SC ने सोमवार, 5 मई 2025 को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार नहीं किया। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने स्पष्ट किया कि वे इस याचिका पर आगे नहीं बढ़ेंगे, हालांकि एक संक्षिप्त आदेश पारित किया जाएगा।
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यह याचिका अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर की गई थी, जिसमें दुबे के उन बयानों को न्यायपालिका की गरिमा पर हमला बताते हुए अवमानना की कार्रवाई की मांग की गई थी। दुबे ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था कि “सुप्रीम कोर्ट देश को अराजकता की ओर ले जा रहा है” और “मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना देश में गृह युद्धों के लिए जिम्मेदार हैं”।
SC ने दुबे के खिलाफ अवमानना याचिका नहीं मानी
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने 22 अप्रैल को एक प्रस्ताव पारित कर दुबे के बयानों की निंदा की और उन्हें न्यायपालिका की अवमानना करार दिया। SCBA ने भारत के अटॉर्नी जनरल से दुबे के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की अनुमति देने का अनुरोध किया।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह भी स्पष्ट किया कि अवमानना याचिका दायर करने के लिए अदालत की अनुमति की आवश्यकता नहीं है, लेकिन इसके लिए अटॉर्नी जनरल की स्वीकृति आवश्यक है।
दुबे के बयानों के बाद भारतीय जनता पार्टी ने उनसे दूरी बना ली है। पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि ये दुबे के व्यक्तिगत विचार हैं और पार्टी न्यायपालिका का सम्मान करती है।
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