मानव Kidney शरीर से विषाक्त पदार्थों को फ़िल्टर करने और द्रव तथा इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हालांकि, किडनी रोग से पीड़ित लोगों को अपने आहार को लेकर अतिरिक्त सतर्क रहने की आवश्यकता होती है, क्योंकि कुछ खाद्य पदार्थ उनकी स्थिति को और बिगाड़ सकते हैं। दालें, जो प्रोटीन, फाइबर और आवश्यक पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत होती हैं, कई बार किडनी मरीजों के लिए हानिकारक हो सकती हैं क्योंकि इनमें फॉस्फोरस, पोटेशियम और प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है।
सामग्री की तालिका
इस लेख में, हम 8 ऐसी दालों के बारे में चर्चा करेंगे जिन्हें किडनी रोगियों को कभी नहीं खाना चाहिए ताकि उनकी Kidney स्वस्थ बनी रहे।
1. उड़द दाल (Black Gram)
उड़द दाल भारतीय व्यंजनों में बहुत लोकप्रिय है। यह प्रोटीन और आयरन से भरपूर होती है, लेकिन इसमें फॉस्फोरस और पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है, जो किडनी मरीजों के लिए हानिकारक हो सकती है। खराब Kidney फॉस्फोरस और पोटेशियम को प्रभावी रूप से बाहर नहीं निकाल पाती, जिससे हाइपरकेलेमिया (उच्च पोटेशियम स्तर) और हड्डियों की समस्याएं हो सकती हैं।
2. मसूर दाल (Red Lentils)
मसूर दाल प्रोटीन और फाइबर का अच्छा स्रोत है, लेकिन इसमें पोटेशियम और ऑक्सालेट अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जो किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) का कारण बन सकते हैं। पोटेशियम की अधिकता हृदय संबंधी समस्याएं और मांसपेशियों की कमजोरी पैदा कर सकती है।
3. चना दाल और काबुली चना (Chickpeas)
चना दाल और काबुली चना प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होते हैं लेकिन इनमें फॉस्फोरस और पोटेशियम की उच्च मात्रा होती है, जो Kidney मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकती है। इनके अधिक सेवन से इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है और यह पाचन समस्याएं भी उत्पन्न कर सकते हैं।
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4. राजमा (Kidney Beans)
राजमा में पोटेशियम और फॉस्फोरस की अत्यधिक मात्रा होती है, जिससे Kidney की समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसके अलावा, इसमें लेक्टिन और फाइटिक एसिड जैसे एंटी-न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो पोषक तत्वों के अवशोषण को बाधित कर सकते हैं।
5. अरहर दाल (Toor Dal/Arhar Dal)
अरहर दाल में पुरिन की मात्रा अधिक होती है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है और गाउट एवं किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है। इसलिए, Kidney रोगियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
6. मटकी (Moth Beans)
मटकी को अक्सर अंकुरित कर खाया जाता है, लेकिन इसमें फॉस्फोरस और पोटेशियम की अधिकता होती है, जो Kidney रोगियों के लिए खतरनाक हो सकती है। यह रक्त वाहिकाओं की कैल्सीफिकेशन और अनियमित हृदय गति का कारण बन सकती है।
7. सोयाबीन और सोया उत्पाद (Soybeans and Soy Products)
सोयाबीन और इसके उत्पाद जैसे टोफू, सोया चंक्स और सोया दूध उच्च प्रोटीन और फॉस्फोरस से भरपूर होते हैं, जो किडनी फंक्शन को नुकसान पहुंचा सकते हैं और हड्डियों की समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।
8. हरी मूंग दाल (Whole Moong Dal & Sprouts)
मूंग दाल को हेल्दी माना जाता है, लेकिन अंकुरित मूंग दाल में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है, जिससे Kidney मरीजों को नुकसान हो सकता है। इसके बजाय, छिलका उतरी हुई पीली मूंग दाल खाना बेहतर होगा।
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किडनी मरीजों को इन दालों से बचना क्यों चाहिए?
- फॉस्फोरस की अधिक मात्रा – हड्डियों से कैल्शियम कम कर देता है, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं।
- पोटेशियम की अधिकता – हृदय संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकती है।
- अत्यधिक प्रोटीन – Kidney पर अधिक दबाव डाल सकता है।
- किडनी स्टोन का खतरा – ऑक्सालेट और पुरिन की अधिकता से स्टोन बन सकते हैं।
- पाचन समस्याएं – अधिक फाइबर गैस, सूजन और अपच का कारण बन सकता है।
विकल्प क्या हैं?
Kidney मरीज इन सुरक्षित विकल्पों को आजमा सकते हैं:
- पीली मूंग दाल (छिलका उतरी हुई) – कम पोटेशियम और फॉस्फोरस वाली।
- उबली हुई दालें – पोटेशियम को कम करने में मदद करती हैं।
- कम मात्रा में दालों का सेवन – दालों को भिगोकर और उबालकर खाने से पोटेशियम की मात्रा कम हो सकती है।
निष्कर्ष
यदि आपको Kidney की समस्या है, तो आहार का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। इन 8 हानिकारक दालों से बचाव करने से आपकी Kidney पर कम दबाव पड़ेगा और आपकी सेहत बेहतर बनी रहेगी। कोई भी आहार परिवर्तन करने से पहले डॉक्टर या डाइटीशियन से परामर्श अवश्य करें ताकि आप स्वस्थ और संतुलित आहार ले सकें।
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