Waqf Bill 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को प्रस्तुत की गई है। समिति के सदस्य और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इस अवसर पर कहा, “जेपीसी के इतिहास में इस समिति ने जितना काम किया है, उतना किसी अन्य समिति ने नहीं किया है। हमें पूरे देश से 1.5 करोड़ प्रतिनिधित्व मिले और जेपीसी की 38 बैठकें हुईं… मुझे लगता है कि भारत की आजादी के बाद गरीब मुस्लिम परिवारों के अधिकारों के लिए ऐसा कोई विधेयक पेश नहीं किया गया है… वोट बैंक की राजनीति खत्म हो जाएगी।”
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27 जनवरी को आयोजित जेपीसी की बैठक में वक्फ संशोधन अधिनियम पर 44 संशोधनों पर चर्चा की गई थी। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए सांसदों के 14 संशोधनों को स्वीकार किया गया, जबकि विपक्ष के संशोधनों को खारिज कर दिया गया।
विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है। एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “हमें कल रात 655 पन्नों की रिपोर्ट मिली। 655 पन्नों की रिपोर्ट को रातों-रात पढ़ना मानवीय रूप से असंभव है। मैंने उन संशोधनों के खिलाफ असहमति रिपोर्ट दी है जो वक्फ बोर्ड के पक्ष में नहीं हैं। मैं संसद में भी इस विधेयक का विरोध करूंगा।”
Waqf Bill 2024: पारदर्शिता बनाम अल्पसंख्यक अधिकारों पर बहस
कांग्रेस सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने भी असंतोष व्यक्त करते हुए कहा, “कई आपत्तियां और सुझाव आए थे जिन्हें इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है। सरकार ने उनके अनुसार रिपोर्ट बनाई है। असंवैधानिक संशोधन लाए गए हैं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को नुकसान पहुंचाया गया है। अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के लिए संशोधन लाए गए हैं।”
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने विधेयक के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “सरकार का इरादा वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आधुनिकता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाना था और साथ ही निहित स्वार्थों द्वारा कानून के दुरुपयोग को रोकना था, जो देश में सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव की कीमत पर भूमि पर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे थे। ये दोनों उद्देश्य पारित किए गए संशोधनों और अंततः जेपीसी द्वारा स्वीकार की गई रिपोर्ट से पूरे हुए हैं।”
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Waqf Bill 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने के बाद 8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था। विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को विनियमित और प्रबंधित करने से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है।
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