदर और दर्शनीय होता है। एडिनबर्ग कासल के दौरे पर आने वाले पर्यटकों को यहां के प्राचीन इतिहास, संस्कृति और वास्तुकला से जुड़ी अनगिनत कहानियों को जानने का मौका मिलता है, जो इसे एक अत्यधिक महत्वपूर्ण और आकर्षक स्थल बनाते हैं।
Edinburgh Castle, स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग शहर में स्थित एक ऐतिहासिक किला है, जो न केवल स्कॉटलैंड के इतिहास और संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि यह दुनिया भर के पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है। यह किला स्कॉटलैंड के सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध किलों में से एक है। इसका ऐतिहासिक महत्व, वास्तुकला, और संस्कृति इसे एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण धरोहर स्थल बनाता है।
एडिनबर्ग कासल का इतिहास
Edinburgh Castle का इतिहास करीब 1,000 साल पुराना है। यह किला, जो एक पर्वत के शिखर पर स्थित है, स्कॉटलैंड के सबसे पुराने और महत्वपूर्ण किलों में से एक है। इसके इतिहास की शुरुआत 12वीं शताब्दी से मानी जाती है, जब इसे एक शाही किले के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा। हालांकि, इस किले की नींव और निर्माण की प्रक्रिया बहुत पुरानी है और इसके निर्माण में कई दशकों का समय लगा।
किले की पहली रिकॉर्डेड उपस्थिति 12वीं शताब्दी में है, जब इसे एक शाही किले के रूप में बनाया गया था। Edinburgh Castle ने समय के साथ कई महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह बना। यह किला कई युद्धों, संघर्षों और रॉयल परिवार के विभिन्न आयामों का हिस्सा बना। किले के अंदर कई महत्वपूर्ण संरचनाएँ और स्थान हैं जो स्कॉटलैंड के इतिहास और संस्कृति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।
किले की वास्तुकला
Edinburgh Castle की वास्तुकला बहुत ही प्रभावशाली और विविध है। यह किला एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जो इसके सुरक्षा और संरक्षा को सुनिश्चित करता है। किले का मुख्य प्रवेश द्वार एक बड़े गेट के रूप में है, जो किले की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। किले के भीतर कई महल, चर्च, और ऐतिहासिक संरचनाएँ हैं, जिनका महत्व बहुत गहरा है।
किले में एक प्रमुख आकर्षण है “रॉयल पैलेस”, जो कभी स्कॉटलैंड के राजाओं का निवास स्थल था। यहाँ पर पर्यटक स्कॉटलैंड के शाही इतिहास को नजदीक से देख सकते हैं। किले में एक और प्रमुख स्थान है “सेंट मेरी किंग्सचर्च”, जो मध्यकालीन वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसके अलावा, किले के अंदर कई अन्य महल, गैलरी और संग्रहालय हैं जो स्कॉटलैंड के इतिहास को प्रदर्शित करते हैं।
किले की दीवारों की ऊंचाई और उसकी सुरक्षा व्यवस्था इसे एक बहुत मजबूत और अविज्ञेय किला बनाती है। इसकी वास्तुकला में रोमन, गॉथिक और मध्यकालीन शैलियाँ सम्मिलित हैं, जो इसे एक अद्वितीय स्थापत्य उदाहरण बनाती हैं।
महत्वपूर्ण स्थल और संरचनाएँ
Edinburgh Castle में कई महत्वपूर्ण स्थल और संरचनाएँ हैं, जो किले की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख स्थल इस प्रकार हैं:
रॉयल पैलेस: यह किला स्कॉटलैंड के राजाओं और राजकुमारियों का निवास स्थल था। यहाँ पर उनकी निजी जीवन की झलक देखने को मिलती है। यहाँ पर उनके कक्ष, उनके शाही वस्त्र, और उनकी उपस्थिति से संबंधित विभिन्न चीज़ें संरक्षित की गई हैं।
सेंट मेरी किंग्सचर्च: यह चर्च किले के अंदर स्थित है और इसकी वास्तुकला बहुत ही आकर्षक और प्रभावशाली है। यह चर्च एडिनबर्ग कासल के सबसे पुराने स्थानों में से एक है।
एडिनबर्ग कासल का डनजियन टॉवर: यह किला का एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक स्थल है, जिसे एडिनबर्ग कासल के सबसे पुराने भागों में से एक माना जाता है। यह टॉवर किले की सुरक्षा का एक अभिन्न हिस्सा था और यहाँ से पूरे एडिनबर्ग शहर का दृश्य देखा जा सकता है।
स्कॉटिश नेशनल वार म्यूजियम: यह संग्रहालय किले के अंदर स्थित है और यह स्कॉटलैंड के सैन्य इतिहास से संबंधित है। यहाँ पर विभिन्न युद्धों, संघर्षों और सैन्य उपकरणों को प्रदर्शित किया गया है।
एडिनबर्ग कासल की युद्ध सामग्री और तोपखाने: किले में युद्ध से संबंधित कई महत्वपूर्ण सामग्री और तोपखाने भी हैं, जो किले की रक्षा के लिए इस्तेमाल किए जाते थे। इन सामग्री का इतिहास और महत्व किले के ऐतिहासिक संदर्भ को समझने में मदद करता है।
एडिनबर्ग कासल की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर
Edinburgh Castle केवल एक किला नहीं है, बल्कि यह स्कॉटलैंड की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह किला स्कॉटलैंड की स्वतंत्रता की लड़ाई, राजशाही के संघर्षों और महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह रहा है। किले के भीतर कई ऐतिहासिक संग्रहणालय और दस्तावेज हैं, जो स्कॉटलैंड के समृद्ध इतिहास को दर्शाते हैं। इसके अलावा, किले में कई धार्मिक, सांस्कृतिक और शाही कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो इस स्थल की महत्वता को और भी बढ़ाते हैं।
किले का महत्व केवल स्कॉटलैंड तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है। यहाँ पर होने वाले आयोजन, प्रदर्शनी और शाही कार्यक्रम दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यह किला स्कॉटलैंड के गौरव और शाही धरोहर का प्रतीक बन चुका है।
पर्यटन स्थल
Edinburgh Castle एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और हर साल लाखों पर्यटक यहाँ आते हैं। यहाँ के संग्रहालय, गैलरी और ऐतिहासिक स्थल पर्यटकों को स्कॉटलैंड के समृद्ध इतिहास और संस्कृति से परिचित कराते हैं। किले के अंदर और बाहर बहुत सारी दुकानें, कैफे और रेस्टोरेंट हैं, जहाँ पर्यटक आराम कर सकते हैं और किले के दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
किले के अंदर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगीत समारोह और युद्ध प्रदर्शन पर्यटकों को स्कॉटलैंड के इतिहास का जीवंत अनुभव प्रदान करते हैं। किले के शाही उत्सवों और कार्यक्रमों का हिस्सा बनकर पर्यटक स्कॉटलैंड की सांस्कृतिक धरोहर से सीधे जुड़ सकते हैं।
निष्कर्ष
