Low Blood Pressure, जिसे हाइपोटेंशन (Hypotension) भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्तचाप (Blood Pressure) सामान्य से कम होता है। सामान्य रक्तचाप को 120/80 मिमीएचजी माना जाता है। अगर रक्तचाप 90/60 मिमीएचजी से कम हो जाता है, तो इसे लो ब्लड प्रेशर माना जाता है। इस स्थिति में रक्त शरीर के विभिन्न हिस्सों में सही तरीके से नहीं पहुंच पाता, जिससे शरीर में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। हालांकि, लो ब्लड प्रेशर की गंभीर स्थिति सामान्य नहीं होती, लेकिन जब रक्तचाप बहुत कम हो जाता है, तो यह विभिन्न लक्षणों का कारण बन सकता है, जिनका ध्यान रखना जरूरी है।
Table of Contents
इस लेख में हम Low Blood Pressure के प्रमुख लक्षणों और इसके कारणों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
1. चक्कर आना और हल्का महसूस करना
लो ब्लड प्रेशर का सबसे सामान्य लक्षण चक्कर आना है। जब आपका रक्तचाप कम होता है, तो रक्त शरीर के ऊपरी हिस्सों, जैसे सिर और मस्तिष्क में पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाता, जिससे चक्कर आना या हल्का महसूस करना शुरू हो सकता है। यह स्थिति खासकर तब होती है जब आप अचानक खड़े होते हैं या लम्बे समय तक बैठे रहते हैं और फिर अचानक खड़े हो जाते हैं। इसे “ओर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन” भी कहा जाता है।
लक्षण
- अचानक खड़े होने पर सिर चकराना
- खड़े होने पर अस्थिरता का अनुभव
2. थकावट और कमजोरी
लो ब्लड प्रेशर की स्थिति में शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है, जिससे थकावट और कमजोरी का अनुभव हो सकता है। रक्तचाप कम होने से शरीर के अंगों और मांसपेशियों में रक्त का संचार सही तरीके से नहीं होता, जिससे शरीर थका हुआ महसूस करता है। इस वजह से किसी भी हल्की शारीरिक गतिविधि के बाद भी थकावट का अनुभव हो सकता है।
लक्षण
- बिना किसी शारीरिक मेहनत के थकान का अनुभव
- शारीरिक गतिविधियों में कमजोरी महसूस होना
3. धुंधला या धुंधला दृष्टि
लो ब्लड प्रेशर के कारण आंखों में पर्याप्त रक्त संचार नहीं हो पाता, जिससे दृष्टि में धुंधलापन या फोकस की समस्या हो सकती है। यह तब अधिक सामान्य होता है जब व्यक्ति अचानक खड़ा होता है या अचानक बिस्तर से उठता है। अगर आंखों में रक्त का संचार सही से नहीं हो पाता, तो इससे दृष्टि में अस्थायी धुंधलापन या धुंधला दिखाई देना शुरू हो सकता है।
लक्षण
- आंखों के सामने धुंधलापन महसूस होना
- दृष्टि में अस्थायी बदलाव आना
4. नौसिया और उलटी
लो ब्लड प्रेशर के कारण पेट और आंतों में रक्त का सही संचार नहीं हो पाता, जिससे पाचन क्रिया प्रभावित होती है। इसका परिणाम अक्सर मितली (नौसिया) और उल्टी के रूप में होता है। यह समस्या कभी-कभी गंभीर रूप ले सकती है, जब रक्तप्रवाह बहुत अधिक घट जाता है।
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लक्षण
- मितली का महसूस होना
- उल्टी का बार-बार होना
5. सांस लेने में कठिनाई
लो ब्लड प्रेशर के कारण शरीर के विभिन्न अंगों में रक्त का संचार प्रभावित होता है, जिसमें फेफड़े भी शामिल हैं। इससे फेफड़ों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। यह स्थिति विशेषकर तब देखी जाती है जब व्यक्ति अधिक शारीरिक गतिविधि करता है या उठने-बैठने के दौरान रक्त का प्रवाह असमान होता है।
लक्षण
- सामान्य गतिविधि करते समय सांस लेने में कठिनाई महसूस होना
- गहरी सांस लेने में समस्या
6. ठंडी और गीली त्वचा
लो ब्लड प्रेशर के कारण रक्त का संचार ठीक से नहीं हो पाता, जिससे शरीर के बाहरी हिस्सों, जैसे हाथ और पैर, ठंडे और गीले महसूस हो सकते हैं। यह स्थिति शरीर के तापमान को नियंत्रित करने की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करती है और शरीर के अंगों को पर्याप्त गर्मी प्रदान करने में कठिनाई आती है।
लक्षण
- हाथों और पैरों का ठंडा होना
- त्वचा का गीला और चिपचिपा महसूस होना
7. संवेदनशीलता और मानसिक भ्रम
जब रक्तचाप बहुत कम हो जाता है, तो मस्तिष्क में रक्त और ऑक्सीजन का सही संचार नहीं हो पाता। इससे मानसिक स्पष्टता कम हो जाती है और व्यक्ति को भ्रम, संवेदी संकट या मानसिक अव्यवस्था का सामना हो सकता है। इस स्थिति में व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है।
लक्षण
- मानसिक थकान या भ्रमित महसूस करना
- सोचने या निर्णय लेने में कठिनाई
8. छोटे समय के लिए बेहोशी
अगर रक्तचाप बहुत कम हो जाता है, तो यह बेहोशी का कारण भी बन सकता है। बेहोशी की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति अचानक कम हो जाती है, जिससे व्यक्ति को गिरने या होश खोने का अनुभव होता है। यह स्थिति अक्सर अचानक खड़े होने या लम्बे समय तक एक स्थिति में रहने के बाद हो सकती है।
लक्षण
- अचानक बेहोश होना
- खड़े होते समय अस्थिर महसूस करना
9. दिल की धड़कन का तेज होना
लो ब्लड प्रेशर के कारण शरीर को रक्त की आपूर्ति सही ढंग से नहीं हो पाती, जिससे शरीर अपने सामान्य कार्यों को बनाए रखने के लिए दिल की धड़कन को तेज कर सकता है। यह स्थिति सामान्य रूप से तनाव, भय या चिंता के दौरान भी होती है, लेकिन लो ब्लड प्रेशर के दौरान यह और भी सामान्य हो सकती है।
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लक्षण
- दिल की धड़कन का तेज होना या असामान्य महसूस होना
- सीने में भारीपन या धड़कन महसूस होना
10. ठंडे पसीने
लो ब्लड प्रेशर के कारण शरीर में रक्त का प्रवाह धीमा हो जाता है, जिससे पसीने की प्रक्रिया में भी बदलाव आ सकता है। इससे व्यक्ति को अचानक पसीना आ सकता है, खासकर चेहरे, हाथों और पैरों में। यह ठंडा और चिपचिपा पसीना हो सकता है।
लक्षण
- अचानक चेहरे या शरीर के अन्य हिस्सों में ठंडा पसीना आना
- पसीने से त्वचा का चिपचिपा होना
निष्कर्ष:
लो ब्लड प्रेशर एक ऐसी स्थिति है, जो शरीर के विभिन्न अंगों और कार्यों को प्रभावित कर सकती है। इसके लक्षणों को पहचानना और समय पर उपचार लेना बहुत जरूरी है। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। लो ब्लड प्रेशर का इलाज सही आहार, जीवनशैली में सुधार और समय पर मेडिकल सहायता से किया जा सकता है। अगर आप इसे हल्के में लेंगे, तो यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
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