केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा CBSE Board Exam ने अपनी बोर्ड परीक्षाओं में न्यूनतम पासिंग मार्क्स निर्धारित किए हैं ताकि छात्रों का निष्पक्ष मूल्यांकन किया जा सके। पासिंग क्राइटेरिया को समझने से छात्रों को प्रत्येक विषय में सफलता प्राप्त करने के लिए अधिक प्रभावी ढंग से तैयारी करने में मदद मिलती है। यहाँ, हम पासिंग मार्क्स की आवश्यकताओं, विषय-विशेष आवश्यकताओं, ग्रेडिंग सिस्टम, फेल होने के परिणाम और सफलता के लिए महत्वपूर्ण सुझावों पर चर्चा करेंगे।
Table of Contents
1. CBSE Board Exam में पासिंग मार्क्स का अवलोकन
CBSE Board Exam ने प्रत्येक विषय के लिए न्यूनतम पासिंग स्कोर निर्धारित किया है। 2025 की बोर्ड परीक्षा में उपस्थित होने वाले छात्रों के लिए आवश्यकताएँ निम्नलिखित हैं:
- न्यूनतम अंक आवश्यकता: छात्रों को प्रत्येक विषय में, थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में, पास होने के लिए कम से कम 33% अंक प्राप्त करने होंगे।
- कुल औसत: विषय-विशेष स्कोर के अलावा, छात्रों को प्रत्येक विषय में व्यक्तिगत रूप से पास होते हुए एक सामान्य औसत बनाए रखना चाहिए।
यह 33% नियम कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं दोनों के CBSE Board Exam के लिए लागू होता है और इसे थ्योरी और प्रैक्टिकल के लिए अलग-अलग रूप से गिना जाता है।
2. विषय के प्रकार के अनुसार मार्क्स का विभाजन
प्रत्येक विषय का मूल्यांकन विभिन्न घटकों में किया जा सकता है
- थ्योरी-आधारित विषय: अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, और गणित जैसे विषयों में आम तौर पर 100 अंकों का थ्योरी पेपर होता है। इन विषयों में पास होने के लिए छात्रों को कम से कम 33 अंक प्राप्त करने होते हैं।
- प्रैक्टिकल-उन्मुख विषय: विज्ञान के विषय (जैसे फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) और कंप्यूटर साइंस जैसे अन्य एप्लाइड फील्ड्स में अक्सर प्रैक्टिकल परीक्षाएं होती हैं। इन विषयों में:
- थ्योरी कम्पोनेंट: 70 अंकों में से 33% (लगभग 23 अंक)।
- प्रैक्टिकल कम्पोनेंट: 30 अंकों में से 33% (10 अंक)।
3. आंतरिक मूल्यांकन और प्रोजेक्ट वर्क
थ्योरी और प्रैक्टिकल परीक्षा के अलावा, CBSE कई विषयों में आंतरिक मूल्यांकन और प्रोजेक्ट वर्क भी शामिल करता है। ये मूल्यांकन बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये न केवल कुल अंकों में जोड़ते हैं बल्कि छात्रों को अपने औसत प्रतिशत को बनाए रखने में भी मदद करते हैं:
1.आंतरिक मूल्यांकन: कई विषयों में, विशेष रूप से माध्यमिक स्तर पर, आंतरिक मूल्यांकन के लिए 20-30 अंक निर्धारित होते हैं (जैसे कि पीरियाडिक टेस्ट, असाइनमेंट, और नोटबुक सबमिशन)। इन आंतरिक मूल्यांकनों में अच्छे अंक प्राप्त करने से कुल अंकों में वृद्धि होती है।
2.प्रोजेक्ट वर्क और प्रैक्टिकल सबमिशन: प्रैक्टिकल या प्रोजेक्ट-आधारित विषयों में, छात्रों को अक्सर प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने या प्रयोग करने की आवश्यकता होती है। इन घटकों में भी पास होने के लिए न्यूनतम 33% अंक आवश्यक हैं।
4. ग्रेडिंग सिस्टम
CBSE Board Exam के लिए एक ग्रेडिंग सिस्टम का उपयोग करता है, जो छात्र के प्रदर्शन का एक गुणात्मक प्रतिनिधित्व है। ग्रेड A1 (सर्वोच्च) से E (फेल) तक होते हैं:
1. A1: 91-100 अंक
2. A2: 81-90 अंक
3. B1: 71-80 अंक
4. B2: 61-70 अंक
5. C1: 51-60 अंक
6. C2: 41-50 अंक
7. D: 33-40 अंक (न्यूनतम पासिंग ग्रेड)
8. E: 33 अंकों से कम (फेल)
33 अंकों से कम स्कोर करने पर “E” ग्रेड मिलता है, जो फेल होने का संकेत है।
5. पासिंग मार्क्स प्राप्त नहीं कर पाने के परिणाम
यदि छात्र किसी भी विषय में 33% अंक प्राप्त नहीं कर पाते, तो उनके पास कुछ विकल्प उपलब्ध होते हैं:
1.कंपार्टमेंट परीक्षा: CBSE Board Exam छात्रों को कंपार्टमेंट परीक्षा के माध्यम से अपने अंकों में सुधार करने का मौका देता है, जो आमतौर पर मुख्य परीक्षा के कुछ महीने बाद आयोजित होती है।