Edinburgh Castle न केवल स्कॉटलैंड का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रतीक है, बल्कि यह पूरे ब्रिटिश साम्राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। इसकी वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व, और सांस्कृतिक धरोहर इसे एक अद्वितीय और प्रतिष्ठित स्थान बनाती है। यह किला स्कॉटलैंड के गौरव और इतिहास का प्रतीक है, जो न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि दुनिया भर के पर्यटकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थल बन चुका है। एडिनबर्ग कासल की यात्रा करने से न केवल इसकी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व का अनुभव होता है, बल्कि यह स्कॉटलैंड के इतिहास, संस्कृति और शाही जीवन को समझने का भी एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।
Pakistan के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पहलगाम की घटना के बाद बढ़ते खतरे को स्वीकार करते हुए कहा कि भारत कभी भी पाकिस्तान पर हमला कर सकता है क्योंकि दोनों देशों के बीच संघर्ष का खतरा अभी भी बना हुआ है। उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान हाई अलर्ट पर है और कहा कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल तभी किया जाएगा जब देश के अस्तित्व को सीधा खतरा हो।
एक साक्षात्कार में आसिफ ने पहले कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच अगले दो से तीन दिनों में युद्ध छिड़ सकता है। हालांकि, बाद में वे पीछे हटते हुए स्पष्ट करते दिखे कि उन्होंने तीन दिनों के भीतर युद्ध की भविष्यवाणी नहीं की थी, बल्कि केवल इस बात पर जोर दिया था कि अगले तीन से चार दिन महत्वपूर्ण होंगे।
Pakistan के जियो न्यूज ने आसिफ के हवाले से कहा, “मुझसे युद्ध की संभावना के बारे में पूछा गया… मैंने कहा कि अगले तीन से चार दिन महत्वपूर्ण हैं, लेकिन मैंने यह नहीं कहा कि तीन दिनों के भीतर युद्ध छिड़ जाएगा… भारतीय सेना अभी भी हमला कर सकती है क्योंकि खतरा बना हुआ है… खतरा बना हुआ है और अगर ऐसी कोई स्थिति पैदा होती है, तो हम पूरी तरह तैयार हैं।
अगर हम पर युद्ध थोपा जाता है, तो हम उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।” उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब दोनों देशों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद सीमाओं पर सैन्य तैनाती बढ़ा दी है जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। हमले के मद्देनजर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय सशस्त्र बलों ने Pakistan को जमीन, हवा और समुद्र में घेरने के लिए एक समन्वित रणनीति तैयार की है।
इस बीच, भारत के आक्रामक रुख को देखते हुए पूरे Pakistan में दहशत फैल गई है, जिसके कारण अधिकारियों को 30 अप्रैल तक इस्लामाबाद और लाहौर के बीच हवाई क्षेत्र बंद करना पड़ा है।
युद्ध की आशंका के बीच Pakistan की सेना में अव्यवस्था
भारतीय सैन्य हमले की मंडराती धमकी ने कथित तौर पर पाकिस्तानी सेना के भीतर अराजकता पैदा कर दी है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को लिखे पत्र में लेफ्टिनेंट जनरल उमर अहमद बुखारी ने खुलासा किया कि पिछले 72 घंटों में 250 अधिकारियों सहित 1,450 सैनिकों ने इस्तीफा दे दिया है।
पहलगाम हमले के बाद से, लगभग 5,000 सैनिकों और अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना छोड़ दी है। कथित तौर पर इस्तीफों में 12वीं कोर क्वेटा से 520, फोर्स कमांड नॉर्दर्न एरिया से 380 और फर्स्ट कोर मंगला से 550 शामिल हैं।
राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को सैन्य तैयारियों की जानकारी दी
इससे पहले रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें सशस्त्र बलों की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। उच्च स्तरीय बैठक करीब 40 मिनट तक चली।
इससे पहले सिंह ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के साथ विस्तृत चर्चा की। सूत्रों से पता चला है कि पीएम मोदी ने साफ शब्दों में इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद के सरगनाओं का पूरी तरह सफाया किया जाना चाहिए।
पहलगाम के पास बैसरन घाटी में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद 26 नागरिकों की मौत के बाद Jammu-Kashmir सरकार ने कश्मीर घाटी में 87 में से 48 पर्यटन स्थलों को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है। इस कदम का उद्देश्य चल रहे सुरक्षा अभियानों को सुविधाजनक बनाना और आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
48 पर्यटक स्थलों को बंद करने का निर्णय गहन तलाशी अभियान और सुरक्षा समीक्षा के बीच लिया गया है। अधिकारियों ने इन स्थानों की पहचान सक्रिय संचालन क्षेत्रों या संभावित खतरों के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों के रूप में की है। बंदियाँ अस्थायी हैं और बदलती सुरक्षा स्थिति के आधार पर समीक्षा की जाएगी।
इन पर्यटन स्थलों के बंद होने से स्थानीय अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ने की उम्मीद है, जो पर्यटन पर काफी हद तक निर्भर है। होटल, रेस्तरां और टूर ऑपरेटरों सहित स्थानीय व्यवसायों ने पहले ही रद्दीकरण और आगंतुकों में भारी गिरावट की सूचना दी है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि सामान्य स्थिति बहाल करने और प्रभावित हितधारकों का समर्थन करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
Kashmir जाने वाले यात्रियों के लिए अलर्ट
Kashmir घाटी की यात्रा करने की योजना बना रहे पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम यात्रा सलाह पर अपडेट रहें और सावधानी बरतें। उन्हें सुरक्षा अभियानों वाले क्षेत्रों से बचना चाहिए और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करना चाहिए। वास्तविक समय के अपडेट के लिए, यात्री आधिकारिक सरकारी चैनलों और स्थानीय समाचार आउटलेट का संदर्भ ले सकते हैं।
22 अप्रैल को, एक क्रूर आतंकवादी हमले में 25 भारतीय पर्यटकों और एक नेपाली नागरिक सहित कम से कम 26 नागरिक मारे गए। प्रतिरोध मोर्चा (TRF) ने शुरू में हमले की जिम्मेदारी ली, लेकिन बाद में अपने बयान से मुकर गया। इस हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा दिया है, जिससे क्षेत्र में कूटनीतिक तनाव और सुरक्षा प्रोटोकॉल बढ़ गए हैं।
