केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव जीतने का भरोसा जताया और कहा कि चुनाव के नतीजे BJP के पक्ष में होंगे, क्योंकि विपक्ष के पास कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है।
हरियाणा के पंचकूला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा, “हरियाणा विधानसभा चुनाव अक्टूबर में होंगे और हमें पूरा भरोसा है कि नतीजे भाजपा के पक्ष में होंगे।”
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों के बारे में बात करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा, “लोकसभा चुनावों में हरियाणा के योगदान के कारण ही नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। हरियाणा ने पिछले दो विधानसभा चुनावों में भी भाजपा पर भरोसा दिखाया है। हमें पूरा भरोसा है कि अक्टूबर में भाजपा फिर से सत्ता में आएगी।”
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हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से BJP और Congress ने पांच-पांच सीटें जीतीं
“पिछले दस सालों में हमने हरियाणा के लोगों की सेवा की है…पीएम ने 2047 तक ‘विकसित भारत’ की बात की है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि हरियाणा उसमें योगदान देगा। पिछले 20 सालों में हरियाणा के लोगों ने 2004-2014 और 2014-2024 तक दोनों सरकारों का 10-10 साल का विश्लेषण किया है। तीसरी बार भी हम हरियाणा के लोगों का विश्वास जीतेंगे, जैसा कि हमें लगता है और हमारा राजनीतिक विश्लेषण यह है कि हमारे प्रतिद्वंद्वियों के पास कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। यह सिर्फ भ्रम, झूठ और संदेह फैलाने वाला एक समूह है,” प्रधान ने कहा
Dharmendra Pradhan ने Congress पर साधा निशाना
कांग्रेस पर अपने हमलों को तेज करते हुए प्रधान ने कहा, “हम पिछले कुछ दिनों में राज्यसभा में अपने विपक्ष के व्यवहार को देख रहे हैं और हमें लगता है कि एक सकारात्मक विपक्ष होने के बजाय, कांग्रेस ने खुद को एक ऐसी ताकत बनाने का फैसला किया है जो बाधा उत्पन्न करती है। चेयरमैन के लिए कभी कोई चुनाव नहीं होता है, लेकिन उन्होंने एक अनावश्यक चुनाव कराया है।” अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला है और मुझे लगता है कि यह कोई छोटी बात नहीं है।
2019 के विधानसभा चुनाव में 90 सीटों में से भाजपा ने 40 सीटें जीती थीं, कांग्रेस ने 31 सीटें हासिल की थीं जबकि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने 10 सीटें जीती थीं।
2014 में भाजपा ने 47 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थीं।
2009 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 40 सीटें हासिल की थीं जबकि भाजपा ने केवल चार सीटें जीती थीं। 2005 में कांग्रेस ने 67 सीटें जीती थीं जबकि भाजपा ने दो सीटें जीती थीं।
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