Ganesh Chaturthi पर चंद्र दर्शन क्यों वर्जित है?
Ganesh Chaturthi का त्योहार भगवान गणेश को समर्पित है और यह हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस दिन चंद्रमा को देखना वर्जित माना जाता है। इस मान्यता के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं।
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Ganesh Chaturthi पर चंद्र दर्शन वर्जित
कार्तिकेय को श्राप
एक बार, गणेश जी और कार्तिकेय के बीच एक प्रतियोगिता हुई थी कि कौन पहले पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। गणेश जी ने अपनी बुद्धि का प्रयोग करते हुए अपनी माता पार्वती जी की परिक्रमा कर ली और विजेता घोषित हो गए। कार्तिकेय को यह बात बर्दाश्त नहीं हुई और उन्होंने गणेश जी का मजाक उड़ाया। गणेश जी बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने कार्तिकेय को शाप दे दिया।
अपने शाप के प्रभाव को कम करने के लिए, गणेश जी ने कार्तिकेय से क्षमा मांगी और उन्हें वरदान दिया कि वे चंद्रमा पर जाकर वहां निवास कर सकते हैं। लेकिन, उन्होंने कार्तिकेय को यह भी चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखेगा, तो उसे भी कार्तिकेय के समान शाप मिलेगा।
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चंद्रमा को श्राप
इस कहावत के पीछे भगवान गणेश और चंद्रमा की कहानी है। कहानी के अनुसार एक दिन गणेश जी अपने मूषक पर सवार होकर जा रहे थे, तभी गणेश जी के वजन से मूषक लड़खड़ा गया और गणेश जी जमीन पर गिर पड़े। ऐसा होने पर चंद्रमा हंसने लगे। गणेश जी को यह पसंद नहीं आया और चंद्रमा की यह हरकत देखकर वे क्रोधित हो गए और उसे श्राप दे दिया।
उस दिन से यह माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चांद देखने से अपमान और बदनामी होती है और झूठे आरोपों में फंसना पड़ता है। हालाँकि, ऐसे दोषों से छुटकारा पाने के लिए ज्योतिषीय उपाय भी हैं।
इस कहानी के अनुसार, चंद्रमा को देखने से जुड़े वर्जित होने के कुछ कारण निम्नलिखित हैं:
- गणेश जी का अपमान: चंद्रमा को देखना गणेश जी के अपमान के समान माना जाता है क्योंकि कार्तिकेय चंद्रमा पर निवास करते हैं।
- शाप का भय: इस मान्यता के अनुसार, चंद्रमा को देखने से व्यक्ति को कार्तिकेय के समान शाप मिल सकता है।
- व्रत का उल्लंघन: गणेश चतुर्थी के दिन व्रत रखने का विधान है और चंद्रमा को देखना व्रत का उल्लंघन माना जाता है।
अगर गलती से चंद्रमा दिख जाए तो क्या करें:
यदि गलती से चंद्रमा दिख जाए तो व्यक्ति को विष्णु जी का स्मरण करना चाहिए और निम्नलिखित मंत्र का जाप करना चाहिए:
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ध्यान रखें:
- यह केवल एक मान्यता है और इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
- प्रत्येक व्यक्ति अपनी आस्था के अनुसार इन बातों को मान सकता है।
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अंत में:
यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करें। लेकिन, साथ ही हमें यह भी समझना चाहिए कि धर्म हमें एकता और भाईचारे का संदेश देता है।