रायबरेली/UP: बिजली कंपनियों में अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक की चयन प्रक्रिया व वेतन विसंगतियों को लेकर उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग के कर्मचारी गुरुवार रात से हड़ताल पर हैं। बिजली विभाग के कर्मचारियों का फर्रुखाबाद, मुजफ्फरनगर, प्रयागराज, हरदोई, फिरोजाबाद में जारी हड़ताल, मुरादाबाद, एटा, वाराणसी और रायबरेली ने सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है और आम लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ा है।
यह भी पढ़ें: UP के सीएम ने सनातन धर्म को बताया भारत का ‘राष्ट्रीय धर्म’
बिजली विभाग के कर्मचारियों की राज्यव्यापी हड़ताल रविवार को तीसरे दिन भी जारी रही, उनके नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर कर्मचारियों को बर्खास्त या गिरफ्तार किया गया, तो सांकेतिक हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल जाएगी।
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में कम से कम 1,000 गांव अंधेरे में डूबे हुए हैं और शहरी क्षेत्र के 70 इलाकों में बिजली संकट बेरोकटोक जारी है, जहां लोगों के पास पीने का पानी नहीं है।
रायबरेली में बिजली की अनुपलब्धता ने स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित कर दिया है क्योंकि एम्स और अन्य अस्पताल बिना बिजली के हैं। हालाँकि, जनरेटर के माध्यम से संकट को हल करने के लिए रुक-रुक कर प्रयास किए गए।
54 में से 27 बिजलीघरों में 33 किलोवोल्ट-एम्पीयर (केवीए) लाइनों में खराबी आ गई है, जिसने प्रशासन के सामने एक और चुनौती खड़ी कर दी है।
UP के वाराणसी में चक्का जाम
बिजली विभाग के कर्मचारियों की लगातार हड़ताल और लंबे समय तक बिजली कटौती को लेकर वाराणसी की जनता सड़कों पर उतर आई। प्रदर्शनकारियों ने शहर के भदैनी विद्युत सब स्टेशन पर चक्का जाम भी किया।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट गौरव श्रीवास्तव, देवरिया ने इंडिया टुडे को बताया, “जिम वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड ने अनुबंध के आधार पर काम कर रहे 42 कर्मचारियों को हड़ताल वापस लेने के लिए लिखा है।”
योगी-आदित्यनाथ सरकार ने कहा है कि अगर हड़ताल से जनता को परेशानी होती है, तो वह आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) के तहत विरोध करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी और काम पर नहीं लौटने वाले संविदा कर्मियों को बर्खास्त करने की धमकी दी है।
यह भी कहा कि प्रदर्शनों के दौरान तोड़फोड़ होने की स्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी।
बिजली विभाग के कर्मचारियों की यूनियन विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले एकत्र हुए कर्मचारी राज्य भर में प्रदर्शन कर रहे हैं।
मंत्री ने दी कार्रवाई की चेतावनी
UP के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने शनिवार को हड़ताल पर गए बिजली विभाग के कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए शाम छह बजे तक काम पर लौटने या बर्खास्तगी का सामना करने का निर्देश दिया है।
विभाग की ओर से 22 लोगों के खिलाफ एस्मा (अनिवार्य सेवा अनुरक्षण अधिनियम) के तहत कार्रवाई शुरू करने का निर्णय लिया गया है। मंत्री ने कहा, इस मामले में 29 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
बिजली विभाग के कर्मचारियों की राज्यव्यापी हड़ताल के बीच, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में बिजली संकट को लेकर वाराणसी में धरना दिया।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शनिवार को राज्य की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को “असंवेदनशील और जनविरोधी” बताते हुए नारेबाजी की।