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Supreme Court: होम्योपैथ डॉक्टर प्रिवेंटिव मेडिसिन दे सकते हैं, कोविड रोकने की बात नहीं।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि आयुष मंत्रालय (Ministry Of Ayush) ने जो एडवाइजरी जारी की है उसके तहत ही होम्योपैथी (Homeopathic) के डॉक्टर कोविड (Covid) से बचाने के लिए इम्युनिटी बूस्टर (Immunity Booster) दे सकते हैं।

Supreme Court said Homeopath doctors can give preventive medicine there is no question of advertising to stop Covid
होम्योपैथी प्रैक्टिशनर अपनी दवाई को इम्युनिटी बूस्टर तक ही सीमित रखेंगे। विज्ञापन के जरिये कोविड रोकने की बात नहीं कही जा सकती है क्योंकि कानून इसकी इजाजत नहीं देता।

New Delhi: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि आयुष मंत्रालय (Ministry Of Ayush) ने जो एडवाइजरी जारी की है उसके तहत ही होम्योपैथी (Homeopathic) के डॉक्टर कोविड (Covid) से बचाने के लिए इम्युनिटी बूस्टर (Immunity Booster)  दे सकते हैं। वह कोविड के इलाज का दावा करने वाले विज्ञापन नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दुनिया भर में कोविड के इलाज के लिए वैक्सीन (Vaccine) बनाने के लिए रिसर्च जारी है। होम्योपैथी प्रैक्टिशनर किसी भी हाल में ये दावा नहीं कर सकते कि होम्योपैथी अपने आप में कोविड का इलाज करने में सक्षम होगा, बल्कि आयुष मंत्रालय ने जो रेग्युलेशन जारी किया है वह भी इस बात से रोकता है।

केरल हाई कोर्ट के आदेश पर रोक से SC का इनकार

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केरल हाई कोर्ट के आदेश में दखल से इनकार कर दिया जिसमें आयुष के डॉक्टरों को कोविड 19 (Covid-19) के इलाज के लिए मेडिसिन (Medicine) लिखने और विज्ञापन करने से रोका गया था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली बेंच ने ये फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट में डॉक्टर एकेबी संभवना मिशन स्कूल ऑफ होम्यो फार्मेसी की ओर से अपील दाखिल की गई थी और केरल हाई कोर्ट के 21 अगस्त के फैसले को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता ने अपनी दलील में कहा कि आयुष मंत्रालय के नोटिफिकेशन के तहत होम्योपैथी प्रैक्टिशनर को इलाज की इजाजत दी जाए। दरअसल कोरोना फैलने के बाद आयुष मंत्रालय ने एक गाइडलाइंस जारी किया था। केरल सरकार ने 6 मार्च 2020 के इस गाइडलाइंस को लागू नहीं किया। याची ने कहा कि होम्योपैथी कोरोना कंट्रोल करने में सक्षम है। इसके लिए दवाई है जो इम्युनिटी बढ़ाता है।

सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि सरकार की जो गाइडलाइंस है उसके तहत एडवाइजरी थी कि कोविड की स्थिति में जो कमजोरी है होम्योपैथी के जरिये प्रिवेंटिव मेडिसिन दी जा सकती है। इसके लिए आयुष मंत्रालय की गाइडलाइंस जारी हुई थी और कहा गया था कि होम्योपैथी की दवा खाली पेट तीन दिन लेनी है और एक महीने बाद रिपिट करनी है। ये दवाई इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दी जानी है। इससे साफ है कि आयुष मंत्रालय ने होम्योपैथी के इस्तेमाल की इजाजत प्रिवेंटिव तौर पर की थी। आयुष मंत्रालय का जो नोटिफिकेशन है उससे साफ है कि होम्योपैथी प्रैक्टिशनर अपनी दवाई को इम्युनिटी बूस्टर तक ही सीमित रखेंगे। विज्ञापन के जरिये कोविड रोकने की बात नहीं कही जा सकती है क्योंकि कानून इसकी इजाजत नहीं देता।

होम्योपैथी के जरिये कोविड रोकने की बात नहीं की जा सकती है। दुनियाभर में वैक्सीन के लिए रिसर्च जारी है ऐसे में ये बातें नहीं हो सकती कि उसे दवाई के जरिये अभी रोका जा सकता है। ऐसे में होम्योपैथी के प्रैक्टिशनर को कोविड के इलाज आयुष मंत्रालय के एडवाइजरी का पालन करना होगा। हाई कोर्ट ने सही कहा है कि होम्योपैथी प्रैक्टिशनर ये दावा नहीं करेंगे कि वह कोविड का इलाज कर देंगे। गाइडलाइंस कहता है कि कोविड के प्रभाव को कम कर सकता है क्योंकि होम्योपैथी के जरिये प्रिवेंटिव दवा की बात कही गई है जो इम्युनिटी बूस्टर का काम करती है।

इम्युनिटी की दवा दे सकते हैं होम्योपैथ डॉक्टर

हाई कोर्ट ने आयुष के डॉक्टर को कोविड 19 के इलाज के लिए मेडिसिन लिखने और उसके लिए विज्ञापन करने से मना कर दिया था। केंद्र सरकार के एडवाइजरी के मुताबिक वह इम्यून बूस्टर देने के लिए अधिकृत थे। 6 मार्च 2020 को केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी कर आयुष के डॉक्टर को इम्यून बढ़ाने के लिए दवा देने की इजाजत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के एफिडेविट दाखिल कर जवाब दाखिल करने को कहा था कि आयुर्वेद और होम्योपैथी व सिद्धा जैसे वैकल्पिक दवाइयों को किस हद तक किस तरह से कोविड के इलाज के लिए इजाजत दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने मांगा था जवाब

21 अगस्त के केरल हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि आयुष के प्रैक्टिशनर इलाज के लिए दवा नहीं देंगे बल्कि वह इम्युनिटी बूस्टर देंगे। याचिकाकर्ता ने कहा कि 6 मार्च का केंद्र सरकार का नोटिफिकेशन है जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार होम्योपैथी सिस्टम को कोरोना के इलाज में व्यवहार में लाए जाने की बात कही थी। और इसी आधार पर नोटिफिकेशन लागू करने की याचिकाकर्ता ने गुहार लगाई है। हाई कोर्ट ने कहा था कि आयुष के प्रैक्टिशनर सिर्फ इम्युनिटी बढ़ाने की दवा दे सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि आयुष के प्रैक्टिशनर कोविड के इलाज के लिए दवाई नहीं लिख सकते बल्कि इम्युनिटी बढ़ाने की दवा दे सकते हैं।

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