New Delhi: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आरटीआई (RTI) कार्यकर्ता अखिल गोगोई (Akhil Gogoi) को जमानत देने से इंकार कर दिया. गोगोई को असम में बड़े पैमाने पर एंटी-सीएए विरोध प्रदर्शनों (Anti CAA Protest) के दौरान कड़े यूएपीए (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया था, आरोप है कि गोगोई के कथित भड़काऊ भाषणों के बाद हिंसा की घटनाएं हुई थीं. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि हम इस स्तर पर जमानत देने पर विचार नहीं करेंगे.
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से पहले गुवाहाटी हाईकोर्ट (Guwahati High Court) ने कृषक मुक्ति संग्राम परिषद एवं राइजोर दल अखिल गोगोई की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. न्यायमूर्ति कल्याण राय सुराना एवं न्यायमूर्ति अजित बरठाकुर की उच्च न्यायालय की खंड पीठ ने अखिल गोगोई की जमानत याचिका खारिज की थी. गोगोई के खिलाफ कई तरह की धाराएं लगाई गई थीं. हाईकोर्ट ने जमानात याचिका खारिज करते हुए गोगोई पर कड़ी टिपप्पी की. कोर्ट की बेंच ने कहा था कि अखिल गोगोई का CAA के खिलाफ आंदोलन सत्याग्रह नहीं बल्कि आतंकी गतिविधि थी.
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संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ कथित हिंसक प्रदर्शन के मामले में गोगोई को दिसंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह गुवाहाटी केंद्रीय कारागार में बंद है. गोगोई को 12 दिसंबर 2019 को गिरफ्तार किया गया था. बाद में यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दिया गया था.