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NewsnowदेशNotes Ban Valid 2016: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश

Notes Ban Valid 2016: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश

न्यायाधीशों ने कहा कि केंद्र को आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड से परामर्श के बाद कार्रवाई करने की आवश्यकता है और दोनों के बीच छह महीने तक परामर्श हुआ।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2016 के Notes Ban के फैसले का समर्थन किया और कहा कि इस फैसले को सिर्फ इसलिए गलत नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि केंद्र ने इसे शुरू किया था।

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आनुपातिकता के आधार पर विमुद्रीकरण की कवायद को रद्द नहीं किया जा सकता है।

SC's big order on Notes Ban Valid 2016

न्यायाधीशों ने कहा कि केंद्र को आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड से परामर्श के बाद कार्रवाई करने की आवश्यकता है और दोनों के बीच छह महीने तक परामर्श हुआ।

Notes Ban के फैसले को चुनौती दी गई थी

SC's big order on Notes Ban Valid 2016

याचिकाओं में नवंबर 2016 के केंद्र के 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को चुनौती दी गई थी। इस कदम की वजह से रातों-रात 10 लाख करोड़ रुपये चलन से बाहर हो गए।

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Notes Ban को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अड़तालीस याचिकाएँ दायर की गईं, जिसमें तर्क दिया गया कि यह सरकार का एक सुविचारित निर्णय नहीं था और अदालत द्वारा इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए।

SC's big order on Notes Ban Valid 2016

सरकार ने तर्क दिया कि जब कोई ठोस राहत नहीं दी जा सकती है तो अदालत किसी मामले का फैसला नहीं कर सकती है। केंद्र ने कहा, यह “घड़ी को पीछे करना” या “तले हुए अंडे को खोलना” जैसा होगा।

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