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Covishield Vaccine का इंतजार कर रहे देशों से अदार पूनावाला ने कहा धीरज रखें।

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New Delhi: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) के CEO अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने उन देशों से धीरज रखने का आग्रह किया जो कोरोना वायरस की वैक्सीन कोविडशील्ड (Covishield) का इंतजार कर रहे हैं. SII ही ‘कोविडशील्ड’ टीके का उत्पादन कर रहा है जिसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनका ने विकसित किया है.

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अदार पूना वाला ने आज सुबह अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से लिखा कि प्रिय देशों और सरकारों, जैसा कि आप सभी कोविडशील्ड की आपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं, मैं आप सभी से धैर्य बनाए रखने का अनुरोध करता हूं.

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पूनावाला के अनुसार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) को देश की बड़ी जरूरतों को प्राथमिकता के साथ पूरा करने का निर्देश दिया गया है साथ ही विश्व के अन्य देशों की आवश्यकताओं के साथ संतुलन बनाने 

Mumbai: शादी से इनकार किया तो आशिक ने युवती को चलती ट्रेन के सामने धक्का दिया

Mumbai: महाराष्ट्र , मुंबई (Mumbai) के खार में हैरान करने घटना सामने आई है. महाराष्ट्र के खार में एक सिरफिरे युवक ने एक महिला को इसलिए चलती ट्रेन के सामने धक्का दे दिया क्योंकि उसनें युवक से विवाह करने से इनकार कर दिया था. राहत की बात ये रही कि युवती की जान बाल-बाल बच गई, यह दिल दहला देने वाली वारदात स्टेशन पर लगी सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई. रेलवे पुलिस ने आरोपी सुमेध जाधव को गिरफ्तार कर लिया है. 

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घटना शुक्रवार शाम की है, खार रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म पर जैसे ही गाड़ी आई सुमेध जाधव ने पहले खुद ही लोकल गाड़ी के नीचे आने का नाटक किया, फिर लौटकर युवती को गाड़ी के नीचे धकेलने की कोशिश की. पास में ही खड़ी युवती की मां ने जब शोर मचाया तो लोगों का ध्यान युवक की तरफ गया. भीड़ का ध्यान अपनी तरफ पाने के बाद युवक वहां से भाग गया. 

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बांद्रा जी आर पी के सीनियर पी आई विलास चौगुले ने बताया कि युवती के सिर में चोट आयी है. सूचना मिलते ही मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक दोनों 2 साल पहले एक ही कंपनी में काम करते थे तब उनकी पहचान हुई थी. तभी से सुमेध, युवती से प्रेम करता था लेकिन उसके शराबी स्वभाव से परेशान युवती ने उससे संबंध खत्म कर दिया था. जिससे नाराज होकर युवक ने युवती की जान लेने की कोशिश की. 

Rakesh Tikait: गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की तादाद बढ़ाने के लिए बैठक

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New Delhi: गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) चल रहा है लेकिन फिलहाल रेल के चक्का जाम के बाद आगे क्या? इस सवाल का जवाब खुद भारतीय किसान यूनियन (BKU) नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के पास भी नहीं है. इस बीच, गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या बढ़ाने के लिए शुक्रवार को एक बैठक हुई. बैठक में किसानों की संख्या को स्थिर रखने के लिए एक नई रणनीति बनाई गई. एक के बाद एक पंचायत करने के बाद शुक्रवार को राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) गाजीपुर बार्डर पर पहुंचे. पहले युवा किसान नेता के जन्मदिन पर केक काटा फिर किसानों की बैठक करने चले गए. बढ़ती गर्मी को देखते हुए अब गाजीपुर बॉर्डर पर फ्लाईओवर के नीचे मीडिया और किसान नेताओं के बैठक के लिए नया तंबू तैयार हो रहा है. बैठक में बनाई गई रणनीति के तहत सहारनपुर और मेरठ मंडल के जिलाध्यक्ष दो सौ किसानों के साथ दस-दस दिन के लिए धरने पर बैठेंगे.

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BKU के प्रवक्‍ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा, ‘बैठक करके हमने कहा है कि दो सौ किसानों के साथ धरने पर आएं हालांकि किसानों को खेती भी करनी है.’ किसानों की संख्या कम होने पर उन्होंने कहा कि तादाद बराबर है. कल यहां रैली निकाली गई थी तो काफी संख्या में लोग थे. अब तो हम खुद किसान पंचायत कर रहे हैं तो यहां तादाद बढ़ाकर क्या करेंगे. गौरतलब है कि बढ़ती गर्मी और खेती के लिए किसानों के वापस लौटने की वजह से गाजीपुर बॉर्डर में संख्या घटी है.