2.पूरक परीक्षा: जो छात्र कंपार्टमेंट प्रयास के बाद भी पास नहीं कर पाते हैं, वे पूरक परीक्षा के माध्यम से पास होने का एक और अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
3.पुनर्मूल्यांकन और पुन: जांच: यदि कोई छात्र महसूस करता है कि वह पास होने के करीब था और अंकों में कोई त्रुटि हो सकती है, तो CBSE पुनर्मूल्यांकन और पुन: जांच की अनुमति देता है।
6. प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन का महत्व
प्रैक्टिकल परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन छात्रों को लिखित परीक्षा से अलग अतिरिक्त स्कोरिंग अवसर प्रदान करते हैं। कई छात्र प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन में बेहतर प्रदर्शन करते हैं, जो थ्योरी में कम अंक की भरपाई कर सकता है।
7. CBSE Board Exam में पासिंग क्राइटेरिया पूरा करने के टिप्स
छात्रों को न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करने और बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए यहाँ कुछ अध्ययन रणनीतियाँ दी गई हैं:
1.सिलेबस और परीक्षा पैटर्न को समझें: सिलेबस और प्रश्नों के प्रकार को समझना बहुत महत्वपूर्ण है।
2.महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित करें: उन मुख्य विषयों पर ध्यान केंद्रित करना जिनका अधिक वेटेज है, पासिंग अंक प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
3.पिछले वर्षों के पेपर हल करें: पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल करने से परीक्षा पैटर्न और समय प्रबंधन में मदद मिलती है।
4.प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट वर्क को प्राथमिकता दें: आंतरिक मूल्यांकन और प्रैक्टिकल परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करना कुल अंकों में जोड़ता है।
5.शिक्षकों से मार्गदर्शन लें: विशेष रूप से प्रैक्टिकल वाले विषयों में, संदेह को दूर करने के लिए शिक्षकों और ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करें।
CBSE Board Exam 2025: कक्षा 10वीं, 12वीं परीक्षा में पास होने के लिए 33 प्रतिशत अंक जरूरी
8. CBSE Board Exam पासिंग मार्क्स के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- यदि कोई छात्र एक विषय में फेल हो जाए तो क्या होता है?
वे कंपार्टमेंट परीक्षा दे सकते हैं, जो परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद आयोजित होती है।
- क्या थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में अलग-अलग पास होना अनिवार्य है?
हाँ, छात्रों को पास होने के लिए दोनों कंपोनेंट्स में कम से कम 33% अंक प्राप्त करने होंगे।
- क्या आंतरिक मूल्यांकन के अंक अंतिम थ्योरी परीक्षा में कम अंक होने पर मदद कर सकते हैं?
आंतरिक मूल्यांकन के अंक कुल अंकों में जोड़ते हैं, लेकिन थ्योरी कंपोनेंट में भी न्यूनतम 33% अंक आवश्यक होते हैं।
- क्या CBSE ग्रेस मार्क्स प्रदान करता है?
CBSE Board Exam कभी-कभी छात्रों को पासिंग मार्क्स तक पहुँचने के लिए ग्रेस मार्क्स देता है, हालांकि यह बोर्ड के विवेक पर निर्भर करता है।
यह भी पढ़ें: CBSE Board Exam 2025: सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में पास होने के लिए कितने अंक चाहिए?
9. निष्कर्ष
CBSE Board Exam में सफल होने के लिए छात्रों को सभी मूल्यांकन घटकों में 33% न्यूनतम पासिंग क्राइटेरिया को पूरा करना होगा। व्यवस्थित रूप से तैयारी करना, आंतरिक मूल्यांकन का लाभ उठाना, और व्यापक रूप से अभ्यास करना छात्रों को न केवल पास होने बल्कि उत्कृष्टता प्राप्त करने में भी सहायता कर सकता है।
यह लेख CBSE Board Exam2025 में पास होने के लिए आवश्यक न्यूनतम अंकों को पूरा करने के लिए एक संपूर्ण मार्गदर्शिका प्रदान करता है।
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