NewsnowसेहतAntibiotics से पेट की सेहत खतरे में? जानें डॉक्टरों से!

Antibiotics से पेट की सेहत खतरे में? जानें डॉक्टरों से!

प्रोबायोटिक्स, प्रिबायोटिक्स और संतुलित आहार को अपनाकर, आप एंटीबायोटिक्स के दुष्प्रभावों को कम कर सकते हैं।

Antibiotics जीवनरक्षक दवाएं हैं जो बैक्टीरियल संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। सामान्य सर्दी से लेकर गंभीर संक्रमण तक, उन्होंने चिकित्सा विज्ञान में क्रांतिकारी बदलाव लाकर लाखों लोगों की जान बचाई है। हालांकि, इनके अनेकों लाभों के बावजूद, एंटीबायोटिक्स के कुछ अनपेक्षित दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, विशेष रूप से आपके पेट के स्वास्थ्य पर। कई लोग एंटीबायोटिक्स लेने के बाद डायरिया, सूजन और पेट दर्द जैसी पाचन संबंधी समस्याओं का अनुभव करते हैं। लेकिन ये दवाएं आपके पेट को कैसे प्रभावित करती हैं और डॉक्टर इस बारे में क्या कहते हैं? आइए जानें कि Antibiotics का आपके पेट पर क्या प्रभाव पड़ता है और इसे स्वस्थ बनाए रखने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।

एंटीबायोटिक्स पेट और आंतों को कैसे प्रभावित करते हैं?

1. आंतों के माइक्रोबायोम को प्रभावित करना

आपकी आंत में खरबों बैक्टीरिया होते हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से आंतों का माइक्रोबायोम कहा जाता है। ये बैक्टीरिया पाचन, रोग प्रतिरोधक क्षमता और मानसिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। Antibiotics हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करने का कार्य करते हैं, लेकिन वे अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के बीच अंतर नहीं कर पाते। इस कारण आंतों के बैक्टीरिया असंतुलित हो जाते हैं, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

डॉक्टरों के अनुसार, जब आंतों का माइक्रोबायोम प्रभावित होता है, तो शरीर की प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो जाती है, जिससे संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है।

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2. एंटीबायोटिक से संबंधित डायरिया (AAD)

एंटीबायोटिक्स लेने का एक आम दुष्प्रभाव डायरिया (दस्त) है। जब आंतों में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ जाता है, तो क्लोस्ट्रीडियम डिफिसाइल (C. diff) जैसे हानिकारक बैक्टीरिया अधिक बढ़ सकते हैं, जिससे गंभीर डायरिया हो सकता है। कुछ मामलों में, यह संक्रमण जानलेवा भी हो सकता है।

गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के अनुसार, एंटीबायोटिक लेने वाले लगभग 30% लोग डायरिया का अनुभव करते हैं। इसलिए, डॉक्टर पानी पीते रहने और प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह देते हैं, जिससे आंतों का स्वास्थ्य जल्दी बहाल हो सके।

3. पेट दर्द और सूजन को बढ़ावा देना

आंतों के माइक्रोबायोम में गड़बड़ी होने पर गैस का अधिक उत्पादन हो सकता है और आंतों में सूजन आ सकती है। इससे पेट दर्द, ऐंठन और असहजता हो सकती है। पेनिसिलिन और मैक्रोलाइड वर्ग की कुछ Antibiotics विशेष रूप से पाचन संबंधी परेशानियों का कारण बन सकती हैं।

डॉक्टर बताते हैं कि एंटीबायोटिक्स आंतों की गति को भी प्रभावित कर सकते हैं, जिससे धीमा पाचन या अनियमित मलत्याग हो सकता है। इस समस्या से बचने के लिए फाइबर युक्त भोजन का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

4. एसिड रिफ्लक्स की संभावना बढ़ाना

कुछ Antibiotics पेट की अंदरूनी सतह को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे एसिड का उत्पादन बढ़ सकता है और एसिड रिफ्लक्स हो सकता है। जिन लोगों को पहले से ही एसिडिटी की समस्या होती है, उन्हें एंटीबायोटिक्स लेने के बाद अधिक जलन महसूस हो सकती है।

