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Sambhal में भूमाफिया सक्रिय, वरिष्ठ अधिवक्ता ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर की उच्चस्तरीय जांच की मांग

डॉ. उठवाल का आरोप है कि इन भूमियों को न तो राजस्व संहिता 2006 की धारा 80 के तहत विधिवत "अकृषक" घोषित कराया गया, और न ही अनुसूचित जाति की भूमि को विक्रय के लिए सक्षम प्राधिकारी की अनुमति ली गई।

Sambhal में भूमाफियाओं की बढ़ती गतिविधियों को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अमित कुमार उठवाल एडवोकेट ने मुख्यमंत्री, शासन और प्रशासन के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर गंभीर चिंता जताई है। अपने पत्र में उन्होंने अवगत कराया कि सम्भल की सदर तहसील अंतर्गत विकसित राजस्व ग्राम—मुजाहिदपुर, मुजफ्फरपुर, फर्रखपुर, फिरोजपुर, असमोली, मखदुमपुर, पंवासा, बबैना और घुरैटा—में भूमाफिया सक्रिय रूप से अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की कृषि भूमि को नियमों को दरकिनार कर गैर-अनुसूचित जाति के लोगों को बेच रहे हैं।

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डॉ. उठवाल का आरोप है कि इन भूमियों को न तो राजस्व संहिता 2006 की धारा 80 के तहत विधिवत “अकृषक” घोषित कराया गया, और न ही अनुसूचित जाति की भूमि को विक्रय के लिए सक्षम प्राधिकारी की अनुमति ली गई। इसके बावजूद इन भूमियों को आवासीय भूखंड बताते हुए मीटर में मूल्यांकन कर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराई जा रही है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस पूरे अनियमित क्रियाकलाप में उपनिबंधक सम्भल और संबंधित राजस्व अधिकारियों एवं कर्मचारियों का संरक्षण प्राप्त है। अधिकारियों ने बिना विधिक परीक्षण किए ऐसे विक्रय पत्रों पर नामांतरण आदेश पारित कर दिए, जिससे अनुसूचित जाति के नामों को हटाकर गैर-अनुसूचित जाति के लोगों के नाम अभिलेखों में दर्ज कर दिए गए—जो स्पष्ट रूप से एक गंभीर विधिक त्रुटि है।

डॉ. अमित कुमार उठवाल ने मांग की है कि इन सभी राजस्व ग्रामों में गत पाँच वर्षों में पंजीकृत आवासीय बैनामों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषी भूमाफियाओं, लाभार्थियों, उपनिबंधकों व संलिप्त अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, उन्होंने इन विवादित भूखंडों को राज्य संपत्ति घोषित कर उचित विधिक प्रक्रिया अपनाने का अनुरोध किया है।

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