होम देश Whitefly Disease से कर्नाटक के 14 जिलों में 1.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र...

Whitefly Disease से कर्नाटक के 14 जिलों में 1.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में नारियल के पेड़ प्रभावित

सदस्यों ने नारियल के खेत के लिए प्रति एकड़ 50,000 रुपये का मुआवजा मांगा

कर्नाटक के 14 जिलों में लगभग 1.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में नारियल के पेड़ सफेद मक्खी (Whitefly) संक्रमण से प्रभावित हो चुके हैं। इस कीट के हमले से नारियल की पैदावार में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे किसान चिंतित हैं।

यह भी पढ़ें: Back Door Censor: सरकार के SAHYOG पोर्टल पर चिंता

Whitefly Disease क्या है?

Whitefly Plague Hits Karnataka’s Coconut

Whitefly एक प्रकार का कीट है जो नारियल के पत्तों का रस चूसकर पौधों को कमजोर कर देता है। इससे पत्तियां पीली और सूखी हो जाती हैं, जिससे फोटोसिंथेसिस की प्रक्रिया बाधित होती है और नारियल के उत्पादन में गिरावट आती है। यह कीट गर्म और आर्द्र जलवायु में तेजी से फैलता है।

प्रभाव और संभावित नुकसान:

  • नारियल की उत्पादकता में 30-40% तक की गिरावट आ सकती है।
  • किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है।
  • इस संक्रमण से पेड़ों की औसत उम्र भी कम हो सकती है
  • अन्य फसलों और बागानों में भी इस कीट के फैलने का खतरा।

रोकथाम और नियंत्रण के उपाय:

सरकार और कृषि वैज्ञानिकों ने इस रोग के नियंत्रण के लिए कई उपाय सुझाए हैं:

1. जैविक नियंत्रण:

  • परजीवी कीटों (Parasitic Wasps) का उपयोग, जो सफेद मक्खियों को प्राकृतिक रूप से खत्म करते हैं।
  • कवकीय स्प्रे (Fungal Spray) जैसे Beauveria bassiana का छिड़काव।

2. रासायनिक नियंत्रण:

  • कीटनाशकों का सीमित और संतुलित उपयोग
  • प्रभावित क्षेत्रों में नीम तेल का छिड़काव

3. कृषि पद्धतियां:

  • प्रभावित पत्तियों की सफाई और नष्ट करना
  • फसल चक्र (Crop Rotation) अपनाना, जिससे कीटों के प्रसार को रोका जा सके।
  • नारियल के बागानों में मिश्रित फसल प्रणाली अपनाना, जिससे कीटों का नियंत्रण किया जा सके।

यह भी पढ़ें: Blood sugar को ठीक करने के लिए करेले का जूस कितना पीना चाहिए?

सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास:

  • कृषि अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से जैविक नियंत्रण के उपाय विकसित किए जा रहे हैं।
  • किसानों को कीट प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
  • राज्य सरकार ने विशेष फंड जारी किया है ताकि प्रभावित किसानों की मदद की जा सके।

Exit mobile version