नई दिल्ली: पूर्व भारतीय क्रिकेटर R Ashwin को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया, जबकि पूर्व हॉकी खिलाड़ी पीआर श्रीजेश को सोमवार 28 अप्रैल को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित प्रथम नागरिक अलंकरण समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू ने पूर्व घोषित विजेताओं को पद्म पुरस्कार प्रदान किए। नागरिक पुरस्कार प्राप्त करने वाले अन्य गणमान्य व्यक्तियों में अश्विन और श्रीजेश भी शामिल थे।
श्रीजेश को दूसरा सबसे बड़ा पद्म सम्मान मिला। वह महान मेजर ध्यानचंद के बाद पद्म भूषण से सम्मानित होने वाले दूसरे भारतीय हॉकी खिलाड़ी बन गए हैं। इस बीच, अश्विन तीसरे सबसे बड़े पद्म पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित होने वाले कई भारतीय क्रिकेटरों में शामिल हैं। भारतीय बोर्ड ने राष्ट्रपति से सम्मान प्राप्त करते हुए अश्विन का एक वीडियो भी शेयर किया।
बीसीसीआई ने R Ashwin को बधाई दी
बीसीसीआई ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “R Ashwin को राष्ट्रपति भवन में भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर बधाई, उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों और टीम इंडिया के साथ उनके शानदार करियर को सम्मानित करते हुए।”
अश्विन अपने खेल के दिनों में भारतीय क्रिकेट के लिए एक किंवदंती रहे हैं। अश्विन भारतीय टीम के साथ एकदिवसीय विश्व कप 2011 और चैंपियंस ट्रॉफी 2013 के विजेता हैं। स्पिन ऑलराउंडर अपने खेल के दिनों में भारतीय टीम के लिए सबसे बड़े मैच विजेताओं में से एक रहे हैं।
स्टार ऑलराउंडर 106 मैचों में 537 विकेट लेकर टेस्ट में भारत के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। R Ashwin के नाम लाल गेंद के प्रारूप में 3503 रन और छह शतक भी हैं। उनके नाम 156 वनडे विकेट और 72 टी20I विकेट भी हैं।
इस बीच, श्रीजेश भारतीय हॉकी के दिग्गज भी हैं। उन्होंने टोक्यो और पेरिस ओलंपिक में भारत को लगातार कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। भारत ने टोक्यो खेलों में कांस्य पदक के प्लेऑफ में जर्मनी को हराया था, जबकि उन्होंने 2024 में पेरिस में स्पेन को हराया था।
Russia: एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में 8 मई से 10 मई तक पूर्ण तीन दिवसीय युद्ध विराम की घोषणा की है, जो विजय दिवस के अवसर पर मनाया जा रहा है, जो द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी की हार का प्रतीक है। 8 मई की मध्यरात्रि (7 मई को 2100 GMT) से प्रभावी और 10 मई के अंत तक चलने वाले इस युद्ध विराम की घोषणा क्रेमलिन ने सोमवार को की।
Russia–Ukraine War: पुतिन ने ‘मानवीय आधार’ पर युद्ध विराम की घोषणा की
पुतिन ने कहा कि युद्ध विराम, जो “मानवीय आधार” पर शत्रुता को रोक देगा, का उद्देश्य रूस और उसके सहयोगियों द्वारा मनाए जाने वाले अवकाश को याद करना है। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा जारी कूटनीतिक प्रयासों के बाद उठाया गया है, जिन्होंने यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति समझौते के लिए मध्यस्थता करने के प्रयासों को तेज़ कर दिया है।
युद्ध विराम की घोषणा एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है, क्योंकि हाल ही में पुतिन ने किसी भी युद्ध विराम समझौते को यूक्रेन को पश्चिमी हथियारों की आपूर्ति को रोकने और देश के लामबंदी प्रयासों से जोड़ा था।
क्रेमलिन ने यूक्रेन से Russia के उदाहरण का अनुसरण करने का आग्रह किया है, भले ही दोनों पक्षों पर पिछले युद्धविराम समझौतों का उल्लंघन करने के आरोप लगे हों। विशेष रूप से, रूसी सरकार ने चेतावनी दी कि यदि यूक्रेन युद्धविराम का उल्लंघन करता है, तो रूस “पर्याप्त और कुशलता से” जवाब देगा।
इस बयान के बावजूद, यूक्रेन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इससे पहले, यूक्रेन ने युद्धविराम प्रस्तावों पर प्रतिक्रिया देने की इच्छा दिखाई थी, लेकिन तनाव उच्च बना रहा क्योंकि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पिछले युद्धविराम अवधि के दौरान सैन्य अभियान जारी रखने का आरोप लगाया।
नवीनतम युद्ध विराम शत्रुता को कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों की एक श्रृंखला के बाद हुआ है। 9 अप्रैल, 2024 को, NIA के नेतृत्व वाली जांच से पता चला कि ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर 30-दिवसीय युद्ध विराम पर सहमति बनी थी, लेकिन दोनों देशों ने एक-दूसरे पर महत्वपूर्ण स्थलों पर हमले जारी रखने का आरोप लगाया।
रूसी सेना ने हाल ही में मिसाइल हमलों और ड्रोन हमलों की रिपोर्टों के साथ यूक्रेनी नागरिक क्षेत्रों और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना जारी रखा है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसके बलों ने सप्ताहांत में 119 यूक्रेनी ड्रोन को रोका, जिनमें से कई ड्रोन कथित तौर पर रूसी सीमा के पास ब्रायंस्क क्षेत्र को निशाना बनाकर बनाए गए थे। जवाब में, पूरे यूक्रेन में हवाई हमले के सायरन सक्रिय कर दिए गए, लेकिन अभी तक किसी महत्वपूर्ण हताहत की सूचना नहीं मिली है।
इस बीच, शांति प्रक्रिया में अमेरिकी प्रशासन की भागीदारी अनिश्चित बनी हुई है, ट्रम्प की टीम संघर्ष को हल करने में अपनी निरंतर भागीदारी पर विचार कर रही है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने टिप्पणी की कि आने वाला सप्ताह महत्वपूर्ण है, क्योंकि वाशिंगटन यह तय करेगा कि राजनयिक समाधान जारी रखना है या यूक्रेन को सैन्य सहायता पर अपने रुख का पुनर्मूल्यांकन करना है।
रूसी आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन की रक्षा के लिए अमेरिकी समर्थन महत्वपूर्ण रहा है, और अमेरिकी नीति में बदलाव युद्ध के प्रक्षेपवक्र को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है।
ट्रम्प ने पुतिन के युद्ध विराम पर उठाए सवाल
जबकि ट्रम्प ने पुतिन की दीर्घकालिक शांति समझौते के प्रति प्रतिबद्धता के बारे में संदेह व्यक्त किया, Russian युद्ध विराम प्रस्तावों की ईमानदारी पर सवाल उठाया, अमेरिकी प्रशासन ने दोनों पक्षों पर सार्थक समाधान के लिए अपना दबाव जारी रखा है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन सहित यूरोपीय नेताओं ने उम्मीद जताई है कि युद्ध विराम व्यापक शांति वार्ता की ओर ले जा सकता है।
