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Supreme Court: किसानों की ट्रैक्टर रैली के खिलाफ अर्ज़ी पर कल सुनवाई

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New Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसान संगठनों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रेली के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई होगी। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने अर्ज़ी दाखिल कर कहा है कि गणतंत्र दिवस परेड राष्ट्रीय गौरव से जुड़ा कार्यक्रम है। आंदोलन (Farmers Protest) के नाम पर देश की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी की इजाज़त नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से दिल्ली पुलिस ने इस रैली पर रोक लगाने की मांग की है। कोर्ट ने इस अर्ज़ी पर किसान संगठनों को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है।

Farmers Protest With Tractor March: बातचीत से पहले किसानों का शक्ति प्रदर्शन

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पिछले हफ्ते हुई सुनवाई में किसान आंदोलन (Farmers Protest) में संदिग्ध संगठनों की सक्रियता पर भी संज्ञान लिया था। एक अर्ज़ी में कोर्ट को बताया गया था कि आंदोलन में कनाडा के संगठन ‘सिख फ़ॉर जस्टिस’ के बैनर लहरा रहे हैं। इस बात की आशंका है कि अलग खालिस्तान का समर्थक यह संगठन आंदोलन के लिए फंड उपलब्ध करवा रहा है। कई देश विरोधी घटनाओं में संदिग्ध PFI भी आंदोलन को भड़काने में लगा है। चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस बात को गंभीर बताते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र से जवाब दाखिल करने को कहा था। सुनवाई में इसकी भी चर्चा होगी।

सरकार-किसान संगठनों के बीच 9वें राउंड की बातचीत भी बेनतीजा

बता दें कि पिछले 53 दिनों से दिल्ली से लगी सीमाओं पर किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) जारी है। किसान और सरकार के बीच अब तक नौ दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकल पाया। किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वो वापस नहीं जाएंगे। स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने रविवार को कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन किसान दिल्ली में ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) निकालेंगे। इस दौरान सभी ट्रैक्टरों पर तिरंगा लगा होगा। साथ ही वो आउटर रिंग रोड पर मार्च करेंगे। इसके लिए हजारों ट्रैक्टरों को तैयार किया जा रहा है। योगेंद्र यादव ने साफ किया कि ये रैली राजपथ से बहुत दूर होगी, ऐसे में आधिकारिक गणतंत्र दिवस समारोह में कोई व्यवधान पैदा नहीं होगा।

Farm Laws: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई सोमवार को, 19 जनवरी को होगी समिति की बैठक

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New Delhi: शीर्ष अदालत (Supreme Court) तीन विवादास्पद कृषि कानूनों (Farms Law) और दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान प्रदर्शनों संबंधी याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत गतिरोध को समाप्त करने के लिए बनाई गई समिति के एक सदस्य के स्वयं को अलग कर लेने के मामले पर भी गौर कर सकती है। 

वहीं अदालत दिल्ली पुलिस द्वारा दायर की गई केंद्र सरकार की उस याचिका पर भी सुनवाई करेगी, जिसमें 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित ट्रैक्टर या ट्रॉली मार्च या किसी अन्य तरह के प्रदर्शन पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।

Farmers Protest With Tractor March: बातचीत से पहले किसानों का शक्ति प्रदर्शन

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े की अगुवाई में न्यायालय की एक पीठ ने एक अंतरिम आदेश में अगले आदेश तक नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी और शिकायतों को सुनने तथा गतिरोध के समाधान पर अनुशंसा करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था। 

समिति की बैठक 19 जनवरी को  

नए कृषि कानूनों (Farm Laws) पर उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के यहां पूसा परिसर में 19 जनवरी को अपनी पहली बैठक करने का कार्यक्रम है। समिति के सदस्यों में शामिल अनिल घनवट ने रविवार को यह जानकारी दी। 

