NewsnowदेशFarm Laws: सरकार-किसान संगठनों के बीच 9वें राउंड की बातचीत भी बेनतीजा

Farm Laws: सरकार-किसान संगठनों के बीच 9वें राउंड की बातचीत भी बेनतीजा

किसान संगठनों का कहना है कि हम कृषि कानूनों (Farm Laws) पर कोई मध्‍यस्‍थ नहीं चाहते, हम सीधे सरकार के साथ बातचीत चाहते हैं.

New Delhi: कृषि कानूनों (Farm Laws) पर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच हुई नौवें दौर की बातचीत भी आज बेनतीजा रही. दोनों पक्षों के बीच गतिरोध बरकरार है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी को तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के कार्यान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है.

किसानों ने लोहड़ी पर्व पर नये कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध जताया।

शीर्ष अदालत ने इस मामले में गतिरोध को समाप्त करने के लिये चार सदस्यीय समिति का गठन किया था लेकिन किसान संगठनों ने इस समिति को सरकार समर्थक बताया है और साफ कहा है कि वे सरकार से तो बारबार चर्चा को तैयार हैं लेकिन समिति के समक्ष नहीं जाएगा.  

बातचीत से पहले किसानों का शक्ति प्रदर्शन

किसानों का कहना है कि समिति के सदस्‍य पहले ही सरकार के कृषि कानूनों (Farm Laws) के पक्ष में राय दे चुके हैं. इस बीच समिति के सदस्य और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिन्दर सिंह मान ने समिति से अपने को अलग कर लिया है.

SC द्वारा बनाई गयी समिति से भूपेंद्र सिंह मान ने खुद को अलग किया

शुक्रवार की बातचीत के बारे में बात करते हुए ऑल इंडिया किसान सभा पंजाब के अध्यक्ष बालकरण सिंह बरार ने कहा, इस बैठक में भी कोई नतीजा नहीं निकल सका. सरकार अपनी बात पर अड़ी हुई है कि तीनों कानून (Farm Laws) रद्द नहीं होंगे. हमने सरकार को सुझाव दिया कि इस एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट में जो संशोधन सरकार ने किए हैं, उन्हें सरकार वापस ले ले. पूरे कानून को रद्द करने की जरूरत नहीं है, लेकिन इस पर कृषि मंत्री ने कोई आश्वासन नहीं दिया. अब अगली बैठक 19 जनवरी को विज्ञान भवन में होगी 26 जनवरी के दिन हमारी ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) निकाली जाएगी अगले 2 दिन में हम ट्रैक्टर रैली की रूट और अपने विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा फाइनल कर लेंगे, इसमें कुछ छुपा हुआ नहीं है. बरार ने कहा कि 26 जनवरी के विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम को हम जल्‍द ही सार्वजनिक करेंगे.

26 जनवरी को बड़े आंदोलन की तैयारी में किसान, पंजाब में हजारों वॉलंटियर जुड़े

किसान संगठनों का साफ कहना है कि हम मध्‍यस्‍थ नहीं चाहते, हम सीधे सरकार के साथ बातचीत चाहते हैं. यही नहीं, उन्‍होंने सरकार से किसानों का समर्थन करने वालों के पीछे केंद्रीय एजेंसी लगाने से भी ‘बाज आने’ को कहा है. 

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