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Bardoli Satyagraha: किसानों का संघर्ष और Sardar Patel की भूमिका

बारदोली सत्याग्रह भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इस आंदोलन ने दिखाया कि किस तरह एकजुट होकर किसानों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सफलतापूर्वक संघर्ष किया। सरदार पटेल की भूमिका इस आंदोलन में अहम रही। उन्होंने किसानों को एकजुट किया और उन्हें उनके अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया।

Bardoli Satyagraha भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय था। यह एक किसान आंदोलन था जो गुजरात के बारदोली तालुक में ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ था। इस आंदोलन ने भारत के किसानों को एकजुट किया और ब्रिटिश सरकार के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई।

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आंदोलन के कारण

Role of Sardar Patel in Bardoli Satyagraha
  • भू-राजस्व में वृद्धि: ब्रिटिश सरकार ने बारदोली के किसानों पर भू-राजस्व में भारी वृद्धि कर दी थी, जो कि एक सूखे के बाद किसानों के लिए असहनीय था।
  • अन्यायपूर्ण कर: किसानों को अपनी आय के एक बड़े हिस्से के रूप में कर देना पड़ता था, जिससे वे गरीबी और कर्ज में डूब गए थे।

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सरदार पटेल की भूमिका

सरदार वल्लभभाई पटेल ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया और इसे एक सफलता बनाया। उनकी भूमिका इस प्रकार थी:

  • आंदोलन का नेतृत्व: पटेल ने किसानों को एकजुट किया और उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने के लिए प्रेरित किया।
  • ब्रिटिश सरकार के साथ बातचीत: उन्होंने ब्रिटिश सरकार के साथ बातचीत की और किसानों की मांगों को रखा।
  • अहिंसा पर जोर: उन्होंने पूरे आंदोलन में अहिंसा का मार्ग अपनाया और किसानों को हिंसा से दूर रहने के लिए प्रेरित किया।
  • सफलता: पटेल के नेतृत्व में किसान आंदोलन सफल रहा और ब्रिटिश सरकार को भू-राजस्व में वृद्धि वापस लेनी पड़ी।

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Bardoli Satyagraha का महत्व

  • किसानों को सशक्त बनाया: इस आंदोलन ने किसानों को उनके अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया।
  • राष्ट्रीय आंदोलन को मजबूत किया: बारदोली सत्याग्रह ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को मजबूत किया और लोगों में राष्ट्रीय भावना को जगाया।
  • सरदार पटेल की छवि: इस आंदोलन के बाद वल्लभभाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि दी गई।

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