सरकार-किसान संगठनों के बीच 9वें राउंड की बातचीत भी बेनतीजा

शीर्ष न्यायालय (Supreme Court) ने केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों (Farm Laws) के क्रियान्वयन पर 11 जनवरी को अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी। साथ ही, न्यायालय ने गतिरोध का हल निकालने के लिए चार सदस्यीय एक समिति भी नियुक्त की थी। हालांकि, भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान पिछले हफ्ते समिति से अलग हो गए थे। 

On Farm Laws Hearing in Supreme Court on Monday and Committee meeting on January 19
समिति से भूपेंद्र सिंह मान ने खुद को अलग किया

SC द्वारा बनाई गयी समिति से भूपेंद्र सिंह मान ने खुद को अलग किया

बता दें कि नए कृषि कानूनों (Farm Laws)  के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब 53 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। घनवट के अलावा, कृषि-अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और प्रमोद कुमार जोशी समिति के दो अन्य सदस्य हैं। शेतकारी संगठन (महाराष्ट्र) के प्रमुख घनवट ने कहा कि हम लोग पूसा परिसर में 19 जनवरी को बैठक कर रहे हैं। भविष्य की रणनीति पर फैसला करने के लिए सिर्फ सदस्य ही बैठक में शामिल होंगे।

Farm Laws: NIA के जरिए हमें डराने-धमकाने की कोशिश हो रही है

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New Delhi: किसान नेताओं ने कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि पंजाब और दूसरी जगह में एनआईए (NIA) ने कुछ केस बनाने शुरू किए है। एनआईए (NIA) हमारी मदद करने वालों पर राजद्रोह का केस बना रही है। उन्होनें कहा कि सरकार के साथ बैठक में हमें सबसे पहले ये बात रखी थी। तब तोमर जी ने वादा किया था की हम संज्ञान लेंगे। आज संयुक्त किसान मोर्चा इस मामले की निंदा करता है। हम हर तरह से इसका मुकाबला करेंगे।

किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा को NIA का समन

स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान मार्च का आयोजन 26 जनवरी को दिल्ली के अंदर होगा। आऊटर रिंग रोड़ पर दिल्ली की परिक्रम करके ये मार्च किया जाएगा। हम आशा करते है दिल्ली और हरियाणा की पुलिस इसमें कोई बाधा ना करे। उन्होनें कहा कि यह परेड शांति पुण रहेगी, किसी प्रकार का हथियार और भडकाऊ भाषण नही होगें। योगेंद्र यादव ने कहा कि गणतंत्र दिवस की परेड पर कोई विघन नही डाला जाएगा। योगेंद्र यादव ने कहा कि किसी चीज पर कब्जा नही किया जाएगा। लाल किला, संसद भवन पर कब्जे करने की जो बात हो रही है ऐसा कुछ नही होने वाला है। 

Farmers Protest With Tractor March: बातचीत से पहले किसानों का शक्ति प्रदर्शन

किसान नेता ने कहा कि 19 जनवरी को सरकार से साथ बैठक पर कृषि मंत्री का बयान बता रहा है की देश के किसान इस कानून (Farm Laws) से खुश है। जो सरकार की मंशा बताता है। हम 19 को जवाब लेने जरूर जायेंगे। ऐसा बिल्कुल नही लगने देंगे की किसान बातचीत के लिए तैयार नही है।

किसान यूनियनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं।

Farmers Protest: भारी संख्या में किसान कर रहे हैं कृषि कानूनों का समर्थन, बीजेपी सांसद

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Ballia: उत्तर प्रदेश (UP) के बलिया (Ballia) में बीजेपी सांसद एवं भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह मस्त ने किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर कहा कि देश और दुनिया में जितने भी किसान आंदोलन (Farmers Protest) हुए हैं उसका चुनावी राजनीति से कोई सरोकार नहीं है. उन्होंने कहा कि एक किसान होने के नाते ”मैं कह सकता हूं कि ये जो किसान कानून बना है उसका भारी संख्या में किसानों का समर्थन है. ये पूरे देश के किसानों का आंदोलन नहीं है. किसान आंदोलन (Farmers Protest) के नाम पर बिहार के चुनाव में मिली हार के बाद बंगाल के चुनाव का रिहर्सल है.”