जैसे-जैसे कूटनीतिक वार्ता तेज होती जा रही है, सभी की निगाहें द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप के सबसे बड़े संघर्ष को समाप्त करने के प्रयास में अगले कदमों पर टिकी हैं, जिसने भारी मानवीय पीड़ा और लाखों लोगों को विस्थापित किया है।
विश्व इस पर बारीकी से नजर रख रहा है क्योंकि Russia और यूक्रेन दोनों से युद्ध विराम का पालन करने का आग्रह किया जा रहा है, तथा व्यापक शांति वार्ता की संभावना हिंसा में इस अस्थायी रोक की सफलता पर निर्भर है।
नई दिल्ली: इमरान हाशमी की नवीनतम फिल्म Ground Zero शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। सैकनिल्क की रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म ने अपने पहले रविवार को 2.15 करोड़ रुपये कमाए। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्राउंड जीरो ने तीसरे दिन कुल 17.25% हिंदी दर्शकों को देखा।
इसे और भी विस्तार से देखें तो सुबह के शो में 7.77%, दोपहर के शो में 19.75%, शाम के शो में 23.69% और रात के शो में 17.78% दर्शकों ने हिस्सा लिया। इसके साथ ही, इस एक्शन ड्रामा का कुल कलेक्शन अब 5.2 करोड़ रुपये हो गया है।
Ground Zero के बारे में
तेजस प्रभा और विजय देओस्कर द्वारा निर्देशित ग्राउंड जीरो सच्ची घटनाओं से प्रेरित है। फिल्म में इमरान हाशमी मुख्य भूमिका में नरेंद्र नाथ धर दुबे की भूमिका में हैं, जो BSF के दूसरे कमांडर हैं। सहायक कलाकारों में साईं तम्हाणकर, जोया हुसैन, मुकेश तिवारी, दीपक परमेश, ललित प्रभाकर, रॉकी रैना और राहुल वोहरा शामिल हैं।
ग्राउंड जीरो भारत के सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा किए गए सबसे महत्वपूर्ण अभियानों में से एक को जीवंत रूप से पेश करता है। इस साहसी मिशन ने जैश-ए-मोहम्मद के कुख्यात कमांडर गाजी बाबा को मार गिराया, जिसने 2001 के संसद हमले का मास्टरमाइंड था।
ग्राउंड जीरो को रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर की एक्सेल एंटरटेनमेंट द्वारा वित्तपोषित किया गया है।
Baahubali 2: अभिनेता प्रभास और राणा दग्गुबत्ती की मुख्य भूमिका वाली सबसे बड़ी अखिल भारतीय ब्लॉकबस्टर में से एक, बाहुबली के निर्माताओं ने अब, फिल्म के दूसरे भाग के आठ साल पूरे होने के अवसर पर, घोषणा की है कि वे इस साल अक्टूबर में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिल्म को फिर से रिलीज़ करेंगे।
निर्माता शोबू यार्लागड्डा, जिनकी फर्म अर्का मीडिया ने एस एस राजामौली द्वारा निर्देशित बेहद लोकप्रिय ब्लॉकबस्टर का निर्माण किया था, ने घोषणा करने के लिए अपनी एक्स टाइमलाइन का सहारा लिया।
उन्होंने लिखा, “और इस खास दिन पर, मुझे आप सभी को यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि हम इस साल अक्टूबर में @BaahubaliMovie की भारतीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिर से रिलीज की योजना बना रहे हैं।
यह सिर्फ एक बार फिर से रिलीज नहीं होगी, यह हमारे प्यारे प्रशंसकों के लिए जश्न का साल होगा! पुरानी यादें, नए खुलासे और कुछ शानदार आश्चर्यों की उम्मीद करें। देखते रहिए! #ReliveTheEpic! #BaahubaliReturns”
Baahubali 2 के बारे में
Baahubali 2, बेहद लोकप्रिय बाहुबली फ्रैंचाइज़ की दूसरी किस्त, 28 अप्रैल, 2017 को दुनिया भर में 9,000 से ज़्यादा स्क्रीन पर रिलीज हुई। 250 करोड़ रुपये के भव्य बजट पर बनी इस फिल्म ने दुनिया भर में 1800 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की, जिससे यह अब तक की सबसे अधिक कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन गई।
इसे कलेक्शन के मामले में 1000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने वाली पहली भारतीय फिल्म होने का गौरव भी प्राप्त है। 2025 तक, बाहुबली 2 भारत में सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म बनी हुई है।
बॉक्स ऑफिस पर एक जोरदार वैश्विक सफलता के अलावा, फिल्म ने व्यापक आलोचनात्मक प्रशंसा भी हासिल की। इसने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर पुरस्कार जीते। 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ स्टंट कोरियोग्राफी, सर्वश्रेष्ठ विशेष प्रभाव और सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय मनोरंजन प्रदान करने वाली फिल्म के लिए तीन राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली इस फिल्म ने 44वें सैटर्न पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फिल्म के लिए सैटर्न पुरस्कार भी जीता।
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2017-18 के बीच शराब व्यापार में कथित तौर पर लगभग 50 करोड़ रुपये की अनियमितताओं से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत मध्य प्रदेश में कई स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत भोपाल, इंदौर और मंदसौर में विभिन्न शराब ठेकेदारों के कम से कम 11 परिसरों पर छापेमारी की जा रही है।
ED की छापेमारी: मध्य प्रदेश में शराब घोटाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
धन शोधन का यह मामला शराब ठेकेदारों के खिलाफ राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से उपजा है, जिसमें कथित तौर पर ट्रेजरी चालान में जालसाजी और हेरफेर के जरिए 49,42,45,615 रुपये के सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने और वित्त वर्ष 2015-16 से वित्त वर्ष 2017-18 की अवधि के दौरान शराब की खरीद के लिए अवैध रूप से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है।
18 की अवधि के दौरान शराब के अधिग्रहण के लिए अवैध रूप से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है। प्रवर्तन निदेशालय को संदेह है कि आरोपी शराब ठेकेदार छोटी रकम के चालान तैयार कर बैंक में जमा कर देते थे।
चालान के निर्धारित प्रारूप में “रुपये अंकों में” और “रुपये शब्दों में” लिखे होते थे। उन्होंने बताया कि मूल्य अंकों में भरा जाता था, लेकिन “रुपये शब्दों में” के बाद खाली स्थान छोड़ दिया जाता था।
ED की छापेमारी: मध्य प्रदेश में शराब घोटाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
अधिकारियों ने बताया कि राशि जमा करने के बाद जमाकर्ता बाद में उक्त खाली स्थान पर लाख या हजार के रूप में बढ़ी हुई राशि लिख देता था और ऐसी बढ़ी हुई राशि के तथाकथित चालान की प्रतियां संबंधित देशी शराब गोदाम या विदेशी शराब के मामले में जिला आबकारी कार्यालय में जमा कर दी जाती थीं।