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हालांकि अब राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को समर्थन देने के लिए तेलंगाना में मलकागिरी के सांसद और बिहार RJD के नेता भी गाजीपुर बार्डर पहुंच रहे हैं. मार्च में तेलंगाना में भी टिकैत की पंचायत कराने का इरादा है. मलकागिरी तेलंगाना के सांसद, रेवंत रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना और बिहार जैसे राज्यों से भी राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को समर्थन तो मिल रहा है. हालांकि किसान आंदोलन (Farmers Protest) को देश भर से समर्थन मिल रहा है कि करीब दो से तीन हजार किसानों को गाजीपुर बॉर्डर धरना स्थल पर लगातार बनाए रखना और खाना-पानी की व्यवस्था करना एक चुनौती जरूर साबित होगी.

राजस्थान में किसान महापंचायत, Sachin Pilot खेमे का दिखा शक्ति प्रदर्शन

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राजस्थान (Rajasthan) के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने आज (शुक्रवार) जयपुर के पास चाकसू में किसान महापंचायत (Farmers Mahapanchayat) में हिस्सा लिया. पायलट के साथ वो विधायक जो पिछले साल उनके साथ बागी हुए थे, भी नजर आए. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) महापंचायत में शामिल नहीं हुए. कांग्रेस का कहना है कि अपने स्तर पर सभी विधायकों को किसानों का मुद्दा उठाने की आजादी है, लेकिन ये महापंचायत कितना किसान हित में थी और कितना इससे पायलट खेमे का शक्ति प्रदर्शन, ये सबसे बड़ा सवाल है.

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किसान महापंचायत से ज्यादा ये एक राजनीतिक मंच नजर आ रहा था, जहां एक साथ Sachin Pilot गुट के सभी विधायक नजर आए. पहले बागी हो चुके 19 में से 15 विधायक इस आयोजन में नजर आए और दो और अन्य विधायक भी आज इस मंच से जुड़ गए. Sachin Pilot का कहना है कि ये कोई अलग शक्ति प्रदर्शन नहीं बल्कि पार्टी के बैनर तहत ही कार्यक्रम था. ये पार्टी का सामूहिक कार्यक्रम है. ये कांग्रेस का कई महीनों पुराना कार्यक्रम है. प्रदेश अध्यक्ष को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था.

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गौरतलब है कि किसान महापंचायत में काफी संख्या में लोग पहुंचे थे. ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष की गैरमौजूदगी को लेकर सवाल जरूर उठ रहे हैं. चाकसू से कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा, ‘प्रदेश अध्यक्ष शादी समारोह में गए हैं इसलिए वह नहीं आ सके.’ जाहिर है बगावत करने के 8 महीने बाद भी Sachin Pilot के समर्थकों को सरकार में जगह नहीं मिली है और अब प्रदेश में चार उपचुनाव होने हैं. उपचुनाव से पहले सचिन पायलट खेमा अब दोबारा सक्रिय होता नजर आ रहा है.

Farmers Protest: धरने पर बुजर्ग किसान की मौत, अस्‍पताल में चूहों ने कुतरा शव

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New Delhi: सोनीपत के सिविल हॉस्पिटल में शव को लेकर एक बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. यहां किसान आंदोलन (Farmers Protest) में डटे हुए बुजुर्ग राजेंद्र की देर रात संदिग्ध कारणों के चलते मौत हो गई थी. राजेंद्र के शव को सोनीपत के सिविल हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम के लिए रखवाया गया था लेकिन हॉस्पिटल के शवगृह में मृतक की आंख-पैर को चूहों द्वारा कुतरने का मामला सामने आया है. मामले के चलते राजेंद्र के परिजनों ने हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया. मौके पर पहुंचे सीएमओ और पीएमओ की ओर से कार्रवाई के आश्वासन देने के बाद स्थिति शांत हुई. शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है और 3 सदस्य कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए हैं.

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कृषि कानूनों (Farm laws) को रद्द करने की मांग को लेकर कुंडली धरना स्थल पर एक और बुजुर्ग किसान की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई. परिजनों ने देर रात उनका शव  अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में फ्रीजर के अंदर रखवा दिया, जहां पर शव को चूहों ने कुतर दिया. सुबह ग्रामीण व परिजन जब अस्पताल पहुंचे तो इसका पता चला. इस पर नाराजगी जताते हुए ग्रामीणों व परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. उन्होंने लापरवाही बरतने वाले कर्मी पर कार्रवाई की मांग की. मौके पर पहुंचे सीएमओ व पीएमओ ने जांच का आश्वासन दिया, इसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत के कारणों का पता लग सकेगा.

