भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने Credit Card के लिए कई नए नियम लागू किए हैं, जो उपभोक्ता सुरक्षा को बढ़ावा देने, पारदर्शिता सुनिश्चित करने, और वित्तीय अनुशासन को सुधारने के उद्देश्य से हैं। यहां इन नए नियमों की एक विस्तृत जानकारी दी गई है:
Table of Contents
1. अनिवार्य खुलासे
RBI ने अब Credit Card जारीकर्ताओं से उपभोक्ताओं को विस्तृत खुलासे प्रदान करने की आवश्यकता की है। इसमें शुल्क, ब्याज दरें, और अन्य चार्जेस का स्पष्ट विवरण शामिल है। कार्डधारकों को उनके खरीदारी और नकद अग्रिमों पर वार्षिक प्रतिशत दर (APR) के बारे में सूचित किया जाना चाहिए, साथ ही ब्याज की गणना कैसे की जाती है, यह भी बताया जाना चाहिए। जारीकर्ताओं को रिवॉर्ड्स, कैशबैक, और अन्य लाभों से संबंधित शर्तों और नियमों का भी खुलासा करना अनिवार्य है।
2. बिलिंग में पारदर्शिता में वृद्धि
Credit Card स्टेटमेंट्स में अब सभी लेन-देन का स्पष्ट विवरण होना चाहिए, जिसमें लागू किए गए किसी भी शुल्क या दंडों को शामिल किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, जारीकर्ताओं को न्यूनतम भुगतान की राशि, भुगतान की तिथियां, और देर से भुगतान के प्रभाव को स्पष्ट रूप से बताना होगा। यह पारदर्शिता उपभोक्ताओं को उनके वित्तीय दायित्वों को समझने और अनावश्यक दंड से बचने में मदद करेगी।
3. क्रेडिट लिमिट वृद्धि पर सीमाएँ
नए नियमों के तहत, जारीकर्ताओं को कार्डधारक की क्रेडिट लिमिट को स्वीकृति के बिना स्वचालित रूप से बढ़ाने की अनुमति नहीं है। यह नियम उपभोक्ताओं को उनके पुनर्भुगतान की क्षमता से अधिक कर्ज लेने से रोकने के लिए है। कार्डधारकों को अब किसी भी क्रेडिट लिमिट वृद्धि के लिए सहमति प्रदान करनी होगी, जिससे वे अपने उधारी की क्षमता पर नियंत्रण रख सकें।
4. ग्रेस पीरियड और भुगतान की समयसीमाएं
RBI ने बिलिंग साइकिल समाप्त होने के बाद भुगतान के लिए न्यूनतम 21 दिनों की ग्रेस पीरियड प्रदान करने का निर्देश दिया है। यह ग्रेस पीरियड कार्डधारकों को ब्याज चार्जेस से बचने के लिए भुगतान करने की अनुमति देती है। इसके अतिरिक्त, जारीकर्ताओं को भुगतान की समयसीमाओं और देर से भुगतान के परिणामों के बारे में स्पष्ट जानकारी प्रदान करनी होगी।
5. देर से भुगतान शुल्क पर सीमा
उपभोक्ताओं को अत्यधिक शुल्क से बचाने के लिए, RBI ने देर से भुगतान शुल्क पर सीमा निर्धारित की है। यह सीमा सुनिश्चित करती है कि देर से भुगतान शुल्क उचित और बकाया राशि के अनुसार हो। इसका उद्देश्य कार्डधारकों को भुगतान में कभी-कभी देरी के कारण अत्यधिक शुल्क से बचाना है।
6. विदेशी लेन-देन शुल्क का नियमन
जारीकर्ताओं को अब विदेशी लेन-देन पर लागू होने वाले शुल्कों का खुलासा करना अनिवार्य है। इसमें किसी भी मुद्रा रूपांतरण शुल्क और अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन शुल्क का स्पष्ट विवरण शामिल है। कार्डधारकों को विदेशी मुद्राओं में लेन-देन करने से पहले इन शुल्कों के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
7. ग्राहक शिकायत निवारण में सुधार
RBI ने प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया है। Credit Card जारीकर्ताओं को शिकायतों और विवादों को संभालने के लिए एक समर्पित ग्राहक सहायता प्रणाली स्थापित करनी होगी। कार्डधारकों को समस्याओं को जल्दी और उचित रूप से सुलझाने का अवसर मिलना चाहिए, और निवारण प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश होने चाहिए।
8. एड-ऑन उत्पादों के लिए अनिवार्य सहमति
