UP सरकार ने सात जिलों में न्यायिक ढांचे के लिए स्वीकृत किए 1700 करोड़ रुपये

यह न्यायिक प्रक्रिया की दक्षता को बढ़ाने और मुकदमों के लंबित मामलों में कमी लाने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास माना जा रहा है।

UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में न्यायिक अवसंरचना को सशक्त बनाने की सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के सत्ता में आने से पहले राज्य के 10 जिलों में न्यायालय की व्यवस्था तक नहीं थी।

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UP में अदालत परिसरों की पहल को मिली गति

इस खामी को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने समेकित अदालत परिसरों की परिकल्पना को आगे बढ़ाया है, जिनमें वकीलों के चैंबर और पार्किंग जैसी आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस दिशा में सात जिलों के लिए 1700 करोड़ रुपये की मंजूरी दी जा चुकी है। यह पहल राज्य की न्याय व्यवस्था को अधिक सुगम, सुलभ और प्रभावी बनाने की दिशा में एक सार्थक कदम के रूप में देखी जा रही है।

UP government approves Rs 1700 crore for judicial infrastructure in seven districts
UP सरकार ने सात जिलों में न्यायिक ढांचे के लिए स्वीकृत किए 1700 करोड़ रुपये

UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में न्यायिक बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण को लेकर सरकार की प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की सत्ता संभाली, तब लगभग 10 जिलों में अदालतों की अनुपस्थिति जैसी गंभीर स्थिति थी।

इस व्यवस्था में सुधार हेतु राज्य सरकार ने ‘समेकित न्यायिक परिसरों’ की परिकल्पना को आगे बढ़ाया है, जिसमें न केवल न्यायालयों की स्थापना की जाएगी, बल्कि वकीलों के लिए आधुनिक चैंबर, आगंतुकों हेतु पार्किंग, और बुनियादी सुविधाओं से युक्त न्यायिक वातावरण तैयार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि इस उद्देश्य के लिए सात जिलों को प्राथमिकता में शामिल करते हुए ₹1700 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।

यह पहल न्याय तक पहुंच को विकेन्द्रीकृत और समावेशी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे दूरदराज के जिलों में रहने वाले नागरिकों को समय पर न्याय मिल सकेगा। इसके अतिरिक्त, यह पहल ‘सुलभ न्याय’ (Access to Justice) के सिद्धांत को साकार करने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों के साझा प्रयासों का भी प्रमाण है।

UP government approves Rs 1700 crore for judicial infrastructure in seven districts

यह न्यायिक प्रक्रिया की दक्षता को बढ़ाने और मुकदमों के लंबित मामलों में कमी लाने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास माना जा रहा है। UP सरकार की यह पहल न्यायपालिका के कार्य संचालन को भी अधिक संगठित, आधुनिक और डिजिटल-फ्रेंडली बनाने की संभावनाएं लेकर आती है।

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