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जानकारी के मुताबिक, गांव बैंयापुर के राजेंद्र सरोहा (70) चार दिन से कुंडली धरना स्थल पर मौजूद थे. वह पहले भी धरना स्थल पर आते-जाते थे, लेकिन चार दिन से गांव रसोई के पास डटे हुए थे. बुधवार देर रात अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई. राजेंद्र को अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. परिजन उनके शव को पोस्टमार्टम करवाने के लिए पोस्टमार्टम हाउस (शव विच्छेदन गृह) में फ्रीजर के अंदर रखकर चले गए. गुरुवार सुबह जब परिजन अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे तो पता लगा कि राजेंद्र के शव के कुछ अंगों को चूहों ने कुतर दिया है. गौरतलब है कि कुंडली धरना स्थल पर अब तक 19 किसानों की मौत हो चुकी है. 

जब तक माँगे नहीं मानी जाएँगी किसान घरों को नहीं लौटेंगे- राकेश टिकैत

पीएमओ डॉ. जयभगवान ने बताया कि मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जिसमें डॉ.सुशील जैन, डॉ.संदीप लठवाल व डॉ.गिन्नी लांबा को शामिल किया गया है. समि‍ति की रिपोर्ट पर कार्रवाई की जाएगी. डॉ. लठवाल ने कहा पोस्टमार्टम हाउस में ड्यूटी देने वाले सभी कर्मियों के बयान दर्ज किए जाएंगे, जिसके आधार पर पता लग सकेगा कि किसकी लापरवाही थी.गौरतलब है कि सोनीपत का सिविल हॉस्पिटल पहले भी सफाई व्यवस्था की बदहाल हालत को लेकर चर्चा में रहा है.

Rakesh Tikait: BJP जब गांवों में किसानों के बीच जाएगी तो खुद समझ आ जाएगा

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New Delhi: बीजेपी (BJP) की कल देर शाम हुई बैठक पर किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि बीजेपी बैठक कर रही है और किसानों के बीच जाना चाहते हैं तो जाएं. गांव और किसान तो उनका इंतजार कर रहा है, जब जाएंगे तो उनको खुद समझ में आ जाएगा. उन्होंने कहा कि गांव के किसान गुमराह नहीं हैं. बीजेपी (BJP) को अगर ऐसा लगता है तो अपने नेताओं को भेज करके देख ले समझ में आ जाएगा.

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राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि सारे राजनीतिक दल सिर्फ राजनीति कर रहे हैं. फिर चाहे वह बीजेपी (BJP) हो या कोई और. हम किसी को आंदोलन में आने से तो नहीं रोक सकते. लेकिन यह सारे राजनीतिक दल मिलकर वोटों की खेती कर रहे हैं. अगर राजनीतिक दल हमारे मंचो तक आ रहे हैं तो सरकार उनको रोके. उनको दिल्ली में ही क्यों नहीं रोक देते? दिल्ली से क्यों निकलने दे रहे हैं?

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश में इमरजेंसी तो नहीं है कि कहीं कोई पंचायत कर ही नहीं सकता? अगर कोई संशय है तो सरकार उसको दूर करे. किसानों के सामने जो दिक्कत है, वही तो कन्फ्यूजन है. किसानों को उनकी फसल की कीमत नहीं मिल रही. गन्ने की कीमत नहीं मिल रही, ऐसे कई मुद्दे हैं.

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राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि पहले इसको पंजाब का आंदोलन कहा गया, फिर हरियाणा का, फिर अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कहा गया. इसी बीच में सिखों का आंदोलन भी कहा गया और जाटों का भी. लेकिन यह पूरे देश के किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) है इसी वजह से पूरे देश में आंदोलन चल रहा है. यह जाट आंदोलन नहीं है. अगर जाट महासभा आंदोलन करें तो उससे बात की जाए लेकिन ये आंदोलन किसानों का आंदोलन है. हमारी लड़ाई सरकार से है, बीजेपी से नहीं है.

Rakesh Tikait ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां सिर्फ चुनावी लड़ाई लड़ रहे हैं. इनकी मुद्दों की लड़ाई नहीं है. इनको ऐसा लग रहा है कि इनकी वोट खिसक रही है तो दूसरों को लग रहा है कि अगर वोट खिसक रहा है तो उसको पकड़ लो. यह सिर्फ पकड़म-पकड़ाई की लड़ाई है. सिर्फ राजनीति हो रही है. हर एक राजनीतिक दल का किसान मोर्चा है तो ऐसे में अगर कांग्रेस ने किसान पंचायत की तो मुमकिन है कि उनके किसान मोर्चा ने आयोजित किया हो. यह उनकी राजनीति है.