क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं को अब कार्डधारकों से एड-ऑन उत्पादों या सेवाओं की पेशकश करने से पहले स्पष्ट सहमति प्राप्त करनी होगी। इसमें बीमा, ऋण, और अन्य वित्तीय उत्पाद शामिल हैं जो Credit Card से जुड़े होते हैं। उपभोक्ताओं को इन उत्पादों और उनके संबंधित लागतों के बारे में पूरी जानकारी मिलनी चाहिए।
9. सुरक्षा उपायों में सुधार
सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए, RBI ने जारीकर्ताओं से उन्नत धोखाधड़ी पहचान और रोकथाम उपायों को लागू करने की आवश्यकता की है। कार्डधारकों को संदिग्ध लेन-देन के लिए वास्तविक समय की सूचनाएं और सुरक्षित ऑनलाइन भुगतान प्रोटोकॉल जैसे उन्नत सुरक्षा सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए।
10. रिवॉर्ड प्रोग्राम्स की स्पष्ट संचार
Credit Card से जुड़े रिवॉर्ड प्रोग्राम्स को पारदर्शी तरीके से संचारित किया जाना चाहिए। जारीकर्ताओं को बताना होगा कि रिवॉर्ड्स कैसे कमाए जाते हैं, रीडीम किए जाते हैं, और कोई समाप्ति नीतियां क्या हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि कार्डधारक अपने क्रेडिट कार्ड द्वारा पेश किए गए लाभों को पूरी तरह समझ सकें और उनका उपयोग कर सकें।
11. कार्डधारकों के लिए शैक्षिक पहलों की शुरुआत
RBI जारीकर्ताओं को कार्डधारकों के लिए शैक्षिक संसाधन प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इन संसाधनों में जिम्मेदार क्रेडिट उपयोग, कर्ज प्रबंधन, और क्रेडिट स्कोर को समझने जैसे विषय शामिल होने चाहिए। शिक्षित उपभोक्ता अधिक सूचित वित्तीय निर्णय लेने और सामान्य समस्याओं से बचने के लिए बेहतर तरीके से सुसज्जित होते हैं।
12. दंडात्मक शुल्कों पर प्रतिबंध
RBI ने Credit Card के दुरुपयोग से संबंधित दंडात्मक शुल्कों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इसमें क्रेडिट लिमिट को पार करने के लिए दंड और अनधिकृत लेन-देन पर विवादों को उचित रूप से संभालने के लिए दिशानिर्देश शामिल हैं।
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13. Credit Card की शर्तों की आवधिक समीक्षा
जारीकर्ताओं को अब Credit Card की शर्तों और नियमों की आवधिक समीक्षा और अद्यतन करने की आवश्यकता है। यह समीक्षा सुनिश्चित करती है कि शर्तें उचित और वर्तमान नियमों के अनुरूप बनी रहें। कार्डधारकों को किसी भी बदलाव की सूचना समय से मिलनी चाहिए।
14. रिपोर्टिंग आवश्यकताओं में सुधार
Credit Card जारीकर्ताओं को RBI को व्यापक डेटा रिपोर्ट करना होगा, जिसमें कार्ड उपयोग, शुल्क, और ग्राहक शिकायतों का विवरण शामिल है। यह डेटा RBI को नियमों के पालन की निगरानी करने और क्रेडिट कार्ड प्रथाओं के उपभोक्ताओं पर समग्र प्रभाव का मूल्यांकन करने में मदद करता है।
15. वित्तीय समावेशन पर ध्यान
RBI के नए नियम वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा देते हैं। जारीकर्ताओं को ऐसे उत्पाद डिज़ाइन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जो जनसंख्या के underserved हिस्सों, जैसे कम आय वाले व्यक्तियों और छोटे व्यवसाय मालिकों, की आवश्यकताओं को पूरा करें।
निष्कर्ष
RBI के Credit Card के नए नियम एक अधिक पारदर्शी, उचित, और उपभोक्ता-मित्रवत क्रेडिट वातावरण बनाने का लक्ष्य रखते हैं। इन नियमों को लागू करके, RBI उपभोक्ताओं को अन्यायपूर्ण प्रथाओं से बचाने, वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने, और क्रेडिट प्रबंधन के प्रति एक संतुलित दृष्टिकोण सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है। कार्डधारकों को इन नए नियमों के तहत अधिक स्पष्टता, बेहतर सुरक्षा, और सुधारित वित्तीय अनुशासन का लाभ मिलना चाहिए।
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