BJP विधायक बोले- दिल्ली में किसान नहीं, खालिस्तान व पाकिस्तान जिंदाबाद वाले बैठे हैं

बता दें हाल ही में बीजेपी सांसद ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि ”कुछ हरामखोरों ने किसानों के मन में शंका पैदा कर दी है. वे आंदोलन (Farmers Protest) करने वाले किसानों को भड़का रहे हैं. किसान कल्याण मिशन के अंतर्गत गाजीपुर जिले के भांवरकोल ब्लॉक मुख्यालय और बाराचवर स्थित रामलीला मैदान में बुधवार को कृषि विभाग की ओर से किसान मेला, गोष्ठी एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था. इसमें सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि था कि ”किसान आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे हैं और कुछ हरामखोरों ने किसानों के मन में शंका पैदा कर दी है, इससे किसान चिंतित हैं.”

बीजेपी ने नए कृषि कानूनों के पक्ष में माहौल बनाने की व्यापक प्लानिंग की

वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा ये भी कहा था कि ”20 हजार लोग मिलकर कानून बदलने की बात कर रहे हैं. इन लोगों को कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका पर भरोसा नहीं है. ये लोग लोकतंत्र की बात कर रहे हैं.”

Farmers Protest: किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा को NIA का समन

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New Delhi: किसान आंदोलन (Farmers Protest) का आज (16 जनवरी) 52वां दिन है। 26 नवंबर से किसान कड़कड़ती ठंड में कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। इस दौरान लगभग 60 से अधिक किसान शहीद हो चुके हैं। सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है। सरकार अपनी जिद्द पर अड़ी और किसान भी मानने को तैयार नहीं है। ऐसे में सरकार पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। 

किसानों ने लोहड़ी पर्व पर नये कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध जताया।

दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा को 17 जनवरी को दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय में पेश होने को कहा है। इसके बाद सिरसा ने कहा कि किसानों का समर्थन करने की कीमत चुका रहा हूं। सरकार विरोध को दबाने के लिए मेरी बोली लगा रही है। इसलिए सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। 

26 जनवरी को बड़े आंदोलन की तैयारी में किसान, पंजाब में हजारों वॉलंटियर जुड़े

उधर, एनआईए (NIA) का कहना है कि सिरसा से ‘सिख फॉर जस्टिस’ के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ दर्ज मामले से संबंधित पूछताछ करनी है। पन्नू पर ‘भय और अराजकता का माहौल बनाकर लोगों में असंतोष पैदा कर उन्हें भारत सरकार के खिलाफ विद्रोह के लिए उकसाने’ का आरोप है।

वहीं, सिरसा ने इस समन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार किसान आंदोलन (Farmers Protest) को पटरी से उतारने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के जरिये आंदोलन (Farmers Protest) को कमजोर करने की कोशिश की और अब यह एनआईए (NIA) का सहारा ले रही है। इससे पहले मंगलवार को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि सरकार को जानकारी मिली है कि किसान आंदोलनों (Farmers Protest) में खालिस्तान समर्थित लोग घुसे हुए हैं। हालांकि, किसानों की मौत पर सरकार ने चुप्पी साधी हुई है। 

BJP विधायक बोले- दिल्ली में किसान नहीं, खालिस्तान व पाकिस्तान जिंदाबाद वाले बैठे हैं

सिरसा ने आगे कहा, “हमें इससे फर्क नहीं पड़ता। हम झुकेंगे नहीं। NIA दिन रात काम कर 26 जनवरी को होने वाली किसान परेड रोकने की कोशिश कर रही है। वहीं सरकार इस आंदोलन (Farmers Protest) को बदनाम करने पर अड़ी हुई है।”

देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) शनिवार को 52वें दिन जारी है। कृषि सुधार पर तकरार के बीच आंदोलन की राह पकड़े किसानों की अगुवाई करने वाले यूनियन और सरकार से नौ बार मिल चुके हैं, फिर भी मन नहीं मिला है। नये कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर किसानों के मन में पैदा हुई आशंकाओं का समाधान तलाशने के लिए किसान यूनियनों के नेताओं के साथ शुक्रवार को करीब पांच घंटे मंथन के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकलने पर सरकार को फिर मिलने की अगली तारीख तय करनी पड़ी। अब 19 जनवरी को फिर अगले दौर की वार्ता होगी।

बीजेपी ने नए कृषि कानूनों के पक्ष में माहौल बनाने की व्यापक प्लानिंग की

किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने शनिवार को कहा कि वह रविवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के समक्ष पेश नहीं हो पाएंगे, क्योंकि उनकी पोती की शादी है और इसी सिलसिले में वह सात फरवरी तक पारिवारिक कार्यों में व्यस्त रहेंगे।उन्होंने कहा कि उन्हें शॉर्ट नोटिस पर व्हाट्सएप (Whatsapp) पर नोटिस मिला है। सिरसा ने स्पष्ट किया कि एजेंसी की ओर से उन्हें तलब किए जाने से संबंधित कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है।

दरअसल, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी फंडिंग से जुड़े मामले में किसान संगठन के नेता बलदेव सिंह सिरसा को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी (एलबीआईडब्ल्यूएस) के अध्यक्ष सिरसा का संगठन उन किसान संगठनों में शामिल है, जो केंद्र के साथ बातचीत में शामिल है।

सरकार-किसान संगठनों के बीच 9वें राउंड की बातचीत भी बेनतीजा

एनआईए (NIA) के समन के अनुसार, बलदेव सिंह सिरसा को 17 जनवरी को पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश होना है। यहां मीडिया से बात करते हुए सिरसा ने केंद्र सरकार पर विभिन्न तरीकों को अपनाकर किसानों के विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) को पटरी से उतारने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

UP: दुष्कर्म (Rape) का वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने वाला गिरफ्तार

UP:  उत्तर प्रदेश (UP) के प्रतापगढ़ जिले के थाना लालगंज कोतवाली पुलिस में एक महिला अधिकारी ने शाहजहांपुर के एक आदमी के खिलाफ उसके साथ कथित दुष्कर्म (Rape) कर अश्लील वीडियो बनाने और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने इसकी जानकारी देते हुये बताया कि आरोपी को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

नाबालिग से जानकार ने दोस्तों के साथ मिलकर किया गैंगरेप

थाना प्रभारी और पुलिस निरीक्षक राम आधार ने बताया कि लालगंज तहसील में तैनात एक महिला अधिकारी ने बीते दो जनवरी को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि शाहजहांपुर जिले के बसंतपुर निवासी गुरविंदर सिंह कोचिंग के दौरान उनके साथ मारपीट एवं छेडछाड़ करता था और इस दौरान उसने अधिकारी का आपत्तिजनक वीडियो का फोटो तैयार कर कोचिंग में उसे दिखाया।

तीन साल की बच्ची के साथ गैंगरेप, तीनों आरोपी नाबालिग

तहरीर में आरोप लगाया गया है कि इस दौरान उसकी नौकरी बरेली के एक बैंक में लग गयी और जब वह बरेली में रहती थी तो आरोपी वहां पहुंच कर उसके साथ जबरदस्ती (Rape) करता था। अधिकारी ने बताया कि इसी दौरान पीसीएस परीक्षा पास करने के बाद उसे 2017 में प्रतापगढ़ में तैनाती मिली।

दो सगी बहनों से मकान मालिक ने किया Rape

पुलिस निरीक्षक ने बताया कि महिला अधिकारी के अनुसार आरोपी यहां भी आफ़िसर्स कॉलोनी पहुंच कर उसे परेशान करता था। गत 18 दिसंबर 2020 को गुरविंदर सिंह अपने दो साथियों के साथ आफिसर्स कॉलोनी आया और जोर जबरदस्ती (Rape) का प्रयास किया। बाद में शोर मचाने के बाद वह सब भाग निकले। थाना प्रभारी ने बताया कि मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और विधिक कार्यवाही की जा रही है।