उज्जैन (मध्य प्रदेश): पवित्र Sawan महीने के तीसरे सोमवार ने महाकाल की नगरी उज्जैन के लिए एक नया कीर्तिमान जोड़ दिया। आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर, महालोक लोक के परिसर में स्थित शक्तिपथ पर कुल 1500 डमरू वादकों ने मनमोहक लयबद्ध प्रदर्शन कर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
Sawan के तीसरे सोमवार पर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों ने पूजा-अर्चना की
Sawan के तीसरे सोमवार को महाकाल की उज्जैन नगरी डमरू की ध्वनि से शहर गूंज उठी
विज्ञप्ति में कहा गया कि “भगवान शिव के प्रिय वाद्य यंत्र माने जाने वाले डमरू की ध्वनि से शहर गूंज उठा। यहां एक साथ 1500 लोगों ने डमरू बजाया और फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन न्यूयॉर्क के 488 लोगों द्वारा डमरू बजाने के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्णायक ऋषि नाथ ने डमरू वादन का विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रमाण पत्र प्रदान किया।”
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CM Mohan Yadav ने विश्व रिकॉर्ड बनाने पर उज्जैन को बधाई और शुभकामनाएं दीं
CM Yadav ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘X’ पर लिखा, “1500 डमरूओं की ध्वनि के साथ अवंतिका नगरी (उज्जैन शहर) ने विश्व रिकॉर्ड बनाया। बाबा महाकाल की नगरी को डमरूओं की ध्वनि से गुंजायमान करने की इच्छा आज पूरी हुई। आज पवित्र Sawan माह के तीसरे सोमवार को भस्म आरती की धुन पर डमरू बजाकर उज्जैन ने “गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड” में अपना नाम दर्ज कराया। अब इस अद्भुत और अलौकिक अनुभूति को शब्दों में बयां करना बहुत मुश्किल हो गया है।”
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बाबा महाकाल हम सभी पर इसी तरह कृपा बनाए रखें। सीएम यादव ने आगे लिखा, “इस उपलब्धि पर बाबा महाकाल के सभी भक्तों को हार्दिक बधाई।” विज्ञप्ति में कहा गया है कि 25 टोलियों के 1500 डमरू वादकों ने भस्म आरती की धुन पर डमरू बजाकर भगवान महाकाल की स्तुति की।
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गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए 1500 कलाकारों ने एक साथ डमरू बजाया और डमरू व मंजीरों की मधुर ध्वनि आकर्षण का केंद्र बनी। पूरा शहर डमरू की ध्वनि से गूंज उठा। महाकाल महालोक के सामने शक्तिपथ पर अनूठे आयोजन में भगवा वस्त्र पहने डमरू वादक कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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जिला प्रशासन व महाकाल प्रबंध समिति के प्रयासों से डमरू वादन का सफल कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव के प्रयासों से बाबा महाकाल की सवारी भी और अधिक भव्य व दिव्य होती जा रही है। उन्होंने महाकाल सवारी को भव्यता प्रदान करने के लिए अनूठे प्रयास किए हैं। पिछली दो बाबा महाकाल सवारी में आदिवासी लोकनृत्य व 350 सदस्यीय पुलिस बैण्ड की प्रस्तुति दी गई। सावन के तीसरे सोमवार को निकाली जाने वाली तीसरी महाकाल सवारी में डमरू बजाया जा रहा है।
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गौरतलब है कि Sawan के हर सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी निकालने की परंपरा है। मान्यता है कि जनता का हाल जानने के लिए बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते हैं। श्रद्धालु भी सवारी देखने के लिए सड़क किनारे घंटों इंतजार करते हैं और बाबा महाकाल के दर्शन कर खुद को धन्य मानते हैं।
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