Summer का मौसम आते ही सिर्फ आम और छुट्टियां ही नहीं आतीं, बल्कि खतरनाक बीमारियों का साया भी मंडराने लगता है। जैसे-जैसे तापमान आसमान छूता है, वैसे-वैसे कुछ बीमारियां खामोशी से शरीर को जकड़ने लगती हैं। 2025 की Summer रिकॉर्ड तोड़ रही है और ऐसे में लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
सामग्री की तालिका
तो आखिर कौन सी हैं वो तीन बीमारियां जो Summer में सबसे ज्यादा खतरा बनती हैं?
चलिए जानते हैं उनके बारे में और समझते हैं कैसे आप खुद को और अपने परिवार को इस खतरे से बचा सकते हैं।
1. हीटस्ट्रोक: Summer का खामोश और जानलेवा हमला
हीटस्ट्रोक क्या है?
हीटस्ट्रोक सबसे गंभीर Summer से जुड़ी बीमारी है। जब शरीर का तापमान 104°F (40°C) से ऊपर चला जाता है और शरीर खुद को ठंडा करने में असमर्थ हो जाता है, तो यह स्थिति बनती है। समय पर इलाज न मिलने पर यह जानलेवा हो सकता है।
यह क्यों खतरनाक है?
- यह अचानक होता है और चेतावनी के संकेत नहीं देता
- पसीना आना बंद हो सकता है, जिससे पहचानना मुश्किल हो जाता है
- मानसिक भ्रम, बेहोशी, और दौरे तक आ सकते हैं
- समय पर इलाज न मिले तो मौत भी हो सकती है
किन लोगों को ज्यादा खतरा है?
- बुजुर्ग और छोटे बच्चे
- खुले मे काम करने वाले लोग (जैसे मजदूर, ट्रैफिक पुलिस)
- खिलाड़ी या एक्सरसाइज करने वाले लोग
- हृदय या सांस से संबंधित रोगियों को
लक्षण
- शरीर का अत्यधिक गर्म होना
- तेज़ दिल की धड़कन और सांस
- त्वचा का सूखा, लाल और गर्म होना
- भ्रम, चिड़चिड़ापन या बेहोशी
- दौरे आना
बचाव के उपाय
- हर घंटे पानी पिएं, भले ही प्यास न लगी हो
- दोपहर 11 बजे से 4 बजे के बीच धूप में जाने से बचें
- ढीले और हल्के रंग के कपड़े पहनें
- खुले में काम करते समय बार-बार आराम करें
- बच्चों और पालतू जानवरों को कभी भी बंद गाड़ी में न छोड़ें
- बाहर जाते समय सिर ढकें और गीले कपड़े या कूलिंग टॉवल का उपयोग करें
2. डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट की कमी: शरीर की छिपी हुई दुश्मन
डिहाइड्रेशन क्या है?
जब शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है, तो उसे डिहाइड्रेशन कहते हैं। Summer में यह स्थिति बहुत तेज़ी से हो सकती है। पसीने के साथ हमारे शरीर से सोडियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे ज़रूरी इलेक्ट्रोलाइट भी निकल जाते हैं।
क्यों है ये खतरनाक?
- हल्का डिहाइड्रेशन थकान, सिरदर्द और चक्कर ला सकता है
- गंभीर डिहाइड्रेशन से किडनी फेल होना, दौरे और कोमा तक हो सकता है
- छोटे बच्चे और बुजुर्ग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं
कैसे होता है?
- अत्यधिक पसीना और पानी की कमी
- Summer में पानी न पीना
- चाय, कॉफी या शराब जैसे मूत्रवर्धक पदार्थों का सेवन
- दस्त या उल्टी जैसी बीमारियों के कारण
लक्षण
- मुंह का सूखना
- गाढ़े पीले रंग का पेशाब या पेशाब की मात्रा में कमी
- थकान, चक्कर, सिरदर्द
- मांसपेशियों में ऐंठन
- मानसिक भ्रम
बचाव के उपाय
- दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं
- नींबू पानी, नारियल पानी, ORS का सेवन करें
- खीरा, तरबूज, संतरा जैसे पानी युक्त फल खाएं
- सॉफ्ट ड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक से बचें
- हमेशा साथ में पानी की बोतल रखें और अलार्म लगाएं
Summer के लिए ट्रेंडी कॉटन पैंट सूट डिज़ाइन
3. फूड और वॉटरबॉर्न बीमारियां: गर्मियों की गंदी सच्चाई
यह क्या होती हैं?