श्रीनगर: पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक कड़ा संदेश देते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री Omar Abdullah ने कहा कि उनकी राजनीति इतनी “सस्ती” नहीं है कि वे इस त्रासदी का इस्तेमाल अपनी सरकार की राज्य की मांग के लिए दबाव बनाने के अवसर के रूप में करें। “जम्मू-कश्मीर वर्तमान में निर्वाचित सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। लेकिन मैं इसे राज्य का दर्जा मांगने के अवसर के रूप में उपयोग नहीं करना चाहता।
मैं पहलगाम त्रासदी का इस्तेमाल केंद्र से राज्य का दर्जा मांगने के लिए कैसे कर सकता हूं? क्या मेरी राजनीति इतनी सस्ती है? क्या मैं इन 26 लोगों की इतनी कम कीमत लगाता हूं? हमने पहले भी राज्य के दर्जे के बारे में बात की है और भविष्य में भी ऐसा करेंगे। लेकिन अगर मैं केंद्र से जाकर इसके लिए कहता हूं तो यह मेरे लिए शर्म की बात है।
Omar Abdullah का पहलगाम हमले पर संदेश
Omar Abdullah का पहलगाम हमले पर बयान- “मुझे शर्म आनी चाहिए अगर…”
इस समय कोई राजनीति नहीं, कोई व्यवसाय नहीं, कोई राज्य का दर्जा नहीं। यह समय केवल इस हमले की कड़ी निंदा करने और पीड़ितों के प्रति हार्दिक समर्थन के लिए है,” उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान कहा। एक समय ऐसा आया जब कुछ सदस्यों ने मुख्यमंत्री के भाषण की प्रशंसा करने के लिए बेंच थपथपाना शुरू किया, तो उन्होंने उन्हें रोक दिया। “आज नहीं, हम किसी और दिन बेंचों पर दस्तक देंगे।”
श्री Omar Abdullah की नेशनल कॉन्फ्रेंस 5 अगस्त, 2019 से पहले की स्थिति में जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रही है, जब केंद्र ने इसका विशेष दर्जा रद्द कर दिया और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया। अपने दमदार भाषण में, श्री Omar Abdullah ने कहा कि देश का हर हिस्सा, उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक, इस जघन्य हमले की चपेट में आया।
22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में आतंकवादियों ने पच्चीस पर्यटकों और एक कश्मीरी टट्टू सवारी संचालक की निर्मम हत्या कर दी थी। इस हमले ने जम्मू-कश्मीर और पूरे देश को अपनी क्रूरता से झकझोर कर रख दिया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा कि पूरा कश्मीर इस हमले के खिलाफ एकजुट है और यह घाटी में “आतंक के अंत की शुरुआत” हो सकती है। श्री अब्दुल्ला ने आतंकी हमले के 26 पीड़ितों में से प्रत्येक के नाम और राज्य पढ़े और कहा, “उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम, अरुणाचल से गुजरात, जम्मू से कश्मीर से केरल, पूरा देश इस हमले की चपेट में आ गया है।”
मुख्यमंत्री Omar Abdullah ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लगने लगा है कि इस तरह के हमले उसके पीछे हैं। “दुर्भाग्य से, बैसरन ने वही स्थिति पैदा कर दी है, जब हमें लगता है कि अगला हमला कहां होगा। जब हमने इन लोगों को श्रद्धांजलि दी, तो मैं पुलिस नियंत्रण कक्ष में विपक्ष के नेता के साथ था। मेरे पास पीड़ितों के परिवारों से माफ़ी मांगने के लिए शब्द नहीं थे,” उन्होंने कहा।
मैं अपनी ज़िम्मेदारी निभाने में असफल रहा: उमर अब्दुल्ला
श्री Omar Abdullah ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा निर्वाचित सरकार के अधीन नहीं है। “लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में, पर्यटन मंत्री के रूप में, मैंने उनका यहाँ स्वागत किया। एक मेजबान के रूप में, उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करना मेरी ज़िम्मेदारी थी। मैं ऐसा नहीं कर सका। मेरे पास माफ़ी मांगने के लिए शब्द नहीं थे।
मैं उन बच्चों से क्या कह सकता था जिन्होंने अपने पिता को खून से लथपथ देखा, उस नौसेना अधिकारी की विधवा से जिसकी शादी कुछ दिन पहले ही हुई थी? उन्होंने हमसे पूछा कि उनकी क्या गलती थी; उन्होंने हमें बताया कि वे पहली बार कश्मीर आए हैं और उस छुट्टी का खर्च जीवन भर उठाएँगे,” उन्होंने कहा।
इस हमले के पीछे आतंकवादियों को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा, “जिन्होंने यह किया, वे दावा करते हैं कि उन्होंने यह हमारे लिए किया। लेकिन क्या हमने यह माँगा था? क्या हमने कहा था कि इन 26 लोगों को हमारे नाम पर ताबूतों में वापस भेजा जाना चाहिए? क्या हम इस पर सहमत थे? हममें से कोई भी इस हमले के साथ नहीं है।
इस हमले ने हमें खोखला कर दिया है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सबसे बुरे समय में उम्मीद की तलाश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दो दशकों में यह पहली बार है कि जम्मू-कश्मीर में लोग इतने बड़े पैमाने पर हमले के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं। Omar Abdullah ने कहा, “कठुआ से लेकर कुपवाड़ा तक, ऐसा कोई शहर या गांव नहीं है जहां लोगों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन न किया हो। उन्होंने कहा, ‘मेरे नाम पर नहीं’। और यह स्वतःस्फूर्त है।”
दिल्ली में आज आयुष्मान भारत वय वंदना योजना के शुभारंभ पर भाजपा सांसद Manoj Tiwari ने कहा, “भाजपा और एनडीए जो कहते हैं, वो करते हैं…चाहे आपके पास कार्ड हो या न हो, अगर आपकी उम्र 70 साल या उससे अधिक है, तो आप अपना आधार कार्ड दिखाकर इलाज करा सकते हैं।”
उन्होंने इस योजना को वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जो उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच और सुरक्षा प्रदान करेगी। मनोज तिवारी ने इस योजना को भाजपा और एनडीए के समर्पण और वचनबद्धता का एक उदाहरण बताया, जो जनता के लाभ के लिए काम कर रही है।
आयुष्मान योजना पर Manoj Tiwari का बयान
आयुष्मान भारत वय वंदना योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में Manoj Tiwari ने यह भी कहा कि यह पहल उन बुजुर्ग नागरिकों के लिए एक सम्मानजनक जीवन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो बढ़ती उम्र में स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित उपलब्धता के कारण परेशान रहते थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रक्रिया को सरल और सहज बनाया जाए, ताकि किसी भी वरिष्ठ नागरिक को इलाज के लिए किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
