नई दिल्ली: एक साल से अधिक समय से बड़े पैमाने पर किसान विरोध के बीच तीन विवादास्पद Farm Laws को रद्द करने का एक विधेयक आज संसद में चार मिनट के भीतर बिना चर्चा के पारित कर दिया गया।
Farm Laws निरसन विधेयक, 2021 को लोकसभा में दोपहर 12.06 बजे पेश किया गया और दोपहर 12.10 बजे पारित किया गया। विपक्षी बेंचों के जोरदार विरोध के बीच कुछ ही सेकंड में सदन को स्थगित कर दिया गया। कुछ ही देर बाद सरकार ने उम्मीद जताई कि आज राज्यसभा में भी इसे मंजूरी मिल जाएगी।
संसद के शीतकालीन सत्र के शुरुआती दिन में व्यवधान को लेकर दो स्थगनों के बीच पलक झपकते ही कार्यवाही रुक गई।
जब 2020 में तीन Farm Laws पारित किए गए, तो विपक्ष ने सरकार पर बिना ज्यादा चर्चा के इसे उलझाने का आरोप लगाया था।
Farm Laws पर सरकार सवालों का सामना करने से बचना चाहती है।
विपक्ष ने आज आरोप लगाया कि सरकार चुनावों से ठीक पहले विधेयकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यू-टर्न पर सवालों का सामना करने से बचना चाहती है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “हमने लखीमपुर खीरी घटना और आदेशों के बारे में बोलने के लिए निरसन विधेयक पर चर्चा की मांग की। बिना चर्चा के विधेयक पारित कर दिया गया।”
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह बात कही, जब विरोध कर रहे किसानों को एक केंद्रीय मंत्री के बेटे द्वारा संचालित एक एसयूवी द्वारा कथित रूप से कुचल दिया गया था।
विपक्ष ने सत्र शुरू होने से ठीक पहले पीएम मोदी के शब्दों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार सभी सवालों का जवाब देने को तैयार है।
लोकसभा सदस्य ने कहा, “अतीत में छह निरसन विधेयक आए हैं, लेकिन पहले सभी मौकों पर चर्चा हुई थी। सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष बोलें।” उनके कांग्रेस सहयोगी शशि थरूर ने भी सरकार के आचरण पर कड़ी आपत्ति जताई।
श्री थरूर ने कहा, “उन्होंने जो किया वह गलत है। हम न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और विरोध के दौरान मारे गए किसानों के मुआवजे की गारंटी देने वाले कानून की किसानों की मांग को उठाना चाहते थे। लेकिन सरकार ने हमें वह मौका देने से इनकार कर दिया।”
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, “यह सरकार चर्चा नहीं चाहती। उन्हें बहस से समस्या है।”
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि Farm Laws निरसन विधेयक अब पारित होने के लिए राज्यसभा में जाएगा।
जोशी ने कहा, “मांग थी कि Farm Laws को वापस लिया जाए। यहां तक कि विपक्ष ने भी इसका समर्थन किया। जब हम विधेयक ला रहे थे तो उन्होंने सदन को बाधित करना शुरू कर दिया। वे विरोध क्यों कर रहे थे? यह जानबूझकर किया गया था।”