विशेष रूप से, टेट्रासाइक्लिन वर्ग की Antibiotics निचले इसोफैगस स्फिंक्टर को कमजोर कर सकती हैं, जिससे एसिड रिफ्लक्स की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, डॉक्टर इन्हें पर्याप्त पानी के साथ लेने और खाने के तुरंत बाद लेटने से बचने की सलाह देते हैं।

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5. रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करना

स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली में योगदान देता है। जब Antibiotics आंतों में बैक्टीरिया के संतुलन को बाधित करते हैं, तो शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है।

लंबे समय तक Antibiotics के सेवन से ऑटोइम्यून रोग और एलर्जी का खतरा बढ़ सकता है। वैज्ञानिक शोधों के अनुसार, विविध माइक्रोबायोम प्रतिरक्षा प्रणाली को संतुलित रखने में मदद करता है। जब यह संतुलन बिगड़ता है, तो शरीर में सूजन संबंधी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

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पेट के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए डॉक्टरों की सलाह

डॉक्टर और गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट एंटीबायोटिक्स के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित सुझाव देते हैं:

1. एंटीबायोटिक्स के साथ प्रोबायोटिक्स लें

प्रोबायोटिक्स अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो आंतों के माइक्रोबायोम को पुनर्स्थापित करने में मदद करते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, Antibiotics लेने के दौरान प्रोबायोटिक्स लेने से डायरिया और अन्य पाचन समस्याओं का जोखिम कम किया जा सकता है। प्रोबायोटिक्स युक्त खाद्य पदार्थों में शामिल हैं:

  • दही
  • केफिर
  • सौकरकूट
  • किमची
  • मिसो
  • कोम्बुचा

2. प्रिबायोटिक्स का सेवन बढ़ाएं

प्रिबायोटिक्स ऐसे फाइबर होते हैं जो अच्छे बैक्टीरिया को पोषण देते हैं। केला, प्याज, लहसुन, लीक और शतावरी जैसे खाद्य पदार्थ प्रिबायोटिक्स से भरपूर होते हैं और आंतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।

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3. स्वस्थ आहार अपनाएं

डॉक्टर सुझाव देते हैं कि Antibiotics लेते समय:

  • खाएं: साबुत अनाज, फल और सब्जियां
  • बचें: प्रोसेस्ड फूड, मीठे स्नैक्स और आर्टिफिशियल स्वीटनर
  • हाइड्रेट रहें: पर्याप्त पानी पिएं ताकि शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल सकें।

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4. एंटीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स को अलग-अलग समय पर लें

एंटीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स को एक साथ लेने से प्रोबायोटिक्स कम प्रभावी हो सकते हैं। डॉक्टरों की सलाह है कि इन्हें 2-3 घंटे के अंतराल पर लें।

5. एंटीबायोटिक्स का पूरा कोर्स पूरा करें

अगर आप बेहतर महसूस करने लगते हैं, तो भी एंटीबायोटिक्स का कोर्स अधूरा न छोड़ें। अधूरी दवा लेने से बैक्टीरिया एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बन सकते हैं, जिससे भविष्य में संक्रमण का इलाज करना कठिन हो सकता है।

निष्कर्ष

Antibiotics संक्रमण के इलाज के लिए आवश्यक हैं, लेकिन इनका सही तरीके से उपयोग करना भी जरूरी है। प्रोबायोटिक्स, प्रिबायोटिक्स और संतुलित आहार को अपनाकर, आप एंटीबायोटिक्स के दुष्प्रभावों को कम कर सकते हैं। अगर एंटीबायोटिक्स लेने के बाद आपको गंभीर पाचन समस्याएं होती हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें।

सही जानकारी और सावधानी के साथ, आप अपने पेट के स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं और Antibiotics के लाभों का सुरक्षित रूप से आनंद उठा सकते हैं।

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