मनोज तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि यह योजना मोदी सरकार की “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” के मूल मंत्र का एक जीवंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह योजना वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखेगी और उन्हें जीवन की इस महत्वपूर्ण अवस्था में आत्मनिर्भर बनाएगी।
कार्यक्रम में उन्होंने उपस्थित जनता से अपील की कि वे योजना के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जानकारी दें, ताकि कोई भी पात्र नागरिक इस सुविधा से वंचित न रहे। मनोज तिवारी ने यह भी आश्वासन दिया कि यदि योजना से संबंधित किसी भी स्तर पर कोई समस्या आती है, तो भाजपा कार्यकर्ता और प्रतिनिधि तत्परता से समाधान के लिए मौजूद रहेंगे।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने त्यागराज स्टेडियम में Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana के तहत 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान भारत कार्ड वितरित किए। इस कार्यक्रम में दिल्ली भाजपा के सांसद और दिल्ली के कैबिनेट मंत्री भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत, 70 वर्ष से अधिक आयु के पात्र वरिष्ठ नागरिकों को 10 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाता है, जिससे उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर सुरक्षा और सहूलत मिलती है। यह योजना वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उनकी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराएगी।
Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana: दिल्ली में 70+ आयु के वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान भारत कार्ड वितरित किए गए
Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana के बारे में
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत, पात्र नागरिक बिना किसी जटिल प्रक्रिया के सिर्फ अपने आधार कार्ड के जरिए स्वास्थ्य बीमा का लाभ उठा सकते हैं। योजना में ओपीडी सेवाओं से लेकर अस्पताल में भर्ती होने तक की व्यापक सुविधाएं शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने संबोधन में कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास” के विजन का एक मजबूत उदाहरण है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी भरोसा जताया कि दिल्ली में हर जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिक तक इस योजना का लाभ पहुंचाया जाएगा।
Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana: दिल्ली में 70+ आयु के वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान भारत कार्ड वितरित किए गए
इस योजना से न केवल बुजुर्गों को स्वास्थ्य सुरक्षा मिलेगी, बल्कि उनके परिवारों पर भी आर्थिक बोझ कम होगा, जिससे सामाजिक और आर्थिक स्थिरता को मजबूती मिलेगी।
उत्तराखंड में 2 मई 2025 को Kedarnath Dham के कपाट खुलने से पहले, मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है। यह एक पारंपरिक प्रक्रिया है, जो हर साल केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने से पहले की जाती है। फूलों की सजावट से मंदिर परिसर की भव्यता बढ़ जाती है और भक्तों के लिए एक दिव्य माहौल तैयार होता है। इस समय, केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों द्वारा इस पवित्र अवसर की तैयारी जोरों पर है। यह समय भक्तों के लिए एक खास अवसर होता है, जब वे भगवान शिव के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं।
2 मई को Kedarnath Dham के कपाट खोलने की विशेष तैयारियाँ
Kedarnath Dham में कपाट खुलने का दिन हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और यह उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक होता है। हर साल, 2 मई को कपाट खोलने से पहले, मंदिर को फूलों, खासकर स्थानीय फूलों से सजाया जाता है, जैसे कि बंसवारी, सूरजमुखी, और गुलाब, जो न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा भी हैं।
इस दिन, मंदिर के मुख्य कपाट के साथ-साथ मंदिर परिसर की अन्य महत्वपूर्ण स्थानों की भी पूजा की जाती है। साथ ही, यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न धार्मिक आयोजन और अनुष्ठान किए जाते हैं। केदारनाथ मंदिर के कपाट खोलने के समय, भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और मंदिर में पवित्र दीप जलाए जाते हैं।
इस विशेष दिन को लेकर स्थानीय प्रशासन भी विशेष तैयारियों में जुटा है। केदारनाथ यात्रा के शुरू होने से पहले, यात्रा मार्ग की सफाई, सुरक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है ताकि श्रद्धालु आराम से और सुरक्षित तरीके से दर्शन कर सकें।
केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान, भक्तों को केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य का भी आभास होता है, क्योंकि यह स्थान हिमालय के अद्भुत दृश्य के बीच स्थित है। इस अवसर पर पर्यटकों और तीर्थयात्रियों का भारी जमावड़ा होता है, और यह क्षेत्र पूरी तरह से आस्था, श्रद्धा और भव्यता में डूबा होता है।
श्रीनगर: भारतीय सेना ने 26 और 27 अप्रैल की रात को नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार Pakistan के सैनिकों द्वारा की गई “बिना उकसावे” की गोलीबारी का तुरंत जवाब दिया। भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तानी चौकियों ने तुतमारी गली और रामपुर सेक्टर के विपरीत क्षेत्रों में छोटे हथियारों से गोलीबारी शुरू की।
भारतीय सेना ने कहा कि उन्होंने उचित छोटे हथियारों से गोलीबारी का प्रभावी ढंग से जवाब दिया, जिससे तनाव न बढ़े। अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
पहलगाम हमले के बाद भारत-Pakistan के बीच बढ़ा तनाव
यह हमला पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुआ है, जिसमें कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे और कई अन्य घायल हो गए।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष Mehbooba Mufti ने केंद्र सरकार से सख्त अपील की है कि वह पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले के जवाब में अधिक संयमित और लक्षित दृष्टिकोण अपनाए।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कई पोस्ट में मुफ्ती ने सामूहिक गिरफ्तारियों और घरों को ध्वस्त करने की खबरों पर चिंता जताई और चेतावनी दी कि अंधाधुंध कार्रवाई नागरिकों के बीच अलगाव को बढ़ा सकती है और अंततः चरमपंथी समूहों के आख्यानों को मजबूत कर सकती है।
