Newsnowसंस्कृतिUmananda Temple: आस्था, इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय संगम

Umananda Temple: आस्था, इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय संगम

Umananda Temple हिंदू धर्म में एक पवित्र स्थल के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा की जाती है और इसे "भूमि का सबसे आनंदमय स्थान" कहा जाता है। शिवरात्रि के अवसर पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और मंदिर में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

Umananda Temple असम के गुवाहाटी शहर में स्थित एक प्रसिद्ध और पवित्र शिव मंदिर है। यह मंदिर ब्रह्मपुत्र नदी के बीच में स्थित एक छोटे से द्वीप “उमानंद द्वीप” पर बना हुआ है, जिसे ‘पीकॉक आइलैंड’ भी कहा जाता है। यह स्थान न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक सुंदरता भी इसे एक अनूठा पर्यटन स्थल बनाती है।

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Umananda Temple का इतिहास और निर्माण

Umananda Temple: A unique confluence of faith

Umananda Temple का निर्माण 1694 में अहोम राजा गदाधर सिंह (1681–1696) द्वारा कराया गया था, जो उस समय के असम के सबसे शक्तिशाली शासकों में से एक थे। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे “उमानंद” नाम इसलिए दिया गया क्योंकि यहां भगवान शिव ने अपनी पत्नी देवी पार्वती, जिन्हें ‘उमा’ भी कहा जाता है, को आनंदित किया था। इस प्रकार इस मंदिर का नाम “उमा” और “आनंद” शब्दों के मेल से पड़ा।

माना जाता है कि इस स्थान का उल्लेख कई प्राचीन हिंदू ग्रंथों और कथाओं में मिलता है। कहा जाता है कि भगवान शिव यहां ध्यान में लीन रहते थे और ब्रह्मपुत्र नदी के बीच इस शांत स्थान को अपने निवास के लिए चुना।

भूगोल और स्थान

Umananda Temple जिस द्वीप पर स्थित है, वह ब्रह्मपुत्र नदी के बीच में है। यह द्वीप आकार में छोटा है, लेकिन इसकी प्राकृतिक सुंदरता अद्वितीय है। चारों ओर हरियाली और नदी का पानी इसे एक शांतिपूर्ण और आकर्षक स्थल बनाते हैं। यह द्वीप “पीकॉक आइलैंड” के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसके आकार को मोर की तरह माना जाता है।

इस द्वीप पर अनेक दुर्लभ प्रजातियों के पौधे और पशु पाए जाते हैं। विशेष रूप से यहां पाया जाने वाला “गोल्डन लंगूर” एक मुख्य आकर्षण है, जो एक दुर्लभ और विलुप्तप्राय प्रजाति है।

धार्मिक महत्व

Umananda Temple: A unique confluence of faith

Umananda Temple हिंदू धर्म में एक पवित्र स्थल के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा की जाती है और इसे “भूमि का सबसे आनंदमय स्थान” कहा जाता है। शिवरात्रि के अवसर पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और मंदिर में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

कहा जाता है कि इस स्थान पर कामदेव, जो प्रेम और आकर्षण के देवता हैं, ने भगवान शिव की साधना में बाधा डाली थी। इसके कारण भगवान शिव ने उन्हें भस्म कर दिया। इसी वजह से यह स्थान “भस्माचल” के नाम से भी प्रसिद्ध है।

स्थापत्य कला

Umananda Temple असम की पारंपरिक स्थापत्य शैली में बना हुआ है। मंदिर के मुख्य भवन में बारीक नक्काशी और मूर्तियां हैं, जो इसे अद्वितीय बनाती हैं। यहां भगवान शिव के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी हैं, जिनमें गणेश, विष्णु, सूर्य और देवी पार्वती प्रमुख हैं।

मंदिर की दीवारों पर हिंदू पौराणिक कथाओं के दृश्यों का वर्णन किया गया है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इसकी कलात्मक सुंदरता भी लोगों को आकर्षित करती है।

उमानंद द्वीप तक पहुंचने का तरीका

Umananda Temple तक पहुंचने के लिए गुवाहाटी शहर से नावों की सेवा ली जाती है। गुवाहाटी के किनाराघाट से नियमित रूप से फेरी और नावें उपलब्ध होती हैं। यह यात्रा न केवल तीर्थयात्रियों के लिए सुखद होती है, बल्कि पर्यटकों को ब्रह्मपुत्र नदी की खूबसूरती का अनुभव करने का भी अवसर मिलता है।

नाव यात्रा के दौरान, पर्यटक नदी के शांत और मनमोहक दृश्यों का आनंद लेते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए नाव यात्रा के बाद कुछ कदम पैदल चलना पड़ता है।

प्रमुख त्यौहार और उत्सव

उमानंद मंदिर में सबसे प्रमुख त्योहार “महाशिवरात्रि” है। इस दिन यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। लोग विशेष पूजा-अर्चना और रात्रि जागरण करते हैं।

इसके अलावा, हर सोमवार और अमावस्या के दिन भी यहां विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। यह मंदिर असम के सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

पर्यटकों के लिए जानकारी

Umananda Temple: A unique confluence of faith
Umananda Temple
  • समय: मंदिर सुबह 5:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है।
  • प्रवेश शुल्क: मंदिर में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है, लेकिन नाव की यात्रा के लिए अलग से शुल्क लिया जाता है।
  • सर्वोत्तम समय: उमानंद मंदिर की यात्रा के लिए सर्दियों का समय (अक्टूबर से मार्च) सबसे अच्छा माना जाता है। इस समय मौसम सुहावना होता है।

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Umananda Temple असम के गुवाहाटी शहर में स्थित एक प्रसिद्ध और पवित्र शिव मंदिर है। यह मंदिर ब्रह्मपुत्र नदी के बीच में स्थित एक छोटे से द्वीप “उमानंद द्वीप” पर बना हुआ है, जिसे ‘पीकॉक आइलैंड’ भी कहा जाता है। यह स्थान न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक सुंदरता भी इसे एक अनूठा पर्यटन स्थल बनाती है

माना जाता है कि इस स्थान का उल्लेख कई प्राचीन हिंदू ग्रंथों और कथाओं में मिलता है। कहा जाता है कि भगवान शिव यहां ध्यान में लीन रहते थे और ब्रह्मपुत्र नदी के बीच इस शांत स्थान को अपने निवास के लिए चुना।

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