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Farmers Protest: नवजोत सिंह सिद्धू ने कविता में नाम लिए बगैर सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस नेता कहते हैं 'दूध को भट्टी पर रखो, तो दूध का उबलना निश्चित है. किसानों में रोष और आक्रोश जगा दो तो सरकारों, हुकुमतों, तख्तो ताज उलटना निश्चित है.'

Sidhu's attack on the government on farmers protest said Takht will be dropped Taj will be uprooted
File Photo

नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली की सरहदों (Delhi Border) पर बीते 11 दिनों से किसानों की नाराजगी (Farmers Protest) जारी है. उनकी इस नाराजगी का समर्थन करने कई बड़ी हस्तियां भी आगे आई हैं. अब इन्हीं समर्थकों में कांग्रेस के नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू का नाम भी शामिल हो गया है. सिद्धू ने अपने चिर परिचित अंदाज में कविता के जरिए किसानों के पक्ष में आवाज उठाई है. हालांकि, उन्होंने बगैर नाम लिए सरकार पर भी निशाना साधा है.

सिद्धू ने ट्वीट किया कि आज भारत के असल बहुसंख्यक अपनी ताकत दिखा रहे हैं. किसान आंदोलन एकता में अनेकता की भावना को तैयार कर रहा है. उन्होंने लिखा कि यह एक असहमति की एक चिंगारी है, जो एक बड़े आंदोलन के जरिए जाति, नस्ल के भेद से ऊपर उठकर देश को एक कर देती है. उन्होंने कहा कि किसानों की दहाड़ पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है. इतना ही नहीं सिद्धू ने किसानों के समर्थन में एक वीडियो भी जारी किया है. इस वीडियो में उन्होंने फैज अहमद फैज (Faiz Ahmed Faiz) की मशहूर नज्म ‘हम देखेंगे’ की कुछ पंक्तियों का इस्तेमाल किया है.

हालांकि, सिद्धू ने इस कविता में नाम लिए बगैर सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता कहते हैं ‘दूध को भट्टी पर रखो, तो दूध का उबलना निश्चित है. किसानों में रोष और आक्रोश जगा दो तो सरकारों, हुकुमतों, तख्तो ताज उलटना निश्चित है.’ अपनी कविता में सिद्धू ने दिल्ली चलो का नारा भी दिया है. उन्होंने कहा ‘बढ़ते भी चलो, चलते भी चलो, बाजू भी बहुत हैं सर भी बहुत. चलते ही चलो चलते ही चलो कि अब डेरे दिल्ली में डाले जाएंगे

विशेष संसद सत्र बुला सकती है सरकार

कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने पर अड़े किसानों और सरकार के बीच 5 बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक सब बनेतीजा रहा. हालांकि, इन चर्चाओं के बीच सरकार ने कृषि कानूनों में संशोधन करने के संकेत दिए थे. सूत्र बताते हैं कि सरकार कृषि कानूनों में संशोधन करने का मन बना रही है और इसके लिए वह संसद का विशेष सत्र भी बुला सकती है. फिलहाल 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान कर चुके किसान संगठनों और सरकार के बीच 9 दिसंबर को फिर से बातचीत होगी.

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