Mehbooba Mufti का बयान
Mehbooba Mufti ने लिखा, “भारत सरकार को हाल ही में पहलगाम हमले के बाद सावधानी से काम करना चाहिए और आतंकवादियों और नागरिकों के बीच सावधानीपूर्वक अंतर करना चाहिए।” “इसे निर्दोष लोगों, खासकर आतंक का विरोध करने वालों को अलग-थलग नहीं करना चाहिए। हजारों लोगों को गिरफ्तार किए जाने और आतंकवादियों के साथ-साथ आम कश्मीरियों के कई घरों को ध्वस्त किए जाने की खबरें हैं।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह की व्यापक कार्रवाई से निर्दोष लोगों को दंडित करने का जोखिम है और सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि आतंकवाद विरोधी प्रयास साक्ष्य-आधारित हों और नागरिकों की गरिमा का सम्मान करें।
उन्होंने कहा, “नागरिकों के खिलाफ अंधाधुंध कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई को कमजोर करती है।” “सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निर्दोष कश्मीरियों को आतंकवाद विरोधी अभियानों का खामियाजा न भुगतना पड़े। अलगाव केवल उन लोगों की मदद करता है जो विभाजन पर पनपते हैं।”
Mehbooba Mufti ने सुरक्षा बलों को सटीक कार्रवाई की सलाह दी
Mehbooba Mufti ने सुरक्षा बलों से कहा कि वे खुफिया जानकारी के आधार पर सटीक कार्रवाई करें जिससे मानवाधिकारों की रक्षा हो। उन्होंने पारदर्शिता और उचित प्रक्रिया के महत्व पर जोर दिया और चेतावनी दी कि सामूहिक दंड से जनता का भरोसा खत्म हो सकता है और चरमपंथी प्रचार को बढ़ावा मिल सकता है।
उन्होंने कहा, “न्याय और विश्वास आतंकवाद के खिलाफ सबसे मजबूत हथियार हैं,” उन्होंने सरकार से स्थानीय समुदायों के साथ जुड़ाव को प्राथमिकता देने का आग्रह किया ताकि विश्वास का निर्माण हो और दीर्घकालिक शांति को बढ़ावा मिले।
उनकी टिप्पणी कश्मीर घाटी में तनावपूर्ण माहौल के बीच आई है, जहां हाल ही में सुरक्षा उपायों ने कट्टरपंथी रणनीति की वापसी की चिंता जताई है। व्यापक रूप से हिरासत में लिए जाने और संपत्ति को नष्ट किए जाने की रिपोर्ट प्रसारित होने के साथ, मुफ्ती की अपील एक संतुलित दृष्टिकोण की महत्वपूर्ण आवश्यकता को उजागर करती है – जो लोगों के अधिकारों को बनाए रखते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
पीडीपी नेता का संदेश क्षेत्र की नाजुक स्थिति और उन नीतियों के महत्व की याद दिलाता है जो न केवल हिंसा को रोकने का प्रयास करती हैं, बल्कि जनता का विश्वास और सामाजिक सामंजस्य भी बनाए रखती हैं।
New Delhi: रविवार (27 अप्रैल) को राष्ट्रीय राजधानी के रोहिणी सेक्टर 17 में श्री निकेतन अपार्टमेंट के पास एक झुग्गी में भीषण आग लग गई। आज झुग्गी में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें सुबह करीब 11:55 बजे एक संकट कॉल मिली और उन्होंने 20 दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा।
उन्होंने कहा, “अग्निशमन कर्मी फिलहाल आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए ऑपरेशन जारी है।” इलाके से धुएं का घना गुबार उठता देखा गया। 100 से ज़्यादा झोपड़ियाँ आग की भेंट चढ़ गईं और सब कुछ जलकर राख हो गया। लोगों का घरेलू सामान, पैसे, सोना, रिक्शा सब कुछ जल गया। आग करीब 5 एकड़ के इलाके में फैली 800 झुग्गियों में लगी थी।
Delhi के आईटीओ के पास जंगल में लगी आग
रविवार दोपहर को राष्ट्रीय राजधानी Delhi के शकरपुर थाना क्षेत्र के आईटीओ इलाके के पास जंगल में भीषण आग लग गई। दिल्ली अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आग की इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
गीता कॉलोनी फायर स्टेशन के सब-ऑफिसर भीमसेन ने मीडिया को बताया कि उन्हें दोपहर 12:07 बजे लक्ष्मी नगर से आईटीओ की ओर जाने वाले लूप पर पेड़ों में आग लगने की सूचना मिली। उन्होंने कहा, “तीन गाड़ियां मौके पर हैं। आग पर काबू पा लिया गया है। किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।”
इस बीच, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को 42.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो पिछले तीन सालों में अप्रैल में सबसे अधिक तापमान था। मौसम विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले दिनों में तापमान में वृद्धि का भी अनुमान लगाया है।
सनी देओल की फिल्म Jaat बॉक्स ऑफिस पर 85 करोड़ के करीब पहुंच गई है। सैकनिल्क की रिपोर्ट के अनुसार, 17वें दिन एक्शन से भरपूर इस फिल्म ने 1.25 करोड़ की कमाई की। गोपीचंद मालिनेनी निर्देशित इस फिल्म ने अब तक घरेलू बाजार में कुल 82.85 करोड़ की कमाई कर ली है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि Jaat ने अपने पहले शनिवार को कुल 13.27% हिंदी ऑक्यूपेंसी दर्ज की। इसे अलग-अलग हिस्सों में देखें तो सुबह के शो में 6.27%, दोपहर के शो में 11.77%, शाम के शो में 16.15% और रात के शो में 18.89% की बढ़ोतरी हुई।
इससे पहले, जाट तब मुश्किल में पड़ गया था जब जालंधर के सदर पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 के तहत शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायत में अभिनेता सनी देओल, रणदीप हुड्डा, विनीत कुमार सिंह और निर्देशक गोपीचंद मालिनेनी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
Jaat के बारे में
फोलरीवाल गांव के विकल्प गोल्ड नामक व्यक्ति ने दावा किया कि फिल्म के एक दृश्य से ईसाईयों की भावनाएं आहत हुई हैं। उस दृश्य में, रणदीप हुड्डा के किरदार रणतुंगा को एक चर्च के अंदर एक क्रूस के नीचे अपनी बाहें फैलाए हुए दिखाया गया है, जो ईसा मसीह के क्रूस पर चढ़ने की छवि के समान है।
भले ही जाट ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल नहीं मचाया, लेकिन इसका सीक्वल पहले से ही बन रहा है। फिल्म के सिनेमाघरों में आने के ठीक एक हफ़्ते बाद, सनी देओल ने इंस्टाग्राम पर आधिकारिक तौर पर जाट 2 की घोषणा की।
Jaat एक रहस्यमयी बाहरी व्यक्ति की कहानी है, जिसका किरदार सनी देओल ने निभाया है, जो काल्पनिक गांव चिराला में आता है। वहां के ग्रामीण रणतुंगा (रणदीप हुड्डा) और उसकी पत्नी भारती (रेजिना कैसंड्रा) के क्रूर शासन के तहत डर में रहते हैं। सनी के किरदार पर यह जिम्मेदारी है कि वह आगे आए और ग्रामीणों की मदद करे और उन्हें वापस अपनी आजादी दिलाए।
