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Abu Dhabi के हिंदू मंदिर में भव्य तरीके से मनाया गया राम नवमी का जश्न

इस आयोजन ने न सिर्फ प्रवासी भारतीय समुदाय को अपनी जड़ों से जोड़े रखने का कार्य किया, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि यूएई जैसे इस्लामिक देश में भी धार्मिक सहिष्णुता और विविधता को मान्यता मिल रही है।

नई दिल्ली: Abu Dhabi में विश्व प्रसिद्ध BAPS हिंदू मंदिर ने राम नवमी और स्वामीनारायण जयंती को अपार श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाया, जो संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सद्भाव के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था।

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इस ऐतिहासिक अवसर पर बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों और अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालुओं ने भाग लिया। मंदिर को सुंदर रोशनी और पारंपरिक सजावट से सजाया गया था। भगवान श्रीराम की झांकियों, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया।

Abu Dhabi में गूंजा ‘जय श्रीराम’

Ram Navami was celebrated in a grand manner in the Hindu temple of Abu Dhabi

विशेष पूजा-अर्चना के साथ ही राम जन्म की घड़ी पर आरती और प्रसाद वितरण किया गया। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक था, बल्कि सांस्कृतिक एकता और वैश्विक भाईचारे का संदेश भी देता नजर आया। अबू धाबी में यह पहला मौका था जब राम नवमी इस तरह के विराट रूप में सार्वजनिक तौर पर मनाई गई, जिससे वहां रहने वाले भारतीय समुदाय में उत्साह और गौरव की भावना देखने को मिली।

इस भव्य आयोजन के दौरान Abu Dhabi के बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में पारंपरिक वैदिक मंत्रोच्चार, रामायण पाठ, और विशेष हवन का आयोजन किया गया। मंदिर प्रांगण में भक्ति रस से सराबोर श्रद्धालुओं ने भगवान राम के जीवन आदर्शों को याद किया और उनके सिद्धांतों पर चलने का संकल्प लिया। मंदिर समिति द्वारा विशेष प्रवचन सत्र भी आयोजित किए गए, जिनमें श्रीराम के चरित्र, धर्म, और मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप पर प्रकाश डाला गया।

नाट्य, गीत और नृत्य में रामकथा

Ram Navami was celebrated in a grand manner in the Hindu temple of Abu Dhabi

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बच्चों और युवाओं ने रामायण पर आधारित नाट्य प्रस्तुति, भक्ति गीत, और नृत्य प्रस्तुत किए, जिससे कार्यक्रम में पारिवारिक और सामाजिक समरसता का वातावरण बना। अबू धाबी सरकार और यूएई प्रशासन द्वारा इस आयोजन को मिली अनुमति और सहयोग ने भारत और यूएई के बीच सांस्कृतिक सौहार्द के नए आयाम जोड़े।

इस आयोजन ने न सिर्फ प्रवासी भारतीय समुदाय को अपनी जड़ों से जोड़े रखने का कार्य किया, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि यूएई जैसे इस्लामिक देश में भी धार्मिक सहिष्णुता और विविधता को मान्यता मिल रही है। राम नवमी का यह उत्सव अबू धाबी में ऐतिहासिक बन गया, जो आने वाले वर्षों में भी धार्मिक एवं सांस्कृतिक मिलन का प्रतीक रहेगा।

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