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Madhya Pradesh के उज्जैन में शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने से रामघाट पर स्थित मंदिर जलमग्न हुए

एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन ने नदी के घाटों की ओर जाने वाली सड़कों पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं, ताकि कोई दुर्घटना न हो।

Madhya Pradesh के उज्जैन जिले में लगातार बारिश के बाद शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने से रामघाट पर स्थित विभिन्न मंदिर जलमग्न हो गए। एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन ने नदी के घाटों की ओर जाने वाली सड़कों पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं, ताकि कोई दुर्घटना न हो।

The water level of Shipra river rises in Madhya Pradesh
Madhya Pradesh के उज्जैन में शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने से रामघाट पर स्थित मंदिर जलमग्न हुए

Madhya Pradesh की शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने से धार्मिक अनुष्ठान करने में आई परेशानी

यहां घाटों पर दिवंगत पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने और प्रार्थना करने के लिए पिंडदान अनुष्ठान किए जाते हैं। शिप्रा नदी के घाटों पर पानी होने के कारण अब पुरोहित घाटों के पास शेड बनाकर उन अनुष्ठानों को कर रहे हैं।

The water level of Shipra river rises in Madhya Pradesh
Madhya Pradesh के उज्जैन में शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने से रामघाट पर स्थित मंदिर जलमग्न हुए

“शिप्रा नदी का जलस्तर कल सुबह से लगातार बढ़ रहा है। अभी तक जलस्तर रामघाट पर बनी पुलिया से आठ फीट ऊपर बह रहा है। यहां होमगार्ड स्टाफ और SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) के तैराकों को तैनात किया गया है और घाट की ओर जाने वाली सड़कों पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। स्नान के लिए लोगों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई है,” होमगार्ड स्टाफ रामघाट, उज्जैन, ईश्वर लाल चौधरी ने बताया।

पुजारी हिमांशु व्यास ने बताया, “शिप्रा नदी के जलस्तर में पिछले दो दिनों में काफी वृद्धि हुई है। हालांकि नदी अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही है, लेकिन जलस्तर में यह वृद्धि लंबे समय के बाद देखी गई है। शहर में पानी की कमी की स्थिति पैदा होने लगी है, जो अब दूर हो जाएगी।”

The water level of Shipra river rises in Madhya Pradesh
Madhya Pradesh के उज्जैन में शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने से रामघाट पर स्थित मंदिर जलमग्न हुए

रामघाट के पुरोहित लोटा गुरु ने बताया, “लगातार हो रही बारिश के कारण शिप्रा नदी उफान पर है और रामघाट पर स्थित सभी मंदिर जलमग्न हो गए हैं। हमें पूजा-अर्चना करने में भी दिक्कत आ रही है। हम घाट से दूर एक नजदीकी स्थान पर पिंडदान अनुष्ठान कर रहे हैं। हम शिप्रा माता से जनकल्याण की प्रार्थना कर रहे हैं।”

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