होम प्रमुख ख़बरें Jantar Mantar पर अपना “संसद” सत्र आयोजित करेंगे: राकेश टिकैत

Jantar Mantar पर अपना “संसद” सत्र आयोजित करेंगे: राकेश टिकैत

BKU नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जंतर मंतर पर किसान अपना संसद सत्र आयोजित करेंगे।

Will organize our
(फाइल) राकेश टिकैत ने कहा कि वे Jantar Mantar पर "किसान संसद" करेंगे

नई दिल्ली: बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा कि Jantar Mantar पर किसान अपना संसद सत्र आयोजित करेंगे। 

ग़ौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र चल रहा है, वहीं भारतीय किसान संघ (BKU) के नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसानों का धरना कुछ ही दूरी पर केंद्र के नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ होने जा रहा है। 

ANI से बात करते हुए, राकेश टिकैत ने कहा, “संसद Jantar Mantar से सिर्फ 150 मीटर की दूरी पर है। हम वहां अपना संसद सत्र आयोजित करेंगे।”

26 जनवरी को लाल किला हिंसा जैसी स्थितियों से निपटने की व्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर, श्री टिकैत ने कहा, “हमें गुंडागर्दी से क्या लेना-देना है? क्या हम बदमाश हैं?”

Farm Laws के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों की वजह से मंत्री बैठक नहीं पहुँच पाए, 200 लोगों के खिलाफ केस दर्ज

श्री टिकैत सिंघू सीमा की ओर बढ़ रहे हैं जहां सभी प्रदर्शन स्थलों से किसान इकट्ठा होंगे और फिर जंतर मंतर पर ”किसान संसद” आयोजित करने के लिए दिल्ली की ओर बढ़ेंगे। एएनआई से बात करते हुए, राकेश टिकैत ने कहा कि वे जंतर मंतर पर ”किसान संसद” आयोजित करेंगे और संसद की कार्यवाही की निगरानी भी करेंगे।

Jantar Mantar पर ‘किसान संसद’ करेंगे।

Rakesh Tikait ने कहा, “मैं आठ अन्य (विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों) के साथ सिंघू सीमा के लिए निकलूंगा, और फिर जंतर-मंतर जाऊंगा। हम जंतर-मंतर पर ‘Kisan Sansad’ करेंगे। हम संसद की कार्यवाही की निगरानी करेंगे।”

इस बीच संसद के मानसून सत्र के बीच जंतर-मंतर के खिलाफ किसानों के विरोध को देखते हुए सिंघू बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

किसानों को जंतर मंतर पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के लिए सीमित संख्या में 200 लोगों और किसान मजदूर संघर्ष समिति (KMSC) के लिए छह व्यक्तियों को रोजाना सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक विरोध करने की अनुमति दी गई है।

किसान तीन नए बनाए गए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच गतिरोध को तोड़ने के लिए अब तक केंद्र और किसान नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है।

Exit mobile version