नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में एक महिला के माता-पिता ने कथित तौर पर उसे और उसकी नाबालिग़ बेटी को Illegal Custody में रखा है। महिला के पति की ओर से दायर याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली पुलिस को महिला और उसकी नाबालिग बेटी को पेश करने का निर्देश दिया।
जस्टिस जसमीत सिंह ने दिल्ली पुलिस से शुक्रवार को महिला और उसके सात साल के बच्चे को कोर्ट के सामने पेश करने को कहा।
महिला माता-पिता की Illegal Custody में है।
अदालत महिला के पति की ओर से दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अधिकारियों को उसकी पत्नी और बेटी को पेश करने का निर्देश देने की मांग की गई थी, जो महिला के माता-पिता की अवैध हिरासत में हैं।
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व्यक्ति ने अधिवक्ता अनुराग प्रताप के माध्यम से अपनी याचिका में कहा कि उसने इस साल जनवरी में उस महिला से शादी की, जो एक विधवा थी और एक बच्ची के साथ गर्भवती थी।
याचिका में कहा गया है कि महिला और उसके मृत पति के परिवार के सदस्य याचिकाकर्ता के साथ उसके अंतर्जातीय विवाह के खिलाफ थे और वे उसे धमकी दे रहे थे।
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इसने दावा किया कि महिला के परिवार ने उसे जनवरी से ही बंधक बना रखा है।
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका एक ऐसे व्यक्ति को अदालत में पेश करने के लिए दायर की जाती है जो Illegal Custody या गैरकानूनी हिरासत में है।
दिल्ली पुलिस के वकील ने अदालत को सूचित किया कि महिला और नाबालिग बच्चा उत्तर प्रदेश में हैं और कहा कि एजेंसी उन्हें यहां पेश करेगी।
अदालत ने कहा, “यह निर्देश दिया जाता है कि महिला और बेटी को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाए। 24 जून को सूची दी जाए।”
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