गर्मियों में बैक्टीरिया और वायरस बहुत तेजी से फैलते हैं। गंदा पानी, खुले में रखा खाना और खराब स्वच्छता मिलकर पेट की कई बीमारियों को जन्म देते हैं — जैसे कि ई.कोलाई, साल्मोनेला, कॉलरा, रोटावायरस आदि।
Summer में क्यों बढ़ती हैं ये बीमारियां?
- गर्म तापमान में बैक्टीरिया जल्दी पनपते हैं
- सड़क का खाना जल्दी खराब होता है
- पीने का साफ पानी नहीं मिल पाता
- फ्रिज या बिजली की कटौती से खाना जल्दी सड़ता है
सामान्य बीमारियां
- गैस्ट्रोएन्टेराइटिस (पेट का फ्लू)
टाइफॉइड - कॉलरा
- हेपेटाइटिस ए
- फूड पॉइजनिंग
लक्षण
- उल्टी और दस्त
- पेट दर्द, मरोड़ और गैस
- बुखार और शरीर में ठंड लगना
- तेज़ डिहाइड्रेशन
बचाव के उपाय
- केवल उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पिएं
- खुले और कच्चे सड़क के खाने से बचें
- फल और सब्जियों को अच्छे से धोएं
- बचे हुए खाने को तुरंत फ्रिज में रखें
- हाथों की सफाई पर ध्यान दें
- बिजली कटौती के बाद खाने की जांच ज़रूर करें
मानसिक स्वास्थ्य भी Summer से प्रभावित होता है
Summer न केवल शरीर, बल्कि दिमाग पर भी असर डालती है। चिड़चिड़ापन, नींद की कमी और तनाव की समस्या बढ़ सकती है। ऐसे में मानसिक रूप से भी खुद को शांत और मजबूत रखना जरूरी है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए उपाय
- अच्छी नींद लें, कमरे को ठंडा रखें
- दोपहर में स्क्रीन टाइम कम करें
- योग, मेडिटेशन और जर्नलिंग करें
- दोस्तों और परिवार के संपर्क में रहें
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कब डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है?
अगर इन लक्षणों में से कोई भी दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
- बार-बार उल्टी या दस्त
- बेहोशी या चक्कर आना
- तेज़ धड़कन या सांस
- दौरे आना
- पसीना न आना
समय पर इलाज ज़िंदगी बचा सकता है।
गर्मियों में सुरक्षा के लिए चेकलिस्ट
सावधानी | उद्देश्य |
हर घंटे पानी पिएं | शरीर को हाइड्रेट रखना |
धूप में जाने से बचें | हीटस्ट्रोक से बचाव |
हल्के और ढीले कपड़े पहनें | पसीने का संचार आसान हो |
खाना ताज़ा और ठंडा रखें | फूड पॉइजनिंग से बचाव |
सड़क का खाना न खाएं | संक्रमण से बचाव |
हाथ धोना न भूलें | पेट के रोगों से सुरक्षा |
बच्चों और बुजुर्गों का खास ध्यान रखें | वे अधिक संवेदनशील होते हैं |
निष्कर्ष
Summer का मौसम केवल मस्ती का नहीं, बल्कि सतर्कता का मौसम है। हीटस्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और खाने-पानी से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। लेकिन अगर आप समय पर सावधानी बरतें, तो इन खतरों से आसानी से बचा जा सकता है।
समझदारी ही सुरक्षा है। इस Summer सतर्क रहें, सुरक्षित रहें और स्वस्थ रहें।
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