सामंथा रूथ प्रभु की पहली प्रोडक्शन फिल्म “Subham” का ट्रेलर रविवार को रिलीज़ हुआ और तेजी से सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया। यह फिल्म हॉरर-कॉमेडी के ज़रिए रोज़मर्रा के मुद्दों पर एक नया दृष्टिकोण पेश करती है। प्रवीण कंड्रेगुला द्वारा निर्देशित इस फिल्म में हर्षित मालगिरेड्डी, श्रिया कोंथम, चरण पेरी, शालिनी कोंडेपुडी, गविरेड्डी श्रीनिवास, और श्रावणी मुख्य भूमिका में हैं।
Subham ट्रेलर में दिखाया गया है कि कुछ दोस्त अपनी पत्नियों को नियंत्रित करने पर चर्चा कर रहे होते हैं, लेकिन चीजें उलट जाती हैं जब उनकी पत्नियाँ एक टीवी शो देखना शुरू करती हैं और उन पर भूत का साया महसूस होने लगता है। ट्रेलर के अंत में सामंथा की एंट्री होती है, जो इस रहस्यमय स्थिति का हल निकालने आती हैं।
शुभम को पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, “एक अनोखी कॉमेडी” के रूप में वर्णित किया गया है, जो हास्य और रोमांच का एक अनूठा मिश्रण पेश करती है, और रोज़मर्रा के मुद्दों पर एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती है।
सामंथा रूथ प्रभु ने एक बयान में कहा, “यह प्रोजेक्ट त्रालला के अद्वितीय, विचारोत्तेजक सिनेमा के दृष्टिकोण को दर्शाता है जो आपको और अधिक चाहने पर मजबूर कर देता है और उम्मीद है कि समय के साथ दर्शकों को हमारे त्रालला बैनर से आने वाली सामग्री को पहचानने और उजागर करने में मदद मिलेगी। मैं शुभम को लेकर वाकई उत्साहित हूं और मैं दर्शकों को हमारी सारी मेहनत को आकार लेते देखने का इंतजार नहीं कर सकती।”
Subham Trailer: सामंथा रुथ प्रभु ने पहली प्रोडक्शन में शानदार कैमियो किया
सामंथा को आखिरी बार वरुण धवन के साथ “सिटाडेल: हनी बनी” में देखा गया था। वह अगली बार नेटफ्लिक्स ओरिजिनल “रक्त ब्रह्माण्ड” में दिखाई देंगी, जिसमें आदित्य रॉय कपूर भी एक अहम भूमिका में होंगे।
तेलुगु सुपरस्टार Vijay Deverakonda ने पहलगाम आतंकी हमले पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। हैदराबाद में आयोजित सूर्या के रेट्रो के प्री-रिलीज़ इवेंट में बोलते हुए, विजय ने संकट के इस समय में एकता का संदेश दिया और धार्मिक चरमपंथियों से निपटने के लिए शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया।
तेलुगु और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में बात करते हुए, Vijay Deverakonda ने कहा, “कश्मीर में जो कुछ हो रहा है उसका समाधान आतंकवादियों को शिक्षित करना और यह सुनिश्चित करना है कि उनका दिमाग ठीक हो। उन्हें क्या मिलेगा? कश्मीर भारत का हिस्सा है, और कश्मीरी हमारे हैं। दो साल पहले, मैंने कश्मीर में कुशी की शूटिंग की थी। मेरे पास वहां के स्थानीय लोगों के साथ बहुत अच्छी यादें हैं।”
पहलगाम आतंकी हमले पर Vijay Deverakonda का बयान
देश के सामाजिक-राजनीतिक ताने-बाने पर गहराई से विचार करते हुए, Vijay Deverakonda ने पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति पर कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान अपने लोगों की देखभाल भी नहीं कर सकता, जिनके पास बिजली और पानी की उचित व्यवस्था नहीं है। वे यहाँ क्या करना चाहते हैं? भारत को पाकिस्तान पर हमला करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पाकिस्तानी खुद अपनी सरकार से तंग आ चुके हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो वे अपनी सरकार पर हमला कर देंगे।
वे जिस तरह से लड़ते हैं, वैसा ही व्यवहार 500 साल पहले आदिवासियों ने किया था। हमें लोगों के रूप में एकजुट रहना चाहिए और एक-दूसरे से प्यार करना चाहिए। हमें हमेशा आगे बढ़ने और एकजुट रहने की ज़रूरत है। शिक्षा सबसे ज़रूरी है। आइए हम सभी खुश रहें और अपने माता-पिता को खुश रखें; तभी हम आगे बढ़ सकते हैं।”
Vijay Deverakonda ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए एक एक्स पोस्ट में लिखा, “मैंने 2 साल पहले पहलगाम में अपना जन्मदिन मनाया था, एक फिल्म की शूटिंग के बीच, हंसी-मजाक के बीच, अपने स्थानीय कश्मीरी दोस्तों के बीच जिन्होंने हमारा बहुत ख्याल रखा। कल जो हुआ वह दिल दहला देने वाला और गुस्सा दिलाने वाला है – खुद को एक फोर्स कहना और पर्यटकों को गोली मारना बंदूकों के पीछे छिपे हुए मूक आतंकवाद का सबसे शर्मनाक, शर्मनाक और कायराना कृत्य है।”
22 अप्रैल को पहलगाम के पास बैसरन घास के मैदान में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई, और यह घटना विजय के लिए बेहद व्यक्तिगत और आक्रोशित प्रतिक्रिया का कारण बनी।
नई दिल्ली: एक मामूली शुरुआत के बाद, Ground Zero ने दूसरे दिन बॉक्स ऑफिस पर मामूली उछाल देखा। सैकनिल्क की एक रिपोर्ट के अनुसार, इमरान हाशमी द्वारा अभिनीत इस फिल्म ने अपने पहले शनिवार को टिकट खिड़कियों से ₹1.9 करोड़ की कमाई की। इसके साथ ही, फिल्म की दो दिन की कुल कमाई ₹3.05 करोड़ हो गई है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि 26 अप्रैल को ग्राउंड जीरो की हिंदी में कुल 13.64% ऑक्यूपेंसी रही। इसे तोड़कर देखें तो – सुबह के शो में 5.60%, दोपहर के शो में 14.99%, शाम के शो में 13.62% और रात के शो में 20.34% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
Ground Zero भारत के सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा किए गए सबसे महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में से एक को जीवंत रूप से पेश करता है – वह साहसी मिशन जिसके कारण जैश-ए-मोहम्मद के कुख्यात कमांडर गाजी बाबा को मार गिराया गया, जिसने 2001 के संसद हमले की साजिश रची थी।
Ground Zero के बारे में
फिल्म में इमरान हाशमी मुख्य भूमिका में हैं, जो बीएसएफ के सेकेंड-इन-कमांड नरेंद्र नाथ धर दुबे की भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म में साईं तम्हाणकर, जोया हुसैन, मुकेश तिवारी, दीपक परमेश, ललित प्रभाकर और रॉकी रैना भी अहम भूमिका में हैं।
फिल्म ग्राउंड जीरो को तेजस प्रभा और विजय देओस्कर ने मिलकर निर्देशित किया है, और इसे प्रोड्यूस किया है एक्सेल एंटरटेनमेंट द्वारा। यह फिल्म एक ऐतिहासिक और दिलचस्प कहानी के साथ दर्शकों को एक नई फिल्म अनुभव देने की कोशिश कर रही है। एक्सेल एंटरटेनमेंट की तरफ से इस फिल्म में गहरी और प्रभावशाली प्रोडक्शन वैल्यूज देखने को मिलेंगी।